-नागेन्द्र प्रसाद रतू़ड़ी
महाराष्ट्र के राज्यपाल श्री भगतसिंह कोश्यारी आजकल अपने गृह क्षेत्र के भ्रमण पर हैं। वहां वे अपने प्राथमिक विद्यालय में भी गये जहां उन्होंने विद्यालय के बरामदे व आंगन में बैठ कर अपने बचपन के वहां बिताए दिन याद किए। एक राज्यपाल का अपने प्राथमिक विद्यालय की याद करना उनकी जमीन से जुड़े रहने का प्रयास है।आज के राजनीतिज्ञों के मंत्री बनते ही अपनी जमीन व और अपने लोगों को भूल जाने की आदत होती है वहीं कोश्यारी जी अपनी जमीन से आज भी जुड़े दीखते हैं।उन्होंने पैदल दुरूह चढाई चढकर अपनी कुलदेवी के दर्शन किए। अपनी कुलदेवी के दर्शन के लिए कठिन चढा़ई चढ़ना उनकी आस्था को दर्शाता है।वहां जनता द्वारा जगह-जगह उनका स्वागत करना यह साबित करता है कि उनकी लोकप्रियता आज भी बरकरार है। क्षेत्र में वे आज भी लोकप्रिय हैं
पर एक प्रश्न मेरे मन में उठा है कि प्रदेश की राजनीति में महत्वपूर्ण स्थान पर रहने वाले,प्रदेश के मुख्यमंत्री रहने वाले कोश्यारी जी के गांव का स्कूलभवन भी पुराना सा लग रहा है और उनकी कुलदेवी मंदिर आज भी सड़क से नहीं जुड़ पाया है।