कोविड को जीत कर मुख्यमंत्री तीरथसिंह रावत कल से सार्वजनिक कार्यक्रमों में भाग लेंगे।#प्रशासन और जनता में ना हो कोई दूरी : मुख्यमंत्री।#जिलाधिकारी पौड़ी गढवाल ने जंगलों की आग पर नियन्त्रण के लिए संयुक्त टीम गठित करने का निर्देश दिया। पढिए Janswar.com में।द्वारा -नागेन्द्रप्रसाद रतूड़ी वरिष्ठ पत्रकार

मुख्यमंत्री श्री तीरथ सिंह रावत दिनांक 06 अप्रैल, 2021 को  प्रातः 09ः50 बजे भाजपा प्रदेश कार्यालय, बलबीर रोड़, देहरादून पहुंचेंगे जहां वह भारतीय जनता पार्टी के स्थापना दिवस के अवसर पर आयोजित कार्यक्रम में प्रतिभाग करेंगे। इसके पश्चात् मुख्यमंत्री  प्रातः 11ः10 बजे पाम रिसोर्ट, रायवाला, देहरादून पहुंचेंगे जहां वह भारतीय जनता पार्टी के स्थापना दिवस एवं श्री प्रेम चन्द्र अग्रवाल, अध्यक्ष, विधानसभा, उत्तराखण्ड के रूप में सफलतम चार वर्ष पूर्ण होने पर आयोजित कार्यक्रम में प्रतिभाग करेंगे।
इसके पश्चात् मुख्यमंत्री श्री तीरथ सिंह रावत 01 बजे हर की पैड़ी, हरिद्वार में माँ गंगा जी की पूजा अर्चना करेंगे तथा 02 बजे मीडिया सेंटर, हरिद्वार पहुंचकर महाकुंभ के विभिन्न कार्यों का लोकार्पण करेंगे


प्रशासन और जनता में ना हो कोई दूरी : मुख्यमंत्री
जनता की समस्याओं का मौके पर ही हो निस्तारण
मुख्यमंत्री श्री तीरथ सिंह रावत ने जनपद टिहरी गढ़वाल के विकासखंड चंबा के ग्राम चोपड़ियाल में मुख्यमंत्री त्वरित समाधान कार्यक्रम के तहत आयोजित रात्रि चौपाल में वर्चुअल प्रतिभाग किया
मुख्यमंत्री ने ग्रामीणों को स्वैच्छिक चकबंदी कर खेतों को मिलाकर एक प्रोजेक्ट के रूप में कार्य करने को प्रेरित किया
महिलाएं स्वयं सहायता समूह बनाकर स्वरोजगार प्राप्त करें और इस दिशा में जनजागरूकता लाएं
मुख्यमंत्री श्री तीरथ सिंह रावत ने जनपद टिहरी गढ़वाल के विकासखंड चंबा के ग्राम चोपड़ियाल में मुख्यमंत्री त्वरित समाधान कार्यक्रम के तहत आयोजित रात्रि चौपाल में वर्चुअल प्रतिभाग किया। इस दौरान ग्रामीणों ने मुख्यमंत्री जी के समक्ष अपनी समस्याएं रखीं, जिनमें से अधिकांश समस्याओं का मौके पर ही निस्तारण कर दिया और शेष समस्याओं का समाधान शीघ्र करने के निर्देश दिए।
इस दौरान चोपड़ियाल के सब्जी की खेती करने वाले ग्रामीण ने बताया कि वे वैज्ञानिक ढंग से खेती कर रहे हैं और सरकार की स्कीम से कार्य कर रहा हूं परंतु सब्जी के लिए मार्केट और पानी की सबसे बड़ी परेशानी है। साथ ही जानवर भी फसलों को नुकसान पहुंचाते हैं। उन्होंने कहा कि यदि गांव में फेंसिंग हो जाए तो फसल सुरक्षित रह पाएंगी। इस पर मुख्यमंत्री जी ने कहा कि मनरेगा और चाल खाल योजना के अंतर्गत पानी की दिक्कत दूर कर सकते हैं। उन्होंने मामला जिला योजना में भी रखने की बात कही। साथ ही बंदरों से फसलों को बचाने के लिए बंदर बाड़ा और अन्य जानवरों से फसल बचाने के लिए फेंसिंग करने के निर्देश दिए।
ग्राम के रमेश जी ने बताया कि प्लॉट का उन्हें स्वामित्व नहीं मिल पा रहा है, साथ ही उनके लिए घेरबाड़ की व्यवस्था की जाए। इस पर डीएम ने बताया कि उद्यान विभाग को प्लान सौंपा है। इस पर मुख्यमंत्री जी ने मामले पर संज्ञान लेने के अधिकारियों को निर्देश दिए।
कुसुम रमोला ने बताया कि एकीकृत आजीविका परियोजना के तहत सब्जी उत्पादन करते हैं, परंतु सिंचाई की उचित व्यवस्था नहीं है साथ ही महिलाएं चाहती हैं कि एकीकृत आजीविका परियोजना का लाभ मिलता रहे। इस पर मुख्यमंत्री जी ने कहा कि अधिकारी निश्चित रूप से आपकी समस्या पर संज्ञान लेंगे। प्रदेश सरकार आपके साथ खड़ी है। मेरा आपसे अनुरोध है कि औरों को भी जोड़ने का कार्य करें।
राजेश्वरी डबराल ने मांग की कि क्षेत्र में महिलाओं को रोजगार दिया जाए। इस पर मुख्यमंत्री जी ने कहा कि आजीविका पर सरकार का भी जोर है। प्रधानमंत्री का आत्मनिर्भर भारत का लक्ष्य यही है। प्रदेश सरकार भी इसमें लगी है ताकि आपको स्वावलंबी बनाया जा सका। चौपाल के माध्यम से यही जनजागरूकता की जा रही हैं। स्वैच्छिक चकबंदी कर खेतों को मिलाकर एक प्रोजेक्ट के रूप में कार्य करेंगे तो फेसिंग भी आसानी से हो सकेगी और सभी योजना का लाभ भी ले सकेंगे हैं।
न्याय पंचायत प्रभारी पुष्पा रमोला ने कहा कि हमारे गांव से आठ गांव जुड़ते हैं, उनका डामरीकरण किया जाए। इस पर मुख्यमंत्री जी ने कहा कि कोई लेटलतीफी नहीं होगी। साथ ही उन्होंने एलोपैथिक अस्पताल में चिकित्सक की आवश्यकता पर भी बल दिया। इस पर मुख्यमंत्री जी ने कुंभ के पश्चात समस्या का निराकरण किए जाने की बात कही।
शिवानी पुंडीर ने बताया कि उनके क्षेत्र में एक भी एएनएम सेंटर नहीं है। आराकोट से वालखा मोटर मार्ग का चौड़ीकरण व डामरीकरण भी नहीं हो पाया है। साथ ही उन्होंने चंबा मसूरी रोड का सौंदर्यीकरण करने की भी बात कही ताकि पर्यटन को बढ़ावा मिल सके। इस पर मुख्यमंत्री जी ने कहा कि एएनएम सेंटर न्याय पंचायत स्तर तक होना चाहिए। यदि यहां हम एएनएम सेंटर खुलवाएंगे। एएनएम की नियुक्ति भी हमारी प्राथमिकता रहेगी। साथ ही उन्होंने अन्य मामलों पर भी संज्ञान लेने की बात कही।
एक अन्य ग्रामीण ने बताया कि चंबा-मसूरी-फलपट्टी क्षेत्र में लोगों को जमीनों का हक-हकूक नहीं मिल पा रहे हैं। साथ ही उन्होंने किसानों के लिए कोल्ड स्टोरेज बनाने की भी मांग की। इस पर मुख्यमंत्री जी ने क्षेत्र को चिन्हित कर समस्याओं पर शीघ्र संज्ञान लेने की बात कही।
     इस दौरान मुख्यमंत्री जी ने कहा कि महिलाएं स्वसहायता समूह और समितियां बनाकर स्वरोजगार प्राप्त करें और इस दिशा में जनजागरूकता लाएं। उन्होंने कहा कि हमने इसी उद्देश्य से चौपाल का आयोजन किया है। सरकार जनता के हित के लिए कई योजनाएं चला रही हैं, जिनका सभी लाभ ले सकते हैं। कार्यक्रम में डीएम ईवा आशीष श्रीवास्तव, सभी जिला स्तरीय अधिकारी तथा स्थानीय और आसपास के ग्रामीण मौजूद थे।
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जनपद मंे वनाग्नि की लगातार हो रही घटनाओं के मध्येनजर जिलाधिकारी गढ़वाल डाॅ. विजय कुमार जोगदण्डे द्वारा वनाग्नि के उचित प्रबन्धन हेतु तहसील/ग्राम पंचायत स्तर पर राहत दलों का गठन किये जाने हेतु संबंधित अधिकारियों को निर्देश जारी किये गये हैं। समस्त उपजिलाधिकारी अपने-अपने तहसील क्षेत्रान्तर्गत तथा प्रत्येक खण्ड विकास अधिकारी अपने-अपने क्षेत्रान्तर्गत नोडल अधिकारी होंगे, जो रेंज अधिकारियों से समन्वय बनाये रखेंगे।
जिलाधिकारी डाॅ. जोगदण्डे ने निर्देशित किया कि जनपद के समस्त उपजिलाधिकारी अपने क्षेत्रान्तर्गत वन विभाग द्वारा स्थापित कू्र-स्टेशनों की नियमित रूप से समीक्षा करें। साथ ही तहसील क्षेत्रान्तर्गत प्रत्येक न्याय पंचायत स्तर पर नोडल अधिकारी नामित करते हुए नामित नोडल अधिकारी के साथ न्याय पंचायत स्तर पर पंचायतवार विभिन्न विभागों के अधिकारियों, वन पंचायत के सरपंचों एवं ग्राम प्रधानों के साथ वनाग्नि की घटनाओं को रोकने हेतु तत्काल बैठक करें। बैठक मंे यथा सम्भव तहसीलदार, खण्ड विकास अधिकारी एवं संबंधित क्षेत्र के थानाध्यक्ष द्वारा प्रतिभाग किया जाय। समस्त उपजिलाधिकारी अपने-अपने तहसील क्षेत्रान्तर्गत न्याय पंचायत स्तर पर नामित नोडल अधिकारियों की सूची पदनाम व सम्पर्क नम्बर सहित तैयार करवाते हुए तत्काल जिला आपदा परिचालन केन्द्र एवं प्रभागीय वनाधिकारी गढ़वाल वन प्रभाग पौड़ी को उपलब्ध करायें। उन्होंने कहा कि वनाग्नि की कोई भी घटना होने पर परिस्थिति के अनुसार क्रू-स्टेशनों द्वारा वन रेंज अधिकारी को सूचित किया जायेगा, जिसे वन रेंज अधिकारी द्वारा डी.सी.आर. पौड़ी को दूरभाष संख्या 01368-222484 एवं जिला आपदा परिचालन केन्द्र को दूरभाष संख्या  01368-221840 एवं मोबाइल नम्बर 9412082535 पर तत्काल सूचित किया जायेगा। तत्काल विभागीय सहायता हेतु समस्त विभागाध्यक्ष यथ जल संस्थान, राजस्व पुलिस, वन विभाग घटना स्थल पर समन्वय स्थापित करेंगे।
जिलाधिकारी ने संबंधित अधिकारियों को निर्देशित किया कि वनाग्नि की घटनाओं को रोकने के लिए स्थानीय स्तर पर ग्राम प्रधानों, वन पंचायतों एवं महिला/युवक मंगल दलों से समुचित सहयोग लिया जाय। कहा कि समस्त क्रू-स्टेशनों मंे तैनात कार्मिक कू्र-स्टेशन में रात्री के समय में तैनात रहेंगे। क्रू-स्टेशन 24ग7 के क्रम में संचालित किये जायेंगे। उन्होंने अधिशासी अभियान्ता जल संस्थान पौड़ी/कोटद्वार को निर्देशित किया कि अपने-अपने क्षेत्रान्तर्गत वनाग्नि की रोकथाम हेतु रंेजवार जल संग्रहण हेतु टुल्लू पम्प युक्त वाहन ग्रीष्म ऋतु हेतु तैयार करवायें, जिन्हें मांग के अनुसार संबंधित रेंज को उपलब्ध कराया जाय।
जनपद के अन्तर्गत वनाग्नि से संबंधित सूचना किसी भी समय जनपद कन्ट्रोल रूम/रेंज/क्षेत्र के सम्पर्क नम्बरों में दी जा सकती है। जिनमें वन विभाग कन्ट्रोल रूम का सम्पर्क नम्बर 01368-222215, वन क्षेत्राधिकारी पौड़ी रंेज नागदेव के 9412018108, वन क्षेत्राधिकारी पैठाणी रेंज के 7409669553, 9456339125, वन क्षेत्राधिकारी पूर्वी अमेली रेंज थलीसैंण के 9412923257, वन क्षेत्राधिकारी पश्चिमी अमेली रेंज दमदेवल के 9325688451, वन क्षेत्राधिकारी पोखड़ा रेंज के 9634002351, वन क्षेत्राधिकारी दीवा रेंज धूमोट के 8755917557, मुख्य नियन्त्रण कक्ष भूमि संरक्षण वन प्रभाग लैंसडौन के 01386-263144, वन क्षेत्राधिकारी जयहरीखाल रेंज के 9897946038, वन क्षेत्राधिकारी भृगुखाल रेंज के 8026902626, वन क्षेत्राधिकारी गोहरी रेंज के 7906386373, वन क्षेत्राधिकारी ताल रेंज के 7906386373, वन क्षेत्राधिकारी मटियाली रेंज के 7302501441, वन क्षेत्राधिकारी चैलूसैंण रेंज के 9837834121, वन क्षेत्राधिकारी रिखणीखाल रेंज के 9897946038, नियंत्रण कक्ष प्रभागीय वनाधिकारी लैंसडौन वन प्रभाग कोटद्वार के 01382-228467, वन क्षेत्राधिकारी कोटद्वार के 8650227719, वन क्षेत्राधिकारी कोठड़ी रेंज के 9756038254, वन क्षेत्राधिकारी लालढांग के 9012619745, वन क्षेत्राधिकारी दुगड्डा के 9857279010 तथा वन क्षेत्राधिकारी लैंसडौन के सम्पर्क नम्बर 9639476989 पर सूचना दी जा सकती है।

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