प्लास्टिक मुक्त व स्वच्छता में नगरपालिका परिषद मुनिकीरेती को प्रथम,गौचर को द्वितीय तथा गोपेश्वर को तृतीय पुरस्कार मिला।##शिक्षक दिवस की बधाई## 8 जिलों में मुख्यमंत्री हेल्पलाईन का प्रशिक्षण पूर्ण।पढिएJanswar.Com में।

उत्तराखण्ड में सबसे पहले प्लास्टिक फ्री होने वाले नगर निकायों को किया जाएगा पुरस्कृत 

  • सबसे पहले प्लास्टिक फ्री होने वाले नगर निगम को एक करोड़, नगर पालिका को 75 लाख व नगर पंचायत को 50 लाख रूपये की राशि दी जाएगी।
  • स्वच्छता सर्वेक्षण में भारत में प्रथम 100 में आने वाले प्रदेश के निकाय को एक करोड़ रूपये दिये जायेंगे।
  • स्वच्छता रैंकिंग में प्रदेश में पहले तीन स्थान पर आने वाले नगर निकायों को पुरस्कार राशि तीन गुना की जायेगी।
  • मुख्यमंत्री श्री त्रिवेन्द्र सिह रावत ने स्वच्छ सर्वेक्षण-2020 पर एक दिवसीय कार्यशाला का शुभारम्भ किया।

समाचार प्रस्तुति-नागेन्द्र प्रसाद रतूड़ी

मुख्यमंत्री श्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत एवं शहरी विकास मंत्री श्री मदन कौशिक ने बुधवार को देहरादून के स्थानीय होटल में स्वच्छ सर्वेक्षण-2020 विषय पर नगर निकायों एवं छावनी परिषदों की एक दिवसीय कार्यशाला का दीप प्रज्ज्वलित कर शुभारम्भ किया। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने घोषणा की कि उत्तराखण्ड में प्लास्टिक फ्री होने वाला जो पहला नगर निगम होगा, उसको एक करोड़ रूपये का ईनाम दिया जायेगा। इसी तरह प्लास्टिक फ्री होने वाली पहली नगर पालिका को 75 लाख रूपये एवं नगर पंचायत को 50 लाख रूपये का ईनाम दिया जायेगा। स्वच्छता सर्वेक्षण में भारत में प्रथम 100 में आने वाले प्रदेश के निकाय को एक करोड़ रूपये दिये जायेंगे। प्रदेश में स्वच्छता रैंकिंग में प्रथम द्वितीय व तृतीय स्थान पर आने वाले नगर निकायों को पुरस्कार राशि तीन गुना की जायेगी। अब इन नगर निकायों को क्रमशः 20 लाख, 15 लाख व 10 लाख के स्थान पर 60 लाख, 45 लाख व 30 लाख रूपये की धनराशि पुरस्कार स्वरूप दिया जायेगा। नगर पालिकाओं को प्रथम, द्वितीय व तृतीय स्थान प्राप्त करने पर क्रमशः 15 लाख, 10 लाख व 07 लाख रूपये की धनराशि मिलती थी, जो अब बढ़ाकर 45 लाख, 30 लाख व 21 लाख किया गया है। जबकि प्रथम तीन स्थान पर आने वाले नगर पंचायतों को मिलने वाली धनराशि क्रमशः 10 लाख, 08 लाख एवं 05 लाख से बढ़ाकर 30 लाख, 24 व 15 लाख रूपये प्रदान किये जायेंगे। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने नगर निकायों की नियमावलियों की पुस्तक का विमोचन भी किया।  
मुख्यमंत्री श्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने इस अवसर पर स्वच्छता रैंकिंग के तहत अच्छा कार्य करने वाले प्रथम तीन नगर निकायों को सम्मानित किया और उन्हें पुरस्कार राशि प्रदान की। प्रथम तीन स्थान प्राप्त करने वाले नगर निगमों को क्रमशः 20 लाख, 15 लाख एवं 10 लाख की धनराशि प्रदान की गई। इसके अलावा ये तीनों नगर निगम स्वच्छता व अवस्थापना से संबंधित कार्यों के लिए क्रमशः एक करोड़, 75 लाख एवं 50 लाख तक की लागत का प्रस्ताव शासन को भेज सकते हैं। इस रैंकिंग में नगर निगम रूड़की ने प्रथम, काशीपुर ने द्वितीय व हल्द्वानी ने तृतीय स्थान प्राप्त किया। नगर पालिका परिषद मुनी की रेती, गौचर एवं गोपेश्वर को क्रमशः प्रथम, द्वितीय व तृतीय पुरस्कार मिला। इन नगर पालिका परिषदों को 15 लाख, 10 लाख व 07 लाख की धनराशि प्रदान की गई। ये नगर पालिका परिषद स्वच्छता व अवस्थापना से संबंधित कार्यों के लिए क्रमशः 75 लाख, 50 लाख व 30 लाख रूपये तक का प्रस्ताव शासन को भेज सकते हैं। नगर पंचायतों में अगस्त्यमुनी ने प्रथम, गजा ने द्वितीय व शक्तिगढ़ ने तृतीय स्थान प्राप्त किया। इन नगर पंचायतों को क्रमशः 10 लाख, 08 लाख व 05 लाख की पुरस्कार राशि दी गई। इन नगर पंचायतों को स्वच्छता व अवस्थापना से संबंधित कार्यों के लिए क्रमशः 50 लाख, 30 लाख व 20 लाख रूपये की अनुमन्यता प्रदान की जा चुकी है।
 मुख्यमंत्री श्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने कहा कि हमें उत्तराखण्ड को स्वच्छ, स्वस्थ, सामथ्र्यवान व सम्पन्न राज्य बनाना है। उन्होंने कहा कि उत्तराखण्ड का लगभग 71 प्रतिशत हरित क्षेत्र है। देश को शुद्ध वायु व जल प्रदान करने में उत्तराखण्ड की महत्वपूर्ण भूमिका है। पर्यावरण के संरक्षण के लिए जहां उत्तराखण्ड का विशिष्ट स्थान है, वहीं इसको संजोये रखना भी हमारी जिम्मेदारी है। स्वच्छता अभियान को सफल बनाने के लिए जन सहयोग जरूरी है। जन आन्दोलन से ही हम किसी अभियान को सिद्धि तक पहुंचा सकते हैं।  स्वच्छता अभियान के लिए प्रत्येक नागरिक को अपनी जिम्मेदारी समझनी होगी।
शहरी विकास मंत्री श्री मदन कौशिक ने कहा कि नगर निकायों को स्वच्छता पर विशेष ध्यान देने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि अवस्थापना सुविधाओं से स्वच्छता पर अधिक ध्यान देने की जरूरत है। राज्य सरकार द्वारा नगर निकायों को मजबूत बनाने के लिए हर सम्भव प्रयास किये जा रहे हैं। नगर निकाय जो धनराशि अवस्थापना सुविधाओं व स्वच्छता के कार्यों के लिए मिल रहे हैं, उनकी सुनियोजित कार्य योजना बनाकर कार्य करें। इस दिशा में कई निकायों ने अच्छा कार्य किया है। उन्होंने कहा कि यदि शहर स्वच्छ हों तो, आधी समस्याएं इससे ही समाप्त हो जायेंगी।
संयुक्त सचिव शहरी विकास, भारत सरकार श्री डी.के जिंदल ने कहा कि स्वच्छता के प्रति देशभर में व्यापक स्तर पर जन आन्दोलन चल रहा है।  उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री जी ने ‘स्वच्छता ही सेवा’ का जो प्रण लिया है, इसके तहत देश को प्लास्टिक मुक्त बनाने के लिए 14 सितम्बर से 02 अक्टूबर तमक व्यापक स्तर पर अभियान चलाया जायेगा। इस अभियान को सफल बनाने के लिए सबको अपनी जिम्मेदारी समझनी होगी। घरों में गीले व सूखे कूड़े को अलग-अलग करना जरूरी है।
इस अवसर पर मेयर श्री सुनील उनियाल गामा, डाॅ. जोगेन्द्र पाल सिंह रौतेला, श्रीमती ऊषा चैधरी, नगरीय पर्यावरण संरक्षण समिति के उपाध्यक्ष श्री प्रकाश चन्द्र हर्बोला, सचिव शहरी विकास श्री शैलेश बगोली, निदेशक शहरी विकास श्री विनोद कुमार सुमन आदि उपस्थित थे।

जनस्वर डॉट कॉम की ओर से बधाई।

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शिक्षक दिवस की बधाई

मुख्यमंत्री श्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने शिक्षक दिवस पर प्रदेश के सभी शिक्षकों को हार्दिक बधाई दी है। शिक्षक दिवस पर जारी अपने संदेश में मुख्यमंत्री श्री त्रिवेन्द्र ने कहा है कि विद्यार्थियों को योग्य नागरिक बनाने के साथ ही उनके चरित्र निर्माण में शिक्षकों का महत्वपूर्ण योगदान है। शिक्षक सही मायनों में राष्ट्र निर्माता होते हैं। सुदृढ़ शिक्षा प्रणाली मजबूत राष्ट्र की आधारशिला है।
शिक्षकों का हमारे जीवन में बहुत बड़ा योगदान है। समाज में नवजागरण के साथ ही उसे नई दिशा देने में भी शिक्षकों का महत्वपूर्ण योगदान रहता है। पूर्व राष्ट्रपति, शिक्षाविद् एवं दार्शनिक डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन के जन्मदिन को शिक्षक दिवस के रूप में मनाना हम सभी के लिये गर्व की बात है। इस अवसर पर अपने शिक्षकों का सम्मान करना ही उस महान व्यक्तित्व के प्रति सच्ची श्रद्धांजलि होगी।

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उत्तराखंड के 8 जिलों में CM Helpline की ट्रेनिंग संपन्न हुई।उत्तराखण्ड सरकार गुड गवर्नेंस के प्रति पूरी तरह समर्पित है। जनसामान्य की शिकायतों के निराकरण के लिए बनाए गए सीएम हेल्पलाइन पोर्टल 1905 के सभी स्तर के अधिकारियों को प्रशिक्षण देकर दक्ष किया जा रहा है। इसी क्रम में प्रदेश के सभी 13 जिलों के  L1  स्तर और  L2  स्तर के अधिकारियों को ट्रेनिंग दी जा रही है।  L1     स्तर और  L2 स्तर के अधिकारियों में विभाग द्वारा चिन्हित किये गए ब्लाक स्तर और जिले स्तर के अधिकारी सम्मिलित हैं।
इस ट्रेनिंग में सभी अधिकारियों को 1905 टोलफ्री नंबर या सीएम हेल्पलाइन पोर्टल  cmhelpline.uk.gov.in या मोबाइल एप द्वारा प्राप्त होने वाली शिकायत के सही तरीके और शीघ्र गति एवं गुणवत्ता के साथ  समाधान करने की ट्रेनिंग दी जा रही है। अधिकारियों को उनके ही जिले में सीएम हेल्पलाइन के तकनीकी विशेषज्ञों द्वारा जिला अधिकारी की उपस्थिति में ट्रेनिंग करवाई जा रही है और अधिकारियों की समस्या का निराकरण भी किया जा रहा है। 20 जुलाई से शुरू हुई इस ट्रेनिंग कार्यक्रम में उत्तराखंड राज्य के 13 जिलों में से 8 जिलों के अधिकारियों को प्रशिक्षित किया जा चुका है।
गढ़वाल मंडल के 2 जिलों देहरादून और हरिद्वार एवं कुमाऊं मंडल के सभी 6 जिलों उधमसिंह नगर, नैनीताल, अल्मोड़ा, बागेश्वर, पिथौरागढ़ और चम्पावत जिले में सीएम हेल्पलाइन को सुचारू रूप से चलाने के लिये अधिकारियों की यह प्रेक्टिकल ट्रेनिंग पूर्ण हो चुकी है। शीघ्र ही गढ़वाल मंडल के शेष 5 जिलों में भी यह ट्रेनिंग दी जायेगी। सीएम हेल्पलाइन पर पंजीकृत कुल 3500 अधिकारियों में से अभी तक 1856 अधिकारियों को उनके जिले में आई०टी० विशेषज्ञों द्वारा प्रशिक्षित किया जा चुका है। अधिकारियों की बेहतर मानीटरिंग के लिए जिला अधिकारी को सीएम हेल्पलाइन का डिस्ट्रिक्ट एडमिनिस्ट्रेटर  बनाया गया है व मंडलायुक्त को मंडल का एडमिनिस्ट्रेटर बनाया गया है। इससे जिला अधिकारी प्रत्येक दिन किसी भी समय अपने जिले  के और  गढ़वाल और कुमाऊं कमिश्नर अपने मंड़ल के सभी विभागों में सीएम हेल्पलाइन पर दर्ज हो रही शिकायतों की कार्यवाही पर नजर रख सकेंगे।
इस अवसर पर सचिव मा.मुख्यमंत्री श्री राजीव रौतेला ने कहा कि हम सभी लोक सेवक हैं, इसलिए जनता को सुगम व गुणवत्तापूर्ण सेवा देना हमारा दायित्व है। उन्होंने कहा कि जनता जागरूक है और उनकी अपेक्षाएं भी अधिक हैं, हमें जनता की अपेक्षाओं के अनुसार कार्य कर, खरा उतरना होगा। सरकार व हमारा उद्देश्य आम जनता को सेवा देना है तथा उनकी समस्याओं का समयबद्धता से निस्तारण करना है। उन्होंने बताया कि मुख्यमंत्री द्वारा 15 दिसम्बर 2017 को सीएम एप भी लांच किया गया था, जिससे  11 हजार से अधिक जन शिकायतों का निराकरण किया था।
अब सीएम एप की लोकप्रियता के बाद मुख्यमंत्री द्वारा सीधे जनता तक पहुॅच बनाने व उनकी समस्याओं व शिकायतों के निराकरण हेतु 23 फरवरी 2019 को  मुख्यमंत्री हेल्पलाईन 1905 प्रारंभ की गयी है, जिसमें प्रत्येक स्तर पर अधिकारियों द्वारा 7 दिन के भीतर समस्याओं का निदान करना आवश्यक होगा। 23 फरवरी 2019 से 4 सितंबर 2019 तक सीएम हेल्पलाइन पर 7546 शिकायतों का  निराकरण कर दिया गया है। उन्होंने कहा कि अधिकारी अपने कार्य एवं दायित्वो को संजीदगी से करते हुए जनता की समस्याओं का समाधान समयबद्ध तरीके से करें। जनता की सहूलियत के लिए और शिकायत प्रक्रिया को और सरल बनाने के लिये मुख्यमंत्री श्री त्रिवेंद्र सिंह रावत के निर्देश पर क्षेत्रीय भाषाओं में भी सीएम हेल्पलाइन पर शिकायत दर्ज करने की सुविधा दी गई है। उत्तराखण्ड का कोई भी नागरिक कई भाषाओं में सीएम हेल्पलाइन टोल फ्री नंबर 1905 पर हिंदी, अंग्रेजी, गढ़वाली, पंजाबी, कुमाउनी भाषा मे अपनी शिकायत दर्ज करा सकता है।
उन्होंने बताया कि मुख्यमंत्री चाहतें है कि जनता को छोटी-छोटी सामान्य शिकायतों के लिए सचिवालय या मुख्यमंत्री आवास के चक्कर न काटने पड़े इसलिए अधिकारी सामान्य शिकायतों का अपने स्तर पर त्वरित निस्तारण करें। उन्होने बताया हेल्पलाइन पर प्राप्त शिकायत का समयबद्ध निराकरण जरूरी है। जनता के साथ सीधा संवाद करने और जनता की परेशानियों को दूर करने के लिए सुशासन को लागू करते हुए उत्तराखण्ड के प्रत्येक नागरिक के लिए महत्वपूर्ण जन कल्याणकारी योजना के रूप में मुख्यमंत्री ने सीएम हेल्पलाइन की ऐतिहासिक शुरूआत की है। उन्होने अधिकारियों से कहा सीएम हेल्पलाइन को रोज देखना अपनी आदतों में शामिल करें, जो शिकायत आपके विभाग से सम्बन्धित नही है उसे सम्बन्धित विभाग को हस्तान्तरित किया जाये। अधिकारी संवादहीनता व संवेदनहीनता से बचें, आपसी संवाद से ही समस्याओं का समाधान निकलता है। संवेदनशील होकर कार्य करें व हेल्पलाईन में प्राप्त समस्याओं का समय से समाधान करें। उन्होंने बताया मुख्यमंत्री कार्यालय नियमित रूप से सीएम हेल्पलाइन पर प्राप्त  शिकायतों की माॅनिटरिंग कर रहा है।  
ट्रेनिंग के दौरान अधिकारियों को बताया गया है कि सभी जिला अधिकारी जिला स्तर पर व मंडल कमिश्नर मंडल स्तर पर प्रत्येक महीने  प्राप्त शिकायतों के निस्तारण की समीक्षा बैठक लेंगे। शासन स्तर पर भी मा० मुख्यमंत्री, मुख्य सचिव और अपर मुख्य सचिव स्तर पर सभी स्तर पर समीक्षा बैठक की जायेगी। समीक्षा बैठक में बहुत अच्छा प्रदर्शन करने वाले अधिकारियों को पुरस्कृत किया जायेगा और लापरवाह अधिकारियों पर कार्यवाही की जायेगी। अधिकारियों ने कहा इस तरह की ट्रेनिंग से उनकी कार्यक्षमता बढ़ेगी और शिकायत निवारण की कार्यप्रणाली में गुणवत्तापूर्ण सुधार आएगा। सभी अधिकारियों ने उनके जिले में ही दी जा रही इस ट्रेनिंग के लिये मुख्यमंत्री श्री त्रिवेंद्र सिंह रावत का धन्यवाद प्रकट किया।

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