दहशत फैलाने के कारण हुई थी शेखर ढौंडियाल की हत्या। -पुलिस.पढिए janswar.com में.

समाचार -उमाशंकर कुकरेती

शूटरों को जेल में बंद नरेन्द्र बाल्मिकी ने दी थी दहशत फैलाने के लिए सुपारी
पौड़ी जेल में बंद नरेन्द्र बाल्मिकी एवं देहरादून जेल में बंद रूपेश त्यागी ने कोटद्वार में केवल का काम करने वाले व्यवसायियों से रंगदारी वसूलने के लिए दहशत फैलाने के कारण हुई थी शेखर ढौंडियाल की हत्या। इस बात का खुलासा करते हुए कोटद्वार पुलिस ने पौड़ी एवं देहरादून जेल में बंद दोनों अपराधियों द्वारा तय किये शूटरों को गिरफ्तार कर लिया है। पुलिस का कहना है कि उपरोक्त दोनों जेल में बंद अभियुक्तों द्वारा वसूली के लिए धमकाने के लिए गिरफ्तार दोनों शूटरों को तैनात किया गया था। जिसमें उन्हें केवल का काम करने वाले व्यवसायियों को आपराधिक तरीके से धमकाया जाना था, जिसके तहत सिम्बलचौड़ स्थित आईटीओ ऑफिस के पास शिव केवल नेटवर्क के बाहर उन्हें शेखर ढौंडियाल बाहर टहलता हुआ दिखाई दिया, जिस पर उन्होंने दहशत फैलाने की दृष्टि से फायर झोंका। जिसमें उसकी मृत्यु हो गई।
पुलिस ने स्पष्ट किया कि मृतक शेखर ढौंडियाल से किसी की कोई दुश्मनी नहीं पाई गई और केवल आपरेटरों को धमकाने के लिए की गई फायरिंग में उसकी मौत हो गई। घटना का व्यौरा देते हुए जिले के एसएसपी दलीप सिंह कुंवर ने बताया कि कोटद्वार क्षेत्र में केवल का काम करने वाले व्यवसायियों से वसूली हेतु धमकाने के लिए पौड़ी जेल में बंद अभियुक्त नरेन्द्र बाल्मिकी और शेखर ढौंडियाल पर फायर करने वाले अभियुक्तों से घटना से पहले एवं घटना के बाद मोबाईल, व्टासअप के जरिए लगातार सम्पर्क में थे और व्टासअप के तहत ही दिशा निर्देश ले रहे थे।
वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक दलीप सिंह कुंवर ने कोतवाली परिसर में शेखर हत्याकांड का खुलासा करते हुए कहा कि अपर पुलिस अधीक्षक प्रदीप राय के नेतृत्व में हत्याकांड का खुलासा करने के लिए 10 टीमें गठित की गई थी। पुलिस टीमें देहरादून, हरिद्वार, बिजनौर, मुजफ्फरनगर, सहारनपुर, बुलन्दशहर आदि स्थानों पर गई, लेकिन कोई सफलता नहीं मिली। इसी दौरान सीसीटीवी कैमरे की टीमों ने काफी मेहनत से तथा स्थानीय जनता के सहयोग से घटना में शामिल दोनों अपराधियों एवं घटना में प्रयुक्त मोटर साईकिल का मॉडल तथा मोटर साईकिल नम्बर ज्ञात कर लिया था। बाईक के नम्बर के बारे में परिवहन विभाग की सहायता से जांच पड़ताल की गई तो जानकारी मिली कि उसी नंबर की गाड़ी लक्स क्षेत्र में मिली है। जिससे स्पष्ट हो गया कि घटना में शामिल बाईक चोरी या लूट की हो सकती है। जब पुलिस टीम ने इस बारे में पता लगाया तो जानकारी मिली कि उक्त मॉडल की एक गाड़ी थाना मंगलौर क्षेत्र में 2 अगस्त को लूटी गई थी। जिस व्यक्ति से मंगलौर में गाड़ी लूटी गई थी उसने लूटेरों का हुलिया बताया था, जो कोटद्वार के हत्या में शामिल अपराधियों से काफी मिलता-जुलता था। इस दौरान पुलिस टीम ने अपराधियों के और स्पष्ट फोटोग्राफ व वीडियो फुटेज प्राप्त कर लिये। उक्त वीडियों व फोटोग्राफ को हरिद्वार, मुजफ्फरनगर, देवबन्द व सहारनपुर के प्रत्येक थाने, एसओजी टीम व मुखबिरों को दिखा गया। एसएसपी ने बताया कि गत मंगलवार को मुखबिर की सूचना पर कोतवाली प्रभारी निरीक्षक मनोज रतूड़ी के नेतृत्व में टीम ने ग्राम गुलालवाली थाना मण्डावली तिराहे पर वाहन चेंकिग करने लगे। करीब आधे घंटे बाद 2 युवक मोटर साईकिल में आते हुए दिखाई दिये। जिन्हें गिरफ्तार कर पुलिस कोतवाली ले आई। जहां
पुलिस पूछताछ में युवकों ने अपना नाम नारसन कला बड़ी थाना मंगलौर जिला हरिद्वार निवासी भारतवीर पुत्र कर्णपाल, मोनू मलिक पुत्र यशपाल बताया। भारतवीर और मानू मलिक ने बताया कि घटना के समय उनके पास मोबाईल फोन नहीं था, घटना के समय पहने कपड़े भी घटना के बाद बदल लिये थे और घटना में प्रयुक्त मोटर साईकिल मंगलौर से लूूटी थी।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *