नगरनिगम देहरादून के नये वार्डों में मूलभूत सुविधा उपलब्ध न होने एवं जहरीली सोडियम मरकरी स्ट्रीट लाइटें न हटाने पर होगा आन्दोलन-एन.के.गुसाईं।पढिएJanswar.COm में .
उत्तराखंड क्रांति दल के पूर्व वरिष्ठ केंद्रीय उपाध्यक्ष एडवोकेट एन के गुसाईं ने कहा कि राज्य की वर्तमान त्रिवेन्द्र सरकार ने पहले जनता की मर्जी के खिलाफ देहरादून के 70 गांव को नगर निगम में मिलाकर शांत व अच्छे भले ग्रामीण जीवन की कृषि भूमि को नष्ट कर कंक्रीट के जंगल बनाने की दिशा में विकास के बजाय विनाश का कार्य किया है और अब उसमें भी कोढ़ में खाज कि शहर की कबाड़ सोडियम मरकरी स्ट्रीट लाइटों को शहरी क्षेत्रों से हटाकर निगम में शामिल नए वार्डों में लगाया जा रहा है।
गुसाई ने कहा कि सोडियम स्ट्रीट लाइटें पर्यावरण व मानव दोनों के लिए घातक व खतरनाक है ये सोडियम स्ट्रीट लाइटें न सिर्फ जहरीली गैस छोड़कर पर्यावरण को गर्म व दूषित करती हैं बल्कि इन लाइटों से बिजली की खपत भी एलईडी लाइटों के मुकाबले 10 गुना अधिक होती है,जिससे आम जनता को उनके घरों के अनेक प्रकार के विद्युत उपकरण चलाने हेतु उचित मात्रा में वोल्टेज नहीं मिल पाता है।
उन्होंने कहा कि नये वार्डो की जनता द्वारा दल को कई बार शिकायतें मिली हैं कि नगर निगम के कई अधिकारी पूरे समय तक कार्यालय में नहीं बैठते हैं जिस कारण उनकी अनुपस्थिति में निगम के कई कर्मचारी जनता व जनप्रतिनिधियों के साथ अशोभनीय व्यवहार करते हैं।उन्होंने कहा कि निगम के वरिष्ठ अधिकारियों को निगम के सभी जोनल कार्यालयों में औचक छापामारी करनी चाहिए ताकि वह यह भली-भांति जान सके कि कर्मचारी किस प्रकार से निगम की साख को बट्टा लगाने में आमदा हैं। इतना ही नहीं जब जनता द्वारा यह शिकायत है कि जाती है कि नगर निगम में शामिल होने के बाद पहली बार निगम से कोई कार्य जैसे साफ-सफाई सड़क नाली बिजली पानी सैनिटाइजर हो गई आवारा पशु आदि से संबंधित शिकायतों की बात की जाती है तो कर्मचारियों द्वारा कहा जाता है कि संबंधित जनप्रतिनिधि अथवा पार्षद के माध्यम से करो या फिर यहाँ पार्षद के साथ आओ। यहां कार्यालय में सीधे मत आया करो जोकि आम जनता के साथ सरासर नाइंसाफी वह धोखा है जिसे दल कतई बर्दाश्त नहीं करेगा।
गुसाईं ने नए वर्ष से नगर निगम में शामिल सभी वार्डों में सड़क, बिजली,पानी,नाली,साफ सफाई आदि की उचित व्यवस्था न किए जाने वह जहरीली सोडियम लाइटों को हटाकर उनके स्थान पर नई एलइडी स्ट्रीट लाइनों को न लगाए जाने की स्थिति में निगम के खिलाफ आंदोलन करने की बात कही है।