मुख्यमंत्री ने अनेक विकासकार्यों के लिए धनराशि स्वीकृत की है।# एम्स ऋषिकेश में आयोजित शिविर में कनिष्ठ व प्रशिक्षु चिकित्सकों ने लेप्रोस्कोपी सर्जरी व टांके लगाने के गुर सीखे। पढिए Janswar.Com में

द्वारा-नागेन्द्र प्रसाद रतूड़ी

परिवहन निगम को मुख्यमंत्री ने स्वीकृत किये 24.72 करोड़मुख्यमंत्री श्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने परिवहन विभाग के तहत उत्तराखण्ड परिवहन निगम द्वारा पर्वतीय क्षेत्रों में संचालित निगम की बस सेवाओं से होने वाली हानि की प्रतिपूर्ति हेतु रूपये 24.72 करोड़ रूपये स्वीकृत किये हैं।
विभिन्न विद्यालयों के निर्माण कार्यों के दिये दी गई 3.56 करोड़ की धनराशि।मुख्यमंत्री ने आदर्श राजकीय इण्टर कॉलेज देवलीखेत, अल्मोड़ा में समेकित प्रयोगशाला के निर्माण हेतु 87.13 लाख की स्वीकृति के साथ ही प्रथम किस्त के रूप में 34.852 लाख स्वीकृत किये हैं। मुख्यमंत्री ने राजकीय इण्टर कॉलेज वाण के भवन एवं 04 अतिरिक्त कक्षा-कक्षों के निर्माण हेतु 185.32 लाख की धनराशि स्वीकृति दी है। मुख्यमंत्री ने राजकीय महाविद्यालय थलीसैंण (पौड़ी गढ़वाल) के भवन निर्माण कार्यों के अवशेष कार्यों हेतु 48.61 लाख स्वीकृत किये हैं।
विभिन्न सड़कों के निर्माण हेतु मुख्यमंत्री ने दी 24.80 करोड़ की स्वीकृति।मुख्यमंत्री ने विधानसभा क्षेत्र घनसाली के विकास खण्ड भिलंगना के 02 मोटर मार्गो के प्रथम चरण के निर्माण हेतु रूपये 24.76 लाख की वित्तीय स्वीकृति दी है। मुख्यमंत्री ने जनपद देहरादून के कैण्ट विधानसभा में अनुराग चौक से सीमाद्वार व अनुराग चौक से शहीद विवेक गुप्ता चौक तथा अन्य आंतरिक मार्गों का सुधारीकरण हेतु स्वीकृति दी है। उन्होंने उधम सिंह नगर में अल्पसंख्यक बाहुल्य क्षेत्रों में सी0सी0 मार्ग बनाये जाने से सम्बन्धित 04 कार्यो हेतु 17.11 लाख स्वीकृत किये हैं।
मुख्यमंत्री ने विधानसभा क्षेत्र बीएचईएल रानीपुर के 05 निर्माण कार्यो हेतु 174.88 लाख रूपये स्वीकृत किये है। जनपद बागेश्वर के विधान सभा क्षेत्र कपकोट के अंतर्गत प्रथम चरण के दो निर्माण कार्यो हेतु 31.28 लाख रूपये की स्वीकृति दी है। मुख्यमंत्री ने अल्पसंख्यक कल्याण विभागान्तर्गत कब्रिस्तान में चाहरदीवारी योजनान्तर्गत कुल 18 निर्माण कार्य हेतु 6.60 करोड़ रूपये स्वीकृत किये हैं।
मुख्यमंत्री सीमान्त क्षेत्र विकास के लिए स्वीकृत हुए 14.19 करोड।
मुख्यमंत्री श्री त्रिवेन्द्र ने प्रदेश के सीमान्त क्षेत्रों के विकास हेतु मुख्यमंत्री सीमान्त क्षेत्र विकास के लिए 14.19 करोड स्वीकृत की है।
विभिन्न पेयजल एवं स्वच्छता कार्यक्रमों के लिये स्वीकृत हुए 14.68 करोड़।जनपद देहरादून की शाखा पित्थूवाला के अन्तर्गत गीतांजली एन्क्लेव में ट्यूबवैल व ओवरहैड टैंक के निर्माण एवं राईजिंग मेन बिछाने के कार्य हेतु 490.97 लाख रूपये की वित्तीय स्वीकृति दी है। नगर निगम ऋषिकेश सीमान्तर्गत डम्पिंग जोन/लीगैसी वैस्ट के प्रसंस्करण एवं निस्तारण हेतु 865 लाख की स्वीकृति दी है। मुख्यमंत्री ने जनपद हरिद्वार के विधानसभा क्षेत्र झबरेड़ा में कृष्णानगर व सलेमपुर नालों के निर्माण हेतु 96.59 लाख की स्वीकृति दी है। मुख्यमंत्री ने जिला कारागार अल्मोड़ा में सीवर लाईन संयोजन हेतु 15.03 लाख की स्वीकृति दी है।


एम्स ऋषिकेश में आयोजित शिविर में कनिष्ठ व प्रशिक्षु चिकित्सकों ने लेप्रोस्कोपी सर्जरी व टांके लगाने के गुर सीखे।

अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान एम्स ऋषिकेश में आयोजित शिविर में कनिष्ठ व प्रशिक्षु चिकित्सकों ने लेप्रोस्कोपी सर्जरी व बेहतर तरीके से टांके लगाने के गुर सीखे। बताया गया कि यह प्रशिक्षण एक सप्ताह तक जारी रहेगा। जिसमें ईएनटी, सर्जिकल ओंकोलॉजी, गाइनी, जनरल सर्जरी विभाग के कनिष्ठ चिकित्सकों, एमबीबीएस के विद्यार्थियों आदि को प्रशिक्षित किया जाएगा। एम्स निदेशक पद्मश्री प्रोफेसर रवि कांत जी की देखरेख में जॉनसन एंड जॉनसन इंस्टीट्यूट के सहयोग से ऑन व्हील प्रोग्राम के तहत सिमुलेशन कौशल के लिए तैयार कि​ए गए स्पेशल सचल वाहन में इस शिविर का आयोजित किया गया। इस अवसर पर निदेशक एम्स पद्मश्री प्रो. रवि कांत जी ने बताया कि सिमुलेशन ​स्किल से फैकल्टी व रेजिडेंट्स चिकित्सकों को प्रशिक्षण मिलेगा, जिससे वह अपने कार्यक्षेत्र में दक्षता हासिल करेंगे व अभ्यास से वह अपना कार्य कुशलता से कर सकेंगे। लिहाजा यह दक्षता प्रत्येक व्यक्ति में होनी चाहिए जो कि जरुरी है। प्रशिक्षण कार्यशाला के माध्यम से प्रतिदिन क्रमवार सामान्य शल्य चिकित्सा विभाग, नाक कान गला विभाग, अस्थि रोग विभाग, स्त्री एवं प्रसूति विभाग, कैंसर शल्य ​चिकित्सा विभाग आदि के रेजिडेंट डॉक्टर्स, एमबीबीएस छात्र-छात्राएं बेहतर तरीके से टांके लगाने के साथ ही लेप्रोस्कोपी सर्जरी स्किल में दक्षता हासिल करेंगे। इस अवसर पर जनरल सर्जरी विभागाध्यक्ष प्रो. सोमप्रकाश बासू जी ने बताया ​कि शल्य चिकित्सा एक विषय है जिसमें ज्ञान के साथ साथ कला और अनुभव की आवश्यकता होती है। लिहाजा यह प्रशिक्षण कार्यक्रम कनिष्ठ चिकित्सकों, रेजिडेंट डॉक्टरों के कौशल और आत्मविश्वास में बढ़ोत्तरी में मददगार साबित होगा। उन्होंने बताया कि सिमुलेशन आधारित प्रशिक्षण चिकित्सकों के ज्ञान और कौशल को विकसित करने में सहायक सिद्ध होता है। इस अवसर पर जनरल सर्जरी विभाग की वरिष्ठ सर्जन व आईबीसीसी प्रमुख प्रोफेसर बीना रवि जी, डीन( एकेडमिक) प्रो. मनोज गुप्ता जी, डीन (हॉस्पिटल अफेयर्स ) प्रो. यूबी मिश्रा जी, डा. अनुभा अग्रवाल जी, डा. प्रतीक शारदा जी, जॉनसन एंड जॉनसन की ओर से सुमित कौशिक जी, संदीप राणा जी आदि मौजूद थे।

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