
परिवहन निगम के वर्कशॉप परिसर में इंटीग्रेटेड ग्रीन बिल्डंग स्थापित की जायेगी।मुख्यमंत्री श्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने शुक्रवार को सचिवालय में स्मार्ट सिटी परियोजना के अन्तर्गत हरिद्वार रोड, देहरादून स्थित उत्तराखण्ड के परिवहन निगम के वर्कशॉप परिसर में इंटीग्रेटेड ग्रीन बिल्डंग स्थापित किये जाने के सम्बन्ध में शहरी विकास मंत्री श्री मदन कौशिक एवं परिवहन मंत्री श्री यशपाल आर्य के साथ अधिकारियों की बैठक ली।
मुख्यमंत्री श्री त्रिवेन्द्र ने कहा कि स्मार्ट सिटी परियोजना के तहत लोगों को सरकारी सुविधाएं एक ही स्थान पर मिल सके इसके लिए परिवहन निगम के वर्कशॉप परिसर में इंटीग्रेटेड ग्रीन बिल्डंग स्थापित की जायेगी। यह एक तरह का डिस्ट्रिक सचिवालय होगा। इस परिसर में कलक्ट्रेट, विकास भवन, परिवहन निगम के मुख्यालय सहित कुल 25 विभागों के कार्यालय स्थापित किये जायेंगे। मुख्यमंत्री श्री त्रिवेन्द्र ने परिवहन निगम की इस भूमि की प्रतिपूर्ति के लिए मुख्य सचिव श्री उत्पल कुमार सिंह की अध्यक्षता में एक समिति बनाने के निर्देश दिये। समिति एक प्रस्ताव बनाकर मुख्यमंत्री को सौंपेगी।
इस अवसर पर सचिव शहरी विकास श्री शैलेष बगोली, उपाध्यक्ष एमडीडीए श्री आशीष श्रीवास्तव व संबंधित विभागीय अधिकारी उपस्थित थे।
टाल फ्री नं. 1905 में दर्ज 1123 अनिस्तारित शिकायत ऊधमसिंह नगर में .
अक्टूबर 2019 (सूचना)- सचिव मुख्यमंत्री एवं आयुक्त कुमायू श्री राजीव रौतेला ने मुख्यमंत्री हैल्प लाइन एप समस्या निस्तारण सम्बन्धी वीडियो कांफ्रेसिंग करते हुये कहा कि मुख्यमंत्री हैल्प लाइन एवं टाॅल फ्री नम्बर 1905 प्रारम्भ करने का मुख्य उददेश्य दूरस्थ ग्रामीण जनता अपनी शिकायतों एवं परेशानियों को आसानी से विभागीय अधिकारियों तक पहुचा सकें व उनका शीघ्रता से समाधान हो सके, इसलिए अधिकारी जनसमस्याओं के प्रति संवदेनशील हांे व उनका निस्तारण करें। समीक्षा के दौरान मण्डल में सबसे ज्यादा 1123 अनिस्तारित प्रकरण जनपद उधमसिह में पाये गये जिसको लेकर आयुक्त द्वारा खेद व्यक्त किया गया तथा निर्वाचन प्रक्रिया के उपरान्त लम्बित प्रकरणों को तत्परता से निस्तारित किये जाने के निर्देश जिलाधिकारी डा0 नीरज खैरवाल को दिये।
श्री रौतेला ने मण्डल के जिलाधिकारियों व मण्डलीय अधिकारियों से कहा कि वे एल-1 व एल-2 अधिकारियों के कार्यो का नियमित मानिटरिंग कर उनका निस्तारण कराना सुनिश्चित करें। उन्होने कहा कि जिन अधिकारियों द्वारा शिकायतों पर कार्य नही किया जा रहा है उन अधिकारियों को चिन्हित करें ताकि उनके खिलाफ विभागीय कार्यवाही की जा सके। आयुक्त ने कहा कि एल-1, एल-2 स्तर पर कार्य ना होने के कारण शिकायतें एल-3 व एल-4 स्तर पर जो शिकायतें शिफ्ट हो गई है उन्हें भी कार्यवाही कर त्वरित गति से निस्तारित किया जाए। उन्होने कहा कि पंचायत निर्वाचन के कारण भी कुछ शिकायतें लम्बित हुई है, अधिकारी मतगणना के उपरान्त दीपावली अवकाश से पूर्व लम्बित शिकायतों का निस्तारण करना सुनिश्चित करें जो अधिकारी ढिलाई बरतेंगे उनके खिलाफ मण्डल व शासन स्तर से कार्यवाही की जायेगी। उन्होने जिलाधिकारियों को निर्देश दिये कि वे मुख्यमंत्री हैल्प लाइन एप मे आ रही समस्याओं के निस्तारण हेतु शीघ्र कार्यशाला का आयोजन करेें, एप मे आ रही समस्याओं के निस्तारण हेतु मुख्यमंत्री कार्यालय नोडल मुख्यमंत्री एप रविन्द्रदत्त व उनकी टीम भी सहयोग करेगी।
सचिव मुख्यमंत्री ने कहा कि शिकायतें एल-3, एल-4 स्तर पर अधिक मात्रा मे शिफ्ट हो रही है इसका मतलब है कि जो शिकायतें जनपद स्तर पर ही निस्तारित हो जानी चाहिए थी मगर एल-1 व एल-2 स्तर के अधिकारी की लापरवाही व ध्यान ना देने के कारण समस्यायें अगले स्तर पर शिफ्ट हो रही है जिससे जनता की समस्याओं का समाधान नही हो पा रहा है यदि हो रहा है तो उसमें अनावश्यक समय लग रहा है। उन्होने जिलाधिकारियांे को निर्देश दिये कि वे प्रत्येक सप्ताह मुख्यमंत्री हैल्प लाइन मे प्राप्त शिकायतों के निस्तारण सम्बन्धित बैठक लें व उनका निस्तारण कराना सुनिश्चित करें। उन्होने कहा कि शिकायत कर्ता से शिकायत मिलने व उसके निस्तारण के उपरान्त संवाद करें व उसकी संतुष्टि के उपरान्त ही शिकायत निस्तारित मानी जायेगी। उन्होने कहा जिन अधिकारियों का जनपद से स्थानान्तरण होता है वह अधिकारी अपने आने वाले अधिकारी को सीएम हैल्प लाइन शिकायतें हस्तगत करेंगे तभी कार्यमुक्त होंगे। सचिव श्री रौतेला ने कहा कि प्रदेश मे अभी 32 सेवायें ही सेवा का अधिकार में पंजीकृत है मुख्यमंत्री इन्हें बढाकर 250 सेवायें सेवा के अधिकार मे सम्मलित करना चाहते है इसलिए अधिकारी अभी से जो भी कार्य अथवा शिकायत हैं उन्हे समयबद्ध तरीके से निस्तारण करना सुनिश्चित करें।
विकास भवन से वीडियो कांफ्रेसिंग मे शामिल हुये श्री सचिन बंसल ने जानकारी देते हुये बताया कि जनपद में मुख्यमंत्री हैल्प लाइन एप में जो शिकायतें प्राप्त हो रही है उनका प्राथमिकता के आधार पर निराकरण किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि मुक्त विश्वविद्यालय तथा कुमायू विश्वविद्यालय से सम्बन्धित शिकायतें भी सीधा जिला प्रशासन को मुख्यमंत्री कार्यालय द्वारा संदर्भित कर दी जा रही है जबकि यह दोनो संस्थान स्वायत्त सेवी संस्थायें है जिनकी मानिटरिंग के लिए शासन से ही कराये जाने का सुझाव दिया।
###################### एम्स निदेशक की अध्यक्षता में सरकारी अधिकारियों की बैठक.

अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स)ऋषिकेश में राज्य सरकार के विभिन्न विभागों के वरिष्ठ अधिकारियों की एम्स संस्थान के साथ शुक्रवार को बैठक हुई। जिसमें उत्तराखंड में आपदा से जुड़ी विभिन्न घटनाओं में घायलों के उपचार आदि बिंदुओं पर विस्तृत चर्चा की गई। बैठक में एसडीआरएफ, राज्य पुलिस, जिलाधिकारी हरिद्वार, परिवहन मंत्रालय,आईटीबीपी, स्वास्थ्य विभाग आदि के अधिकारी शामिल हुए। एम्स में संस्थान के निदेशक पद्मश्री प्रोफेसर रवि कांत की अध्यक्षता में विभिन्न महकमों की बैठक हुई। जिसमें निदेशक एम्स प्रो. रवि कांत ने कहा कि एम्स किसी भी तरह की दुर्घटनाओं, आपदाओं के समय उत्तराखंड की हरसंभव सहायता के लिए प्रयासरत है। निदेशक एम्स पद्मश्री प्रो. रवि कांत ने कहा कि डिजास्टर मैनेजमेंट में संस्थान आगे भी राज्य के सहयोग में सकारात्मक भूमिका निभाएगा। उन्होंने बताया कि संस्थान मरीजों के हित में राज्य के विभिन्न महकमों को आपदा प्रबंधन प्रशिक्षण देने को तैयार है। निदेशक प्रो. रवि कांत ने इस गंभीर मुद्दे पर परस्पर संवाद के प्रयासों की सराहना की। बैठक में विभिन्न एजेंसियों में आपसी समन्वय व संवाद, डिजास्टर मॉकड्रिल पर जोर दिया गया जिससे आपदा के समय टीमों को उसके प्रबंधन में कठिनाइयों का सामना नहीं करना पड़े। इसके लिए भविष्य में मॉकड्रिल के साथ ही नेटवर्किंग सिस्टम विकसित करने पर जोर दिया गया,जिससे राज्य सरकार के अस्पतालों में खाली पड़े बेडों की स्थिति स्पष्ट हो सके। बैठक में डीन एकेडमिक प्रो. मनोज गुप्ता व ट्रामा सर्जरी विभागाध्यक्ष डा. कमर आजम बतौर विशेषज्ञ शामिल हुए। एम्स ट्रामा विभाग के डा. मधुर उनियाल ने कहा कि प्रदेश के सभी मेडिकल संस्थानों की रिसोर्स पूलिंग होनी चाहिए,जिससे आपदा के समय जिम्मेदारी बढ़ने की स्थिति में एम्स जैसे बड़े सेंटर आगे बढ़कर गंभीर मरीजों का उपचार कर सके व साथ ही संस्थान में भर्ती अन्य स्टेबल मरीजों को राज्य के अस्पतालों में भेजा जा सके। बैठक में एम्स डीन प्रोफेसर मनोज गुप्ता, ट्रामासर्जरी विभागाध्यक्ष डा. कमर आजम, एसडीआरएफ के डीसी अजय भट्ट,सीओ ऋषिकेश बीएस रावत, एआरटीओ हरिद्वार सुरेंद्र कुमार, उपजिलाधिकारी हरिद्वार नमामि बंसल, डा. हरिबल्लभ उनियाल, ज्वाइंट डायरेक्टर हेल्थ डा. प्रवीन कुमार, एसई एम्स सुलेमान अहमद, डिजास्टर मैनेजमेंट के प्रतिनिधि एसडी बैलवाल, डा. मधुर उनियाल,डा. अजय कुमार, कर्नल एमएस काला, कमाडेंट आईटीबीपी एके गुप्ता, असिस्टेंड कमांडेंट एचबी गुरंग,सीएफओ हरिद्वार एनएस कुंवर, डा. निधि केले, डा. अवनीश कटियार आदि मौजूद थे।