चीफ डिफेंस ऑफ स्टाफ जनरल बिपिन रावत व एनटीआरओ के चीफ श्री अनिल धस्माना ने मुख्यमंत्री से शिष्टाचार भेंट की। #हरेला पर्व पर दिनांक 16 जुलाई, 2021 को महिला सशक्तिकरण एवं बाल विकास मंत्री की उपस्थिति में  विज्ञान धाम, झाझरा, देहरादून में वृक्षारोपण / हरेला पर्व मनाया जायेगा। #प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना के अन्तर्गत स्टेट लेवल सेंक्शनिंग कमिटी (एस.एल.एस.सी.) की बैठक सम्पन्न हुई।# जनपद पौड़ी गढवाल में जिला विकास प्राधिकरण समाप्त होने के कारण अब प्राधिकरण से कोई नक्शा पास या शुल्क जमा करने की कोई आवश्यकता नहीं है।#पढिए Janswar.com में।

चीफ डिफेंस ऑफ स्टाफ जनरल बिपिन रावत व एनटीआरओ के चीफ श्री अनिल धस्माना ने उत्तराखण्ड सदन, नई दिल्ली में मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी से शिष्टाचार भेंट की।
जनरल बिपिन रावत और मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी के मध्य उत्तराखण्ड के विकास से संबंधित विभिन्न विषयों पर चर्चा की गई। विशेष तौर पर  सीमांत क्षेत्रों के विकास पर विचार-विमर्श किया गया। मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तराखण्ड की सीमाएं चीन व नेपाल से लगने के कारण यहां के सामरिक महत्व को देखते हुए राज्य के सीमावर्ती क्षेत्रों में बार्डर एरिया विकास कार्यक्रमों को प्राथमिकता दी जाए। विशेष तौर पर  सीमांत क्षेत्रों से पलायन को रोकने की योजनाओं पर काम करना होगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि रणनीतिक महत्व को देखते हुए सड़कों व पुलों के निर्माण के लिए जरूरी औपचारिकताओं को जल्द से जल्द पूरा किया जा रहा है।
राज्य के पर्वतीय क्षेत्रों में बाहर से आने वाले संदिग्ध लोगों के पुलिस सत्यापन पर भी चर्चा की गई। मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तराखण्ड आपदा की दृष्टि से भी संवेदनशील राज्य है। आपदा की स्थिति में राहत व बचाव कार्यों में सेना ने सदैव महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। राज्य सरकार व सैन्य प्रशासन के बीच बेहतर समन्वय है।
मुख्यमंत्री ने राज्य में कोविड के कारण नहीं हो पाई भर्ती रैलियों को दुबारा शुरू किये जाने का अनुरोध किया। सीडीएस जनरल बिपिन रावत ने राज्य के सीमावर्ती क्षेत्रों के विकास में हर सम्भव सहयोग के प्रति आश्वस्त किया।
एनटीआरओ  चीफ श्री अनिल धस्माना ने कहा कि उत्तराखण्ड में ड्रोन टेक्नोलॉजी के विकास के लिए पूरी सहायता दी जाएगी।

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हरेला पर्व पर दिनांक 16 जुलाई, 2021 को महिला सशक्तिकरण एवं बाल विकास मंत्री श्रीमती रेखा आर्या की उपस्थिति में  विज्ञान धाम, झाझरा, देहरादून में वृक्षारोपण / हरेला पर्व मनाया जायेगा।
दिनांक 16 जुलाई 2021 को कैबिनेट मंत्री श्रीमती रेखा आर्या, प्रातः 11ः15 बजे बालिका निकेतन / शिशु निकेतन, केदारपुरम् देहरादून  जायेंगी, कैबिनेट मंत्री वहाँ से संस्थाओं के बच्चों के साथ विज्ञानधाम, झाझरा, देहरादून जायेंगी। विज्ञानधाम के परिसर में मंत्री जी एवं बच्चों द्वारा फलों के पौधे रोपित किये जायेंगे। इस अवसर पर कैबिनेट मंत्री द्वारा बच्चों को उत्तराखण्ड की संस्कृति व हरेला के महत्व की जानकारी दी जायेगी। विज्ञान धाम के भ्रमण द्वारा बच्चों में विज्ञान व पर्यावरण की रक्षा के प्रति अभिरुचि का विकास करने में सहयोग मिलेगा। इस अवसर पर बच्चों द्वारा तैयार पर्यावरण संरक्षण पर स्लोगन भी प्रदर्शित किये जायेंगे।
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मुख्य सचिव डॉ. एस.एस. सन्धु की अध्यक्षता में गुरूवार को सचिवालय स्थित उनके सभागार में प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना के अन्तर्गत स्टेट लेवल सेंक्शनिंग कमिटी (एस.एल.एस.सी.) की बैठक सम्पन्न हुई। मुख्य सचिव ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि सिंचाई सुविधाओं के विकास के लिए पर्वतीय क्षेत्रों पर अधिक फोकस किए जाने की आवश्यता है। इसके साथ ही पर्वतीय क्षेत्रों में गूल बनाने के बजाए स्प्रिंकल या ड्रिप आधारित सिंचाई योजनाओं पर अधिक फोकस किया जाना चाहिए।
मुख्य सचिव ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि सभी विभागों की प्रत्येक योजना की मॉनिटरिंग एवं थर्ड पार्टी कन्करेंट इवैल्यूएशन ( Third Party Concurrent Evaluation ) के लिए एक सिस्टम तैयार किया जाए। उन्होंने कहा कि इससे गुणवत्ता में निश्चित रूप से सुधार आएगा। उन्होंने ऐसे जनपदों जहाँ सिंचाई की सुविधाएं कम हैं या नहीं हैं, को प्राथमिकता के साथ लेने के भी निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि हर खेत को पानी योजना के तहत सोलर एवं इलैक्ट्रिक पम्प को ज्यादा से ज्यादा बढ़ावा दिया जाए। उन्होंने क्लस्टर आधारित खेती पर फोकस करने के साथ ही, मार्केट सर्वे के आधार पर योजनाओं के क्रियान्वयन पर बल देने की बात कही।
बैठक के दौरान प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना (पी.एम.के.एस.वाई.) के अन्तर्गत कृषि, बागवानी, जलागम, सिंचाई एवं लघु सिंचाई विभागों की वार्षिक कार्ययोजना को स्वीकृति प्रदान की गयी।
इस अवसर पर अपर मुख्य सचिव श्रीमती मनीषा पंवार, सचिव श्रीमती सौजन्या, श्री अरविन्द सिंह ह्यांकी, श्री एस.ए. मुरूगेशन सहित अन्य विभागीय उच्चाधिकारी उपस्थित थे।
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जिला विकास प्राधिकरण जनपद गढ़वाल के अन्तर्गत कतिपय लाईसेन्सियों के द्वारा आम जनता को गुमराह करने का संज्ञान लेते हुए सचिव/अपर जिलाधिकारी जिला विकास प्राधिकरण पौड़ी डॉ. एस.के.बरनवाल ने जिला विकास प्राधिकरण जनपद गढ़वाल के समस्त लाईसेन्सधारी आर्किटेक्ट/ सिविल इंजीनियर/नक्शानवीस (ड्राफ्ट मैन) को सूचित करते हुए कहा कि जनपद में जिला विकास प्राधिकरण समाप्त हो चुका है और अब प्राधिकरण से कोई नक्शा पास या शुल्क जमा करने की कोई आवश्यकता नहीं है। कहा कि इस कारण आम जनता में भ्रम की स्थित उत्पन्न हो रही है और इस प्रकार से आम जनता को गुमराह किया जाना ठीक नहीं है। उन्होंने कहा कि भविष्य में इस प्रकार की किसी भी लाईसेन्सी के विरूद्ध कोई शिकायत/प्रकरण संज्ञान में आता है तो उसके लाईसेन्स को निरस्त करने की कार्यवाही अमल में लाई जायेगी।
उन्होंने अवगत कराया कि शासनादेश दिनांक 17.03.2021 के द्वारा वर्ष 2016 से पूर्व के प्राधिकरणों एवं विनियमित क्षेत्रों को छोड़कर नये सम्मलित क्षेत्रों में मानचित्र स्वीकृति की प्रक्रिया को अग्रिम आदेशों तक स्थगित किया गया है। जबकि शासनादेश दिनांक 15.06.2021 के द्वारा वर्ष 2016 से पूर्व के प्राधिकरणों एवं विनियमित क्षेत्रों को छोड़कर नये सम्मलित क्षेत्रों में यदि कोई आवेदक स्वेच्छा से मानचित्र स्वीकृत कराना चाहता है तो संबंधित प्राधिकरण के द्वारा मानचित्र स्वीकृति की कार्यवाही की जायेगी। उन्होंने कहा कि कार्यालय द्वारा दिनांक 25.03.2021 के द्वारा वर्ष 2016 से पूर्व के प्राधिकरण एवं विनियमित क्षेत्रों (विनियमित क्षेत्र पौड़ी, श्रीनगर एवं प्राधिकरण क्षेत्र ग्राम सभा जौंक नगर पंचायत स्वर्गाश्रम) का पूर्ण विवरण दिया गया है, जहां पर प्राधिकरण से मानचित्र स्वीकृत करना अनिवार्य है, इन क्षेत्रों में बिना भवन मानचित्र के कोई भी निर्माण अवैध है। इन क्षेत्रों में मानचित्र स्वीकृति प्रकिया पर कोई रोक नहीं है। साथ ही वर्ष 2016 के बाद के प्राधिकरण क्षेत्रों में भी आवेदक स्वैच्छा से बैंक लोन आदि हेतु प्राधिकरण से मानचित्र स्वीकृत करवा सकता है।
उन्होंने कहा कि वर्ष 2016 से पूर्व के विनियमित क्षेत्र एवं प्राधिकरण क्षेत्र इस प्रकार हैं-
1. निनियमित क्षेत्र पौड़ी-(क) पौड़ी नगर पालिका परिषद् सीमा के भीतर पड़ने वाला समस्त क्षेत्र (ख) जनपद/तहसील पौड़ी के निम्न ग्रामों का क्षेत्र-माण्डा लगा भेटा, ल्वाली लगा भेटा, भेटा, भदलाऊं, खडेत तल्ला, खडेत मल्ला, पावौं मल्ला, उंणचिर, चौपड़ा, रावत कफलना, बमण कफलना, वजली, सिरौली, गोसिल लगा खोली, र्क्याक, कोठार, मासों मल्ला, मासों तल्ला, मरवाडा गूंठ, मैठाणा, बैरागंना, सुनार ढांढरी, भगलानू, गौल की माण्डा, खरकोटा, थली, कोलाकण्डी, गोदी मल्ली, चन्दोला रांई, चन्दोला रांई गूंठ, बयाल गांव, रौत गांव।
2. विनियमित क्षेत्र श्रीनगर-(क) नगर पालिका परिषद श्रीनगर की सीमा के भीतर पड़ने वाला समस्त क्षेत्र (ख)निम्न ग्रामों की सीमा के भीतर पड़ने वाला क्षेत्र-कीर्तिनगर अधिसूचित क्षेत्र, पैल्यूला, रानीहाट, नैथाणा मल्ला और तल्ला, गोरसाली, थापली, बडकोट, मडी, लांगसू, गुगली, जाखणी, नौर(किलकिलेश्वर), दिवली, सोक्रों, नेथयाणा, श्रीकोट, ऐठाणा डांग, रेवडी कांडई, उफल्डा।
3. ऋषिकेश के महायोजना का वह क्षेत्र जो पूर्व में हरिद्वार रूड़की विकास प्राधिकरण क्षेत्रान्तर्गत था, जो वर्तमान (वर्ष 2019 उपरान्त) में जिला स्तरीय विकास प्राधिकरण का

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