समाचार प्रस्तुति-नागेन्द्र प्रसाद रतूड़ी
मुख्यमंत्री श्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने राज्य सरकार के तीन वर्ष पूरे होने के अवसर पर सहयोग के लिए प्रदेशवासियों का आभार व्यक्त किया है। अपने संदेश में मुख्यमंत्री ने राज्य आंदोलनकारियों और मातृशक्ति को नमन किया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि तीन साल पहले आप सभी के आशीर्वाद से जब हमने सरकार सम्भाली, यहाँ के नीति निर्माण में उत्तराखण्ड राज्य की मूल भावना का अभाव था। हमने आते ही दूरस्थ पर्वतीय क्षेत्रों के विकास को सर्वोच्च प्राथमिकता पर रखा। हाल ही में गैरसैंण में आयोजित विधानसभा सत्र राज्य के इतिहास में स्वर्ण अक्षरों में लिखा जायेगा। गैरसैंण को उत्तराखण्ड की ग्रीष्मकालीन राजधानी बनाने का निर्णय राज्य आंदोलनकारियों, माताओं-बहनों को समर्पित है।
हमने प्रदेश की महान जनता से कुछ वायदे किए थे। मैं आज पूरे विश्वास के साथ कह सकता हूँ कि हमने इन तीन साल में ही 70 फीसदी वायदे पूरे कर दिए हैं। हम अपने सभी वायदों को पूरा करने के लिए दृढ़ संकल्पित हैं। हम काम में विश्वास करते हैं। हमारी सरकार के ये तीन साल, विकास के तीन साल रहे। हमारा ध्येय वाक्य रहा है, बातें कम -काम ज्यादा।
माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी के मार्गदर्शन और केंद्र सरकार के सहयोग से हमारी सरकार के तीन साल में बहुत से ऐसे काम हुए हैं, जो कि पहले मुमकिन नहीं लग रहे थे। डबल इंजन का असर साफ-साफ देखा जा सकता है। केंद्र सरकार द्वारा लगभग एक लाख करोड़ रूपए की विभिन्न परियोजनाएं प्रदेश के लिए स्वीकृत हुई हैं। इनमें बहुत सी योजनाओं पर तेजी से काम भी चल रहा है। इनमें ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेल परियोजना, चारधाम सड़क परियोजना ऑल वेदर रोड़, केदारनाथ धाम पुनर्निर्माण, भारतमाला परियाजना, जमरानी बहुद्देशीय परियोजना, नमामि गंगे, देहरादून स्मार्ट सिटी आदि प्रमुख हैं।
पर्वतीय राज्य की अवधारणा से बने उत्तराखण्ड में पहली बार किसी सरकार ने पलायन को रोकने पर ही नहीं बल्कि रिवर्स पलायन पर सुनियोजित तरीके से काम शुरू किया है। एमएसएमई के केंद्र में पर्वतीय क्षेत्रों को रखा गया है। ग्रामीण विकास और पलायन आयोग का गठन किया गया। सीमांत तहसीलों के लिए मुख्यमंत्री सीमांत क्षेत्र विकास योजना शुरू की है। राजकीय स्कूलों में वर्चुअल क्लासेज शुरू की गई हैं। पर्वतीय क्षेत्रों में डाक्टरों की संख्या पहले से दोगुनी की गई। टेलीमेडिसीन और टेलीरेडियोलोजी भी फायदेमंद साबित हो रही हैं। ग्राम स्तर पर स्वास्थ्य उपकेंद्रों का हैल्थ एंड वैलनैस सेंटर के रूप अग्रेडेशन कर रहे हैं। सभी 670 न्याय पंचायतों में क्लस्टर आधारित एप्रोच पर ग्रोथ सेंटर बनाए जा रहे हैं। इससे ग्रामीण आर्थिकी मजबूत होगी। किसानों और महिला स्वयं सहायता समूहों को ब्याज रहित ऋण उपलब्ध कराया जा रहा है। होम स्टे की कन्सेप्ट को बहुप्रचारित किया जा रहा है। 13 डिस्ट्रिक्ट-13 डेस्टीनेशन से नए पर्यटन केंद्रों का विकास हो रहा है। जैविक खेती को बढ़ावा देने के लिए 3900 जैविक क्लस्टरों में काम शुरू किया गया है। सौर ऊर्जा और पिरूल ऊर्जा नीति, ग्रामीण युवाओं की आजीविका में सहायक होगी। सड़क, रेल व एयर कनेक्टीवीटी में विस्तार किया जा रहा है। आल वेदर रोड़, भारतमाला परियोजना, ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेल परियोजना गेम चेंजर बनने जा रही हैं। एयर कनेक्टीवीटी पर विशेष जोर दिया गया है। 2022 तक सभी गांवों को सड़क से जोड़ने का लक्ष्य रखा है। सौभाग्य योजना से घर-घर बिजली पहुंचा दी गई है। प्रदेश के 15.09 लाख परिवारां को ‘‘हर घर को नल से जल’’ दिलाने की योजना शुरू की है। तीन वर्षों में ये लक्ष्य हासिल कर लिया जाएगा। जल संरक्षण और जल संवर्धन पर काफी काम शुरू किया गया है। ग्रेविटी वाली पेयजल योजनाओं पर हमारा फोकस है। हाल ही में उत्तराखण्ड वाटर मैनेजमेंट प्रोजेक्ट को भारत सरकार द्वारा सैद्धांतिक सहमति दी गई है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि पिछले तीन वर्षों में उत्तराखण्ड ने विभिन्न क्षेत्रों में बेहतर प्रदर्शन किया है। राष्ट्रीय फलक पर उत्तराखण्ड अपनी पहचान बनाने में कामयाब रहा है। तीन वर्षों में मिले पुरस्कार इस बात की पुष्टि करते हैं। हमारी सरकार ने राज्य में निवेश लाने के लिए पूरा होमवर्क करते हुए गम्भीरता से काम किया। राज्य गठन के बाद पहली बार बड़े स्तर पर इन्वेस्टर्स समिट का आयोजन किया गय खुद प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी ने इसका उद्घाटन किया और स्पिरिचुएल इको जोन की कन्सेप्ट सामने रखी। पर्वतीय क्षेत्रों में निवेश के लिए पर्यटन, आयुष व वेलनेस, आईटी, सौर ऊर्जा सहित सर्विस सेक्टर पर विशेष फोकस किया गया है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि पिछले तीन वर्ष में हमारी सरकार ने राज्य हित को देखते हुए अनेक साहसिक निर्णय लिए हैं। देवस्थानम चारधाम बोर्ड का गठन और ट्रांसफर एक्ट सहित महत्वपूर्ण संस्थागत सुधार किए गए हैं। सुशासन और भ्रष्टाचार पर जीरो टाॅलरेंस हमारी नीति का प्रमुख आधार रहे हैं। हमने भ्रष्टाचाार और माफिया तत्वों को सत्ता के करीब भी नहीं फटकने दिया है। इन तीन वर्षों में राज्य के विकास की न सिर्फ दिशा तय हुई है बल्कि काम भी दिखने लगा है। हमने समाज के हर तबके का भी ध्यान रखा है। विकास का लाभ अंतिम छोर पर खड़े व्यक्ति तक पहुंचाने का ईमानदारी से पूरा प्रयास किया है।
हमारे गांव फिर से समृद्धि के केंद्र बनें, इसके लिए हम दिन-रात काम कर रहे हैं। हमें आप सभी का भी मार्गदर्शन और सहयोग चाहिए। मैं आपको विश्वास दिलाता हूं कि आने वाले दो साल में उत्तराखण्ड में आप गैरसैण भावना को साकार होता देखेंगे।
मुख्यमंत्री ने कहा कि वर्तमान में पूरा विश्व कोरोना वायरस से संघर्ष कर रहा है। उत्तराखंड को कोरोना के प्रभाव से मुक्त रखने के लिए हर आवश्यक कदम उठाए गए हैं। कोरोना से घबराने की जरूरत नहीं है, बस सतर्कता बरतें। सरकार द्वारा जारी दिशानिर्देशों का पालन करें।
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हल्द्वानी 17 मार्च (सूचना) – डा0 सुशीला तिवारी चिकित्सालय सभागार में वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक सुनील कुमार मीणा, डाॅ. बलबीर सिंह, डाॅ. नंदन काण्डपाल ने पुलिस, पीएसी,एसडीआरएफ,होमगार्ड,पीआरडी,के पुरूष महिला अधिकारी व जवानों को कोरोना वायरस के संक्रमण को फैलने से रोकने की रोकथाम हेतु जागरूक किया गया।
कार्यशाला में डाॅ. बलबीर सिंह व डा. नन्दन काण्डपाल ने कहा कि कोरोना वायरस से डरने की जरूरत नहीं है बस सावधानियां बरतने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य विभाग कोरोना से लड़ने के लिए पूरी तरह तैयार है सभी व्यवस्थाएं सुनिश्चित कर ली गई है।
मुख्य चिकित्साधिकारी डाॅ. भारती राणा ने कहा कि कोरोना वायरस से बिल्कुल भी ना घबराए, कोरोना वायरस पर प्रभावी नियंत्रण के लिए सभी आवश्यक व्यवस्थाएं की जा रही है। अफवाहों से बचें सावधान रहें सतर्क रहें, एक जगह पर बड़े समूह में एकत्रित ना हो और भीड़भाड़ वाले स्थानों पर जाने से परहेज करें। उन्होने कहा कि हमसब को मिलकर इस वायरस को फैलने से रोकना है। मुख्य चिकित्सा अधिकारी ने कहा कि संक्रमित देशो से लौटने वाले नागरिक जो जनपद में आ रहे है उनकी जानकारी नजदीकी चिकित्सालय में अथवा मुख्य चिकित्सा अधिकारी कैंप कार्यालय हल्द्वानी में तैनात नोडल अधिकारी डा. बलबीर सिंह मो.9897632590 को दे सकते है। डा. राणा ने बताया कि कार्यालयों में स्पर्श की गयी सभी सतहों जैसे- दरवाजे, दरवाजे के कुण्डे, टेबल, अल्मारियों, मोबाईल सैटों आदि अन्य स्थान जहाॅ हाथ पहुॅचने अथवा छूने से संक्रमण का खतरा हो सकता है, उनकी भी नियमित सफाई, सैनिटाईजेशन करे। उन्होंने कहा कि कर्मचारियों को किसी भी यात्रा पर भेजने के लिए परहेज करें। कर्मचारियों द्वारा क्या करें-क्या न करें की भी जानकारी देते हुए उसका अनुपालन अनिवार्य रूप से कराया जाये। उन्होंने कहा कि सामुहिक समारोह एवं भीड़-भाड़ वाले स्थानों पर जाने से परहेज़ करें। खासते तथा छींकते समय अपने मुॅह एवं नाक को रूमाल से ढ़के। यदि किसी व्यक्ति को खाॅसी, जुकाम व बुखार के लक्षण हों तो उससे दूरी बनाते हुए सावधानी बरतें तथा नज़दीकी चिकित्सालय अथवा हैल्पलाईन नम्बर से सम्पर्क करें। बाहर से आने वाले पर एवं नाक, कान अथवा मुॅह को छूने के बाद अपने हाथों को नियमित रूप से साबुन तथा पानी से अच्छी तरह से धोयें। शिष्टाचार में हाथ न मिलाये, गले न लगायें, अधिक मात्रा में तरल पदार्थ एवं पौष्टिक आहार का सेवन करें। खुले एवं असुरक्षित खाद्य पदार्थों का सेवन न करें। बिना चिकित्सकीय परामर्श के दवाई न लें। उन्होंने यह भी कहा है कि बुखार, जुकाम, खाॅसी या श्वास लेने की दिक्कत जैसे लक्षण उत्पन्न होने पर नज़दीकी चिकित्सालय में सम्पर्क करें। अधिक जानकारी हेतु हैल्पलाईन नम्बर 104 पर सम्पर्क करें। मुख्य चिकित्सा अधिकारी ने बताया कि जनपद में नगर निगम, नगर पालिका, नगर पंचायत के वाहनों में स्पीकर लगाकर कोरोना वायरस से बचाव हेतु क्या करें क्या ना करे की जानकारी के साथ ही गानों के माध्यम सें जनता को जागरूक किया जा रहा है।
कार्याशाला में सम्बोधित करते हुए वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक ने कहा कि सभी पुलिस अधिकारी थानों में कोरोना वायरस से बचाव हेतु क्या करें क्या ना करें सम्बधित बोर्ड लगाये। उन्होंने कहा कि शिष्टाचार में हाथ न मिलाये, गले न लगायें, अधिक मात्रा में तरल पदार्थ एवं पोष्टिक आहार का सेवन करें। खुले एवं असुरक्षित खाद्य पदार्थों का सेवन न करें। बिना चिकित्सकीय परामर्श के दवाई न लें।
उधर मेडिकल कालेज ओडिटोरियम में आयोजित कार्यशाला में डब्लू0एच0ओ0 के डा. मन्नु खन्ना ने सुशीला तिवारी चिकित्सालय, मेडिकल कालेज,विभिन्न चिकित्साल में तैनात लगभग 100 से अधिक चिकित्सकों को कोरोना वायरस से सम्बधित विस्तृत जानकारियां दी। उन्होने बताया कि भारत में 125 कोरोना वायरस (कोविद-19) संक्रमित पाये गये है। उन्होने बताया कि उत्तराखण्ड में कोरोना वायरस से संक्रमित संदिग्ध 13 लोगो की जांच की गई जिसमें 1 व्यक्ति पाॅजेटिव पाया गया। उन्होने कोरोना वायरस से संक्रमण के लक्षण एवं कोरोना वायरस बचाव एवं विस्तृत जानकारियां दी।
कार्यशाला में विभागाध्यक्ष बाल रोग विभाग एसटीएस डाॅ. अजय आर्या, चिकित्सक बेस डा.ॅ पंचपाल, अपर पुलिस अधीक्षक अमित श्रीवास्तव,सहित चिकित्सक व पुलिस, पीएसी,होमगार्ड,एसडीआरएफ,के अधिकारी- जवान मौजूद थे।
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