मुख्यमंत्री के कुशल नेतृत्व में हम अवश्य जीतेंगे कोविड-19 की लड़ाई।पढिए janswar.com में राज्यस्तरीय मान्यताप्राप्त वरिष्ठ पत्रकार नागेन्द्र प्रसाद रतूड़ी का लेख

मुख्यमंत्री के कुशल नेतृत्व में हम अवश्य जीतेंगे कोविड-19 की लड़ाई।

लेख- नागेन्द्र प्रसाद रतूड़ी

 

उत्तराखण्ड में प्रवासियों के आने से कोविड19 के पॉजेटिव केसों में वृद्धि होनी स्वाभाविक ही है। क्योंकि बहुत से प्रवासी उन क्षेत्रों से लौटे हैं जहां कोरोना का रेड जोन था। ऐसे क्षेत्रों से लौटे लोग कब कोविड19 की चपेट में आ गये वह स्वयं भी नहीं जानते हैं। यह सभी को मालूम था कि भारत के विभिन्न भागों से लोटे प्रवासियों में से कुछ अनजाने ही अपने साथ इस बीमारी को ले आयेंगे। लेकिन जब सारा देश दो माह से बंद हो, काम धाम कुछ न हो, खाने के लाले पड़े हों तो ऐसे में अपने लोगों को दूसरे राज्यों में भूखों मरने नहीं छोड़ा जा सकता।

उत्तराखण्ड के यशस्वी मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने एक अच्छे जननायक का दायित्व निभाते हुए इस जोखिम को अंगीकृत करते हुए जगह जगह से प्रवासी उत्तराखण्डियों को घर वापस बुलाने का साहसिक कदम उठाया। उनके इस साहस के लिए उनकी जितनी भी सराहना की जाय कम ही है। अब तक लगभग दो लाख प्रवासी उत्तराखण्ड आ चुका है।अभी गुरुग्राम, हरियाणा, हिमाचल पंजाब और राजस्थान से प्रवासियों का आना शेष है। जो भी लोग बाहर से आ रहे हैं उन सबको क्वारंटीन किया जा रहा है। रेड जोन से आने वाले प्रवासियों को सरकारी संस्थानों में ठहराया जा रहा है।
मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र रावत की सरकार ने जब सत्ता संभाली तब चिकित्सकों की संख्या 1084 थी जो आज 2153 है।इसी प्रकार तब कुल 37 वेंटीलेटर थे जो आज 113 हैं।तब आईसीयू बैडों की संख्या कुल 62 थी आज उनकी संख्या 251है,बाईपैप मशीनें तब केवल 4 थीं आज उनकी संख्या 33 है।
15मार्च तक प्रदेश में कोविद-19 पॉजीटिव मरीजों की संख्या- 01 थी तो 31मार्च को कोविद-19 पॉजीटिव मरीजों की मात्र संख्या- 07 थी। 15 अप्रैल को कोविद-19 पॉजीटिव मरीजों की संख्या- 37 थी तो 30 अप्रैल को कोविद-19 पॉजीटिव मरीजों की संख्या-57 हो गयी।10 मई को यह संख्या- 68,हो गयी। जो कि बहुत ही सामान्य संख्या थी।19 मई को यह संख्या- 104 हुई तो 23मई को 91 कोविद-19 पॉजीटिव मिलने से यह संख्या शाम तक कुल संख्या- 244 हो गयी है।यह बढोत्तरी प्रवासियों के आने से हुई है।यह संख्या अन्य राज्यों की अपेक्षा बहुत कम व नियंत्रण में है। आज 24 मई को प्रदेश में कोविद-19 के कुल मरीज- 73 पॉजीटिव मिले जिससे शाम तक यह संख्या- 317 हो गयी है।

जगह जगह से आ रहे प्रवासियों के कारण निसंदेह कोविड19 पॉजीटिव लोगों की संख्या तेजी से बढ रही है।यह संख्या तब तक बढेगी जब तक प्रवासी आते रहेंगे। यद्यपि कुछ लोग उनके इस कदम से सहमत नहीं हैं, परन्तु मानवता को मध्यनजर राज्य के सीमित संसाधन होने का बावजूद मुख्यमंत्री ने अपने सभी कोरोना योद्धाओं पर विश्वास करते हुए उन्होंने प्रवासियों को वापस लाने वाला यह कदम उठाया है। जिसके लिए उन्होंने ग्राम स्तर पर क्वारनटाइन सेंटर बनाए। ग्रामसभा प्रधान को विशेष अधिकार दिए। सभी प्रशासनिक कर्मियों को प्रधान के अधीन कार्य करने के निर्देश दिए। अब अगर कहीं प्रधान या कर्मी अपनी ड्यूटी नहीं निभाते तो यह प्रशासन की कमी होगी।

मुख्यमंत्री ने अपने कुछ अधिकारियों को काम करने की स्वतंत्रता दी , ताकि शासन सुचारू रूप से चले पर उन अधिकारियों ने जब अपनी स्वतंत्रता का गलत प्रयोग करना शुरू किया तो मुख्यमंत्री ने उनके पर कतरने में भी देर नहीं लगायी। वर्तमान में हुए कुछ असरदार प्रशासनिक अधिकारियों से महत्वपूर्ण विभाग वापस लिए जाना इस बात का संकेत है कि अब मुख्यमंत्री किसी की मनमानी नहीं सहेंगे।

जब सभी जगह से प्रवासियों का आना थम जाएगा तो कोरोना की गति भी रुक जाएगी ऐसा विश्वास है। अपने मुख्यमंत्री के नेतृत्व में प्रदेश की जनता ने इस महामारी के समय विश्वास प्रकट कर लॉकडॉउन का अक्षरश: पालन किया. जिससे उत्तराखण्ड में कोरोना का असर न के बराबर था। तब तबलीगी जमात के कुछ लोगों की नासमझी के कारण कोरोना पॉजीटिवों की संख्या में दुगनी वृद्धि हुई । पर तब भी हमारी पुलिस व उसकी सहयोगी संस्थाओं सफाई सेनानियों चिकित्सकों, स्वास्थ्य सेनानियों, पत्रकारों, प्रशासनिक कर्मियों, अधिकारियों , कुछ स्वयंसेवी संस्थाओं, राशन विक्रेताओं, मेडिकल स्टोरों, आवश्यक वस्तु आपूर्तिकर्ता वाहन चालको, पेयजल, विद्युत कर्मियों, सामाजिक कार्यकर्ताओं आदि की बदौलत कोविड19 पर नियंत्रण बनाये रखा। वर्तमान समय में भी हम सबकी परीक्षा की घड़ी है। हमें इन बढते केसों से घबराना नहीं है बल्कि वर्तमान परिस्थितियों का डट कर मुकाबला करना है।

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