कोविड-19 से लड़ाई में लगातार सतर्कता जरूरी : मुख्यमंत्री## मुख्यमंत्री ने नदियों एवं नहरों में फ्लोटिंग टरबाइन के माध्यम से ऊर्जा उत्पादन की संभावनाएं तलाशने के निर्देश दिए ##जनपद पौड़ी में कोविड संक्रमित कुल 31रोगी आईसोलेशन में व 131क्वारेंटाईन में।पढिए Janswar.com में।

कोविद -19 से लड़ाई में लगातार सतर्कता जरूरी: मुख्यमंत्री
कान्टेक्ट ट्रेसिंग, सर्विलांस और सेम्पलिंग पर विशेष ध्यान दिया जाएगा।
क्लिनिकल प्रबंधन में समय पर रेस्पोंस को प्राथमिकता दी जाएगी।
मुख्यमंत्री श्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने को विभाजित -19 के संबंध में सचिवालय में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम की समीक्षा की।
मुख्यमंत्री श्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने कहा कि कोविड -19 के एक्टीव मामलों में कमी होने पर भी लगातार सावधान रहने की जरूरत है। प्रशासनिक स्तर पर किसी तरह की शिथिलता न हो। शनिवार को मुख्यमंत्री ने कोविद -19 के संक्रमण की रोकथाम और बचाव के लिए किए जा रहे कार्यों की सचिवालय में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से समीक्षा की। उन्होंने कहा कि हमारी रिकवरी रेट 81 प्रतिशत से अधिक हो गई है। मृत्यु दर को कम करने पर विशेष ध्यान देना होगा। गम्भीर मामलों पर जिलाधिकारी और मुख्य चिकित्सा अधिकारी स्वयं लगातार नजर रखें। ऐसे मामलों में अविलम्ब रेस्पोंस सुनिश्चित किया जाएगा। लगातार सेवाओंलांस किया जाए और संदिग्ध मामलों में सेम्पलिंग जरूर की जाए।
एक्टीव के मामलों में कमी आई, किसी तरह की ढ़िलाई न आई
मुख्यमंत्री ने कहा कि पिछले लगभग 4 महीने में को विभाजित -19 को नियंत्रित करने के लिए काफी काम किया गया है। इसी का परिणाम है कि वर्तमान में प्रदेश में कोरोना का रिकवरी रेट 81 प्रतिशत से अधिक है और यह निरंतर बढ़ रहा है। हमारे यहां एक्टीव केसों की संख्या 500 से भी कम हो गई है। लेकिन अभी भी आराम का समय नहीं है। निरंतर सतर्कता बनाए रखने वाली है। कान्टेक्ट ट्रेसिंग और क्वारेंटाईन सेंटरों की उचित व्यवस्था सुनिश्चित की जाए। डेथ ऑडिट रिपोर्ट में कोरोनाबर्ट की मौत के कारणों का विश्लेषण कर देखा गया कि कहां-कहां सुधार किए जाने की जरूरत है। क्लिनिकल प्रबंधन में गम्भीरतम मामलों पर उच्च स्तर से ध्यान करने की आवश्यकता है।
आशा व आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों के मानदेय का समय पर भुगतान सुनिश्चित हो
आशा, आंगनबाड़ी कार्यकत्री आदि के तौर पर सिनेलाइन वर्कर को विभाजित -19 के खिलाफ लड़ाई में हमारे प्रमुख राजकुमार हैं। उनके मानदेय के भुगतान में किसी प्रकार का विलम्ब नहीं होना चाहिए। साथ ही उन्हें फेस शील्ड, सेनेटाईजर आदि सेघ करवाना सुनिश्चित किया जाए।
फेस व फिजीकल डिस्टेंसिंग का सख्ती से पालन हो
मुख्यमंत्री ने कहा कि हमने प्रदेश में हेल्थ इंफ्रास्ट्रक्चर को मजबूत किया है। आईसीयू, वेंटिलेटर, टेस्टिंग मशीन व प्रयोगशाला आदि सुविधाओं में भी काफी वृद्धि हुई है। लोगों को लगातार जागरूक करने की जरूरत है। सार्वजनिक स्थानों पर संकाय व फिजीकल डिस्टेंसिंग का पालन सख्ती से कराया जाए। कोविद -19 को लेकर भ्रामक व गलत समाचार प्रसारित करने वालों पर प्रकरण कार्रवाई की जाएगी। कोराना से ठीक हुआ लोगों के अनुभवों के वीडियो बनाकर सोशल मीडिया में साझा किया जाए तो आम जन में इसके प्रति जागरूकता आई।
बुजुर्गो और गम्भीर बीमार व्यक्तियों के स्वास्थ्य राज्यस की लगतार देखरेख
मुख्य सचिव श्री उत्पल कुमार सिंह ने कहा कि को विभाजित -19 को लेकर किसी भी प्रकार का निर्णय बहुत सोच समझकर लिया जाता है। प्रदेश में स्थिति धीरे-धीरे सुधर रही है। अन्य बहुत से प्रदेशों से हमारी स्थिति बेहतर है। लेकिन अभी भी हमारे प्रयासों में किसी भी प्रकार की ढ़िलाई नहीं आनी चाहिए। कान्टेक्ट ट्रेसिंग में कमी न रही। कोविड -19 के प्रति संवेदनशील बुजुर्गो, छोटे बच्चों और बीमार व्यक्तियों को टार्गेट करते हुए उनके स्वास्थ्य स्टेट्स को लगातार नियंत्रित किया जाएगा। जो भी डेटा प्राप्त होता है, जिलाधिकारी भी उसका विश्लेषण कर देखें कि उनके जिले में कहां कमियां हैं। उनमें सुधार किया गया। कोविड -19 के साथ ही डेंगू पर भी ध्यान देना है। बरसात के मौसम को देखते हुए भी सभी तैयारियां कर ली जाती हैं।
विभिन्न मानकों पर राज्य की स्थिति बेहतर है
सचिव श्री अमित नेगी ने बताया कि राज्य में को विभाजित -19 के कुल एक्टीव केस 500 से बहुत कम रह गए हैं। पिछले सात दिन में कोरोना की वृद्धि दर 0.56 प्रतिशत है जबकि भारत में यह 1.28 प्रतिशत है। उत्तराखण्ड में पॉजिटीिटी रेट 4.68 प्रतिशत है और देश में औसत पॉजिटीिटी रेट 6.73 प्रतिशत है। राज्य में कुल पॉजिटिव मामलों में से 89 प्रतिशत शहरी क्षेत्रों में और 11 प्रतिशत ग्रामीण क्षेत्रों में पाए गए हैं। सेम्पलिंग में भी पहले की तुलना में लगातार वृद्धि हुई है। राज्य की डबलिंग रेट 57.39 दिन है जबकि देश की डबलिंग रेट 23.52 दिन है।
आईसीयू, वेंटीलेटर व आक्सीजन सपोर्ट की पर्याप्त उपलब्धता
कोविड कैर सेंटरों में वर्तमान में 22601 खाली बिस्तर उपलब्ध हैं। कोविड फेसिलिटी में 1126 आक्सीजन सपोर्ट बेड, 247 आईसीयू बेड और 159 वेंटीलेटर उपलब्ध हैं। जिलों को सेम्पलिंग के लिए 16 ट्रू-नेट मशीन उपलब्ध करवाई जा चुकी हैं। जिलों की आवश्यकता के अनुसार सभी सुविधाएं उपलब्ध हैं।
कान्टेक्ट ट्रेसिंग के लिए तीन राज्य स्तरीय कंट्रोल रूम कार्यरत
आईजी श्री संजय गुन्ज्याल ने बताया कि प्रदेश में कान्टेक्ट ट्रेसिंग के लिए तीन कंट्रोल रूम काम कर रहे हैं। देहरादून, उत्तरकाशी व टिहरी के लिए देहरादून कंट्रोल रूम, हरिद्वार, पौड़ी, चमोली और रूद्रप्रयाग के लिए हरिद्वार कंट्रोल रूम और कुमायूं मंडल के सभी जिलों के लिए रामनगर में रूम वर्क कर रहा है। सभी 13 जिलों में कांटे ट्रेसिंग के लिए बीआरटी और सीआरटी सक्रिय हैं। हर जिले में इसके लिए एक नोडल अधिकारी भी तैनात है।
बैठक में आयुक्त गढ़वाल श्री रविनाथ रमन, आयुक्त कुमायूं श्री अरविंद सिंह हयात, सचिव डाॅ। पंकज कुमार पाण्डेय, अपर सचिव श्री युगल किशोर पंत, महानिदेशक स्वास्थ्य डा। अमिता उप्रेती सहित सभी जिलाधिकारी व अन्य अधिकारी उपस्थित थे।
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मुख्यमंत्री ने नदियों और नहरों में फ्लोटिंग टरबाइन के माध्यम से ऊर्जा उत्पादन की संभावनाएं तलाशने के निर्देश दिए हैं।

मुख्यमंत्री श्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने राज्य की नदियों और नहरों में फ्लोटिंग टरबाइन के माध्यम से ऊर्जा उत्पादन की संभावनाएं तलाशने के निर्देश संबंधित अधिकारियों को दिए हैं। मुख्यमंत्री ने कहा है कि सोलर व विंड पावर की भांति ऊर्जा उत्पादन की यह विधि राज्य की नहरों एवं नदियों के अनुकूल होगी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि पर्वतीय क्षेत्रों में नदियों में इस प्रकार के फ्लोटिंग टरबाइन ऊर्जा उत्पादन के साथ ही खेतों की सिंचाई और पेयजल आपूर्ति में मददगार हो सके इसकी भी संभावनाएं तलाशी जाएँ, इससे वर्षा जल पर आधारित खेतों की सिंचाई की निर्भरता कम होगी। उन्होंने इसके लिए स्थानीय लोगों को भी प्रेरित करने की जरूरत बताई।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश की नदियों एवं नहरों का राज्य हित में तकनीकी के माध्यम से ऊर्जा एवं पर्यटन की दृष्टि से बेहतर उपयोग समय की जरूरत है। मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को इस दिशा में नदियों व नहरों की क्षमता के उपयोग लागत आदि का भी आधुनिक तकनीकी दक्षता के साथ आकलन करने को कहा है। उन्होंने कहा कि इस प्रकार के प्रयासों से नवाचार को भी बढ़ावा मिलेगा। इस अवसर पर इस संबंध में प्रस्तुतीकरण भी प्रस्तुत किया गया।
बैठक में मुख्यमंत्री के तकनीकी सलाहकार श्री नरेंद्र सिंह, मुख्य सचिव श्री उत्पल कुमार सिंह, सचिव श्री अमित नेगी, श्री नितेश झा, श्रीमती राधिका झा, तीनों ऊर्जा निगम के प्रबंध निदेशकों के ससाथ ही अन्य संस्थानों के अधिकारीगण आदि उपस्थित थे।
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जनपद पौड़ी गढवाल में 31आईसोलेशन में तथा131क्वारेंटाईन

जनपद में कोरोना वायरस कोविड-19 के सक्रमण से रोकथाम एवं बचाव हेतु जिला प्रशासन हर स्थिति से निपटने के लिए सक्रियता से कार्य में जुटी है। लाॅक डाउन को लेकर जनपद में जिला मजिस्टेªट श्री धीराज सिह गर्ब्याल द्वारा जारी अधिसूचना का अनुपालन संबंधित अधिकारियों एवं पुलिस प्रशासन द्वारा गम्भीरता से संपादित किया जा रहा है। जनपद के समस्त क्षेत्रों में जनपद वासियों ने अपने बाजार/क्षेत्रान्तर्गत दुकानों से सामाजिक दूरी का अनुपालन करते हुए, आवश्यक वस्तुओं की खरीदारी की।
मुख्य चिकित्सा अधिकारी कार्यालय परिसर में स्थापित वार रूम से आज दिनांक 04.07.2020 को समय 10ः00 बजे की रिर्पोट के अनुसार जनपद में वर्तमान समय में 31 रोगी आइसोलेशन में भर्ती है। आइसोलेशन में भर्ती रोगी इस प्रकार है 04 बेस अस्पताल श्रीकोट श्रीनगर तथा 27 बेस अस्पताल कोटद्वार में भर्ती है।
जबकि जनपद में 131 लोगों को क्वारंटाइन में रखा गया है, जिनमें 02 जी.एम.वी.एन.एम., 07 जी.एम.वी.एन. चीला, 05 जी.एम.वी.एन पौड़ी, 73 पी.जी. काॅलेज कोटद्वार, 02 जी.एम.वी.एन. खिर्सू, 12 आॅडिटोरियम नगर निगम कोटद्वार, 20 वनप्रस्थ आश्रम ट्रस्ट, तथा 10 होटल रिलेक्स कोटद्वार में क्वारंटाइन पर है। जनपद से अब तक आइसोलेशन से भर्ती 379 कोरोना संदिग्ध लोगों का सैम्पल जांच हेतु भेजा गया, जिनमें से 302 के निगेटिव, 29 के लंबित तथा 48 की पाॅजिटिव रिपोर्ट आया। वहीं क्वारंटाइन आदि अन्य स्थलों में बाहर से आये 5491 लोगों का रेण्डम रूप से ली गई सैम्पल जांच हेतु भेजा गया, जिनमें से 2299 के निगेटिव, 3096 के लंबित तथा 96 पाॅजिटिव (जिसमें 02 संक्रमित जनपद टिहरी जनपद के) रिपोर्ट आया। जनपद में 7544 लोगों को विभिन्न क्षेत्र में स्वास्थ्य विभाग की निगरानी पर होम क्वारंटाइन में रखा गया है।
जिला प्रशासन / स्वास्थ्य विभाग के डाक्टरों द्वारा क्वारंटाइन पर निवासरत लोगों को लेकर उचित समाधि तक क्वारंटाइन पर रहने की आवश्यक दिशा निर्देश दिए गए हैं। साथ ही नियत समय पर खासी, जुखम, फु, कफ, सास की तकलीफ आदि रोग की लक्षण होने पर लगभग के स्वास्थ्य केंद्र या आपदा कन्ट्रोल रूम बुक नम्बर 01368-221840, और वार रूम को विभाजित करने के लिए न्यू नम्बर 01368-222213, पर संकेत कर रहे हैं। । निर्देश दिया गया। जबकि ग्राम प्रधान एवं ग्राम विकास अधिकारियांे को भी क्वारंटाइन में रहने वाले लोगों के स्वास्थ्य खराब होने पर तत्काल सूचना देने को निर्देशित की गई।