समाचार प्रस्तुति- नागेन्द्र प्रसाद रतूड़ी
वरिष्ठ पत्रकार व राज्यआन्दोलनकारी
पुलिस महानिदेशक ने वीडियो कांन्फ्रेंसिंग कर परिक्षेत्र प्रभारियों, वरिष्ठ पुलिस अधीक्षकों को अपराध पर नियंत्रण के निर्देश दिए।
पुलिस महानिदेशक उत्तराखण्ड श्री अशोक कुमार आईपीएस द्वारा दोनों परिक्षेत्र प्रभारियों एवं एसएसपी देहरादून, हरिद्वार, नैनीताल, ऊधमसिंहनगर, पौड़ी गढ़वाल के साथ पुलिस मुख्यालय स्थित सभागार में वीडियो कान्फ्रेसिंग के माध्यम से अपराध एवं अपराधियों के विरूद्ध चलाए जा रहे विशेष अभियान एवं दिनांक 08 दिसम्बर को किसानों द्वारा प्रस्तावित भारत बन्द के सम्बन्ध में शान्ति एवं कानून व्यवस्था की तैयारियों की समीक्षा की। वीडियो कान्फ्रेसिंग के दौरान डीजीपी द्वारा निम्न बिंदुओं पर दिशा-निर्देश दिये गये।
प्रस्तावित भारत बन्द के दृष्टिगत सभी जनपद प्रभारी लोगों से सम्पर्क व मीटिंग कर उनसे बन्द को शान्तिपूर्वक करने का आवाहन करें। यह भी सुनिश्चित कर लें कि जबरदस्ती बन्द नहीं कराया जाए और हिंसा किसी भी रूप में बर्दाशत नहीं की जाएगी।
जनपद प्रभारी जिलाधिकारी के साथ समन्वय स्थापित कर जोन एवं सेक्टर में पुलिस अधिकारियों के साथ सम्बन्धित मजिस्ट्रेटों की नियुक्ति सुनिश्चित कर लें।
स्थानीय अभिसूचना तंत्र को सर्तक रखते हुये सूचना संकलित करने के निर्देश दिये गये।
अफवाहों को किसी भी दशा में फैलने न दिया जाये, सोशल मीडिया पर निरन्तर निगरानी रखी जाये यदि कोई भ्रामक सूचना फैलायी जाती है, तो तुरन्त उसका प्रतिरोध किया जाये तथा भ्रामक सूचना फैलाने वाले के विरुद्ध कार्यवाही की जाये।
अपराध एवं अपराधियों के विरूद्ध चलाया जा रहा विशेष अभियान एक ऑपरेशनल अभियान है। इसे मेहनत करके सभी ने सफल बनाना है। ईनामी एवं वांछित अपराधियों की गिरफ्तारी युद्धस्तर पर सुनिश्चित की जाए।
बड़े अपराधी जिन पर रूपए 5000/- से अधिक का ईनाम है, इनकी गिरफ्तारी में एसओजी एवं राज्य स्तर पर एसटीएफ की जिम्मेदारी भी होगी। यदि कोई कार्य में निष्क्रियता या लापरवाही करता है, तो उस पर कार्यवाही की जाए।
हिस्ट्रीशीटरों पर फोकस बढ़ाऐं और उनका सत्यापन व निगरानी सुनिश्चित करें।
पांच साला सक्रिय अपराधियों को चिन्हित कर उनके विरूद्ध कार्यवाही सुनिश्चित करें। साथ ही जनपद स्तर पर टाॅप 10 एवं टाॅप 05 अपराधियों का भी चिन्हीकरण करते हुए उनपर कार्यवाही सुनिश्चित करें।
एम्स ऋषिकेश में युवक को जटिल न्यूरो ऑपरेशन कर उसे रोगमुक्त किया।
अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान ऋषिकेश के न्यूरो सर्जरी विभाग के विशेषज्ञ चिकित्सकों ने राजस्थान निवासी एक युवक का जटिल न्यूरो ऑपरेशन कर उसे नया जीवन दिया है। न्यूरो की जटिल समस्या के चलते उक्त युवक पिछले तीन साल से अपने पैरों पर नहीं चल पाता था व उसका पूरा शरीर सुन्न पड़ गया था,लिहाजा उसे घर के दो लोग उठाकर एक से दूसरी जगह ले जाते थे। एम्स निदेशक पद्मश्री प्रोफेसर रवि कांत ने जटिल केस की सफलतापूर्वक सर्जरी करने पर न्यूरो सर्जरी विभाग के चिकित्सकों की सराहना की है। निदेशक पद्मश्री प्रो.रवि कांत ने बताया कि संस्थान में मरीजों को वर्ल्ड क्लास स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध कराई जा रही हैं। उन्होंने बताया कि भविष्य में संस्थान में माइक्रो न्यूरो सर्जिकल स्किल लैब की स्थापना की जाएगी, ताकि यहां पर पढ़ने वाले स्टूडेंट्स व युवा न्यूरो शल्य क्रिया चिकित्सक भी इस तरह की जटिल सर्जरी में दक्षता हासिल कर सकें व इसका लाभ मरीजों को मिल सके।
एम्स के जनसंपर्क विभाग की जानकारी के अनुसार राजस्थान के कंकोली गांव निवासी 27 वर्षीय युवक को न्यूरो संबंधी दिक्कतों के चलते पिछले तीन वर्षों से पांव से चलने फिरने में तकलीफ रहती थी। जिसे एक स्थान से दूसरे स्थान पर आने जाने के लिए दो लोगों की सहायता की आवश्यकता होती थी। न्यूरो की जटिल बीमारी से ग्रसित युवक का सीने से नीचे का पूरा शरीर सुन्न पड़ गया था व उसके शरीर के निचले हिस्से में हरवक्त दर्द बना रहता था। जिस पर किसी भी दवा का कोई असर नहीं होता था। चिकित्सकों के अनुसार युवक का पिछले एक वर्ष से शौच व पेशाब का कंट्रोल भी खत्म हो गया था। युवक ने राजस्थान के कई अस्पतालों में अपना उपचार किया व चिकित्सकीय परामर्श लिया मगर कोई लाभ नहीं मिला। इसके बाद उक्त युवक ने जयपुर व दिल्ली के कई बड़े अस्पतालों में चिकित्सकों से अपना उपचार कराया मगर कोई लाभ नहीं मिला
युवक ने बताया कि उसने जहां भी न्यूरो सर्जन से परीक्षण कराया, सभी ने उसके ऑपरेशन में बड़ा रिस्क बताकर टाल दिया। साथ ही उसे बताया गया कि उसके पैरों में जीवनभर लकवे की शिकायत बनी रहेगी और वह कभी भी अपने पैरों पर नहीं चल पाएगा। सभी अस्पतालों से मायूस हो, थक-हारकर आखिरकार युवक ने अपने इलाज के लिए ऋषिकेश एम्स की ओर रुख किया। यहां न्यूरो सर्जरी विभाग में चिकित्सकों ने युवक का एमआरआई कराया,जिसमें मरीज की स्पाइनल काॅर्ड में गांठ पाई गई। जिसके बाद एम्स के विशेषज्ञ चिकित्सकों ने उसके ऑपरेशन का निर्णय लिया। जटिल सर्जरी के बाद चिकित्सकों ने युवक की स्पाइनल कॉर्ड में बनी गांठ को निकाल दिया। एम्स में सफलतापूर्वक सर्जरी के बाद युवक 4 से 5 दिनों में हल्के सहारे के साथ अपने पैरों पर स्वयं चल पा रहा है, साथ ही उसके पेशाब का कंट्रोल भी आ गया है। विशेषज्ञों ने बताया कि जल्द ही युवक सामान्य जीवनयापन करने लगेगा। सफलतापूर्वक हाईरिस्क सर्जरी को अंजाम देने वाली टीम में न्यूरो सर्जरी विभाग के प्रोफेसर राधेश्याम मित्तल, डा. रजनीश कुमार अरोड़ा,राजशेखर शामिल थे, साथ ही न्यूरो एनेस्थिसिया विभाग की टीम ने सहयोग किया।
सशस्त्र झण्डा दिवस के अवसर पर सैनिक कल्याण व पुनर्वास अधिकारी ने जिलाधिकारी को प्रतीक झण्डा लगाया।
सशस्त्र झण्डा दिवस के अवसर पर आज विकास भवन परिसर, पौड़ी में जिला सैनिक कल्याण एवं पुनर्वावस अधिकारी, पौड़ी मेजर करन सिंह(अ.प्रा.) द्वारा जिलाधिकारी गढ़वाल श्री धीराज सिंह गर्ब्याल को प्रतीक झण्डा लगाया। इस अवसर पर जिलाधिकारी ने कहा कि मातृभूमि की रक्षा करते हुए कई सैनिक अपने जीवन का बलिदान दे जाते हैं तो कई अपंग हो जाते हैं जिसके कारण उनके मासूम बच्चे एवं परिवार बेसहारा हो जाते हैं। ऐसे में इन परिवारांे को देश के नागरिकों के सहयोग की नितांत आवश्यकता होती है। कहा कि हम सबका परम कत्र्तव्य है कि सशस्त्र सेनाओं के बहादूर जवानों की शहादत को याद करते हुए उनके प्रति सम्मान व्यक्त करते हुए समर्पित भावना से उनके परिवार के कल्याण के लिए झण्डा दिवस सहयोग राशि जमा करें।
जनपद के समस्त कार्यालयों में भी संबंधित अधिकारी/कर्मचारियों द्वारा झण्डा लगाकर सशस्त्र सेनाओं के बहादूर जवानों के प्रति सम्मान व्यक्त करते हुए समर्पित भावना से झण्डा दिवस सहयोग राशि जमा की गई।
इस अवसर पर एपीडी सुनील कुमार, सैनिक कल्याण से रवीन्द्र, सुरेन्द्र मौजूद थे।