समाचार प्रस्तुति-कपिल रतूड़ी
सुखद अनुभूति,,, यमकेश्वर क्षेत्र में सम्पादित विभिन्न सामाजिक कार्यो के लिये आज ” वृक्षमित्र” सम्मान प्राप्त हुआ। यह सम्मान लैंसडाउन के नजदीक ग्राम वनखण्डी (सिसल्ड्ड़ी) में आयोजित भव्य समारोह में पर्यावरण विद्द स्वर्गीय माया राम खंतवाल जी की चिर स्मृति में प्रदान किया गया। मैं आयोजको खासकर सर्वश्री कर्नल बुद्धि बल्लभ ध्यानी जी ( अवकाश प्राप्त ) का विशेष आभार व्यक्त करता हूं, साथ मे अपने मित्र विमल ध्यानी जी,( संवाददाता दूरदर्शन ), एडवोकेट जितेंद्र चौहान जी, देवेश आदमी ( रिखणीखाल), मनीष सुन्द्रियाल ( धुमाकोट) श्री जे एस बिष्ट जी, ( अध्यक्ष धाद संस्था) श्रीमती सुषमा जखमोला जी ( संस्थापक आकृति संस्था) आदरणीय डॉक्टर श्री चन्द्रमोहन बड़थ्वाल जीआदरणीय गुरु जी श्री सत्यप्रकाश थपलियाल जी, श्री जनार्दन बुड़ाकोटि जी सहित अन्य सभी गणमान्य लोगों का सादर आभार व्यक्त करता हूं।-कपिल रतूड़ी
Janswar.com व Pressclub Munikireti अपने वरिष्ठ सदस्य कपिल रतूड़ी को वृक्षमित्र सम्मान मिलने की हार्दिक शुभकामनाएं देता है।
समाचार प्रस्तुति-कपिल रतूड़ी
देश के सभी पत्रकारों के लिए केंद्र सरकार का तोहफा
‘पत्रकार वेलफेयर स्कीम’ में हुआ संशोधन
केंद्र सरकार ने लोकतंत्र के चौथे स्तम्भ को मजबूती प्रदान करने के लिए ‘पत्रकार वेलफेयर स्कीम’ में संशोधन कर दिया है। यह देशभर के सभी पत्रकारों के लिए लागू हो गया है। दरअसल केंद्र सरकार ने पत्रकारों के कल्याण के लिए इस स्कीम को फरवरी 2013 में लागू किया गया था। अब इसमें संशोधन किया गया है, जिसका फायदा सभी जर्नलिस्ट्स ले सकेंगे।
यदि किसी जर्नलिस्ट का निधन हो जाता है या फिर वह विकलांग हो जाता है, तो इस स्कीम के तहत केंद्र सरकार उसके आश्रितों को 5 लाख रुपए की सहायता देगी। वहीं, इलाज के लिए भी पत्रकार को सरकार की ओर से 5 लाख रुपए की सहायता राशि दी जाएगी।
इस योजना की पात्रता के लिए एक समिति का गठन भी किया गया है, जिसके संरक्षक केंद्रीय सूचना और प्रसारण मंत्री होंगे। वहीं, विभाग के सचिव अध्यक्ष, प्रधान महानिदेशक, एएस एंड एएफ, संयुक्त सचिव समिति के सदस्य हैं। वहीं, सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय के उप सचिव अथवा निदेशक सदस्य संयोजक हैं।
इस समिति का काम होगा कि ये पीड़ित पत्रकार या फिर उनके परिजनों के आवेदन पर विचार करे तथा उसके मुताबिक आर्थिक सहायता देने का फैसला ले। इस योजना के तहत एक अच्छी बात यह है कि इसमें केंद्र या राज्य सरकार से अधिस्वीकृत पत्रकार होने का कोई बंधन नहीं है।
यह योजना पत्रकारों से संबंधित 1955 के एक अधिनियम “Working Journalists and other Newspaper Employes (Condition of service) And Miscellaneous Provision Act 1955” के तहत पत्रकार की श्रेणी में आने वाले देशभर के जर्नलिस्ट्स पर लागू किया गया है।
वेब और टीवी जर्नलिस्ट्स को भी होगा लाभ
वहीं, इस योजना का लाभ टेलीविजन और वेब जर्नलिस्ट्स भी ले सकेंगे। न्यूज पेपर्स के बाद टेलीविजन जगत में क्रांति आई और टीवी न्यूज चैनल्स की शुरुआत हुई, वहीं, अब वेब जर्नलिज्म का जमाना आ गया है और वेब पर भी पत्रकारिता की जा रही है।
इसके साथ ही सभी न्यूज पेपर्स के एडिटर, सब एडिटर, रिपोर्टर, फोटोग्राफर, कैमरामैन, फोटो जर्नलिस्ट, फ्रीलांस जर्नलिस्ट, अंशकालिक संवाददाता और उन पर आश्रित परिजनों को भी स्कीम के दायरे में रखा गया है। इसका लाभ लेने की शर्त यह है कि कम से कम 5 साल तक पत्रकार के रूप में सेवाएं दी गई हों। स्कीम के तहत यह जानकारी भी दी गई है कि एक से पांच लाख की सहायता किन परिस्थितियों में पीड़ित पत्रकार या उनके परिजनों को दी जाएगी।अधिक जानकारी के लिए – http://pib.nic.in/prs/JWSguidelinesEnglish.pdf?Sel=17&PSel=2 इस लिंक पर जा सकते हैं।
अथवा
महानिदेशक (मीडिया एवं संचार), प्रेस इन्फॉर्मेशन ब्यूरो, ‘ए’ विंग, शास्त्री भवन, नई दिल्ली -110001 से भी संपर्क किया जा सकता है।
जिन पत्रकारों या उनके परिजनों को सहायता चाहिए, वे विहित फॉर्म पर अपने आवेदन दिए गए पते पर भेज सकते हैं। तीन पृष्ठों के इस फॉर्म का नमूना प्रेस इन्फॉर्मेशन ब्यूरो (पत्र सूचना ब्यूरो) की वेबसाइट pib.nic.in से डाउनलोड कर सकते हैैं
श्रमजीवी पत्रकार और गैर-पत्रकार कर्मी अधिनियम ,1955
परिभाषा
श्रमजीवी पत्रकार की कानूनी परिभाषा पहली बार इस अधिनियम से ही की गई.इसके अनुसार श्रमजीवी पत्रकार वह है जिसका मुख्य व्यवसाय पत्रकारिता हो और वह किसी समाचारपत्र स्थापन में या उसके सम्बन्ध में पत्रकार की हैसियत से नौकरी करता हो.इसके अन्तर्गत संपादक,अग्रलेख-लेखक, समाचारसंपादक,समाचार संवाददाता
उप-संपादक, फीचर लेखक,प्रकाशन-विवेचक (कॉपी,टेस्टर),रिपोर्टर,संवाददाता (कौरेसपोंडेंट),व्यंग्य-चित्रकार (कार्टूनिस्ट),संचार फोटोग्राफर और प्रूफरीडर आते हैं.अदालतों के निर्णयों के अनुसार पत्रों में काम करनेवाले उर्दू-फारसी के कातिब,रेखा-चित्रकार और सन्दर्भ-सहायक भी श्रमजीवी पत्रकार हैं.कई पत्रों के लिए तथा अंशकालिक कार्य करनेवाला पत्रकार भी श्रमजीवी पत्रकार है यदि उसकी आजीविका का मुख्य साधन अर्थात उसका मुख्य व्यवसाय पत्रकारिता है.किन्तु,ऐसा कोई व्यक्ति जो मुख्य रूप से प्रबंध या प्रशासन का कार्य करता है या पर्यवेक्षकीय हैसियत से नियोजित होते हुए या तो अपने पद से जुड़े कार्यों की प्रकृति के कारण या अपने में निहित शक्तियों के कारण ऐसे कृत्यों का पालन करता है जो मुख्यतः प्रशासकीय प्रकृति के हैं,तो वह श्रमजीवी पत्रकार की परिभाषा में नहीं आता है.इस तरह एक संपादक श्रमजीवी पत्रकार है यदि वह मुख्यतः प्रशासकीय प्रकृति के हैं,तो वह श्रमजीवी पत्रकार की परिभाषा में नहीं आता है.इस तरह एक संपादक श्रमजीवी पत्रकार है यदि वह मुख्यतः सम्पादकीय कार्य करता है और संपादक के रूप में नियोजित है.पर यदि वह सम्पादकीय कार्य कम और मुख्य रूप से प्रबंधकीय या प्रशासकीय कार्य करता है तो वह श्रमजीवी पत्रकार नहीं रह जाता है