देश के प्रधानमंत्री के मन्त्र को साकार करता सुबोध नेगी।- कपिल रतूड़ी ## गंगाभोगपुर मल्ला में बाहर से आए लोगों को कवारेंटेन किया – अर्जुन सिंह। पढ़िए janswar.com में।

  1. देश के प्रधानमंत्री के मन्त्र को साकार करता सुबोध नेगी।
    *कपिल रतूडी*
    यमकेश्वर।
    कोरोना की विश्वव्यापी बीमारी से एक ओर जँहा दुनिया त्राहिमाम त्राहिमाम कर रही है वही दूसरी तरफ यमकेश्वर का एक शख़्स लोकडोंन में भी अपने किये से लोगों  के मन  में उम्मीद का दिया जला रहा है।

लाकडॉन की विषम परिस्थितियों से देश ही नही दुनिया की अर्थव्यवस्था लड़खड़ा चुकी है वही पौड़ी जिले के यमकेश्वर विकास खण्ड के कस्याळी गांव के सुबोध सिंह नेगी देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आत्मनिर्भरता के संदेश को साकार कर रहा है। भारतीय सेना से सन 2010 में सेवानिवृत्ति के पश्चात सुबोध नेगी ने गांव के एक छोर पर मामूली सी रकम खर्च कर शौकिया तौर पर सन 2012 में 30 पेड़ पॉपुलर के लगाए थे जिनकी कीमत आज लाखो रुपए में है। इसके अतिरिक्त सुबोध नेगी प्रति वर्ष 100 पेड़ अपनी क्षमता के अनुरूप गांवो में भी रोपित करते है। समाजसेवा को लालायित सुबोध नेगी की पिछले आठ दस वर्षों की मेहनत की फसल अब कटने को तैयार है जिसकी कीमत उन्हें अब लाखो रुपये में प्राप्त होगी।

सुबोध नेगी कहते है कि गांव में स्वरोजगार की पर्याप्त सम्भवना है परन्तु जानकारी के अभाव में हजारों बेरोजगार लड़के फैक्ट्रियों की खाक छानने को मजबूर है यदि बेरोजगार युवक इस प्रकार अपने बंजर खेतो में इमारती लकड़ी के पेड़ लगाकर अच्छा खासा लाभ अर्जित कर सकते है। वो चाहते है कि देश के प्रधानमंत्री के स्वालम्बन और आत्मनिर्भरता के मंत्र में जान फूंकी जाय और लोकडौन की विषम परिस्थितियों को पलायन रोकने में साकार किया जाय। उन्होंने मायूसी भरे लहजे में कहा कि उनकी एक संस्था गुरु शिक्षा पर्यावरण महिला उत्थान समिति जिसके वे उपाध्यक्ष भी है पिछले दो वर्षों से सरकार से यमकेश्वर क्षेत्र में इमारती लकड़ी से लेकर फलदार पेड़ो को महिलाओं के माध्यम से रोपित करने की मांग कर रही है परन्तु सरकार ने इस ओर अभी तक ध्यान नही दिया जबकि सरकार हर बर्ष उसी गड्ढे में पेड़ लगाती आ रही जिसे उसे 10 वर्ष पूर्व खोदा था।

सुबोध नही का मानना है कि बृक्षारोपण जैसे कार्यक्रम संस्था के माध्यम से होने से बेरोजगारों व महिलाओं को रोजगार भी प्राप्त होगा जिससे प्रधानमंत्री जी का स्वालम्बन का मंत्र सफल हो सकता है। खैर फ़िलहाल सुबोध नेगी अपने गांव कस्याळी में डटे हुए है और वँहा स्थित नलकूप के पानी का खूब सद्पयोग कर रहे है जिसे देखकर गांव के अन्य तीन युवक भी उनकी राह पर चलने को कमर कस चुके है।


यमकेश्वर गंगा भोगपुर मल्ला 13 मई (अर्जुन सिंह नेगी)
कोरोना महामारी से लड़ने के लिए, ग्रामसभा प्रधानों को ही शासन/ प्रशासन द्वारा कमांडर बना दिया गया हैl यह भी सत्य है कि एक सच्चे सजग प्रहरी की तरह ग्राम प्रधान गण कोरॉना से लड़ने के लिए कार्य कर भी रहे हैं, लेकिन अब जबकि अन्य देशों/ प्रदेशों से भारी संख्या में क्षेत्रीय प्रवासी जन अपने घरों को वापस आएंगे तो, उनको गांव में कोरोनटाइन करना होगा,जोकि अनिवार्य है।लेकिन क्या ग्रामीण अंचलों में बड़े पैमाने पर कोरोनटाइन करने की व्यवस्था हो पाएगी, यह एक विचारणीय प्रश्न है।गांव में प्राथमिक विद्यालय/ जूनियर हाई स्कूल तथा अन्य शिक्षण संस्थानों जहां पर प्रवासियों को कोरोनटाइन किया जाएगा।वहां पर शौचालय, बिजली, पानी की कमी से अव्यवस्था फैलेगी,ऐसा क्षेत्रीय प्रतिनिधियों/प्रधानों का मानना है।
ग्राम पंचायत गंगा भोगपुर के उपप्रधान अनिल नेगी ने बताया कि गांव में दो प्रवासियों को जोकि अन्य प्रदेशों से घर वापस आए थे, उनमें से एक को होम कोरोनटाइन तथा दूसरे को विद्यालय के कक्ष में कोरोनटाइन किया गया है। आज एक परिवार दिल्ली से गांव आया।वह परिवार विद्यालय में ही कोरोनटाइन होना चाहता था लेकिन समुचित व्यवस्था ना होने के कारण उस परिवार के चारों सदस्यों को होम कोरोनटाइन कर दिया गया है। उप प्रधान श्री नेगी द्वारा यह भी बताया गया कि आगामी दिनों में लगभग 30 से अधिक प्रवासी जन घर वापसी करने वाले हैं।यदि गांव के विद्यालय परिसर में समुचित व्यवस्था ना हो पाए तो उनको कोरोनटाइन करने में बड़ी परेशानी हो सकती है। संज्ञान में आया है कि इंटर कॉलेज के कमरों में बोर्ड के इम्तिहान भी होने हैं। ऐसे में कमरों की कमी का पड़ना स्वाभाविक ही है। ऐसी परिस्थिति में यदि प्रवासी जन भारी संख्या में गांव वापसी करते हैं, तो उनको कोरोनटाइन करना काफी चिंता एवं परेशानी का सबब बन सकता है।
गंगा भोगपुर मल्ला मै कोरोनटाइन होने के इंतजार में कई घंटों तक परेशान रहा यह परिवार।स्कूल में तत्काल व्यवस्था न होने के कारण बाद में प्रधान ग्राम सभा ने उक्त परिवार को होम कोरोनटाइन कराया

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *