-अरुणाभ रतूड़ी
प्रधानमंत्री ने अफगानिस्तान के सिख-हिंदू प्रतिनिधिमंडल से मुलाकात की।
प्रतिनिधियों ने संकट के समय उनकी सहायता करने तथा उन्हें अफगानिस्तान से सुरक्षित भारत लाने की व्यवस्था करने के लिए प्रधानमंत्री को धन्यवाद दिया।
आप अतिथि नहीं बल्कि अपने ही घर में हैं, भारत आपका घर है : प्रधानमंत्री
प्रतिनिधियों ने सीएए के लिए प्रधानमंत्री को धन्यवाद दिया; उन्हें दुनिया का प्रधानमंत्री करार दिया
प्रतिनिधियों ने कहा कि उनकी आंखों में आंसू आ गए थे जब उन्होंने उन्हें समुचित सम्मान के साथ गुरु ग्रंथ साहिब के स्वरूप को अफगानिस्तान से भारत वापस लाने के लिए विशेष व्यवस्था के बारे में सुना
प्रधानमंत्री ने समुदाय को सभी समस्याओं और कठिनाइयों का समाधान करने के लिए भविष्य में निरंतर सहायता करने का भरोसा दिलाया
प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने आज सुबह 7 लोक कल्याण मार्ग पर अफगानिस्तान के सिख-हिंदू प्रतिनिधिमंडल के सदस्यों से मुलाकात की। उन्होंने प्रधानमंत्री को सम्मानित किया और अफगानिस्तान से सिखों और हिंदुओं को सुरक्षित रूप से भारत लाने के लिए उन्हें धन्यवाद भी दिया।
प्रधानमंत्री ने प्रतिनिधिमंडल का स्वागत किया और कहा कि वे अतिथि नहीं है बल्कि अपने ही घर में हैं, उन्होंने यह भी कहा कि भारत उनका घर है। उन्होंने अफगानिस्तान में उनके सामने आने वाली अत्यधिक कठिनाइयों तथा उन्हें सुरक्षित भारत लाने के लिए सरकार द्वारा उपलब्ध कराई गई सहायता के बारे में चर्चा की। इस आलोक में, उन्होंने नागरिकता संशोधन अधिनियम के महत्व तथा समुदाय के लिए इसके लाभ के बारे में भी बात की। उन्होंने उन्हें भविष्य में भी निरंतर सहायता करने के साथ-साथ उनके सामने आने वाली सभी समस्याओं और कठिनाइयों को हल करने का भरोसा दिलाया।
प्रधानमंत्री ने गुरु ग्रंथ साहिब के सम्मान की परम्परा के महत्व के बारे में भी चर्चा की। जिसके आलोक में गुरु ग्रंथ साहिब के स्वरूप को अफगानिस्तान से वापस लाने के लिए विशेष व्यवस्था की गई थी। उन्होंने पिछले कुछ वर्षों में अफगानिस्तान के नागरिकों से प्राप्त अपार प्रेम की भी चर्चा की तथा काबुल की अपनी यात्रा का स्मरण किया।
श्री मनजिंदर सिंह सिरसा ने समुदाय को सुरक्षित वापस लाने के लिए भारत से सहायता भेजने के लिए प्रधानमंत्री को धन्यवाद दिया और कहा कि जब कोई भी उनके साथ नहीं खड़ा था तो प्रधानमंत्री ने निरंतर समर्थन तथा समय पर सहायता सुनिश्चित की। प्रतिनिधि मंडल के अन्य सदस्यों ने भी संकट के समय उनके लिए खड़े होने के लिए प्रधानमंत्री को धन्यवाद दिया। उन्होंने कहा कि उनकी आंखों में आंसू आ गए थे जब उन्होंने उन्हें समुचित सम्मान के साथ गुरुग्रंथ साहिब के स्वरूप को अफगानिस्तान से भारत वापस लाने के लिए विशेष व्यवस्था के बारे में सुना। उन्होंने सीएए लाने के लिए भी उन्हें धन्यवाद दिया, जो उनके समुदाय के सदस्यों के लिए अत्यधिक मददगार होगा। उन्होंने कहा कि वह केवल भारत के प्रधानमंत्री नहीं है बल्कि दुनिया के प्रधानमंत्री हैं, क्योंकि वह दुनियाभर में विशेष रूप से हिंदुओं और सिखों के सामने आने वाली कठिनाइयों को समझते हैं तथा ऐसे सभी मामलों में तत्काल सहायता उपलब्ध कराने के लिए हरसंभव प्रयास करते हैं। इस अवसर पर केन्द्रीय मंत्री श्री हरदीप सिंह पुरी तथा केन्द्रीय राज्य मंत्री सुश्री मीनाक्षी लेखी भी उपस्थित थीं। ———————————————–प्रधानमंत्री ने इंदौर में ठोस अपशिष्ट आधारित गोबर-धन संयंत्र का उद्घाटन किया।
समय के साथ इंदौर ज्यादा अच्छे के लिए बदला लेकिन देवी अहिल्याबाई की प्रेरणा कभी नहीं खोई और आज इंदौर भी स्वच्छता और नागरिक कर्तव्य की याद दिलाता है”
“कचरे से गोबर धन, गोबर धन से स्वच्छ ईंधन, स्वच्छ ईंधन से ऊर्जा एक जीवन पुष्टि श्रृंखला है”
“आने वाले दो वर्षों में 75 बड़े नगर निकायों में गोबर धन बायो सीएनजी संयंत्र स्थापित किए जाएंगे”
“सरकार ने समस्याओं के त्वरित अस्थायी समाधान के बजाय स्थायी समाधान प्रदान करने का प्रयास किया है”
“2014 से देश की कचरा निपटान क्षमता में 4 गुना वृद्धि हुई है। एकल उपयोग प्लास्टिक से छुटकारा पाने के लिए 1600 से अधिक निकायों को सामग्री रिकवरी की सुविधा मिल रही है”
“सरकार का प्रयास अधिकांश भारतीय शहरों को जल समृद्ध (वाटर प्लस) बनाना है। स्वच्छ भारत मिशन के दूसरे चरण में इस पर जोर दिया जा रहा है।”
“हम अपने सफाई कर्मचारियों के प्रयासों और समर्पण के लिए उनके ऋणी हैं”
प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने आज इंदौर में वीडियो कॉफ्रेंसिंग के माध्यम से “गोबर-धन (बायो-सीएनजी) संयंत्र” का उद्घाटन किया। इस अवसर पर मध्य प्रदेश के राज्यपाल मंगूभाई सी. पटेल, मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान, केंद्रीय मंत्री श्री हरदीप सिंह पुरी, डॉ. वीरेंद्र कुमार और श्री कौशल किशोर उपस्थित थे।
इस अवसर पर प्रधानमंत्री ने अपने संबोधन की शुरुआत रानी अहिल्याबाई को श्रद्धांजलि देने और इंदौर शहर से उनके जुड़ाव को याद करने के साथ की। उन्होंने कहा कि इंदौर का उल्लेख देवी अहिल्याबाई होल्कर और उनकी सेवा भावना की याद दिलाता है। प्रधानमंत्री ने कहा कि समय के साथ इंदौर ज्यादा अच्छे के लिए बदला, लेकिन देवी अहिल्याबाई की प्रेरणा कभी नहीं खोई और आज इंदौर भी स्वच्छता और नागरिक कर्तव्य की याद दिलाता है। श्री मोदी ने काशी विश्वनाथ धाम में देवी अहिल्याबाई की सुंदर प्रतिमा का भी उल्लेख किया।
प्रधानमंत्री ने गोबर धन के महत्व पर जोर दिया और बताया कि गीला शहरी घरेलू कचरा और मवेशियों तथा खेत से निकलने वाला कचरा गोबर धन है। उन्होंने कहा कि कचरे से गोबर धन,गोबर धन से स्वच्छ ईंधन और स्वच्छ ईंधन से ऊर्जा, ये श्रृंखला जीवनदान का निर्माण करती है। प्रधानमंत्री ने बताया कि आने वाले दो वर्षों में 75 बड़े नगर निकायों में गोबर धन बायो सीएनजी संयंत्र स्थापित किए जाएंगे। उन्होंने कहा,”यह अभियान भारतीय शहरों को स्वच्छ बनाने, प्रदूषण रहित बनाने और स्वच्छ ऊर्जा की दिशा में लंबा सफर तय करेगा।” प्रधानमंत्री ने कहा कि सिर्फ शहरों में ही नहीं, गांवों में भी गोबर धन के संयंत्र लग रहे हैं, जिससे किसानों को अतिरिक्त आमदनी हो रही है। उन्होंने कहा कि इससे भारत की जलवायु प्रतिबद्धताओं को पूरा करने के साथ-साथ आवारा और असहाय मवेशियों की समस्या से निपटने में मदद मिलेगी।
प्रधानमंत्री ने कहा कि पिछले सात वर्षों के दौरान सरकार ने समस्याओं के त्वरित अस्थायी समाधान के बजाय स्थायी समाधान देने का प्रयास किया है। उन्होंने कहा कि स्वच्छ भारत मिशन के दूसरे चरण में सरकार हजारों एकड़ भूमि पर फैले लाखों टन कचरे को हटाने के लिए काम कर रही है जिससे वायु और जल प्रदूषण हो रहा है और इनसे कई बीमारियां हो रही हैं। स्वच्छ भारत अभियान ने महिलाओं की गरिमा और शहरों तथा गांवों के सौंदर्यीकरण को भी बढ़ावा दिया। उन्होंने कहा कि अब गीले कचरे के निस्तारण पर ध्यान दिया जा रहा है। सरकार अगले 2-3 साल में कचरे के इन पहाड़ों को हरित-क्षेत्र में बदलने की कोशिश कर रही है। उन्होंने इस बात पर भी प्रसन्नता व्यक्त की कि 2014 के बाद से देश की कचरा निपटान क्षमता में 4 गुना वृद्धि हुई है। एकल उपयोग प्लास्टिक से छुटकारा पाने के लिए 1600 से अधिक निकायों को सामग्री रिकवरी की सुविधा मिल रही है।
प्रधानमंत्री ने स्वच्छता और पर्यटन के बीच की कड़ी को भी रेखांकित किया और कहा कि जहां स्वच्छता होती है वहां पर्यटन होता है और वहां एक नई अर्थव्यवस्था चल पड़ती है। उन्होंने इस संबंध में उदाहरण के तौर पर स्वच्छ शहर के रूप में इंदौर की सफलता में रुचि का हवाला दिया। उन्होंने कहा, “सरकार का यह प्रयास है कि अधिक से अधिक भारतीय शहरों को जल समृद्ध (वाटर प्लस) बनाया जाए। स्वच्छ भारत मिशन के दूसरे चरण में इस पर जोर दिया जा रहा है।
प्रधानमंत्री ने पेट्रोल में इथेनॉल मिश्रण में वृद्धि का उल्लेख किया जो पिछले 7-8 वर्षों में 1 प्रतिशत से बढ़कर लगभग 8 प्रतिशत हो गया है। इस अवधि के दौरान इथेनॉल की आपूर्ति 40 करोड़ लीटर से बढ़कर 300 करोड़ लीटर हो गई, जिससे चीनी मिलों और किसानों को मदद मिली।
प्रधानमंत्री ने बजट में लिए गए एक अहम फैसले के बारे में भी बताया। उन्होंने बताया कि यह निर्णय लिया गया है कि कोयला आधारित बिजली संयंत्र भी पराली का उपयोग करेंगे। उन्होंने कहा कि इससे किसानों की परेशानी कम करने में मदद मिलेगी और किसानों को कृषि-कचरे से अतिरिक्त आय भी होगी।
प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने अथक रूप से स्वच्छता कार्य करने के लिए देश के लाखों सफाई कर्मियों के प्रति आभार व्यक्त किया। प्रधानमंत्री ने महामारी के दौरान सेवा की भावना के लिए विशेष रूप से उन्हें धन्यवाद दिया। उन्होंने याद दिलाया कि कैसे उन्होंने कुंभ के दौरान प्रयागराज में सफाई कर्मियों के पैर धोकर उनके प्रति उन्होंने अपना सम्मान दिखाया था।
पृष्ठभूमि
प्रधानमंत्री ने हाल ही में “कचरा मुक्त शहर” बनाने के समग्र दृष्टिकोण के साथ स्वच्छ भारत मिशन शहरी 2.0 का शुभारंभ किया। मिशन को “अपशिष्ट से धन”, और “वृत्तीय अर्थव्यवस्था” के व्यापक सिद्धांतों के तहत संसाधन वसूली को अधिकतम करने के लिए लागू किया जा रहा है – दोनों का उदाहरण इंदौर बायो-सीएनजी संयंत्र में है।
आज उद्घाटन किए गए इस संयंत्र की क्षमता प्रतिदिन 550 टन गीले जैविक कचरे को अलग करने की है। इससे प्रति दिन लगभग 17,000 किलोग्राम सीएनजी और 100 टन प्रति दिन जैविक खाद का उत्पादन होने की उम्मीद है। प्लांट जीरो लैंडफिल मॉडल पर आधारित है, जिससे कोई कचरा रिजेक्ट नहीं होगा। इसके अतिरिक्त, इस परियोजना से ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन में कमी, उर्वरक के रूप में जैविक खाद के साथ हरित ऊर्जा जैसे कई पर्यावरणीय लाभ मिलने की उम्मीद है।
इस परियोजना को लागू करने के लिए एक विशेष प्रयोजन वाहन के रूप में इंदौर नगर निगम (आईएमसी) और इंडो एनवायरो इंटीग्रेटेड सॉल्यूशंस लिमिटेड (आईईआईएसएल) द्वारा एक सार्वजनिक निजी भागीदारी मॉडल के तहत आईईआईएसएल द्वारा 150 करोड़ रुपये के 100 प्रतिशत पूंजी निवेश के साथ इंदौर क्लीन एनर्जी प्राइवेट लिमिटेड को स्थापित किया गया है। इंदौर नगर निगम इस संयंत्र द्वारा उत्पादित सीएनजी का न्यूनतम 50% खरीदेगा और अपनी तरह की पहली पहल में, सीएनजी पर 400 सिटी बसें चलाएगा। बाकी उत्पादित सीएनजी खुले बाजार में बेची जाएगी। जैविक खाद कृषि और बागवानी उद्देश्यों के लिए रासायनिक उर्वरकों को बदलने में मदद करेगी।
भारत सरकार पूरे देश में पब्लिक इलेक्ट्रिक व्हीकल चार्जिंग आधारभूत संरचना का विस्तार करेगी
सरकार के प्रयासों से पिछले चार महीनों में 9 बड़े शहरों में चार्जिंग स्टेशनों में 2.5 गुना वृद्धि हुई है
अक्टूबर 2021 से जनवरी 2022 के बीच इन 9 शहरों में 678 अतिरिक्त सार्वजनिक ईवी चार्जिंग स्टेशनों की स्थापना की गई
फिलहाल भारत के 1640 सार्वजनिक ईवी चार्जरों में से 9 शहरों में लगभग 940 हैं
देश भर के प्रमुख शहरों और राजमार्गों पर तेल विपणन कंपनियों की ओर से 22,000 ईवी चार्जिंग स्टेशन लगाए जाएंगे
हाल ही में विद्युत मंत्रालय ने 14 जनवरी, 2022 को ईवी चार्जिंग बुनियादी ढांचे के लिए संशोधित संगठित समेकित दिशानिर्देश और मानक जारी किए। भारत सरकार ने देश में इलेक्ट्रिक वाहनों के निर्माण और उसे अपनाने को बढ़ावा देने के लिए कई पहल की हैं। सार्वजनिक ईवी चार्जिंग बुनियादी ढांचे में काफी विस्तार के साथ इलेक्ट्रिक वाहनों ने भारतीय बाजार में कदम रखना शुरू कर दिया है।
सरकार ने निजी और सार्वजनिक एजेंसियों (बीईई, ईईएसएल, पीजीसीआईएल, एनटीपीसी आदि) को शामिल करके सार्वजनिक चार्जिंग बुनियादी ढांचे को बढ़ाने के लिए सभी तरह के (360 डिग्री) प्रयास किए हैं। उपभोक्ताओं का विश्वास जीतने और सुविधाजनक चार्जिंग नेटवर्क ग्रिड विकसित करने को लेकर कई निजी संगठन भी ईवी चार्जिंग स्टेशन लगाने के लिए आगे आ रहे हैं। विद्युत मंत्रालय (एमओपी) ने योजना बनाई है कि चार्जिंग स्टेशन 3×3 किमी ग्रिड के क्षेत्र में होने चाहिए। फिलहाल भारत में कुल 1640 चालू सार्वजनिक ईवी चार्जर हैं। इनमें से 9 शहरों (सूरत, पुणे, अहमदाबाद, बेंगलुरु, हैदराबाद, दिल्ली, कोलकाता, मुंबई और चेन्नई) में लगभग 940 चार्जिंग स्टेशन हैं।
सरकार ने शुरू में इन 9 बड़े शहरों (जिनकी आबादी 4 मिलियन (40 लाख) से अधिक है) पर अपना ध्यान केंद्रित किया है। विभिन्न कार्यान्वयन एजेंसियों के माध्यम से सरकार द्वारा किए गए आक्रामक प्रयासों के परिणामस्वरूप सार्वजनिक ईवी चार्जिंग बुनियादी ढांचे के फैलाव में तेजी से वृद्धि हुई है। इन 9 शहरों में अक्टूबर 2021 से जनवरी 2022 के बीच 678 सार्वजनिक ईवी चार्जिंग स्टेशनों की अतिरिक्त स्थापना की गई, जो पहले की संख्या का लगभग 2.5 गुना है। इसी अवधि में लगभग 1.8 लाख नए इलेक्ट्रिक वाहन भी आए। इसने उपभोक्ताओं के बीच इलेक्ट्रिक मोबिलिटी की ओर स्थानांतरित होने का अधिक विश्वास दिखाया है। इन बड़े शहरों में ईवी इंफ्रास्ट्रक्चर की परिपूर्णता के बाद सरकार की योजना है कि चरणबद्ध तरीके से अन्य शहरों में इसका विस्तार किया जाए।
भारत में इलेक्ट्रिक वाहनों को अपनाने में तेजी लाने के लिए पर्याप्त चार्जिंग इंफ्रास्ट्रक्चर की उपलब्धता प्रमुख रुकावट रही है। इस संबंध में विद्युत मंत्रालय ने देश भर में सार्वजनिक ईवी चार्जिंग बुनियादी ढांचे की तेजी से फैलाने के लिए केंद्र और राज्य स्तर पर विभिन्न साझेदारों की भूमिकाओं और जिम्मेदारियों का वर्णन करते हुए “इलेक्ट्रिक वाहनों के लिए चार्जिंग इंफ्रास्ट्रक्चर–दिशानिर्देश और मानक” जारी किए।
हाल ही में विद्युत मंत्रालय ने 14 जनवरी, 2022 को निम्नलिखित सुधारों के साथ इन दिशानिर्देशों और मानकों को संशोधित किया:
i. सार्वजनिक ईवी चार्जिंग स्टेशन संचालकों व मालिकों और इलेक्ट्रिक वाहन (ईवी) मालिकों द्वारा वसूले जाने योग्य रियायती शुल्क प्रदान करना।
ii. इलेक्ट्रिक वाहनों के मालिकों को अपने मौजूदा बिजली कनेक्शन का उपयोग कर अपने घरों या कार्यालयों में इलेक्ट्रिक वाहनों को चार्ज करने में सक्षम बनाना।
iii.सार्वजनिक चार्जिंग स्टेशन को परिचालन के नजरिए से आर्थिक रूप से व्यवहार्य बनाने को लेकर भूमि उपयोग के लिए राजस्व बंटवारा मॉडल का सुझाव दिया गया है।
iv. सार्वजनिक चार्जिंग स्टेशन (पीसीएस) को ईवी सार्वजनिक चार्जिंग के तेजी से रोलआउट के लिए कनेक्टिविटी देने को लेकर समय-सीमा निर्धारित की गई है।
v. सार्वजनिक चार्जिंग स्टेशनों के लिए तकनीकी आवश्यकताओं को सुसंपन्न किया गया है।
इस दिशा में तेल विपणन कंपनियों ने देश भर के प्रमुख शहरों और राष्ट्रीय राजमार्गों पर 22,000 ईवी चार्जिंग स्टेशन लगाने की घोषणा की है। 22,000 ईवी चार्जिंग स्टेशनों में से 10,000 आईओसीएल, 7,000 भारत पेट्रोलियम कॉरपोरेशन लिमिटेड (बीपीसीएल) और 5,000 हिन्दुस्तान पेट्रोलियम कॉरपोरेशन लिमिटेड (एचपीसीएल) द्वारा स्थापित किए जाएंगे। आईओसीएल ने पहले ही 439 ईवी चार्जिंग स्टेशन स्थापित किए हैं और अगले वर्ष में 2,000 और ईवी चार्जिंग स्टेशन लगाने की योजना है। बीपीसीएल ने 52 और एचपीसीएल ने 382 चार्जिंग स्टेशन लगाए हैं।
हाल ही में भारी उद्योग विभाग ने 25 राजमार्गों और एक्सप्रेसवे के लिए 1576 सार्वजनिक चार्जिंग स्टेशनों को मंजूरी दी है जो इन एक्सप्रेसवे व राजमार्गों के दोनों ओर प्रत्येक 25 किलोमीटर की सीमा के भीतर स्थित होंगे।