कोविड मुक्त होकर मुख्यमंत्री देहरादून लौटे#कई मोटरमार्गों के लिए सी.एम. ने दी वित्तीय स्वीकृति#कोविडकाल में एम्स की ओपीडी में पहुंचे ढाई लाख मरीज।पढिएJanswar.com में

समाचार प्रस्तुति-अरुणाभ रतूड़ी

मुख्यमंत्री श्री त्रिवेंद्र सिंह रावत नई दिल्ली से उपचार के बाद स्वस्थ होकर देहरादून लौट आये हैं।

बुधवार को मुख्यमंत्री श्री त्रिवेंद्र के जीटीसी हेलीपैड आगमन पर कैबिनेट मंत्री श्री मदन कौशिक, उच्च शिक्षा मंत्री डॉ धन सिंह रावत एवं मेयर श्री सुनील उनियाल गामा ने उनका स्वागत किया।
मुख्यमंत्री आवास पहुंचने पर मुख्यमंत्री श्री त्रिवेंद्र का तीर्थ पुरोहितों द्वारा मंत्रोच्चार के साथ स्वागत किया गया। मुख्यमंत्री ने तीर्थ पुरोहितों का आशीर्वाद प्राप्त उन्हें सम्मानित भी किया।
मुख्यमंत्री ने कहा कि “भगवान बदरीविशाल व बाबा केदार की कृपा और सभी की शुभकामनाओं के कारण मैं अस्पताल से पूर्णतः स्वस्थ होकर लौट आया हूं और नई ऊर्जा के साथ पुनः जनसेवा के कार्य में सबके बीच उपस्थित हूं।“
मुख्यमंत्री ने सभी डॉक्टर्स व पैरामेडिकल स्टाफ का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि कोरोना से बचाव के सभी मानकों जैसे सही से मास्क पहनना, शारीरिक दूरी का ख्याल रखना तथा हाथों को नियमित रूप से धोना व उन्हें सैनिटाइज करने का अनिवार्यता से पालन करने की आवश्यकता है।


मुख्यमंत्री ने कई क्षेत्रों के लिए सड़कों के कार्यों को दी मंजूरी
मुख्यमंत्री श्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने कई विधानसभा क्षेत्रों में लोक निर्माण विभाग के तहत नई सड़कों के निर्माण और पुरानी सड़कों की मरम्मत कार्यों के साथ ही अन्य कार्यों के लिए वित्तीय स्वीकृति के साथ ही चालू वित्तीय वर्ष के लिए धनराशि जारी की है।
राज्य योजना के तहत पौड़ी गढ़वाल के विधानसभा क्षेत्र लैंसडौन के विकासखंड नैनीडांडा के अंतर्गत ग्राम मोरगढ़ से ग्राम कफलटंडा मोटर मार्ग नव निर्माण कार्य की स्वीकृति दी है। इस सड़क के लिए प्रथम चरण में 22.24 लाख की प्रशासकीय, वित्तीय और व्यय की स्वीकृति दी गई है। चालू वित्तीय वर्ष 2020-21 में प्रत्येक कार्य के लिए 0.10 लाख की राशि जारी की गई है। लैंसडौन विधानसभा क्षेत्र के तहत वर्तमान में मुख्यमंत्री की घोषणाओं सहित 3162.62 लाख के कार्यों की अब तक स्वीकृति दी जा चुकी है। ग्राम मोरगढ़-कफलटंडा मोटर मार्ग के लिए 22.24 लाख की स्वीकृति के बाद विधानसभा क्षेत्र के तहत 3184.86 लाख की स्वीकृतियां हो जाएंगी।
जिला उधमसिंह नगर के तहत विधानसभा क्षेत्र खटीमा में दूसरे चरण के एक और टीएसपी के तहत द्वितीय चरण के दो कार्यों के लिए 142.08 लाख की स्वीकृतियां दी गई हैं। कालापुल से झनकईया तक मार्ग के डामरीकरण कार्य की स्वीकृति दी है। इस निर्माण के दूसरे चरण के लिए 85.10 लाख की स्वीकृति के साथ ही चालू वित्तीय वर्ष में इस कार्य के लिए 0.10 लाख की स्वीकृति जारी की गई है।इससे विधानसभा क्षेत्र में अब तक कुल 3822.67 लाख की स्वीकृतियां हो जाएंगी। विधानसभा क्षेत्र नानकमत्ता के तहत ग्राम देवीपुरा से ज्ञानपुर गोढ़ी मोटरमार्ग व किलोमीटर दो पर 60 मीटर स्पान आरसीसी पीएससी गर्डर पुल के लिए दूसरे चरण के निर्माण कार्य के लिए 581.04 लाख की स्वीकृति के साथ चालू वित्तीय वर्ष में 0.10 लाख जारी किए गए हैं। नानकमत्ता विधानसभा क्षेत्र में सीएम की घोषणाओं सहित इसे मिलाकर कुल 5097 लाख की स्वीकृतियां हो जाएंगी। पुरोला विधानसभा क्षेत्र के तहत गढ़ अम्बेडकर हल्का वाहन मार्ग का पक्की सड़क बनाने के लिए 420.20 लाख स्वीकृति के साथ ही चालू वित्त वर्ष में 0.10 लाख की राशि जारी की गई है। इसे मिलाकर इस विधानसभा क्षेत्र में सीएम की घोषणाओं सहित कुल 3071.68 लाख की सहमति जारी की जा चुकी है। देहरादून के कैंट विधानसभा क्षेत्र के तहत अनुराग चौक से सीमाद्वार व अनुराग चौक से शहीद विवेक गुप्ता चौक तक अन्य आंतरिक मार्गों के सुधाऱीकरण के लिए 177.17 लाख की स्वीकृतियों के साथ ही चालू वित्त वर्ष में 0.10 लाख की राशि जारी की गई है। मुख्यमंत्री की घोषणाओं सहित इस विधानसभा क्षेत्र में अब तक कुल 2611.99 लाख की स्वीकृतियां हो जाएंगी।

राज्य योजना के तहत राजभवन में विभिन्न निर्माण कार्यो के लिए कुल 61.69 लाख की प्रशासकीय, वित्तीय और व्यय की स्वीकृति के साथ ही चालू वित्तीय वर्ष में 0.10 लाख की स्वीकृति दी गई है। इसके तहत राजभवन में इलेक्ट्रो मैकेनिकल रोड बैरियर पर सीसीटीवी कैमरे लगाए जाने हैं। केंद्रीय सड़क निधि योजना के तहत पिरान कलियर से रामपुर चुंगी मंडी से ग्राम नागल होते हुए बाईपास सड़क व 300 मीटर स्पान पुल का निर्माण कार्य के लिए 2602.24 लाख की स्वीकृति के साथ 521.00 लाख जारी करने का प्रस्ताव मंजूर किया गया है। देहरादून जिला के ऋषिकेश विधानसभा क्षेत्र के लिए दो निर्माण कार्य केलिए 294.65 लाख की स्वीकृति दी गई है। चालू वित्तीय वर्ष में प्रत्येक कार्य के लिए 0.10 लाख यानि 0.20 लाख जारी किया गया है। ऋषिकेश विस क्षेत्र के लिए इन्हें मिलाकर कुल 3115.41 लाख की स्वीकृतियां हो जाएंगी।

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कोविडकाल में एम्स की ओपीडी में पहुंचे ढाई लाख मरीज
लाॅकडाउन के बावजूद ऋषिकेश एम्स में जारी रखी गईं महत्वपूर्ण मेडिकल सेवाएं
अब तक ढाई हजार से अधिक कोविड मरीजों का हुआ सफल उपचार
प्रेस विज्ञप्ति कोविड19 के विश्वव्यापी संक्रमण के मद्देनजर गतवर्ष 2020 में लाॅकडाउन के बावजूद अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान एम्स ऋषिकेश ने ढाई लाख से अधिक मरीजों को कोविड उपचार, आपात व ओपीडी सुविधाएं प्रदान की हैं। जबकि इतना ही नहीं इस दौरान 29 हजार से अधिक मरीजों को अस्पताल में भर्ती कर उनका समुचित उपचार किया गया।

वर्ष 2020 के मार्च महीने में देशभर लाॅकडाउन के बाद हर कोई कोरोना संक्रमित लोगों से दूर भाग रहा था। लोगों के जेहन में विश्वव्यापी महामारी कोविड19 के संक्रमण का खौफ इस कदर बन गया था कि राज्य के अधिकांश अस्पतालों में ओपीडी सेवाएं भी बंद कर दी गई थी। इन चुनौतियों के बावजूद एम्स ऋषिकेश ने अपनी ओपीडी और इमरजेंसी सेवाओं को मरीजों की सुविधा के लिए निर्बाधरूप से जारी रखा व आपातकाल में अपना फर्ज निभाते हुए संस्थान के चिकित्सकों व नर्सिंग व अन्य स्टाफ ने अपनी जिम्मेदारी निभाते हुए मरीजों की सेवा की।

इस बाबत संस्थान के डीन हॉ​स्पिटल अफेयर्स प्रो. यूबी मिश्रा ने बताया कि कोविडकाल में उपचार की प्राथमिकता कोरोना के मरीजों के लिए निर्धारित की गई थी, साथ ही अनिवार्य और आपात स्थिति के मरीजों का इलाज भी एम्स में 24 घंटे जारी रखा गया। उन्होंने बताया कि गत वर्ष दिसंबर – 2020 तक ढाई लाख मरीज एम्स की ओपीडी में पहुंचे। इनमें से 29 हजार 299 मरीजों को अस्पताल में भर्ती कर उनका समुचित उपचार किया गया। जबकि कोरोनाकाल की इसी समयाव​धि में विभिन्न बीमारियों से ग्रसित 10 हजार मरीजों की मेजर सर्जनी भी सफलतापूर्वक की गई। 4500 मरीजों की डायलिसिस व 4000 रोगियों की कीमो थैरेपी दी गई। गौरतलब है कि कोरोना संक्रमित मरीजों के इलाज के लिए एम्स ऋषिकेश को लेबल 3 श्रेणी में रिजर्व रखा गया था। इस श्रेणी में कोविड संक्रमित उन्हीं मरीजों का उपचार किया जाता है, जो गंभीर अवस्था के होते हैं व जिन्हें ऑक्सीजन, वेन्टिलेटर या आईसीयू में रखे जाने की जरुरत पड़ती है। डीएचए के अनुसार एम्स की लैब में अब तक 1 लाख 20 हजार कोविड सैंपलों की जांच व कोविड स्क्रीनिंग एरिया में अभी तक 46 हजार लोगों की स्क्रीनिंग की जा चुकी है। इनमें से ढाई हजार कोविड मरीजों का उपचार कर उन्हें स्वास्थ्य लाभ दिया गया। उन्होंने बताया कि वर्तमान में एम्स में कोरोना के 92 मरीजों का उपचार चल रहा है।

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