राज्यपाल महाराष्ट्र श्री भगत सिंह कोश्यारी एवं मुख्यमंत्री उत्तराखण्ड श्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने नवी मुम्बई में ‘‘उत्तराखण्ड भवन‘‘ का किया लोकार्पण।
उत्तराखण्ड भवन में दो कमरे रोगियों के तीमारदारों के लिए आरक्षितः मुख्यमंत्री
राज्यपाल महाराष्ट्र श्री भगत सिंह कोश्यारी और मुख्यमंत्री उत्तराखण्ड श्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने बुधवार को नवी मुम्बई में संयुक्त रूप से राज्य अतिथि गृह एवं एम्पोरियम ‘‘उत्तराखण्ड भवन‘‘ का लोकार्पण किया।
राज्यपाल महाराष्ट्र श्री भगत सिंह कोश्यारी ने उत्तराखण्ड भवन के निर्माण के लिए उत्तराखण्ड वासियों को बधाई व शुभकामनाएं दी। उन्होंने मकर सक्रांति की बधाई एवं शुभकामनाएं देते हुए कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में देश द्रुत गति से प्रगति कर रहा है। मुख्यमंत्री श्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत का नेतृत्व में उत्तराखण्ड राज्य आत्मनिर्भर बनने की दिशा में अग्रसर है। उन्होंने कहा कि प्रदेश में ऑल वेदर रोड व हवाई सेवा के विकास से कनेक्टिविटी में सुधार हुआ है। उन्होंने कहा कि अपने गाँवों से जुड़े रहने से हम अपनी संस्कृति को भी संरक्षित रख सकेंगे। उन्होंने कहा कि उत्तराखण्ड को प्रकृति का वरदान प्राप्त है। उत्तराखण्ड गंगा-यमुना जैसी पावन नदियों का प्रदेश है। उन्होंने कहा कि मराठी और उत्तराखण्ड की भाषा में भी समानता है, जो हमें एकत्व का बोध कराती है। उन्होंने आशा व्यक्त की कि भविष्य में दोनों राज्यों के लोगों को एक दूसरे की संस्कृति को निकट से जानने का मौका मिलेगा। उन्होंने कहा कि मकर सक्रांति के पावन पर्व पर उत्तराखण्ड भवन का लोकार्पण व शुभारम्भ उत्तराखण्ड व महाराष्ट्र के लिए सांस्कृतिक व आर्थिक क्षेत्र में एक नई क्रान्ति का प्रारम्भ है।
मुख्यमंत्री श्री त्रिवेन्द्र ने मकर संक्रांति की बधाई एवं शुभकामनाएं देते हुए सभी के जीवन में सुख समृद्धि की कामना की। उन्होंने कहा कि मकरैण पर्व के अवसर पर लोकार्पित उत्तराखण्ड भवन निश्चित रूप से राज्य के सम्मान का प्रतीक साबित होगा। उन्होंने कहा कि उत्तराखण्ड भवन के द्वार प्रदेश व प्रदेश के बाहर के लोगों के लिए सदैव खुले रहेंगे।
मुख्यमंत्री ने घोषणा की कि उत्तराखण्ड भवन में दो कमरे कैंसर जैसी गंभीर बीमारी के रोगियों के तीमारदारों के लिए आरक्षित रहेंगे। उत्तराखण्ड भवन में उत्तराखण्ड के उत्पाद भी उपलब्ध कराए जाएंगे। साथ ही, पर्यटकों एवं निवेशकों की सहायता हेतु इनमें कार्यालय स्थापित किए जाएंगे। उन्होंने कहा कि आज उत्तराखण्ड की ओर फिल्म इंडस्ट्री का रूझान बढ़ा है। उत्तराखण्ड को हाल ही में बेस्ट फिल्म फ्रेंडली स्टेट का अवार्ड प्राप्त हुआ है। फिल्म कॉन्क्लेव के आयोजन के बाद मिले सुझावों के अनुसार अवस्थापना सुविधाओं का विकास किया जा रहा है। जिसके चलते उत्तराखण्ड में लगभग 200 से अधिक विभिन्न भाषाओं की फिल्मों और सीरियल्स की शूटिंग चल रही है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने छोटे-छोटे ग्रामों को मोटर मार्गों से जोड़ा है। राज्य को रोड कनेक्टिविटी और विलेज कनेक्टिविटी के क्षेत्र में 10 अवार्ड प्राप्त हुए हैं। राज्य के घर-घर को बिजली पहुंचायी जा चुकी है। देश के पहले तीन ओडीएफ राज्यों में उत्तराखण्ड शामिल है। उन्होंने कहा कि नदियों के पुनर्जीवीकरण के लिये राज्य सरकार लगातार कार्य कर रही है। कोसी और रिस्पना नदियों के पुनर्जीवीकरण का कार्य चल रहा है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि इनवेस्टर समिट के बाद 01 लाख 84 हजार करोड़ के एमओयू साईन किए गए जिसमें से 18 हजार करोड़ के प्रोजेक्ट ग्राउण्ड पर आ चुके हैं इससे लगभग 50 हजार लोगों को रोजगार प्राप्त होगा। राज्य में चीड़ से बिजली उत्पादन के 37 प्रोजेक्ट प्रारम्भ हो चुके हैं। उन्होंने कहा कि राज्य में पर्यटन के क्षेत्र में तेजी से कार्य हो रहा है। राज्य सरकार एडवेंचर टूरिज्म में बढ़ावा देने के लिए इससे सम्बन्धित अलग से विभाग बनाने जा रही है। प्रदेश में नये पर्यटन क्षेत्रों के विकास के लिए 13 डिस्ट्रिक्ट 13 न्यू डेस्टिनेशन योजना पर कार्य कर रही है। एयर कनेक्टिविटी के विकास पर भी कार्य किया जा रहा है। सीमान्त क्षेत्रों के विकास के लिए मुख्यमंत्री सीमान्त क्षेत्र विकास योजना लायी जा रही है। इसके अन्तर्गत प्रदेश के 27 सीमान्त विकासखण्डों के विकास के लिए कार्य किया जाएगा। इससे सीमान्त क्षेत्रों से पलायन को रोकने में सहायता मिलेगी। ऊन उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए ऑस्ट्रेलिया से मरीनो भेड़ें लायी गयी हैं, ताकि पशुपालन से जुड़े किसानों को अधिक लाभ हो सके।
इस अवसर पर राज्य मंत्री श्रीमती रेखा आर्या, डॉ. धन सिंह रावत, महाराष्ट्र से स्थानीय विधायक श्री गणेश नाईक, श्रीमती मंदा विजय म्हात्रे, मेयर देहरादून श्री सुनील उनियाल ‘गामा’, मेयर एन.एम.एम.सी वाशी नवीं मुम्बई श्री जयवंत दत्तात्रेय सुतार, सचिव राज्य सम्पत्ति श्री अरविन्द सिंह ह्यांकी, महानिदेशक सूचना एवं लोक सम्पर्क विभाग एवं अपर सचिव मुख्यमंत्री डॉ. मेहरबान सिंह बिष्ट, अपर सचिव राज्य सम्पत्ति श्री प्रदीप सिंह रावत सहित बड़ी संख्या में प्रवासी उत्तराखण्डी उपस्थित थे।
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एम्स में मुँह के कैंसर पर दो दिवसीय प्रशिक्षण प्रारम्भ
अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान एम्स ऋषिकेश के कैंसर सर्जरी विभाग के तत्वावधान में मुहं के कैंसर के लगातार बढ़ रहे मामलों के मद्देनजर दो दिवसीय ट्रेनिंग कोर्स विधिवत शुरू हो गया। कार्यशाला में विशेषज्ञों ने प्रशिक्षुओं को कैंसर सर्जरी की तकनीक व प्रणाली के बाबत विस्तृत जानकारी दी। बुधवार को एम्स संस्थान में कैंसर सर्जरी विभाग की ओर से दो दिवसीय मास्टर क्लास प्रशिक्षण कार्यशाला विधिवत शुरू हो गई। इस अवसर पर एम्स निदेशक पद्मश्री प्रोफेसर रवि कांत जी ने कहा कि संस्थान की उन्नति तभी संभव होगी जब सभी विभाग आपसी समन्वय स्थापित कर कार्य कर सकें। उन्होंने संस्थान की प्रगति के लिए टीम भावना से कार्य करने पर जोर दिया। निदेशक एम्स पद्मश्री प्रो. रवि कांत जी ने बताया कि संस्थान के स्तर से बढ़ते कैंसर मरीजों की संख्या के मद्देनजर उनके उपचार के लिए अलग से ब्लॉक स्थापित किया जाए। इस दिशा में जल्द कार्य शुरू किया जाएगा। कार्यशाला के पहले दिन विशेषज्ञों ने व्याख्यानमाला के माध्यम से प्रशिक्षु चिकित्सकों को मुहं के कैंसर के बनने, इसके लक्षण, इससे मरीज को होने वाली परेशानी व निदान के बाबत विस्तृत जानकारी दी। उन्होंने बताया कि तम्बाकू, एल्कोहल व धुम्रपान के अध्यधिक सेवन से इस बीमारी को अधिक बढ़ावा मिलता है और यह घातक हो जाती है। संस्थान के डीन व कैंसर विभागाध्यक्ष प्रो. मनोज गुप्ता ने बताया कि मुहं के कैंसर के मरीजों की संख्या में उत्तराखंड में लगातार बढ़ रही है। उन्होंने बताया कि इस दिशा में एम्स संस्थान का प्रयास है कि संस्थान में अधिकाधिक दक्ष कैंसर सर्जन तैयार किए जाएं, जो लोगों को इस घातक बीमारी से निजात दिला सकें। डीन एकेडमिक प्रो. मनोज गुप्ता ने बताया कि एम्स संस्थान में उत्तराखंड के अलावा दिल्ली, हरियाणा, उत्तरप्रदेश, बिहार आदि प्रांतों से इस बीमारी से ग्रसित मरीज उपचार के लिए आ रहे हैं।
कार्यशाला में टाटा मैमोरियल सेंटर वाराणसी के डा. स्वागनिक चक्रवर्ती, किंग जॉर्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी केजीएमयू लखनऊ के डा. हरिराम ने व्याख्यान में अपने अनुभव बांटे। विभाग के वरिष्ठ चिकित्सक डा. पंकज कुमार गर्ग ने बताया कि दो साल से एम्स संस्थान में कैंसर सर्जरी की यूनिट स्थापित हुई थी, इस समयांतराल में अब तक यहां 1000 से अधिक मरीजों की कैंसर सर्जरी की जा चुकी है। कार्यशाला में 30 प्रशिक्षु चिकित्सक शामिल हो रहे हैं। जिनमें ईएनटी, जनरल सर्जरी, न्यूरो सर्जरी,रेडियोलॉजी, शरीर रचना विभाग आदि विभागों के चिकित्सक शामिल हैं। कार्यशाला में मेडिकल सुपरिटेंडेंट डा. ब्रह्मप्रकाश, सर्जरी ओंकोलॉजी विभागाध्यक्ष प्रो. एसपी अग्रवाल, प्रो.ब्रिजेन्द्र सिंह, डा.केएस रवि, डा. भियांराम, डा.सलाउद्दीन अंसारी, डा.धर्माराम, डा. यूबी मिश्रा, आयोजन सचिव डा. महेंद्र पाल सिंह आदि मौजूद थे।
———————————————————–आयुक्त श्री राजीव रौतेला ने कैम्प कार्यालय में जनपद के प्रस्तावित महत्वपूर्ण विकास कार्यों की गहन समीक्षा की। समीक्षा के दौरान जिलाधिकारी सविन बंसल ने बताया कि मुख्यमंत्री की महत्वाकाॅक्षी योजना 13 जिले 13 डेस्टीनेशन के अन्तर्गत जनपद के मुक्तेश्वर को विकसित किया जा रहा है, जिसके प्रथम चरण में मुक्तेश्वर मन्दिर, चोेली की जाली, हिमालय दर्शन प्वाईंट, भालूगाड़ वाॅटर फाॅल का सौन्दर्यकरण किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि कार्यदायी संस्था केएमवीएन के माध्यम से प्रथम चरण का 2.79 करोड़ का प्रस्ताव शासन को भेजा गया है, 50 लाख रूपये की धनराशि जारी हो चुकी है। श्री बंसल ने बताया कि मुक्तेश्वर लोनिवि गैस्ट हाउस के पास हिमालय दर्शन व्यू प्वाइंट पर हिलांश का आउटलेट भी खोला जायेगा, जहाॅ से पर्यटक स्थानीय उत्पाद खरीद सकेंगे।
समीक्षा के दौरान उन्होंने खैरना में प्रस्तावित बैराज कार्य की समीक्षा की, जिस पर अधिशासी अभियंता सिंचाई ने बताया कि कोसी नदी पर बैराज बनाने हेतु स्थान चयन करते हुए टोपोग्राफी सर्वे करा लिया गया है, साथ ही प्रोजेक्ट फिजिबिलिटी रिपोर्ट बनायी जा रही है, इसके स्वीकृत होने के बाद डीपीआर बनायी जायेगी। श्री रौतेला ने सीएम घोषणा में प्रस्तावित अमृतपुर-काठगोदाम बाईपास की जानकारी ली, जिस पर अधिशासी अभियंता लोनिवि ने बताया कि अमृतपुर-काठगोदाम बाईपास की लम्बाई 5.50 किमी आ रही है साथ ही एक सेतु भी बनाया जायेगा। भूमि अधिग्रहण एवं वन भूमि हस्तान्तरण एवं डीपीआर बनाने हेतु प्रथम चरण में 48 लाख की स्वीकृति मिल चुकी है।
रानीबाग-भीमताल मार्ग में बलियानाले पर 60 मीटर लम्बा डबल लेन सेतु का
7.48 करोड का प्रस्ताव सीआरएफ में भेजा गया है, जिसकी प्राथमिक स्वीकृति मिल गयी है। जिस पर आयुक्त ने अधिशासी अभियंता लोनिवि को निर्देश दिए कि वह उच्चाधिकारियों से समन्वय कर अन्य स्वीकृतियाॅ भी शीघ्रता से सुनिश्चित कराये। आयुक्त ने भवाली बाईपास कार्य प्रगति की जानकारी ली, जिस पर अधिशासी अभियंता लोनिवि ने बताया कि भवाली से भीमताल की ओर 7.5 किमी रोड कटिंग कार्य जून तक पूर्ण कर लिया जाएगा, जिसके लिए 2.52 करोड़ की धनराशि अवमुक्त हो चुकी है। श्री रौतेला ने बाईपास सड़क डामरीकरण का प्रस्ताव शीघ्र ही शासन में भेजने के निर्देश दिए।
आयुक्त ने सीएम की हल्द्वानी तहसील भवन निर्माण की घोषणा, नारायण नगर (नैनीताल) पार्किंग, बलियानाला संरक्षण कार्य, शिप्रा नदी पुर्नजीवितीकरण की की समीक्षा की, जिस पर जिलाधिकारी श्री बंसल ने बताया कि शिप्रा नदी पुर्नजीवितीकरण कार्य विगत जुलाई हरेला दिवस से प्रारंभ कर दिया गया है। जिसमें हरेला दिवस पर वृहद्ध पौधारोपण कराया गया था, साथ ही शिप्रा नदी के कैचमेंट एरिया में मनरेगा, उद्यान, वन, कृषि आदि विभागों द्वारा विभिन्न कार्य किये जा रहे हैं, जिस पर आयुक्त ने कैम्पा में धनराशि मांगने के निर्देश दिए। श्री बंसल ने बताया कि नारायण नगर पार्किंग हेतु वन भूमि हस्तान्तरण प्रस्ताव नोडल के माध्यम से भारत सरकार को भेज दिया गया है, साथ ही उन्होंने बताया कि हल्द्वानी तहसील निर्माण हेतु 20 करोड़ का प्रस्ताव शासन को भेजा गया है। उन्होंने बताया कि तहसील भवन कुमाऊॅनी शैली का बनाया जायेगा। उन्होंने बताया कि सभी विद्यालयों में सफेद बोर्ड लगाये गये हैं, साथ ही विद्यालयों में वाॅल पेंटिंग के साथ ही एलईडी बल्ब लगवाये जा रहे हैं।
बैठक में जिला विकास अधिकारी रमा गोस्वामी, एपीडी संगीता आर्या, अधीक्षण अभिंयता विद्युत डीके जोशी, अधिशासी अभियंता लोनिवि डीएस कुटियाल, एबी काण्डपाल, जल संस्थान एसके उपाध्याय, विशाल सक्सेना, सिंचाई हरीश चन्द्र सिंह, जिला पर्यटन विकास अधिकारी अरविन्द गौड़, जिला कार्यक्रम अधिकारी अनुलेखा बिष्ट आदि अधिकारी मौजूद थे।
