प्रेसक्लब व सूर्य फॉउण्डेशन ने संयुक्त रूप से मनाया अटल जी का जन्मदिवस।##कैसे बनाएं अटल आयुष्मान कार्ड।पढिएJanswar.com में।

प्रेस क्लब मुनिकी रेती और सूर्य फॉउणडेशन ने संयुक्त रूप से पूर्व प्रधानमंत्री भारत रत्न स्व.अटलबिहारी बाजपेयी का जन्मदिन संयुक्त रूप से धूमधाम साथ मनाया गया।

मुनि की रेती, सूर्या फाउंडरेशन ओर प्रेस क्लब मुनि की रेती द्वारा सयुंक्त तत्वाधान में भारत रत्न,लेखक, कवि और भारत के पूर्व प्रधान मंत्री स्वर्गीय अटल बिहारी बाजपेयी जी का जन्मोत्सव बड़ी धूमधाम से मनाया गया ।इस अवसर पर उत्तराखण्ड प्रदेश के पूर्व कबीना मंत्री लाखीराम जोशी मुख्य अतिथि की उपस्थिति में स्वर्गीय बाजपेयी जी को पुष्पांजलि सहित श्रद्दांजली देकर उन्हें याद किया गया।इस कार्यक्रम की अध्यक्षता प्रेस क्लब के अध्यक्ष नागेन्द्र रतूड़ी राज्य आन्दोलनकारीव राज्य मान्यताप्राप्त स्वतंत्र पत्रकार ने की । इस कार्यक्रम में भारी संख्या में मातृ शक्ति की उपस्थिति उल्लेखनीय रही ।

14 बीघा पुरानी चीनी गोदाम के पास महिला सिलाई केंद्र में आयोजित कार्यक्रम मे मुख्य अतिथि लाखीराम जोशी प्रेस क्लब के अध्यक्ष नागेन्द्र रतूड़ी,महासचिव सूर्यचन्द्र सिंह चौहान,टीएचडीसी के श्री सुरियाल,दीपा भट्ट, आरती चौहान,इंद्रा आर्या जी ने दीप प्रज्वलित कर भारत को परमाणु शक्ति से सम्पन्न बनाने वाले ओर पाकिस्तान को कारगिल युध्द में धूल चटाने वाले लोह नायक पुरुष स्वर्गीय बाजपेयी को अपनी श्रद्दांजलि देकर याद किया।
इस अवसर पर अपने सम्बोधन में श्री लाखीराम जोशी ने अटल जी से संबंधित अनेक संस्मरण सुनाकर उनके जीवन पर प्रकाश डाला और बताया कि कितनी सरलता और सहजता के साथ अपने जीवन मूल्यों को समझते हुए आम व्यक्ति की तरह उन्होंने अपने जारी ओर सामाजिक जीवन को जीने का काम किया ।देश की अखण्डता और मजबूती के लिए उन्होंने देश को परमाणु सम्पन्नता की ओर आगे बढ़ाया।अपने पड़ोसी मुल्क की साजिश को समझते हुए उसके कारनामो से इसको ही धूल चाटने का काम कर अंतराष्ट्रीय स्तर पर खोखला साबित किया। उन्होंने कहा कि देश को स्थिरता की ओर अग्रसर करने में उनकी भूमिका को नजरअंदाज कभी नही किया जा सकता है।

प्रेस क्लब के अध्यक्ष नागेंद्र रतूड़ी ने कहा कि स्वर्गीय अटल जी सफल पत्रकार,लेखक,कवि रहे है तो अपने वरिष्ठ साथी को याद कर उन्हें सादर शत शत नमन करता हूं।उन्होंने कहा कि सियासत से हमारा कोई वास्ता नहीं है हम सबका सम्मान करते है किंतु सत्यता को हर कदम पर जनमानस तक पहुंचाने की धारणा पर सदैव कायम है ।उन्होंने कहा कि आर्दशशील व्यक्तित्व को सदैव सराहा जायेगा और दानव को जन्म देने वाले लोगो की पोल खोलने का कार्य कलमकार के रूप में करना ही हमारा नैतिक धर्म है।स्वर्गीय लाल बहादुर शास्त्री के बाद देश की सेवा में अटल जी के योगदान को सदा याद रखा जाएगा।यही वजह है कि आज उनके निधन के बाद भी हम उत्तराखण्ड की धरती में उन्हें याद कर अपनी श्रध्दांजलि दे रहे है। उन्होंने अवगत कराया है कि प्रेसक्लब क्लब 2020 में अपने तीसरे संस्करण ‘गंगा अमृत’ स्मारिका का प्रकाशन करने जा रहा है जिसमे नगर के अभी जनों का सहयोग की हम चाहना रखते है।मुझे विश्वास है कि पूर्व की भांति इस बार भी जन सहयोग से बहुत जल्दी स्मारिका पाठकों के पास पहुंचेगी।
कार्यक्रम का संचालन सूर्य चन्द्र सिंह चौहान ने करते हुए अटल जी के सराहनीय कार्यो को सभी से रूबरू करवाया और उन्हें अपनी भावभीनी श्रद्धांजलि देकर सूर्या फाउंडरेशन के समस्त पदाधिकारियों, सदस्यों का आभार व्यक्त किया ।उन्होंने कार्यक्रम में उपस्थित लोगों का परिचय कराकर उनका स्वागत किया।इस कार्यक्रम के आयोजन समिति में आरती चौहान, दीपा भट्ट, विश्वेश्वरी उनियाल, भाजपा की वरिष्ठ नेत्री इंद्रा आर्या, सीमा बिजल्वाण,मीना मधवान, नीमा पंवार, सुंदरी भण्डारी सहित अनेक महिला सदस्या मौजूद रही ।प्रेस क्लब की ओर से भारतभूषण कुकरेती,देवेन्द्र कुमार,अशोक क्रेजी,धनीराम बिंजोला, नवीन चन्द्रा, गोपाल शर्मा, कमलेश यादव,हरीश रतूड़ी, गोपालचंद्र जोशी, आशीष लखेड़ा, राधेश्याम रतूड़ी,आशीष कुकरेती आदि अनेक लोग इस कार्यक्रम में सम्मलित हुये। —————————————————–

पूर्व प्रधानमंत्री स्व.श्री अटल बिहारी वाजपेयी जी के जन्मदिवस पर विगत वर्ष उत्तराखण्ड में अटल आयुष्मान योजना प्रारम्भ की गई थी। बुधवार 25 दिसम्बर को योजना को एक वर्ष पूरा होने जा रहा है।

राज्य स्वास्थ्य अभिकरण द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार योजना की उपलब्धियाँ- एक वर्ष, एक दृष्टि में :
योजना का संक्षिप्त विवरण

  • उत्तराखण्ड राज्य के समस्त परिवारों को बीमारी के ईलाज हेतु अस्पताल में भर्ती होने पर प्रतिवर्ष प्रति परिवार रू0 5 लाख तक का निःशुल्क चिकित्सा उपचार(भर्ती होने की दशा में) उपलब्ध कराया जा रहा है।
  •  उत्तराखण्ड राज्य देश का प्रथम राज्य है जिसने अपनी सम्पूर्ण जनसंख्या को इस योजना में शामिल करते हुए  ^Universal Health Coverage*  प्रदान की है।

गोल्डन कार्ड बनाये जाने की व्यवस्था

  •  लाभार्थियों के  E-Card (Golden Card) / गोल्डन कार्ड/आयुष्मान कार्ड जन सुविधा केंद्रों ¼Common Service Centres½  तथा सूचीबद्व अस्पतालों में ‘आरोग्य मित्र’ द्वारा निम्न डेटा बेस  ¼Data Base½ के आधार पर बनाए जाते हैंः-

NFSA   राशन कार्ड डेटा बेस- 23 लाख परिवार
MSBY  कार्ड डेटा बेस- 12 लाख परिवार
SECC/SECC Plus डेटा बेस- 20 लाख परिवार
लाभार्थी परिवार का नाम डेटा बेस में उपलब्ध होने पर  Family ID    (राशन कार्ड/परिवार रजिस्टर की कॉपी) तथा  Individual ID  की आवश्यकता होती है। बायोमेट्रिक हेतु आधार कार्ड आवश्यक है।

  • राशन कार्ड (या परिवार रजिस्टर की नकल) फैमिली आई0डी0 के रूप में उपलब्ध न होने पर व्यक्तिगत आईडी यथा वोटर कार्ड, आधार कार्ड, पैन कार्ड, पासपोर्ट, ड्राईविंग लाइसेंस, जन्म प्रमाण पत्र, स्थायी निवास प्रमाण पत्र, जाति प्रमाण पत्र अथवा अन्य कोई सरकारी आईडी जिसमें लाभार्थी के माता/पिता/पति/पत्नी का नाम हो तथा उसका मिलान NFSA, MSBY  तथा SECC    डेटा बेस से हो जाता है, उस दशा में बिना राशन कार्ड(या परिवार रजिस्टर की नकल) के भी गोल्डन कार्ड बनाये जा सकते हैं।
  • डेटा बेस में उपलब्ध प्रदेश के लगभग 25 लाख परिवारों में से  ESI, ECHS  तथा  CGHS  के लगभग 07 लाख परिवारों को छोड़कर 18 लाख परिवारों के गोल्डन कार्ड बनाये जाने हैं। 18 लाख परिवारों में से 03 लाख परिवार राजकीय सेवक/पेंशनर के हैं। शेष 15 लाख परिवारों में से 14.50 लाख परिवारों (कम से कम एक सदस्य) के 34.70 लाख गोल्डन कार्ड बनाये जा चुके हैं।
  • प्रदेश में योजना के आरम्भ से अभी तक 34.70 लाख पात्र लाभार्थियों (14.50 लाख परिवारों के सदस्य) द्वारा विभिन्न जनपदों मे गोल्डन कार्ड बना लिये गये हैं।

गोल्डन कार्ड बनाये जाने में प्रदेश का देश में दूसरा स्थान

  •  प्रदेश के 74 प्रतिशत परिवारों के एक या एक से अधिक सदस्यों के गोल्डन कार्ड बनाये जा चुके हैं। NHA के अनुसार SECC  डेटा बेस के कुल परिवारों में से  74%    परिवारों के गोल्डन कार्ड बना कर अधिकतम परिवारों के गोल्डन कार्ड बनाने में उत्तराखंड राज्य का केरल प्रदेश के बाद देश में दूसरा स्थान हैं।

गोल्डन कार्ड बनाये जाने में उत्तराखंड राष्ट्रीय औसत से कई गुना आगे

  • सम्पूर्ण देश में 12 करोड़ गोल्डन कार्ड बने हैं। उत्तराखंड में 34.70 लाख कार्ड बने हैं। प्रदेश की जनसंख्या देश की कुल जनसंख्या की 1 प्रतिशत है। अतः इस दृष्टि से प्रदेश में बने कार्ड राष्ट्रीय औसत से 3 गुना अधिक हैं।
  •  इसी प्रकार सम्पूर्ण देश में 5 करोड़ परिवार गोल्डन कार्ड से आच्छादित हैं। प्रदेश में 14.50 लाख परिवार गोल्डन कार्ड से आच्छादित हैं। प्रदेश में परिवारों की संख्या देश के कुल परिवारों की संख्या का 01 प्रतिशत हैं। इस दृष्टि से प्रदेश में आच्छादित परिवार राष्ट्रीय औसत से 3 गुना अधिक हैं।

चिकित्सालयों में उपचार व्यवस्था

  •  योजना हेतु 101 राजकीय तथा 74 निजी चिकित्सालय सूचीबद्ध किए गए हैं।
  •  रोगी का इलाज प्रथमतयाः राजकीय चिकित्सालय में किया जाता है। सूचीबद्ध निजी चिकित्सालय में रेफर करने पर ही इलाज होता है ऐमरजेन्सी की दशा में रेफरल की आवश्यकता नहीं है।
  •  नवजात शिशुओं को उनकी माँ के गोल्डन कार्ड पर उपचार की सुविधा उपलब्ध करायी जाती है।
  • राज्य के बाहर इलाज कराने हेतु नेशनल पोर्टेबिलिटी की सुविधा SECC  के 5.37 लाख परिवारों को ही अनुमन्य हैं। अन्य शेष पात्र परिवारों को नेशनल पोर्टेबिलिटी की सुविधा अनुमन्य नहीं है।
  • अस्पताल में भर्ती होने के लिए ‘आरोग्य मित्र’ के द्वारा सहायता प्रदान की जाती है।

लाभार्थियों को उपचार सुविधा

  •  लाभार्थियों को 5 लाख रूपये प्रति परिवार प्रति वर्ष फैमिली फ्लोटर के रूप में अस्पातल में भर्ती होने पर अथवा (डे केयर पैकेज के लिए)  Cashless चिकित्सा सुविधा उपलब्ध हैं।
  •  योजना के अंतर्गत विभिन्न बीमारियों के लिए 1350 पैकेज निर्धारित हैं।
  •  यदि इन 1350 पैकेज के अतिरिक्त अन्य कोई बीमारी है तो उसके लिए 1.0 लाख रूपये की सीमा तक Unspecified Package  का भी प्राविधान है।
  •  पैकेज के अंतर्गत अस्पताल में भर्ती होने के 3 दिन पूर्व से डिस्चार्ज होने के 15 दिन तक की दवाइयों सहित भर्ती के दौरान अस्पताल के सभी उपचार संबंधी खर्चे (रोगी के भोजन सहित) सम्मिलित हैं।

अस्पताल में भर्ती होने पर उपचार के दौरान निम्न सुविधाएँ निःशुल्क प्रदान की जाती हैं-

  •  पंजीकरण शुल्क
  •  बिस्तर शुल्क (सर्जिकल के मामले में सामान्य वार्ड)
  • नर्सिंग और बोर्डिंग शुल्क,
  •  सर्जन, एनेस्थेटिस्ट, मेडिकल प्रैक्टिशनर, कंसल्टेंट्स आदि।
  •  ऐनिस्थिसिया, रक्त आधान, ऑक्सीजन, ओ.टी शुल्क, सर्जिकल उपकरणों की लागत आदि।
  • दवाएं एवं औषधियां।
  •  कृत्रिम उपकरणों की लागत, प्रत्यारोपण।
  •  पैथोलॉजी और रेडियोलॉजी परीक्षण इत्यादि (एक्स-रे, एमआरआई, सीटी स्कैन आदि आवश्यकतानुसार)
  •  रोगी हेतु भोजन की व्यवस्था।
  •  पूर्व और बाद में अस्पताल में भर्ती खर्चः एक ही अस्पताल में रोगी के प्रवेश से पहले परामर्श, नैदानिक परीक्षण और दवाओं के लिए खर्च और नैदानिक परीक्षणों और दवाओं की लागत और एक ही बीमारी/सर्जरी के लिए अस्पताल से छुट्टी के 15 दिनों तक खर्च। (प्री हॉस्पिटलाइजेशन पैकेज के अनुसार होगा(3 दिन)। बायोप्सी के मामले में इसे अधिकतम 10 दिनों तक छूट दी जायेगी।
  • अस्पताल में भर्ती होने से तीन दिन पहले की सारी जाँचें और डॉक्टर का खर्च।
  • अस्पताल से डिस्चार्ज होने के बाद 15 दिनों तक की निःशुल्क दवाईयां एवं फॉलो-अप की व्यवस्था।
  • चिकित्सालय में रोगी के उपचार से संबंधित कोई अन्य खर्च।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *