उत्तराखंड में देहरादून जिले के चकराता, चमोली जिले के लामबगङ, उत्तरकाशी के यमुनोत्री राष्ट्रीय राजमार्ग सहित कई स्थानों से अतिवृष्टि और भूस्खलन की जानकारी मिलते ही मुख्यमंत्री श्री तीरथ सिंह रावत ने संबंधित जिलाधिकारियों को फोन कर प्रभावितों तक तुरंत सहायता पहुंचाने तथा घायलों के समुचित इलाज और बेघर लोगों के भोजन व रहने की व्यवस्था सुनिश्चित करने के निर्देश दिए। मुख्यमंत्री ने कहा कि मृतकों के परिजनों और घायलों को अनुमन्य सहायता राशि अविलंब उपलब्ध कराई जाए।
मुख्यमंत्री ने यमुनोत्री राष्ट्रीय राजमार्ग, बद्रीनाथ राष्ट्रीय राजमार्ग सहित बाधित मार्गों को जल्द से जल्द खोलने के भी निर्देश दिये। साथ ही अधिकारियों को नुकसान का आकलन करते हुए प्रभावितों को अविलंब अनुमन्य सहायता राशि उपलब्ध करवाने के भी निर्देश दिए हैं। किसानों कि फसलों को हुए नुक़सान का आँकलन कर शीघ्र मुआवज़ा देने के लिए भी ज़िलाधिकारियों को निर्देशित किया।
मुख्यमंत्री श्री तीरथ सिंह रावत ने कहा कि प्राकृतिक आपदाओं में प्रभावित लोगों को आवश्यक सुविधाएं उपलब्ध करवाने और राष्ट्रीय राजमार्ग सहित अन्य प्रमुख मार्गों पर आवागमन सुचारू करने के लिए राज्य सरकार समुचित प्रबंध कर रही है।
उन्होंने बताया कि विभिन्न स्थानों पर अतिवृष्टि से हुए नुकसान की जानकारी मिलते ही राजस्व पुलिस, पुलिस, प्रशासन और एसडीआरएफ की टीमें मौके पर पहुंच कर राहत एवं बचाव कार्यों में जुट गई ।
————————————————–वन एवं पर्यावरण मंत्री डा. हरक सिंह रावत जी ने प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की ओर से कोरोना से जंग लड़ने के लिए 25 करोड़ की धनराशि का योगदान मुख्यमंत्री राहत कोष में दिया है। इस धनराशि का चेक उन्होंने आज मुख्यमंत्री श्री तीरथ सिंह रावत को सचिवालय स्थित कार्यालय में भेंट किया। मुख्यमंत्री जी ने इस सहयोग के लिए आभार व्यक्त किया। इस अवसर पर प्रमुख सचिव वन श्री आनंद वर्धन, सदस्य सचिव प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड श्री एसपी सुबुद्धि भी उपस्थित थे।
इसके बाद मीडिया सेन्टर में आयोजित पत्रकार वार्ता में वन एवं पर्यावरण मंत्री डा. हरक सिंह रावत ने प्रदेश के सभी व्यक्तियों, संस्थाओं व संगठनों से आग्रह किया है कि वैश्विक महामारी की वजह से पैदा हुए इस संकट में अपना यथासंभव आर्थिक योगदान मुख्यमंत्री राहत कोष में दें ताकि सरकार इससे पर्याप्त संसाधन जुटाकर मजबूती के साथ कोरोना से लड़ाई लड़ सके। उन्होंने कहा कि पिछले साल भी प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने 50 करोड़ की राशि कोरोना काल में मुख्यमंत्री राहत कोष में प्रदान की थी।
उन्होंने कहा कि प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड हर साल पर्यावरण शुल्क लेता है। इससे हुई आमदनी से बोर्ड हमेशा सामुदायिक जिम्मेदारियों को भी बखूबी निर्वहन करता है। बोर्ड का कार्मिकों के वेतन आदि समेत का खर्च 20 करोड़ रुपया है। इस व्यय के बाद शेष बची राशि का उपयोग जनहित में भी किया जाता है। इसी मद से आज मुख्यमंत्री राहत कोष में बोर्ड से 25 करोड़ की राशि का सहयोग प्रदान किया है।
उत्तराखण्ड प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा कोविड संक्रमण की रोकथाम के लिये बेस अस्पताल, कोटद्वार को 5 करोङ रूपए की राशि भी उपलब्ध कराई गई है।
उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार के पास सीमित संसाधन हैं और कोरोना के खिलाफ लड़ाई लम्बी चल सकती है। वैज्ञानिकों का अनुमान है कि दूसरी लहर के बाद कोरोना की तीसरी लहर भी आ सकती है। ऐसे में सरकार को दूसरी लहर से निपटने के साथ ही तीसरी लहर के लिए भी तैयार रहना है। एकजुट होकर और सामूहिक सहभागिता से ही यह लड़ाई जीती जा सकती है। उन्होंने कहा कि कोरोना संक्रमण को एक साल से अधिक का समय हो गया है। हमें खुद को संभालने के साथ ही इस लड़ाई को जीतने में यथासंभव योगदान देना होगा। पर्याप्त धनराशि होने पर ही सरकार और अधिक संसाधन जुटा सकती है। उन्होंने कहा कि मौजूदा समय में राज्य सरकार पूरे प्रदेश खासतैर पर पहाड़ी जिलों में ऑक्सीजन प्लांट लगा रही है। हर चिकित्सालय में ऑक्सीजन सिलेण्डर और कंसंट्रेटर मुहैया करवा रही है। आवश्यक चिकित्सकीय उपकरणों व दवाओं की खरीद बड़े पैमाने पर की जा रही है।
ग्राम पैडुल पट्टी बनेलस्यूं-02 तहसील पौड़ी, जिला गढ़वाल के अन्तर्गत कोविड-19 जांच के दौरान ग्राम पैडुल में14 व्यक्ति कोरोना वायरस संक्रमित होने के फलस्वरूप उपजिला मजिस्ट्रेट बाहरस्यूं पौड़ी द्वारा क्षेत्र को माइक्रो कंटेनमेंट जोन (Micro Containment Zone) घोषित करने के आदेश जारी किये गये है।
जिलाधिकारी गढ़वाल डाॅ. विजय कुमार जोगदण्डे द्वारा दिये गये दिशा-निर्देशों के क्रम मंे ग्राम पैडुल पट्टी बनेलस्यूं-02 तहसील पौड़ी जिला गढ़वाल के अन्तर्गत कोविड-19 जांच के दौरान कुल 14 व्यक्तियों के कोरोना वायरस संक्रमित होने के फलस्वरूप उपजिला मजिस्ट्रेट बाहरस्यूं पौड़ी श्री श्याम सिंह राणा द्वारा जनहित में आवश्यक सुरक्षात्मक उपाय करते हुए गृह मंत्रालय भारत सरकार के आदेश एवं उत्तराखण्ड शासन की गाइडलाइन के अनुसार ग्राम पैडुल पट्टी बनेलस्यूं-02 का वह हिस्सा जिसके पूर्व में ग्राम नबाड़ी, पश्चिम मं ग्राम भण्डालू, उत्तर में रिंगुड़ की सरहद, दक्षिण मंे ग्राम अमोला को अग्रिम आदेशों तक माइक्रो कंटेनमेंट जोन घोषित किया गया है।
उपजिला मजिस्ट्रेट श्री राणा ने आदेशित किया कि आदेशों का शत-प्रतिशत अनुपालन जन-सामान्य के जीवन रक्षा हेतु अनिवार्य होगा तथा उल्लंघन की स्थिति में आपदा प्रबन्धन अधिनियम 2005 व Uttarakhand Epidemic, COVID-19 Regulation 2020, Epidemic Disease act 1897 एवं भारतीय दण्ड संहिता तथा अन्य अधिनियमांे की सुसंगत धाराओं के अन्तर्गत कार्यवाही अमल में लायी जायेगी।
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जिला प्रशासन गढ़वाल द्वारा जनपद के समस्त कार्यालयाध्यक्ष/विभागाध्यक्षों को जनपद क्षेत्रान्तर्गत ग्रामीण एवं नगरीय क्षेत्र आदि सभी जगह में थर्माकोल और प्लास्टिक के उपयोग, विक्रय, भंडारण पर पूर्णतया रोक लगाने के निर्देश दिये हैं। साथ ही इस संबंध में शासनादेश एवं मा. उत्तराखण्ड उच्च न्यायालय, नैनीताल के आदेश का पूर्णतया अनुपालन सुनिश्चित करवाने के भी निर्देश दिये हैं। कहा कि आदेशों की अवहेलना करने पर संबंधित से शासनादेशानुसार निर्धारित अर्थदण्ड वसूला जायेगा।