जून में प्रदेश में आयोजित होगा अन्तराष्ट्रीय हरित ऊर्जा सम्मेलन।## अगले महीने जन प्रतिनिधियों का होगा सम्मेलन##बन्द विद्यालयों का उपयोग ट्रैकिंग रूट और यात्रा रूट के लिए होम स्टे के रूप में किया जायेगा-सतपाल महाराज।पढिए Janswar.Com में।

समाचार प्रस्तुति- नागेन्द्र प्रसाद रतूड़ी

प्रदेश में आयोजित होगा अन्तराष्ट्रीय हरित ऊर्जा सम्मेलन

इस वर्ष जून के प्रथम सप्ताह में प्रस्तावित है आयोजन

मुख्यमंत्री ने प्रदान की सम्मेलन के आयोजन हेतु सहमति

सम्मेलन में राष्ट्रीय एवं अन्तराष्ट्रीय हरित ऊर्जा विकास के आयामों पर होगी चर्चा

सम्मेलन में राष्ट्रीय अन्तर्राष्ट्रीय जल विद्युत एवं नवीकरणीय ऊर्जा संस्थानों, ऊर्जा क्षेत्र से सम्बन्धित विकास कर्ता, केन्द्र व राजय सरकार के उपक्रमों के वरिष्ठ अधिकारी करेंगे प्रतिभाग


इस वर्ष जून के प्रथम सप्ताह में प्रदेश में अन्तर्राष्ट्रीय हरित ऊर्जा सम्मेलन का आयोजन किया जायेगा। इस सम्बन्ध में शुक्रवार को सचिवालय में मुख्यमंत्री श्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत की अध्यक्षता में आयोजित बैठक में यह निर्णय लिया गया। सम्मेलन में केन्द्रीय नवीन एवं नवीकरणीय विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी, वन एवं पर्यावरण, जलवायु परिवर्तन जलशक्ति मंत्रालय के मंत्रीगणों के साथ ही नीति आयोग के उपाध्यक्ष के साथ ही जिन देशों का रिनोवेशन इनर्जी पर ज्यादा फोकस है उनमें चैक रिपब्लिक, नार्वे, स्वीडन, कनाडा, नीदरलैंड, स्पेन, यू.ए.ई. आदि देशों के प्रतिनिधि भी प्रतिभाग करेंगे।
मुख्यमंत्री श्री त्रिवेन्द्र ने कहा कि रिनोवेशन इनर्जी भविष्य की जरूरत है। इस दिशा में गंभीरता से सोचने की जरूरत हैं। उन्होंने कहा कि इस दिश में हम कैसे आगे बढ़े इस पर भी चिन्तन की जरूरत है। देहरादून को ग्रीन सिटी के रूप में चयनित होने से इस दिशा में हमारी जिम्मेदारी भी बढ़ी है। इस सम्मेलन के रूप में इस दिशा में यह प्रभावी पहल होगी। उन्होंने इस प्रकार के अन्तर्राष्ट्रीय सम्मेलन देश-विदेश के समय-समय पर आयोजित होते रहे है। हरित ऊर्जा को बढ़ावा देने तथा अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर इस क्षेत्र में पहचान बनाने के प्रतिनिधियों को भी आमंत्रित किया जाना प्रस्तावित है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि हमे सम्मेलन में राष्ट्रीय एवं अन्तर्राष्ट्रीय हरित ऊर्जा विकास के आयामों, ऊर्जा परियोजनाओं के विकास हेतु वाध्यतायें एवं सीमायें, ऊर्जा परियोजनाओं के वित्तीय प्रबंधन इस क्षेत्र के विभिन्न अधिनियम एवं नीतियों के साथ ही ऊर्जा क्षेत्र में नवीन तकनीकि एवं आविष्कार जैसे विषयों पर हम क्षेत्र के विषय-विशेषज्ञों द्वारा अपने विचार व्यक्त किये जायेंगे। उनके सुझाव भी इस दिशा में कारगर साबित होंगे। उन्होंने कहा कि हाइड्रो व थर्मल पावर की सीमायें और सीमित हो रही है। अब भविष्य के लिए वैकल्पिक ऊर्जा के साधनों पर ही हमें ध्यान देना होगा। इस दृष्टि से भी यह सम्मेलन उपयोगी सिद्व होगी।
इस अवसर पर सम्मेलन के बारे में सचिव ऊर्जा श्रीमती राधिका झा ने बताया कि यह सम्मेलन जून 2020 में प्रस्तावित है तथा इसमें दुनिया भर से ऊर्जा क्षेत्र से संबन्धित लगभग 250 से अधिक प्रतिनिधियों के भाग लेने की संभावना है। श्रीमती राधिका झा ने बताया कि सम्मेलन में राष्ट्रीय एवं अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर हरित ऊर्जा विकास के विभिन्न आयामों पर विचार विमर्श किया जाएगा। साथ ही उत्तराखण्ड के लिए महत्वपूर्ण जल विद्युत एवं हरित ऊर्जा से सम्बन्धित अन्य परियोजनाओं के विकास, निर्माण एवं क्रियान्वयन में आने वाली बाधाओं, समस्याओं एवं मुद्दों के साथ साथ ऊर्जा परियोजनाओं हेतु सुचारू वित्तीय प्रबन्धन पर भी चर्चा की जायेगी। इसके अतिरिक्त सम्मेलन में ऊर्जा क्षेत्र में विकसित हो रही नवीनतम तकनीकों एवं सामग्रियों तथा विभिन्न नीतियों, विनियमों एवं अधिनियमों आदि पर भी गहन विमर्श होगा। सम्मेलन में केन्द्र सरकार एवं विभिन्न राज्य संस्थानों, निर्माण क्षेत्र से जुड़े व्यवसाईयों, वित्तीय संस्थाओं के साथ ही ऊर्जा क्षेत्र से जुड़े पेशेवरों के प्रतिनिधि प्रतिभाग करेंगे।
श्रीमती राधिका झा ने बताया कि उक्त सम्मेलन उत्तराखण्ड शासन एवं ऊर्जा विभाग के तत्वाधान में यूजेवीएन लिमिटेड, उत्तराखण्ड पावर कारपोरेशन, पिटकुल एवं उरेडा द्वार मिलकर आयोजित किया जाना है। सम्मेलन से निकले निष्कर्षों को राज्य की हरित ऊर्जा परियोजनाओं के विकास, निर्माण एवं परिचालन की रूपरेखा एवं नीतियों को तय करने में उपयोग किया जाएगा।
बैठक में मुख्य सचिव श्री उत्पल कुमार सिंह, अपर मुख्य सचिव श्रीमती राधा रतूड़ी, प्रमुख सचिव श्री आनन्द बर्द्वन, श्रीमती मनीषा पंवार, सचिव वित्त श्री अमित नेगी, सचिव श्री आर. मीनाक्षी सुन्दरम के साथ ही ऊर्जा निगमों के प्रबंध निदेशक एवं अधिकारीगण उपस्थित थे।
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अगले महीने जन प्रतिनिधियों का होगा सम्मेलन

सम्मेलन में मुख्यमंत्री करेंगे मन्त्रियों, विधायकों, जिला पंचायत अध्यक्षों और ब्लॉक प्रमुखों के साथ विचार -विमर्श

राज्य के समेकित विकास पर होगा मंथन

मुख्यमंत्री श्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत अगले माह प्रदेश के समग्र विकास की दिशा में अब तक किये गये समेकित प्रयासों के साथ ही राज्य के दृष्टिगत भविष्य की जरूरतों के सम्बन्ध में प्रदेश के मन्त्रिगणों, विधायकों, जिला पंचायत अध्यक्षों एवं ब्लॉक प्रमुखों से चर्चा करेंगे। साथ ही इस सम्बन्ध में उनके सुझावों, विचारों एवं समस्याओं की भी जानकारी लेंगे। यह राज्य के समेकित विकास की दिशा व दशा तय करने में भी मददगार होगा। इस एक दिवसीय आयोजन में विभिन्न सत्रों के माध्यम से सभी मन्त्रिगण अपने विभागों से सम्बन्धित कार्यकलापों एवं उपलब्धियों का प्रस्तुतीकरण के माध्यम से चर्चा करेंगे। वही विधायकगण, जिला पंचायत अध्यक्ष व ब्लॉक प्रमुख जनपदवार अपने-अपने सुझाव रखेंगे तथा ग्रामीण क्षेत्रों के विकास की स्थिति पर चर्चा भी करेंगे।
मुख्यमंत्री श्री त्रिवेन्द्र ने कहा कि क्षेत्र विशेष की समस्याओं के समाधान एवं विकास के आयामों से आम जन मानस को परिचित कराने में यह प्रयास कारगर सिद्ध होगा। उन्होंने कहा कि जनप्रतिनिधि का दायित्व आम जनता की भलाई के लिये समर्पित होना है। जन जागरूकता एवं क्षेत्रीय विकास में भागीदारी निभाना उनका दायित्व भी है। उन्होंने ऐसे प्रयासों को राज्य हित में बताया है। मुख्यमंत्री ने इस आयोजन की व्यवस्थाओं का दायित्व सचिव वित्त श्री अमित नेगी, सचिव मुख्यमंत्री श्रीमती राधिका झा के साथ ही महानिदेशक सूचना डॉ. मेहरबान सिंह बिष्ट को सौंपा हैं।
शुक्रवार को सचिवालय में आयोजित इससे सम्बन्घित बैठक में मुख्य सचिव श्री उत्पल कुमार सिंह, अपर मुख्य सचिव श्री ओमप्रकाश, श्रीमती राधा रतूड़ी, सचिव वित्त श्री अमित नेगी, सचिव मुख्यमंत्री श्रीमती राधिका झा, अपर सचिव मुख्यमंत्री एवं महानिदेशक सूचना डॉ0 मेहरबान सिंह बिष्ट उपस्थित थे।
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प्रदेश के सिंचाई, बाढ़ नियंत्रण, लघु-सिंचाई, वर्षा जल संग्रहण, जलागम प्रबन्धन, भारत-नेपाल उत्तराखण्ड नदी परियोजनाएं, पर्यटन, तीर्थाटन, धार्मिक मेले एवं संस्कृति मंत्री सतपाल महाराज ने विधान सभा स्थित कार्यालय कक्ष में बैठक ली।
बैठक में उन्होंने कहा कि बन्द विद्यालयों का उपयोग ट्रैकिंग रूट और यात्रा रूट के लिए होम स्टे के रूप में किया जायेगा। यह प्रस्ताव सम्पूर्ण प्रदेश में, पर्यटकों की सुविधा के लिए प्रस्तावित किया जायेगा। श्री सतपाल महाराज ने कहा कि जहाँ अध्यापकों की कमी है उन स्कूलों में गेस्ट टीचर्स के माध्यम से अभाव की पूर्ति की जाए एवं फर्नीचर, पेयजल एवं रसोई घर के लिए आवश्यक धनराशि का प्रबन्ध किया जाए।
विद्यालयों में कंप्यूटर की आपूर्ति पूर्व सांसद श्री सतपाल महाराज निधि के अवमुक्त बजट से की जायेगी। 331 स्कूलों में प्रति 2 कंप्यूटर एक स्कूल में कुल 662 कंप्यूटर की आपूर्ति की जायेगी। यह कंप्यूटर नवीनतम टैक्नोलाॅजी पर आधारित आई-3 कंप्यूटर होंगे। बैठक में ई-लर्निंग क्लास, वर्चुअल क्लास को प्रभावी करने का निर्देश दिया गया।
श्री सतपाल महाराज ने कहा विद्यालय की छतों की मरम्मत के लिए, छतों के स्थान पर सोलर पैनल का उपयोग किया जाए। सोलर पैनल के छत से जहाँ सब्सिडी मिलेगी वही पर बिजली की बचत भी होगी तथा यह भूकंपरोधी के रूप में कार्य करेगा। इससे सम्बन्धित प्रस्ताव प्रस्तुत करने का निर्देश दिया है।
बैठक में निजी विद्यालयों की भर्ती प्रक्रिया दोषपूर्ण होने के कारण अध्यापकों के चयन हेतु अधीनस्थ सेवा चयन आयोग अथवा माध्यमिक शिक्षा चयन बोर्ड के माध्यम से चयन करने का प्रस्ताव शासन को भेजने का भी निर्देश दिया गया।
इस अवसर पर अपर सचिव विद्यालयी शिक्षा रवनीत चीमा, संयुक्त निदेशक एस.सी.भट्ट, सीईओ एम.एस.रावत, डीईओ के.एस.रावत, उप निदेशक माध्यमिक एच.एन.यादव, बीईओ एकेश्वर एल.पी.यादव एवं बीईओ द्वारीखाल आर.एस.तोमर इत्यादि अधिकारी मौजूद थे।
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10वें राष्ट्रीय मतदाता दिवस की पूर्व बेला पर सचिवालय सभागार में मुख्य सचिव श्री उत्पल कुमार सिंह द्वारा समस्त अधिकारियों एवं कार्मिकों को मतदाताओं द्वारा ली जाने वाली शपथ का वाचन कराया गया। कार्यक्रम का संचालन मुख्य निर्वाचन अधिकारी श्रीमती सौजन्या द्वारा किया गया।
इस अवसर पर अपर मुख्य सचिव श्रीमती राधा रतूड़ी, प्रमुख सचिव आनन्दबर्धन, सचिव अरविन्द सिहं हंयाकी, महानिदेशक उद्योग एल. फेनई, प्रभारी सचिव बीएस मनराल, अपर सचिव प्रताप शाह, सहायक मुख्य निर्वाचन अधिकारी मस्तूदास, सचिवालय संघ के अध्यक्ष दीपक जोशी, महासचिव राकेश जोशी तथा उपाध्यक्ष संदीप चमोला सहित समस्त सचिवालय अधिकारी एवं कर्मचारी उपस्थित थे ।

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