पिथौरागढ़ जिले स्थित भूदृश्य को यूनेस्को द्वारा भारतीय विश्व धरोहरों की अनन्तिम सूची में शामिल होने पर मुख्यमंत्री ने प्रसन्नता व्यक्त की।@@ कुछ अधिकारियों के दायित्वों में फेरबदल @@@ सरकार 1रुपया वह किलो खरीदेगी पिरुल।पढिए janswar.com में राज्य मान्यता प्राप्त पत्रकार नागेन्द्र प्रसाद रतूड़ी की प्रस्तुति।

उत्तराखण्ड के पिथौरागढ़ जिले में स्थित भूदृश्य को यूनेस्को द्वारा भारतीय विश्व धरोहरों की अनन्तिम सूची में शामिल किया गया है। इस पर प्रसन्नता व्यक्त करते हुए मुख्यमंत्री श्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने कहा कि यदि यह क्षेत्र विश्व धरोहर के रूप में यूनेस्को की विश्व धरोहर के रूप में शामिल होता है, तो इससे देश व दुनिया में पर्यटन के क्षेत्र में भी उत्तराखण्ड को विशेष पहचान मिलेगी। मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि  जब कोई क्षेत्र विश्व धरोहर के रूप में विकसित होता है तो ऐसे क्षेत्रों को पर्यटन एवं सांस्कृतिक विरासत के प्रमुख केन्द्र बनने में मदद मिलती है।
पिथौरागढ़ जनपद में स्थित भूदृश्य को ‘‘पवित्र पर्वतीय भूदृश्य और विरासत मार्ग’’ के नामांकन का प्रस्ताव यूनेस्को को गया था। जिसे यूनेस्को के हेरिटेज केन्द्र, पेरिस द्वारा स्वीकार करते हुए भारतीय विश्व धरोहरों की अनन्तिम सूची में जोड़ा गया है।  
मुख्यमंत्री श्री त्रिवेन्द्र ने कहा कि इस सम्बन्ध में वन, पर्यटन व संस्कृति विभाग को भी भारतीय वन्य जीव संस्थान के साथ आपसी समन्वय बनाते हुए इससे सम्बन्धित प्रक्रियाओं को आगे बढ़ाने में सहयोगी बनाया जायेगा। इसके लिए संस्कृति विभाग को नोडल विभाग नामित करने के भी उन्होंने निर्देश दिये।  
गुरूवार को सचिवालय में मुख्यमंत्री श्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत से भारतीय वन्यजीव संस्थान के निदेशक डॉ. विनोद बी माथुर ने भेंट की। उन्होंने मुख्यमंत्री को अवगत कराया कि  पिथौरागढ़ जनपद में स्थित भूदृश्य क्षेत्र को जो अपनी सांस्कृतिक, पारिस्थितिकीय एवं ऐतिहासिक महत्व का क्षेत्र है। इस क्षेत्र की महत्वपूर्ण सांस्कृतिक और प्राकृतिक विशेषताओं के कारण विश्व धरोहर में शामिल होने की अच्छी संभावनाएं हैं। उन्होंने बताया कि 2016 में भारतीय वन्यजीव संस्थान देहरादून में स्थित एशिया व प्रशांत क्षेत्र के लिए विश्व प्राकृतिक धरोहर प्रबंधन व प्रशिक्षण हेतु यूनेस्को श्रेणी 2 केन्द्र, कैलाश भूदृश्य को विश्व धरोहर स्थल के रूप में नामांकन कराये जाने की प्रक्रिया से जुड़ा है।
इस अवसर पर सचिव वित्त श्री अमित नेगी, सचिव पर्यटन एवं संस्कृति श्री दिलीप जावलकर, हार्क के निदेशक श्री महेन्द्र सिंह कुंवर आदि उपस्थित थे।

@@@@@@@@@@@@@@@@@@@@@ उत्तराखण्ड शासन के कार्मिक एवं सतर्कता अनुभाग -1 के आदेश सं0 537XXX-1-2019 ,दिनांक 04 ,जुलाई 2019 के अनुसार निम्न अधिकारियों‌ के दायित्वों में निम्न परिवर्तन किया गया है।
श्री सुशील कुमार IAS को अपर आयुक्त खाद्य नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता मामले(आपूर्ति शाखा/आईटी) के दायित्व से कार्यमुक्त कर श्री रणवीर सिंह चौहान IAS को यह दायित्व दिया गया है श्री उमेश नारायण पाण्डेय PCS को निबन्धक सहकारिता के दायित्व से मुक्त कर यह दायित्व श्री बी एम मिश्र IAS को दिया गया है।श्री अभिषेक त्रिपाठी PCS को सचिव उत्तराखण्ड चिकित्सा सेवा चयन बोर्ड देहरादून के अतिरिक्त दायित्व से मुक्त कर उन्हें संयुक्त आयुक्त‌खाद्य सुरक्षा एवं औषधि नियंत्रण दिया गया। श्रीमती गरिमा रौंकली सचिवालय सेवा को अपर सचिव चिकित्सा,स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण,आवास और सचिव उत्तराखण्ड चिकित्सा सेवा चयन बोर्ड देहरादून का दायित्व सौंपा गया।श्री अतर सिंह सचिवालय सेवा को‌अपर महानिदेशक कारागार का दायित्व सौंपा गया।इन अधिकारियों के पास पूर्व में सौंपे गये अन्य दायित्व यथावत रहेंगे।

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सरकार 1रुपया वह किलो खरीदेगी पिरुल।

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