
नवनियुक्त सूचना महानिदेशक डॉ. मेहरबान सिंह बिष्ट ने सोमवार को सूचना एवं लोक संपर्क विभाग, रिंग रोड़ देहरादून में कार्यभार ग्रहण किया। इस अवसर पर विभागीय अधिकारियों के साथ महानिदेशक सूचना द्वारा समीक्षा बैठक की गई।
समीक्षा बैठक में महानिदेशक डॉ. मेहरबान सिंह बिष्ट ने विभागीय अधिकारियों को निर्देश दिये कि राज्य सरकार की जनकल्याणकारी नीतियों एवं योजनाओं का व्यापक स्तर पर प्रचार-प्रसार किया जाय। डॉ. बिष्ट ने कहा कि वर्तमान समय में आधुनिक संचार तकनीकि का उपयोग कर सूचनाओं का आदान-प्रदान किया जा रहा है। सूचना विभाग को भी अपने कार्यों में इसके अनुसार बदलाव लाने के प्रयास करने होंगे। उन्होंने कहा कि नई तकनीक विशेषकर सोशल मीडिया माध्यमों का अधिक से अधिक उपयोग किया जाय। साथ ही मीडिया तक सूचनाएं त्वरित गति से प्रेषित की जाय, ताकि समय पर सही सूचना मीडिया को मिल सके। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार की ऐसी योजनाएं, जो विशेषकर आम जन के कल्याण के लिए संचालित की जा रही है, उनकी जानकारी जन-जन तक पहुंचे, इसके लिए विशेष प्रयास किये जाय। डॉ. बिष्ट ने विभागीय अधिकारियों को निर्देश दिये कि योजनाओं के प्रचार-प्रसार के लिए कार्ययोजना तैयार की जाय। विभागीय स्तर पर लंबित प्रकरणों का शीघ्र समाधान किया जाय। मीडिया प्रतिनिधियों से संबंधित सभी प्रकरणों पर त्वरित कार्यवाही कर निस्तारित करने पर उन्होंने बल दिया। उन्होंने मीडिया से बेहतर समन्वय बनाने के भी निर्देश दिये।
डॉ. बिष्ट ने विभागीय अधिकारियों से विभागीय क्रियाकलापों के संबंध में विस्तृत जानकारी प्राप्त की। विभागीय कर्मचारियों से संबंधित किसी भी प्रकरण को लंबित न रखने के भी निर्देश उन्होंने दिये। विभागीय कर्मचारी समय पर कार्यालय आये और अपने दायित्वों का निर्वहन करे। विभाग में आने वाले प्रत्येक व्यक्ति की समस्या को सुना जाय और उसके निराकरण के लिए प्रभावी कार्यवाही करने के साथ ही विभागीय कार्यों में अधिक से अधिक सूचना प्रौद्योगिकी का उपयोग पर भी उन्होंने बल दिया।
इस अवसर पर अपर निदेशक डॉ. अनिल चन्दोला ने विभागीय कार्यकलापों की जानकारी महानिदेशक सूचना को दी। डॉ. चन्दोला ने प्रिंट मीडिया, इलैक्ट्रानिक मीडिया, सोशल मीडिया, गीत एवं नाट्य, प्रेस प्रभाग आदि से संबंधित जानकारी महानिदेशक को दी।
बैठक में संयुक्त निदेशक राजेश कुमार, संयुक्त निदेशक आशिष कुमार त्रिपाठी, उप निदेशक के.एस.चौहान, फोटो अधिकारी केवल सिंह आदि उपस्थित थे।
ज्ञातव्य है कि नवनियुक्त महानिदेशक सूचना डॉ. मेहरबान सिंह बिष्ट वर्तमान में अपर सचिव मा. मुख्यमंत्री, उद्यान, दुग्ध विकास एवं महिला डेयरी, राजस्व, खनन, निदेशक खनन एवं खाद्य प्रसंस्करण के पद पर कार्यरत है। इससे पूर्व डॉ. बिष्ट अपर मेलाधिकारी कुम्भ मेला, मुख्य विकास अधिकारी हरिद्वार जैसे महत्वपूर्ण दायित्वों का सफलतापूर्वक निवर्हन कर चुके है।
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पी.सी.पी.एन.डी.टी एक्ट का कड़ाई से पालन किया जाय-मुख्यमंत्री।
पी.सी.पी.एन.डी.टी एक्ट का कड़ाई से पालन किया जाय। सीएमओ के माध्यम से सभी जनपदों में अल्ट्रासाउण्ड मशीनों की सूची मांगी जाय। जनपदवार यह सूची सरकार को भी उपलब्ध कराई जाय। यह सुनिश्चित किया जाय कि प्रत्येक अल्ट्रासाउण्ड मशीन पर जीपीएस ट्रेकर लगा हो। अल्ट्रासाउण्ड मशीनों व अल्ट्रासाउण्ड करने वाले डॉक्टरों का पंजीकरण अनिवार्य है। मुख्यमंत्री ने कहा कि अल्ट्रासाउण्ड निर्माता व आपूर्तिकर्ता दोनों फर्मों का पंजीकरण भी अनिवार्य किया जाय। जिला स्तर पर गठित कमेटी द्वारा समय-समय पर अल्ट्रासांउट केन्द्रों का निरीक्षण किया जाय। यदि कोई अवैध इन विट्रो फर्टिलाइजेशन (आई.वी.एफ) सेंटर चल रहे हैं, तो औचक निरीक्षण कर उनको सीज किया जाय। यह निर्देश मुख्यमंत्री श्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने सोमवार को सचिवालय में गर्भावस्था पूर्व एवं प्रसव पूर्व निदान तकनीक अधिनियम ( पी.सी.पी.एन.डी.टी एक्ट) राज्य पर्यवेक्षण बोर्ड की बैठक के दौरान अधिकारियों को दिये।
मुख्यमंत्री श्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने कहा कि प्रदेश में लिंगानुपात में समानता लाने के लिये प्रसव पूर्व लिंग परीक्षण पर प्रभावी रोक लगाने की व्यवस्था सुनिश्चित की जाए। इस सम्बन्ध में सभी सम्बंधित अधिकारी अपने जिम्मेदारी समझें। उन्होंने इस सम्बन्ध में स्वास्थ्य विभाग के साथ ही सभी जिलाधिकारियों को भी कार्यवाही सुनिश्चित करने को कहा। उन्होंने इस सम्बन्ध में जन जागरूकता के प्रसार पर भी ध्यान देने को कहा है।
मुख्यमंत्री श्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने कहा कि राज्य में बाल लिंगानुपात में वृद्धि करने के लिए हर संभव प्रयास किये जाय। बच्चे के जन्म पंजीकरण के लिए सुदृढ़ व्यवस्था की जाय। यह सुनिश्चित किया जाय कि इन्स्टीट्यूशनल डिलीवरी में 48 घण्टे के अन्दर व नगर पालिका और नगर पंचायत क्षेत्रों में 21 दिन के अन्दर बच्चे का जन्म का पंजीकरण हो जाय। ऐसे माता-पिता जिनकी सिर्फ एक या दो संतान हो और वह बेटियां हों, उनको सम्मानित भी किया जाय। बच्चों के जन्म प्रमाण पत्र के लिए अभिभावकों को जागरूक करने के लिए होर्डिंग व बैनरों के माध्यम से प्रचारित किया जाय। बच्चों के जन्म प्रमाण पत्र बनाने हेतु जागरूकता के लिए मुख्यमंत्री की ओर से ग्राम प्रधानों को पत्र प्रेषित किये जायेंगे।
मुख्यमंत्री श्री त्रिवेन्द्र ने कहा कि सभी अस्पतालों में गुड्डा-गुड्डी बोर्ड लगाया जाय। जिन जनपदों में बाल लिंगानुपात में अपेक्षित सुधार नहीं हो रहा है, इसके कारणों का पता किया जाय। मुख्यमंत्री ने कहा कि कार्यशालाओं, जन जागरूकता रैलियों व अन्य माध्यमों से बाल लिंगानुपात को बढ़ाने के लिए प्रयास किये जाय।
बैठक में निर्णय लिया गया कि एक्ट के दुरूपयोग को रोकने के लिए समय-समय पर छापेमारी अभियान चलाया जाए ताकि दोषी अल्ट्रासाउन्ड केन्द्रों पर वैधानिक कार्रवाई की जा सके और इसमें संलिप्त लोगों पर अंकुश लग सके। बैठक में जानकारी दी गयी कि उत्तराखण्ड में 413 पंजीकृत केन्द्रों में 659 अल्ट्रासाउण्ड मशीनें संचालित हो रही हैं। गत वर्ष जनपद स्तर पर 455 निरीक्षण किए गए। राज्य पर्यवेक्षण बोर्ड की बैठक में आई.बी.एफ. लैब पंजीकृत है तथा इन केन्द्रों की कार्य प्रणाली पर अत्यधिक निगरानी के लिए इन्हें भी क्लीनिकल रेगुलेशन एक्ट के तहत लाया गया है।
बैठक में जानकारी दी गई कि उत्तराखण्ड में 2015-16 में जन्म पर लिगांनुपात 906 था जो अभी बढ़कर 938 हो गया है। चम्पावत, चमोली व पिथौरागढ़ में बाल लिंगानुपात में सुधार की जरूरत है। उत्तराखण्ड में बाल लिंगानुपात में पिछले तीन सालों में वृद्धि हुई है। पीसीपीएनडीटी एक्ट के तहत कुल 46 वाद दाखिल किये गये। जिसमें से 04 पर दोष सिद्ध हो चुके हैं, 10 वाद खारिज हो चुके हैं तथा 32 वाद अभी लम्बित चल रहे हैं।
बैठक में विधायक श्रीमती ममता राकेश, अपर मुख्य सचिव श्रीमती राधा रतूड़ी, सचिव स्वास्थ्य श्री नितेश झा, अपर सचिव न्याय श्री रितेश श्रीवास्तव, निदेशक राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन श्री युगल किशोर पंत, सदस्य सचिव राज्य पर्यवेक्षण बोर्ड डॉ. सरोज नैथानी, उत्तराखण्ड महिला एसोसिएशन से श्रीमती साधना शर्मा, डॉ. ज्योति शर्मा, डॉ. ज्योति शर्मा आदि उपस्थित थे।