समाचार प्रेषण-अरुणाभ रतूड़ी
ग्रीष्म कालीन राजधानी गैरसैण में सभी व्यवस्थाएं करने के लिए मुख्यसचिव की अध्यक्षता में कमेटी गठित-मुख्यमंत्री।
मुख्यमंत्री श्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने बुधवार को मुख्यमंत्री आवास में आयोजित कार्यक्रम में पत्रकारों से वार्ता करते हुए कहा कि गैरसैंण राज्य की ग्रीष्मकालीन राजधानी है। अतः ग्रीष्मकालीन राजधानी के अनुरूप गैरसैंण में हमें समानान्तर व्यवस्थायें करनी होती है, इस दृष्टि से आगामी 10 वर्षों में गैरसैंण में विभिन्न अवस्थापना सुविधाओं के विकास की प्लानिंग के लिए मुख्य सचिव की अध्यक्षता में कमेटी गठित की गई है। राज्य सरकार द्वारा किये जाने वाले निवेश के अतिरिक्त इसमें प्राईवेट इन्वेस्टर भी आयेंगे। गैरसैंण क्षेत्र की तमाम अवस्थापना सुविधाओं के विकास के साथ ही स्वास्थ्य, शिक्षा, पानी, बिजली, सीवरेज आदि की तमाम व्यवस्थायें की जानी होगी। गैरसैंण में अच्छे विद्यालय, खेल मैदान मनोरंजन के तमाम संसाधनों के विकास आदि के लिये 25 हजार करोड़ रूपए की घोषणा उनके द्वारा की गई है। इस दिशा में पहला कार्य इस क्षेत्र में पर्याप्त भूमि की व्यवस्था तथा बेहतर कनेक्टिविटी पर ध्यान दिया जा रहा है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि दिवालीखाल से भराड़ीसैंण तक डबललेन सड़क निर्माण के लिए 09 करोड़ की धनराशि उपलब्ध करायी गई है। चार हेलीकाप्टरां के उतरने लायक हेलीपैड के निर्माण हेतु भी धनराशि उपलब्ध करायी गई है। गैरसैंण में ग्रीष्मकालीन राजधानी को समानान्तर व्यवस्थाओं के लिये बड़े इन्वेस्टमेंट की भी मुख्यमंत्री ने जरूरत बतायी।
आगामी त्यौहारों के दृष्टिगत मुख्यमंत्री ने प्रदेशवासियों से घर से बाहर निकलने पर मास्क का उपयोग करने तथा पटाखों का कम से कम इस्तेमाल करने की अपील की। उन्होंने कहा कि यदि हमारा पर्यावरण स्वस्थ रहेगा तो हमारा स्वास्थ्य भी ठीक रहेगा। त्यौहारों के अवसर पर अधिक भीड़-भाड़ से भी बचने की उन्होंने सभी से अपील की है।
इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने बिहार चुनाव में निर्णायक मतदान के लिये बिहार की जनता को भी बधाई दी। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी का मार्गदर्शन एवं मोटिवेशन हमें ताकत देता है। देश की जनता का उनपर पूरा विश्वास है।
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राजकीय उद्यान खांड्यूसैंण को हार्टी टूरिज्म तथा आदर्श उद्यान के रूप में विकसित करने की कृषि मंत्री ने की सराहना।
जिला मुख्यालय के खांड्यूसैंण स्थित राजकीय उद्यान को हार्टी टूरिज्म तथा आदर्श उद्यान के रूप में विकसित करने के लिए उद्यान विभाग के कार्याें की प्रदेश के काबीना मंत्री/जनपद प्रभारी मंत्री श्री सुबोध उनियाल ने प्रशंसा की। मुख्य उद्यान अधिकारी डाॅ. नरेंद्र कुमार ने बताया कि राज्य स्थापना दिवस के अवसर पर कृषि एवं कृषक कल्याण मंत्री ने राजकीय उद्यान खांड्यूसैंण का निरीक्षण किया। इस दौरान प्रभारी मंत्री ने राजकीय उद्यान में स्थापित मशरूम स्पाॅन लैब के संचालन तथा विभाग द्वारा युवाओं को मशरूम उत्पादन की जानकारी दिये जाने पर विभाग की प्रशंसा की। उन्होंने बताया कि राजकीय उद्यान में सेब के करीब दो सौ मातृ वृक्ष, कल्मी अखरोट तथा दो जल संभ्रण टैंक का निर्माण किया गया है। कहा कि प्रभारी मंत्री ने राजकीय उद्यान में ड्रिप सिंचाई करने तथा पूरे उद्यान में चैन लिंक फेंसिंग करने के निर्देश दिये हैं।
इस दौरान उद्यान विशेषज्ञ एन.एम. मलासी, समाजिक कार्यकर्ता धर्मेंद्र उनियाल, अपर निदेशक कृषि डाॅ. परमाराम, मुख्य कृषि अधिकारी देवेंद्र सिंह, उद्यान प्रभारी हिमांशू सिंह आदि उपस्थित रहे।
इको सेंसेटिव जोन मॉनिटरिंग कमेटी की बैठक की अध्यक्षता मुख्यसचिव ने की ।
मुख्य सचिव श्री ओम प्रकाश की अध्यक्षता में उनके सचिवालय सभागार में भागीरथी इको सेंसेटिव जोन मॉनिटरिंग कमेटी की बैठक आयोजित की गयी।
बैठक में जिलाधिकारी उत्तरकाशी मयूर दीक्षित ने वीडियो कान्फ्रेंसिंग के माध्यम से इको सेंसेटिव जोन में चल रहे पर्यावरण संरक्षण, बाढ़ प्रबंधन, वनीकरण, जैव विविधता संरक्षण तथा सड़क, पेयजल आपूर्ति, सॉलिड वेस्ट निस्तारण, आर्गेनिक उत्पादन इत्यादि विकासात्मक कार्यों का प्रेजेन्टेशन दिया साथ ही लोक निर्माण विभाग, वन विभाग, सिंचाई विभाग, जल संस्थान, पेयजल निगम आदि विभागों ने भी अपने-अपने विभागीय कार्यों की प्रगति से अवगत कराया।
बैठक में वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से समिति के गैर सरकारी सदस्य भी जुड़े हुए थे, जिन्होंने पर्यावरण और विकास के बीच बेहतर सामंजस्य बढ़ाने तथा पर्यावरण के मानकों का बेहतर अनुपालन करते हुए विकासात्मक कार्यों को गति देने के लिए अपने बहुमूल्य सुझाव भी साझा किये।
मुख्य सचिव ने लोक निर्माण विभाग को सड़क निर्माण व सड़क सुधारीकरण कार्यों के दौरान उत्पन्न होने वाले मग/कंपोजिट का पर्यावरण मानकों के अंतर्गत निस्तारण करने के निर्देश दिये।
उन्होंने भागीरथी इको सेंसेटिव जोन में भरवाड़ी से गोमुख वाले सड़क मार्ग के कार्यों के दौरान उत्पन्न मग के उचित निस्तारण का प्लान भी पूछा।
मुख्य सचिव ने पेयजल निगम और जल संस्थान द्वारा सीवर संयोजन के कार्यों की प्रगति को आशाजनक नहीं बताते हुए कहा कि जो सीवर संयोजन का कार्य अवशेष रह गया है उसकी प्रगति तेजी से बढ़ायें क्योंकि जल शक्ति मंत्रालय के निर्देशानुसार इन क्षेत्रों में 80 प्रतिशत तक सीवर संयोजन होना जरूरी है।
उन्होंने सिंचाई विभाग को नदी के बीच डिपोजिट हुए आरबीएम/अतिरिक्त मटीरियल हटाने और नदी के तटों की बाढ़ सुरक्षा संबंधित कार्यों को एनजीटी के प्रावधानों के अधीन करने के निर्देश दिये। इसके लिये उन्होंने किसी साइंटिफिक एक्सपर्ट की मदद लेते हुए कार्य करने पर जोर दिया। मुख्य सचिव ने वन विभाग को निर्देशित किया कि इको सेंसेटिव क्षेत्रों के साथ अन्य कई ऐसे क्षेत्रों में जहाँ पर वनीकरण (फॉरेस्टेशन) का कार्य किया जाता है, वहाँ पर वनीकरण में स्थानीय स्पेसिज (प्रजाति) का ही रोपण करें जिससे अन्य स्थानीय वनस्पति के साथ ही सामंजस्य बना रहे और सभी प्रकार की वनस्पति संतुलित रूप से सर्वाइव हो सके।
मुख्य सचिव ने इस क्षेत्र को पूरी तरह से ऑर्गेनिक बनाने के लिये ऑर्गेनिक उत्पादों के उत्पादन में बेहतर परिणाम हासिल करने के लिये बायो ऑर्गेनिक बोर्ड से भी जरूरी तकनीकी हेल्प लेने को कहा। इसके अतिरिक्त मुख्य सचिव ने जल संरक्षण से संबंधित कार्यों को भी प्राथमिकता से लेते हुए मनरेगा से भी इन कार्यों को करवाने को कहा तथा सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट, बायोवेस्ट मैनेजमेंट का बेहतर प्लान बनाते हुए उसे अमल में लाने को कहा। उन्होंने जिलाधिकारी उत्तरकाशी को भी निर्देशित किया कि गैर सरकारी सदस्यों की ओर से आज प्राप्त हुए सुझावों को भी प्लान में शामिल करें तथा विभिन्न विकासात्मक कार्यों की विजिट बनाने का भी प्लान बनायें।
इस दौरान वीडियो कॉफ्रेंसिंग के माध्यम से गैरसरकारी सदस्य सह अध्यक्ष हेम पाण्डेय व अन्य सदस्यों ने ऐसे छोटे-छोटे बिन्दुओं पर समिति का ध्यान आकर्षित किया जिससे धरातल पर कार्य करते समय पया्रवरण के मानकों का बेहतर अनुपालन हो सकता है तथा प्रर्यावरण और विकास के मध्य बेहतर सामंजस्य स्थापित हो सकता है।
इस दौरान बैठक में प्रमुख सचिव वन एवं पर्यावरण आनन्द वर्द्धन सहित समिति के सरकारी व गैर सरकारी सदस्य वीडियो कॉफ्रेंसिंग के माध्यम से उपस्थित थे।
नगर सेवायोजन कार्यालय पौड़ी द्वारा सेना की कोट्द्वार भर्ती रैली हेतु मार्गदर्शन सत्र का आयोजन।
नगर सेवायोजन कार्यालय की ओर से 20 नवम्बर, 2020 से कोटद्वार में होने वाली सेना भर्ती रैली हेतु युवाओं के लिए एक दिवसीय मार्गदर्शन सत्र का आयोजन किया जा रहा है। जिसमें युवाओं को सेना भर्ती हेतु पात्रता संबंधी शारीरिक मापदंड, लिखित परीक्षा का पाठ्यक्रम, पूर्व में आयोजित परीक्षाओं के आधार पर सैंपल पेपर समाधान आदि की जानकारियां दी जाएंगी।
जानकारी देते हुए नगर सेवायोजन अधिकारी व उप प्रमुख यूईबी श्रीनगर मुकेश प्रसाद रयाल ने बताया कि मार्गदर्शन सत्र का आयोजन पौड़ी, कोट, खिर्सू, कल्जीखाल, पाबौ व थलीसैंण विकास खंडों में एक-एक दिन के लिए आयोजित किया जाएगा। उन्होंने बताया कि 24 नवंबर, 2020 को ईटीसी पौड़ी में मार्गदर्शन सत्र आयोजित होगा। जबकि 26 नवंबर, 2020 को कल्जीखाल, 28 नवंबर को खिर्सू, 2 दिसम्बर को कोट, 4 दिसम्बर को पाबौ तथा 10 दिसम्बर को थलीसैंण ब्लाक में मार्गदर्शन सत्र आयोजित होगा। सभी सत्र संबंधित ब्लाकों के विकास खंड कार्यालयों में ही आयोजित होंगे। प्रतिभाग करने हेतु युवाओं को संबंधित खंड कार्यालयों में दिये गये लिंक अथवा क्यूआर कोड के द्वारा पंजीकरण करना होगा। इसके अलावा अभ्यर्थी किसी भी समस्या के समाधान हेतु प्रातः 11 से अपराह्न 4 बजे तक 01346-252207 फोन नंबर के माध्यम से भी जानकारी प्राप्त कर सकते हैं। उन्होंने बताया कि अभ्यर्थियों को परीक्षा की तैयारी सेवा निवृत्त सैन्य अधिकारियों के द्वारा मुहैया करायी जाएगी।