समाचार प्रस्तुति-अरुणाभ रतूड़ी
प्रदेश के परिवहन मंत्री यशपाल आर्य ने विधान सभा कक्ष में राज्य सड़क सुरक्षा परिषद विषय के संबंध में बैठक की। उन्होने बैठक में वर्ष 2022 तक दुर्धटना की संख्या आधी करने का लक्ष्य निर्धारण करने हेतु निर्देश दिये।
आवश्यक दिशा-निर्देश देते हुए कहा कि प्रवर्तन कार्य पर जोर दिया जाय, लाईसेन्स निलम्बित करने के साथ निरस्तीकरण की भी कार्यवाही की जाय। पुलिस विभाग को चालान की संख्या में वृद्धि करने के निर्देश दिये गये। इसके लिए आॅन लाईन ट्रैकिंग व्यवस्था और ई-चालान सिस्टम को अपग्रेड किया जाय। इसके अलावा प्रवर्तन कार्य के सुदृढीकरण हेतु हाइवे पेट्रोल यूनिट के गठन की कार्यवाही तेज कर दी जाय।
बैठक में कहा गया कि ट्रैफिक नियमों का पालन की समीक्षा की जाय, चिन्हित दुर्धटना सम्भावित स्थलों का चिन्हिकरण एवं सुघारीकरण के लिए स्थलों पर क्रश बैरियर का निर्माण और रोड सेफ्टी आडिट कराया जाय।
मंत्री श्री यशपाल आर्य ने कहा, जनपद स्तरीय सड़क सुरक्षा समिति की निरन्तर बैठक ली जाय। जनपद स्तरीय सड़क सुरक्षा समिति की वर्ष में दो बैठक होना अनिवार्य है। इस सम्बन्ध में देहरादून और उधमसिंह नगर में निर्धारित बैठक पूर्ण करने के निर्देश दिये गये है।
दुर्धटना रोकने के लिए जगरूकता अभियान बढाने के निर्देश दिये गये इस सम्बन्ध में पुलिस प्रशासन, स्वस्थ्य, परिवहन विभाग के समन्वय से कार्यवाही की जाय। टैªफिक अवेयरनेश सेन्टर खोलने के लिए भूमि चयन की कार्यवाही एक माह के भीतर कर ली जाय।
इस अवसर पर परिवहन सचिव, शैलेश बगोली, सचिव पीडब्लूडी, आर के सुधांशु, सचिव, आयुक्त गढ़वाल मंडल रविनाथ रामन, इत्यादि अधिकारी उपस्थित थे।
पौड़ी:जिलाधिकारी श्री धीराज सिंह गर्ब्याल ने बताया कि मा. सांसद (लोक सभा) एवं अध्यक्ष जिला विकास समन्वय एवं निगरानी समिति ‘‘दिशा‘‘ पौड़ी गढ़वाल श्री तीरथ सिंह रावत की अनुमति से जनपद पौड़ी गढ़वाल की जिला विकास समन्वय एवं निगरानी समिति ‘‘दिशा‘‘ की बैठक दिनांक 23 अक्टूबर, 2020 को प्रातः 11ः00 बजे से विकास भवन सभागार पौड़ी में आहूत की जायेगी। पूर्व में यह बैठक 19 अक्टूबर, 2020 को प्रस्तावित थी, जो अपरिहार्य कारणों से अब 23 अक्टूबर, 2020 को आयोजित की जायेगी।
मुख्य विकास अधिकारी पौड़ी ने विभिन्न योजनाओं की समीक्षा बैठक ली।
मुख्य विकास अधिकारी आशीष भटगांई ने आज विकास भवन सभागार, पौड़ी में जिला सेक्टर, राज्य सेक्टर, केन्द्र पोषित एवं बाह्य सहायतित योजना एवं बीस सूत्री कार्यक्रमों की समीक्षा बैठक ली। उन्होंने जिला सेक्टर, राज्य सेक्टर एवं बीस सूत्रीय कार्यक्रमों के अन्तर्गत कम प्रगति करने वाले विभागों को गुणवत्ता का ध्यान रखते हुए प्राथमिकता के आधार पर कार्यों में प्रगति लाने के निर्देश दिये। वहीं टास्कफोर्स के अन्तर्गत नियमित रूप से विजिट करते हुए प्रगति लाने को कहा। कहा कि सभी विभाग नियमित रूप से मण्डल स्तर पर भी तुलनात्मक आधार पर कार्य करना सुनिश्चित करें, जिससे कि विकास के कार्यों में प्रगति लाई जा सके। कहा कि आगामी बैठक में कार्यों के फोटोग्राफ्स सहित छोटी-छोटी सलाइड बनाकर रूपरेखा तैयार कर प्रस्तुत करें। उन्होंने संबंधित अधिकारी को शेष धनराशि शीघ्र अवमुक्त कराने के निर्देश दिये। बैठक में डीएसओ के अनुपस्थित रहने पर स्पष्टीकरण लिये जाने के निर्देश दिये गये।
मुख्य विकास अधिकारी ने कहा कि ‘‘मुख्यमंत्री पलायन रोकथाम योजना‘‘ के तहत जनपद में चिन्ह्ति 91 गांवों के अन्तर्गत प्रथम चरण में 50 प्रतिशत जनसंख्या निवास करने वाले गांवों में आजिविका संवर्द्धन हेतु कार्य योजना तैयार कर प्रस्तुत करें। उन्होंने ‘‘जल जीवन मिशन योजना‘‘ के अन्तर्गत प्राथमिकता के आधार पर कार्य करने के साथ ही कार्याें के फोटोग्राफ्स उपलब्ध कराते हुए हर 15 दिन में रिपोर्ट भेजने के भी निर्देश दिये। जिला विकास अधिकारी ने बताया कि ‘‘जल जीवन मिशन योजना‘‘ के अन्तर्गत वर्ष 2020-21 में जनपद में 395 स्रोतांे का लक्ष्य रखा गया है। उन्होंने योजना के तहत गठित समितियों से भी अवगत कराया।
लोक निर्माण विभाग की समीक्षा के दौरान संबंधित अधिकारी द्वारा अवगत कराया गया कि जिला सेक्टर में अवमुक्त धनराशि 600 लाख के सापेक्ष 582.14 लाख व्यय तथा राज्य सेक्टर में 2709.31 लाख के सापेक्ष 1953.15 लाख व्यय किया गया। वहीं लो.नि.वि. पूल्ड आवास द्वारा अपै्रल, 2020 का अवशेष 104.79 लाख के सापेक्ष 46.47 व्यय किया गया, कम प्रगति पर सीडीओ ने शीघ्र कार्य करने के निर्देश दिये। पेयजल निगम द्वारा अवमुक्त धनराशि 330 लाख के सापेक्ष 278.76 लाख व्यय, पेयजल संस्थान द्वारा अवमुक्त 300 लाख के सापेक्ष 200 लाख व्यय किया गया। वहीं राजकीय सिंचाई द्वारा अवमुक्त 280.09 लाख के सापेक्ष 61.41 लाख व्यय किया गया, जिस पर सीडीओ ने नाराजगी जाहिर करते हुए शीघ्र कार्यों में प्रगति लाने के निर्देश दिये। पर्यटन विभाग द्वारा अवमुक्त धनराशि 398.04 लाख के सापेक्ष 330 लाख व्यय किया गया, इस पर सीडीओ ने संबंतिधत अधिकारी को प्रत्येक 15 दिन में कार्यदायी संस्था से कार्यों की प्रगति रिपोर्ट लेने को कहा।
बैठक में पीएमजीएसवाई, युवा कल्याण विभाग, उद्यान, कृषि, पशुपालन, मत्स्य, समाज कल्याण, शिक्षा, चिकित्सा, निजि लघु सिंचाई, पंचायती राज, विधायक निधि, उरेडा आदि अन्य विभागों की कार्य प्रगति की भी समीक्षा की गई। उन्होंने बीस सूत्री कार्यक्रम के अन्तर्गत ‘बी‘ एवं ‘डी‘ श्रेणी में आने वाले विभागों को शीघ्र कार्याें में प्र्रगति लाते हुए ‘ए‘ श्रेणी लाने के निर्देश दिये।
बैठक में जिला अर्थ एवं संख्याधिकारी ने बताया कि जनपद में जिला सेक्टर योजना के अन्तर्गत अनुमोदित परिव्यय 7986 लाख के सापेक्ष धनराशि 4129.86 लाख अवमुक्त हुआ, जिसके सापेक्ष 57.60 प्रतिशत व्यय हुआ। वहीं राज्य सेक्टर योजना के तहत अनुमोदित परिव्यय 29620.92 लाख के सापेक्ष 11911.12 अवमुक्त तथा व्यय 11.48 प्रतिशत, केन्द्र पोषित योजना में अनुमोदित परिव्यय 45161.33 लाख के सापेक्ष धनराशि 20690.09 लाख अवमुक्त तथा व्यय 30.31 प्रतिशत हुआ। जबकि बाह्य सहायतित योजना के अन्तर्गत अवमुक्त धनराशि 12.48 लाख के सापेक्ष 100 प्रतिशत धनराशि व्यय हो चुकी है।