प्रदेश के मुख्यमंत्री कोविड पॉजेटिव#मुख्यमंत्री ने कोविड वैक्सिनेशन की सभी आवश्यक तैयारियां करने के निर्देश जिलाधिकारियों को दिए#एम्स में अंतराष्ट्रीय मंच आईएएमबीएसएस की पुस्तिका का विमोचन#पौड़ी गढवाल में 58 प्रोजेक्टों में से 51 प्रोजेक्टों को ऋण हेतु चुना गया।पढिए Janswar.Com में।

समाचार प्रस्तुति-नागेन्द्र प्रसाद रतूड़ी

मुख्यमंत्री करोना संक्रमित।

प्रदेश के मुख्यमंत्री ने अपने ट्वीट में अवगत कराया है कि उनकी कोविड रिपोर्ट पॉजेटिव आयी है।जिससे वे स्वयं को आईसोलेट कर रहे हैं।उन्होंने सलाह दी कि उनके संपर्क में आये व्यक्ति अपना कोविड परीक्षण करा लें।

मुख्यमंत्री ने कोविड वैक्सिनेशन की सभी आवश्यक तैयारियां करने के निर्देश जिलाधिकारियों को दिए

मुख्यमंत्री श्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने सभी जिलाधिकारियों से कोविड वेक्सिनेशन की सभी आवश्यक तैयारियां समय पर सुनिश्चित करने के निर्देश दिये है। उन्होंने इसके लिये प्राथमिकतायें निर्धारित करते हुए वेक्सिनेशन सेन्टरों के चिन्हीकरण एवं आवश्यक उपकरणों के साथ ही मैन पॉवर की उपलब्धता का पूरा प्लान समय पर सुनिश्चित किये जाने के भी निर्देश दिये है। उन्होंने स्कूलों के बजाय अस्पतालों एवं उसके आस पास क्षेत्रों में वेक्सिनेशन सेन्टर स्थापित करने को कहा है।
शुक्रवार को मुख्यमंत्री आवास में मण्डलायुक्तों के साथ ही सभी जिलाधिकारियों के साथ वीडियो कान्फ्रेसिंग के माध्यम से कोविड 19 के बचाव से सम्बन्धित व्यवस्थाओं की समीक्षा करते हुए मुख्यमंत्री श्री त्रिवेन्द्र ने सचिव स्वास्थ्य को निर्देश दिये है कि प्रदेश में सरकारी एवं निजी लैब में प्रतिदिन हो रहे टेस्टो एंव उनकी क्षमता आदि का पूरा विवरण उन्हें शीघ्र उपलब्ध कराया जाए। मुख्यमंत्री ने निर्देश दिये कि कोविड डेथ रेट को कम करने के लिए विशेष प्रयास किये जाए। कोविड के कारण जिन लोगों की मृत्यु हो रही है, किसी अन्य रोग से ग्रसित होने, देरी से अस्पताल में पहुंचने या अन्य किस कारण से हो रही है, इसका पूरा विश्लेषण किया जाए। किसी भी कोविड के मरीज को हायर सेंटर रेफर किया जाना है, तो इसमें बिल्कुल भी विलम्ब न किया जाए। रिकवरी रेट बढ़ाने के लिए और प्रयासों की जरूरत है।
मुख्यमंत्री ने जिलाधिकारियों को निर्देश दिये कि जिलों में टेस्टिंग और तेजी से बढ़ाई जाए। आरटीपीसीआर टेस्ट पर विशेष ध्यान दिया जाए। यदि व्यक्ति सिम्पटोमैटिक है, तो उनका शत प्रतिशत आरटीपीसीआर हो। यह सुनिश्चित किया जाए कि सैंपल लेने के बाद शहरी क्षेत्रों में 24 घण्टे के अन्दर व पर्वतीय क्षेत्रों में 48 घण्टे के अन्दर लोगों को कोविड की रिपोर्ट मिल जाए। कोविड से बचाव के लिए लोगों को जागरूक किया जाए कि किसी भी प्रकार के लक्षण दिखने पर कोविड कन्ट्रोल रूम एवं ट्रोल फ्री नम्बर पर कॉल करें। जो लोग होम आईसोलेशन में हैं, उनके नियमित स्वास्थ्य की जानकारी ली जाए एवं स्वास्थ्य विभाग की टीम द्वारा विजिट किया जाए। कोविड के लक्षण पाये जाने पर भी यदि कोई टेस्ट कराने के लिए मना कर रहें है, तो ऐसे लोगों पर सख्ती बरती जाए। जब तक कोरोना की वैक्सीन नहीं आती है, तब तक पूरी सर्तकता बरती जाए।
उन्होंने कहा कि अस्पतालों में भर्ती कोविड मरीजों का पूरा ध्यान रखा जाए। इसके लिए अस्पतालों की नियमित रूप से मोनिटरिंग की जाए। मुख्यमंत्री ने सभी हेल्थ वर्करों को भी मोटिवेट करने पर ध्यान देने के साथ ही प्रदेश में टेस्टिंग के लिये पूरी क्षमता का उपयोग किये जाने पर ध्यान देने को कहा।
प्रभारी सचिव स्वास्थ्य ने अपने विस्तृत प्रस्तुतीकरण के माध्यम से प्रदेश में कोविड के प्रभाव, उसके रोकथाम के लिये किये जा रहे प्रयासों की जानकारी दी। उन्होंने सभी जिलाधिकारियों से उनके जनपदों में टेस्टिंग की प्रभावी व्यवस्था सुनिश्चित करने के साथ ही वेक्सिनेशन प्लान आवश्यक तकनीकि कार्मिकों वैक्सीन सेन्टरों की स्थापना आदि का पूरा प्लान तैयार करने को कहा ताकि जनवरी के प्रथम सप्ताह में यदि वैक्सीन उपलब्ध हो जाती है तो निर्धारित मानकों के अनुरूप तद्नुसार त्वरित कार्यवाही सुनिश्चित की जा सके।
बैठक में मुख्य सचिव श्री ओमप्रकाश, प्रभारी सचिव श्री एस. ए. मुरूगेशन, श्री युगल किशोर पंत, डी.आई.जी. श्रीमती रिद्विम अग्रवाल सहित वीडियो कान्फ्रेसिंग के माध्यम से आयुक्त कुमाऊं श्री अरविन्द ह्यांकी, आयुक्त गढ़वाल श्री रविनाथ रमन एवं सभी जिलाधिकारी जुड़े थे।


एम्स में अंतराष्ट्रीय मंच आईएएमबीएसएस की पुस्तिका का विमोचन

अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान एम्स ऋषिकेश में आयोजित कार्यक्रम में शुक्रवार को अंतर्राष्ट्रीय मंच इंटिग्रेटेड एसोसिएशन ऑफ मेडिकल, बेसिक एंड सोशल साइंटिस्ट (आईएएमबीएसएस) की पुस्तिका विमोचन किया गया। इस अवसर पर वक्ताओं ने विज्ञान, चिकित्सा एवं सामाजिक समरसता विषय पर व्याख्यानमाला प्रस्तुत की। जिसमें उन्होंने कहा कि हमारे समाज में समरसता एवं एकीकृत होकर कार्य करने की इच्छा शक्ति दृढ़ होने से ही भारत को पुन: विश्वगुरु की पदवी प्राप्त हो सकती है। कार्यक्रम के तहत आईएएमबीएसएस की ओर से आयोजित रक्तदान शिविर में 35 लोगों ने महादान किया। शुक्रवार को आईएएसबीएसएस की ओर से आयोजित समारोह में मुख्य अतिथि राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ की केंद्रीय कार्यकारिणी के सदस्य अशोक बेरी जी व कार्यक्रम अध्यक्ष एम्स निदेशक पद्मश्री प्रोफेसर रवि कांत जी ने अन्य अतिथियों के साथ संस्था की वार्षिक पुस्तिका का विधिवत विमोचन किया। समारोह की अध्यक्षता करते हुए निदेशक एम्स पद्मश्री प्रो. रवि कांत जी ने कहा कि चिकित्सा शिक्षा में मेडिकल साइंस के साथ- साथ व्यवहारिक ज्ञान को भी सम्मिलित किया जाना नितांत आवश्यक है, जिससे चिकित्सक व आम व्यक्ति के मध्य संवादहीनता नहीं हो। उन्होंने कहा कि कम्यूनिकेशन स्किल के ज्ञान के बिना आप अपनी बात को सही तरीके से दूसरे व्यक्ति तक नहीं पहुंचा सकते। मुख्य अतिथि आरएसएस की केंद्रीय कार्यकारिणी के सदस्य अशोक बेरी जी ने कहा कि समाज में एक- दूसरे के प्रति भेदभाव से समाज बंट रहा है,लिहाजा इस मान​ को सामुहिक प्रयासों से समाप्त किया जाना चाहिए, तभी किसी समाज व राष्ट्र की उन्नति हो सकती है। उन्होंने बताया कि कोरोना वायरस संक्रमण के बाद विश्व के वैज्ञानिक मनुष्य में रोगों के बढ़ने के कारणों के साथ साथ इम्युनिटी डेवलपमेंट विषय पर शोधकार्य में जुटे हुए हैं। खासकर कोविड19 का दुनिया के मुकाबले भारत में कम असर के मद्देनजर यहां के खान-पान पर खासतौर से अध्ययन कर रहे हैं। संस्थान के डीन एकेडमिक प्रोफेसर मनोज गुप्ता जी ने आईएएमबीएसएस की समाज के विभिन्न वर्गों में समन्वय के प्रयासों की सराहना की और इसे अच्छी पहल बताया। उन्होंने कहा कि हमारे समाज को इस तरह के रचनात्मक प्रयासों की नितांत आवश्यकता है। तभी हम प्रगति के पथ पर अग्रसर हो सकते हैं। कार्यक्रम में विशिष्ट अतिथि उत्तराखंड आयुर्वेदिक विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. सुनिल जोशी, हंस फाउंडेशन के राज्य प्रभारी पदमेंद्र सिंह बिष्ट ने भी विचार रखे। कार्यक्रम के दौरान मुख्य अतिथि अशोक बेरी जी व निदेशक एम्स प्रो. रवि कांत जी ने संस्था की ओर से डा. मनिंदर, डा. अमित गुप्ता, डा. जितेंद्र गैरोला, डा. प्रमोद के अलावा संस्था के सदस्य संदीप, मिथलेश, अनमोल, अवधेश, सरोज भट्ट आदि को स्मृति चिह्न भेंट कर सम्मानित किया। इस अवसर पर एम्स की प्रो. सत्यावती राना, डा. बलरामजी ओमर, सूरज भट्ट, डा. सुधांशु, डा. अनिरूद्ध उनियाल आदि मौजूद थे।


पौड़ी गढवाल में 58 प्रोजेक्टों में से 51 प्रोजेक्टों को ऋण हेतु चुना गया।

पौड़ी:कोविड-19 के दौरान राज्य में वापस आये प्रवासियों एवं बेरोजगार युवकों को स्वरोजगार से जोड़ने हेतु सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम विभाग, उत्तराखण्ड शासन द्वारा
‘‘मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना‘‘ संचालित की जा रही है। योजना के अन्तर्गत जनपद पौड़ी गढ़वाल हेतु कुल 250 इकाई स्थापना के लक्ष्य के सापेक्ष 58 आवेदन पत्रों में से लाभार्थियों के चयन हेतु आज उप जिलाधिकारी कोटद्वार योगेश मेहरा की अध्यक्षता में जिला स्तरीय टाक्स फोर्स कमेटी के सदस्यों द्वारा लाभार्थियों के साक्षात्कार लिए गये।
महाप्रबन्धक जिला उद्योग केंद्र कोटद्वार मृत्युंजय सिंह ने बताया कि साक्षात्कार के माध्यम से कुल 51 प्रोजेक्ट को ऋण प्रदान करने के लिए चयनित किया गया है, जिसमें कुल 3.03 करोड़ की पूंजी निवेश तथा 139 रोजगार प्रस्तावित है। चयनित प्रोजेक्ट में जनरल स्टोर, मुर्गी पालन, बकरी पालन, रेडिमेट गारमेंट स्टोर, रेस्टोरेंट, आईसक्रीम विनिर्माण, मशरूम उत्पादन तथा गाय पालन प्रमुख हैं। योजनान्तर्गत 250 इकाई के लक्ष्य सापेक्ष अब तक कुल 665 आवेदन बैंकों को प्रेषित किये गए हैं, जिसमें से 212 व्यक्तियों को बैंकों द्वारा ऋण स्वीकृत कर दिया गया है तथा 122 व्यक्तियांे को ऋण प्रदान कर दिया गया है। उन्होंने यह भी बताया कि रोजगार सृजन की दृष्टि से यह एक महत्वपूर्ण योजना है। जिसके अंतर्गत 18 वर्ष से अधिक आयु का कोई भी व्यक्ति सेवा क्षेत्र/व्यवसाय क्षेत्र व विनिर्माण क्षेत्र के उद्यमों हेतु क्रमश 10 लाख तथा 25 लाख का ऋण बैंको के माध्यम से प्राप्त कर सकता है। बताया कि प्रोजेक्ट मूल्य का 20 प्रतिशत अनुदान देय है। बताया कि वर्तमान वित्तीय वर्ष हेतु अन्तिम साक्षात्मकार 29 दिसम्बर, 2020 को प्रस्तावित है। योजना के लाभ हेतु इच्छुक अभ्यर्थी ूूूण्उेलण्नाण्हवअण्पद पर आवेदन कर सकते हैं।
बैठक में जिला स्तरीय टाक्स फोर्स कमेटी के सदस्य शाखा प्रबन्धक यूजीबी कोटद्वार हरीश कण्डारी, डीसीओ पीएनबी पौड़ी कुणाल संजय मेहता, मुख्य प्रबन्धक(आरएसीसी) एसबीआई कोटद्वार सुशान्त गोयल, पशु चिकित्सा अधिकारी कोटद्वार डाॅ.बी.एस.गुप्ता, प्रवक्ता रा.पाॅलीटेक्नीक काॅलेज हल्दूखाल आशीष गुसांई, स.वि.अधि. खादी ग्रामोद्योग बोर्ड पौड़ी राजभारती कृषाली आदि उपस्थित थे।

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