प्रधानमंत्री ने सिम्बायोसिस विश्वविद्यालय, पुणे के स्वर्ण जयंती समारोह का उद्घाटन किया#प्रधानमंत्री 7 मार्च को जन औषधि योजना के लाभार्थियों के साथ बातचीत करेंगे# यूक्रेन के पड़ोसी देशों से आज विशेष उड़ानों द्वारा 2100 से अधिक भारतीयों को स्वदेश लाया गया।www.janswar.com

-नागेन्द्र प्रसाद रतूड़ी

प्रधानमंत्री ने सिम्बायोसिस विश्वविद्यालय, पुणे के स्वर्ण जयंती समारोह का उद्घाटन किया

प्रधानमंत्री ने सिम्बायोसिस आरोग्य धाम का उद्घाटन किया

“ज्ञान का व्यापक प्रसार हो, ज्ञान पूरे विश्व को एक परिवार के रूप में जोड़ने का माध्यम बने, यही हमारी संस्कृति रही है; मुझे खुशी है कि यह परंपरा हमारे देश में आज भी जीवंत है”

“स्टार्टअप इंडिया, स्टैंड अप इंडिया, मेक इन इंडिया और आत्मनिर्भर भारत जैसे मिशन आपकी आकांक्षाओं का प्रतिनिधित्व कर रहे हैं; आज का भारत नवाचार कर रहा है, उन्नति कर रहा है और पूरी दुनिया को प्रभावित कर रहा है”

“आपकी पीढ़ी इस मायने में भाग्यशाली है कि इसे पहले के रक्षात्मक और आश्रित मनोविज्ञान के हानिकारक प्रभाव का सामना नहीं करना पड़ा है; इसका श्रेय आप सभी को जाता है, हमारे युवाओं को जाता है”

“देश की सरकार को आज देश के युवाओं की ताकत पर भरोसा है; इसलिए हम आपके लिए एक के बाद एक सेक्टर खोल रहे हैं”

“यह भारत का बढ़ता प्रभाव है कि हम हजारों छात्रों को यूक्रेन से अपने वतन वापस लाए हैं”

प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने आज सिम्बायोसिस विश्वविद्यालय, पुणे के स्वर्ण जयंती समारोह का उद्घाटन किया। उन्होंने सिम्बायोसिस आरोग्य धाम का भी उद्घाटन किया। इस अवसर पर महाराष्ट्र के राज्यपाल श्री भगत सिंह कोश्यारी भी उपस्थित थे।

प्रधानमंत्री ने इस अवसर पर सिम्बायोसिस के छात्रों, शिक्षकों और पूर्व छात्रों को बधाई देते हुए संस्थान के आदर्श वाक्य ‘वसुधैव कुटुम्बकम’ का उल्लेख किया और कहा कि अलग-अलग देशों के छात्रों के रूप में यह आधुनिक संस्थान भारत की प्राचीन परंपरा का प्रतिनिधित्व कर रहा है। उन्होंने कहा, “ज्ञान का व्यापक प्रसार हो, ज्ञान पूरे विश्व को एक परिवार के रूप में जोड़ने का माध्यम बने, यही हमारी संस्कृति रही है। मुझे खुशी है कि यह परंपरा हमारे देश में आज भी जीवंत है।”

प्रधानमंत्री ने न्यू इंडिया के आत्म-विश्वास पर ज़ोर दिया और बताया कि आज भारत दुनिया की सबसे बड़ी अर्थव्यवस्थाओं में से एक है तथा दुनिया का तीसरा सबसे बड़े स्टार्ट- अप इकोसिस्टम आज हमारे देश में है। उन्होंने कहा, “स्टार्टअप इंडिया, स्टैंड अप इंडिया, मेक इन इंडिया और आत्मनिर्भर भारत जैसे मिशन आपकी आकांक्षाओं का प्रतिनिधित्व कर रहे हैं। आज का भारत नवाचार कर रहा है, उन्नति कर रहा है और पूरी दुनिया को प्रभावित कर रहा है।” प्रधानमंत्री ने कहा कि पुणे में रहने वाले लोग अच्छी तरह जानते हैं कि कोरोना टीकाकरण को लेकर भारत ने कैसे दुनिया को अपना सामर्थ्य दिखाया है।

प्रधानमंत्री ने भारत के प्रभाव पर भी प्रकाश डाला और कहा कि भारत यूक्रेन संकट के दौरान ऑपरेशन गंगा के माध्यम से अपने नागरिकों को युद्ध क्षेत्र से सुरक्षित रूप से निकाल रहा है। उन्होंने कहा, “दुनिया के बड़े देशों को ऐसा करना मुश्किल हो रहा है, लेकिन, यह भारत का बढ़ता प्रभाव है कि हम हजारों छात्रों को अपने वतन वापस लाए हैं।”

प्रधानमंत्री ने देश के बदले मिजाज को भी रेखांकित किया। उन्होंने कहा, “आपकी पीढ़ी इस मायने में भाग्यशाली है कि इसे पहले के रक्षात्मक और आश्रित मनोविज्ञान के हानिकारक प्रभाव का सामना नहीं करना पड़ा है। अगर देश में यह बदलाव आया है तो इसका सबसे पहला श्रेय आप सभी को जाता है, हमारे युवाओं को जाता है।”

प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत उन क्षेत्रों में भी वैश्विक नेता के रूप में उभरा है जिन्हें पहले इसकी पहुंच से बाहर माना जाता था। भारत दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा मोबाइल निर्माता बन गया है। उन्होंने बताया कि सात साल पहले भारत में केवल 2 मोबाइल निर्माण कंपनियां थीं लेकिन, आज 200 से अधिक विनिर्माण इकाइयां इस काम में लगी हुई हैं। प्रधानमंत्री ने कहा कि रक्षा क्षेत्र में भी भारत, जिसे दुनिया के सबसे बड़े आयातक देश के रूप में पहचाना जाता था, अब एक रक्षा निर्यातक बन रहा है। उन्होंने कहा कि आज दो बड़े रक्षा गलियारे बन रहे हैं, जहां देश की रक्षा जरूरतों को पूरा करने के लिए सबसे बड़े आधुनिक हथियार बनाए जाएंगे।

प्रधानमंत्री ने छात्रों से विभिन्न क्षेत्रों के खुलने का पूरा लाभ उठाने का आह्वान किया। भू-स्थानिक प्रणाली, ड्रोन, सेमी कंडक्टर और अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी के क्षेत्रों में हाल के सुधारों का उल्लेख करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा, “देश की मौजूदा सरकार आज देश के युवाओं की ताकत पर भरोसा करती है। यही वजह है कि हम आपके लिए एक के बाद एक सेक्टर खोल रहे हैं।”

श्री मोदी ने छात्रों से अनुरोध करते हुए कहा कि आप चाहे जिस भी क्षेत्र में हों, जिस तरह से अपने करियर के लिए लक्ष्य निर्धारित करते हैं, उसी तरह देश के लिए भी आपके कुछ लक्ष्य होने चाहिए। उन्होंने छात्रों से स्थानीय समस्याओं का समाधान निकालने को कहा। उन्होंने छात्रों से फिटनेस बनाए रखने और खुश तथा उत्साही बने रहने के लिए कहा। श्री मोदी ने कहा, “जब हमारे लक्ष्य व्यक्तिगत विकास से राष्ट्रीय विकास की ओर उन्मुख होते हैं, तो राष्ट्र निर्माण में भागीदार होने की भावना हावी हो जाती है।”

प्रधानमंत्री ने छात्रों को हर साल काम करने के लिए खास विषय का चयन करने को कहा और साथ ही यह भी कहा कि इन विषयों का चयन राष्ट्रीय और वैश्विक जरूरतों को ध्यान में रखतेत हुए ही किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि इनके नतीजे और विचार प्रधानमंत्री कार्यालय से भी साझा किए जा सकते हैं।

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प्रधानमंत्री 7 मार्च को जन औषधि योजना के लाभार्थियों के साथ बातचीत करेंगे

प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी “जन औषधि दिवस” ​​के अवसर पर 7 मार्च को दोपहर 12:30 बजे वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से जन औषधि केन्द्र के मालिकों और जन औषधि योजना के लाभार्थियों के साथ बातचीत करेंगे। इस अवसर पर, बातचीत के बाद प्रधानमंत्री का संबोधन होगा। इस आयोजन का विषयहै– “जन औषधि-जन उपयोगी”।

जेनेरिक दवाओं के उपयोग और जन औषधि परियोजना के लाभों के बारे में जागरूकता पैदा करने के लिए 1 मार्च से पूरे देश में ‘जन औषधि सप्ताह’ मनाया जा रहा है। इस सप्ताह के दौरान जन औषधि संकल्प यात्रा, मातृ शक्ति सम्मान, जन औषधि बाल मित्र, जन औषधि जन जागरण अभियान, आओ जन औषधि मित्र बनें और जन औषधि जन आरोग्य मेला जैसे विभिन्न कार्यक्रमों का आयोजन किया गया है।

दवाओं को सस्ती और नागरिकों के लिए सुलभ बनाने के प्रधानमंत्री के दृष्टिकोण के अनुरूप, अब देश भर में 8600 से अधिक जन औषधि स्टोर उपलब्ध हैं, जोकि लगभग हर जिले को कवर करते हैं।

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यूक्रेन के पड़ोसी देशों से आज विशेष उड़ानों द्वारा 2100 से अधिक भारतीयों को स्वदेश लाया गया

अब तक 15,900 से अधिक भारतीयों को विशेष उड़ानों द्वारा स्वदेश वापस लाया जा चुका है।

भारतीय नागरिकों को बचाने के लिए ‘ऑपरेशन गंगा’ के तहत यूक्रेन के पड़ोसी देशों से 11 विशेष नागरिक उड़ानों के माध्यम से आज 2,135 भारतीयों को वापस लाया गया है। इसके साथ ही 22 फरवरी, 2022 को विशेष उड़ानें शुरू होने के बाद से अब तक 15,900 से अधिक भारतीयों को स्वदेश वापस लाया जा चुका है। ऑपरेशन गंगा के तहत 66 विशेष नागरिक उड़ानों के जरिए देश लौटने वाले भारतीयों की संख्या 13,852 हो गई है। वहीं, अब तक आईएएफ ने 2,056 यात्रियों को वापस लाने के लिए कुल 10 उड़ानें भरी हैं। इसके अलावा इन देशों के लिए 26 टन राहत सामग्रियों को पहुंचाया है।

आज की विशेष नागरिक उड़ानों में 9 नई दिल्ली और 2 मुंबई में उतरीं। इन 11 उडानों में से बुडापेस्ट से 6 उड़ानें, बुखारेस्ट से 2, सैजो से 2 और कोसिसे से 1 उड़ानें थीं।

वहीं, कल यानी सोमवार को बुडापेस्ट (5), सुसेवा (2) और बुखारेस्ट (1) से कुल 8 विशेष उड़ानें संचालित होने की उम्मीद है। इन उड़ानों के माध्यम से 1500 से अधिक भारतीयों को अपने देश वापस लाया जा सकेगा।

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