मांग न मानी गयी तो अधिकारी कर्मचारी समन्वय मंच ने 27 फरवरी से कार्य बहिष्कार व 01 मार्च से अनिश्चितकालीन हड़ताल पर जाने चेतावनी दी।
कर्मचारियों का सड़क पर उतरना और सरकार का उसकी अनदेखी करना सत्तापार्टी को हमेशा भारी पड़ता रहा है।जब जब जिस जिस सरकार ने कर्मचारियों की जायज मांग को अनदेखा किया वह आगामी चुनाव में मुंह के बल गिरी हैं।
प्रदेश के कर्मचारियों व अधिकारियों के संगठन उत्तराखण्ड अधिकारी कर्मचारी समन्वय मंच ने कल सभी कर्मचारियों को अपने सेवाकाल में तीन प्रोन्नतियां मिलने,यू हेल्थ स्मार्ड कार्ड की सुविधा देने,प्रमोशन में पूर्व की भांति छूट देने,पुरानी पेंशन लागू करने,.इंदूकुमार पाण्डेय समिति की सिफारिश लागू न करने,सेवा केअन्तिम वर्ष में कर्मचारी को उसकी पसंद के स्टेशन में रहने देने की व्यवस्था ट्रांस्फर ऐक्ट में करने,कर्मचारी संगठनों के साथ हुए समझौते लागू करने,प्रोन्नति पर लगी रोक हटाने और प्रोन्नति आदेश जारी करे, की मांग लेकर अधिकारियों कर्मचारियों ने राजधानी परेडग्राउण्ड में एकत्र होकर सभा की और वहां से रैला की शक्ल में नारे लगाते हुए सचिवालय गये।अधिकारियों कर्मचारियों ने वहां पर धरना प्रदर्शन कर अपनी शक्ति का परिचय दिया।बाद मेंअपनी मांगों से संबंधित ज्ञापन मुख्यमंत्री के विशेष कार्याधिकारी श्री धीरेन्द्र पंवार को अपना ज्ञापन सौंपा।ज्ञापन में उपरोक्त आठ मांगों के अतिरिक्त यह भी चेतावनी दी गयी कि यदि उपरोक्त मांगें नहीं मानी गयीं तो 27 फरवरी से कार्य बहिष्कार किया जाएगा और 01मार्च से अनिश्चित कालीन हड़ताल पर चले जाएंगे।
सरकार को अधिकारियों कर्मचारियों की इस धमकी को हल्के में नहीं लेना चाहिए और कर्मचारियों की मांगों पर सहानुभूति पूर्ण विचार कर उचित मांगों को पूर्ण करना चाहिए।
