-अरुणाभ रतूड़ी
मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने सोमवार को दून विश्व विद्यालय रोड स्थित निरंजन फार्म में उत्तराखण्ड डिप्लोमा इंजीनियर्स महासंघ के एकादश अधिवेशन में प्रतिभाग किया। उन्होंने कहा कि इस अधिवेशन में मंथन से जो अमृत निकलेगा, वह कार्य के प्रति सभी लोगों को प्रेरणा देगा और नई ऊर्जा का संचार करेगा। डिप्लोमा इंजीनियर्स महासंघ ने विभिन्न बिन्दुओं की जो मांग रखी है, उन मांगों का समाधान करने का हर संभव प्रयास किया जायेगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि अपर मुख्य सचिव श्री आनन्द बर्द्धन से वार्ता कर डिप्लोमा इंजीनियर्स महासंघ के पदाधिकारी सभी समस्याओं से अवगत करायें, जिन समस्याओं का जल्द निराकरण हो सकता है, किया जायेगा।
मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि उत्तराखण्ड राज्य की मांग के लिए राज्य आन्दोलनकारियों द्वारा बहुत संघर्ष किया गया। राज्य आन्दोलनकारियों के सपनों के अनुरूप प्रदेश के विकास के लिए हम सबको मिलकर प्रयास करने होंगे। उत्तराखण्ड एक युवा राज्य है। वर्ष 2025 में जब हम उत्तराखण्ड राज्य की रजत जयंती मनायेंगे, उस समय उत्तराखण्ड हर क्षेत्र में देश के अग्रणी राज्यों में होगा। उत्तराखण्ड को सर्वश्रेष्ठ राज्य बनाने की हमारे समक्ष चुनौती है। इसके लिए सरकार द्वारा हर प्रयास किये जा रहे हैं। जन सहयोग एवं जन भागीदारी से उत्तराखण्ड को देश का अग्रणी राज्य बनाया जायेगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि कोरोना काल में सभी वर्गों के लोगों ने जन सेवा के लिए अपने आप को झौंकने का सराहनीय कार्य किया।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश का मुख्य सेवक होने के नाते उनका प्रयास है कि कर्मचारियों की हर समस्याओं का समाधान हो। प्रदेश की वित्तीय स्थिति एवं संसाधन किस दिशा में जा रहे हैं, इसका उत्तर हमें सबको मिलकर खोजना होगा। प्रदेश के समग्र विकास के लिए सभी वर्गों का विकास जरूरी है। सरकार का प्रयास है कि समाज के अंतिम पंक्ति पर खड़े लोगों तक सरकार की विभिन्न जन कल्याणकारी योजनाओं का लाभ पहुंचे। उन्होंने कहा कि उत्तराखण्ड की विकास यात्रा सबकी सामूहिक यात्रा है। उत्तराखण्ड के विकास के लिए सबको पूर्ण मनोयोग, ऊर्जा, लगन व निष्ठा से कार्य करना होगा।
विधायक श्री विनोद चमोली ने कहा कि उत्तराखण्ड डिप्लोमा इंजीनियर्स की प्रदेश में अवस्थापना सुविधाओं के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका है। उत्तराखण्ड युवा राज्य है, इस राज्य के तीव्र विकास के लिए आपकी भूमिका और अधिक बढ़ जाती है। सरकार नीतियां बना सकती है, प्रदेश को उन्नति के पथ पर लाने के लिए जन सहयोग बहुत जरूरी है। हम सबको अपनी जिम्मेदारी का ईमानदारी से निर्वहन करना होगा।
अपर मुख्य सचिव श्री आनन्द बर्द्धन ने उत्तराखण्ड डिप्लोमा इंजीनियर्स महासंघ के पदाधिकारियों को संबोधित करते हुए कहा कि आप राज्य में विश्वकर्मा की भूमिका में हैं। उत्तराखण्ड पर्यटन प्रदेश है। उत्तराखण्ड में इन्फ्रास्टक्चर के विकास के लिए हमें मिलकर प्रयास करने होंगे। अपने फायदे के लिए सतत् प्रयास सबका अधिकार है, लेकिन राज्यहित हमारे लिए पहली प्राथमिकता होनी चाहिए। हमें राज्य की चुनौतियों पर चर्चा करनी होगी। प्रदेश एवं समाज की सरकार से काफी अपेक्षाएं होती हैं।
इस अवसर पर उत्तराखण्ड डिप्लोमा इंजीनियर्स महासंघ के प्रान्तीय अध्यक्ष इं. हरीश चन्द्र नौटियाल, संरक्षक श्री यू. एस. महर, महासचिव श्री अजय बेलवाल एवं अन्य पदाधिकारी मौजूद थे।
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प्रदेश के वित्त एवं संसदीय कार्य मंत्री प्रेम चन्द अग्रवाल ने विधान सभा स्थित सभाकक्ष में विभागीय अधिकारियों के साथ राज्य कर की समीक्षा बैठक की गई।
बैठक में वित्त मंत्री ने प्रदेश की राजस्व बढ़ाने के लिए व्यापक कार्य-योजना बनाने के निर्देश दिये। प्रवर्तन कार्य में तेजी लायी जाए। छापेमारी की कार्यवाही हो किन्तु उत्पीड़न की कार्यवाही न हो। टैक्स बढ़ाने के लिए फर्मों/व्यापारियों के साथ मंत्री स्तर की बैठक कराने के भी निर्देश दिये। राजस्व बढ़ाने के लिए व्यापारियों से भी सुझाव लिया जाए। रिक्त पदों के सापेक्ष भर्तियाँ की जाए ताकि विभाग को अधिक उपयोगी बनाया जा सके। पदों के ढांचों को तार्किक बनाने के भी निर्देश दिये।
वित्त मंत्री ने निर्देश दिये कि जी.एस.टी. से संबंधित आडिट व्यवस्था को मजबूत किया जाए और अपीलीय व्यवस्था को कारगर बनाया जाए। रिस्क मैंनेजमेंट और एनालिसेस के आधार पर कार्य-प्रणाली विकसित हो। समय-समय पर ढांचा विकास के साथ-साथ प्रशिक्षण का प्रबन्ध भी किया जाए। कर प्रणाली का ढांचा इस प्रकार विकसित किया जाए ताकि उपभोक्ता-व्यापारी के हितों की रक्षा की जा सके। पर्यटक राज्य में पर्यटकों से लिया जाने वाला सर्विस चार्ज का अध्ययन कर लिया जाए ताकि पर्यटकों के हितों की सुरक्षा की जा सके।
उन्होंने कहा कि समय पर रिटर्न फाईल होने होने वाली व्यवस्था के लिए प्रोत्साहन कार्य योजना बनायी जाए इसके लिए व्यापक प्रचार-प्रसार किया जाए। आफिस में बोर्ड फ्लेक्स इत्यादि लगाये जायें। इसके लिए इलेक्ट्रिॉनिक माध्यम का भी उपयोग किया जाए। गूगल एलर्ट इलेक्ट्रॉनिक कलेंडर बनाने के भी निर्देश दिये। बैठक में 100 दिन की कार्य योजना तैयार करने के निर्देश दिया गया। इसमें विभाग के डिजिटल रूप, ई-गवर्नेंस, ऑनलाईन ए.सी.आर. व्यवस्था, आडियो वीडियों कम्यूनिकेशन तथा स्मार्ट कन्ट्रोल रूम पर विशेष फोकस रखा जाए।
बैठक में सचिव वित्त सुरेन्द्र पाण्डेय, अपर सचिव रोहित मीणा, आयुक्त कर अहमद इकबाल, अपर आयुक्त विपिन चन्द्रा, अनिल सिंह, राहुल गोयल तथा अन्य विभागीय अधिकारी उपस्थित रहे।
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