कैबिनेट ने राष्ट्रीय सफाई कर्मचारी आयोग के कार्यकाल को तीन साल बढ़ाने की मंजूरी दी # 480 नर्तकियां 26 जनवरी को नई दिल्ली के राजपथ पर होने वाली गणतंत्र दिवस परेड में अपनी प्रस्तुति देंगे। #भारत और डेनमार्क हरित हाइड्रोजन सहित हरित ईंधनों पर एक साथ काम करने को लेकर सहमत। #जनपद पौड़ी गढवाल में अबतक 3091 महिला पुरुष पीठासीन व1417 मतदान अधिकारी (प्रथम)पुरुष व महिला ने ईवीएम प्रशिक्षण प्राप्त किया। -Janswar.com

-अरुणाभ रतूड़ी

कैबिनेट ने राष्ट्रीय सफाई कर्मचारी आयोग के कार्यकाल को तीन साल बढ़ाने की मंजूरी दी

प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने आज राष्ट्रीय सफाई कर्मचारी आयोग (एनसीएसके) के कार्यकाल को 31.3.2022 से आगे तीन साल बढ़ाने की मंजूरी दे दी है।

तीन साल के लिए विस्तार का कुल व्यय लगभग 43.68 करोड़ रुपये होगा।

राष्ट्रीय सफाई कर्मचारी आयोग का कार्यकाल 31.3.2022 के बाद 3 वर्ष तक बढ़ाने से मुख्य रूप से देश के सफाई कर्मचारी और हाथ से मैला उठाने वाले चिन्हित लोग लाभार्थी होंगे। 31.12.2021 को एम.एस. अधिनियम सर्वेक्षण के तहत चिन्हित मैनुअल स्कैवेंजर्स की संख्या 58,098 है।

राष्ट्रीय सफाई कर्मचारी आयोग की स्थापना वर्ष 1993 में राष्ट्रीय सफाई कर्मचारी आयोग अधिनियम, 1993 के प्रावधानों के अनुसार शुरू में 31.3.1997 तक की अवधि के लिए की गई थी। बाद में अधिनियम की वैधता को शुरू में 31.03.2002 तक और उसके बाद 29.2.2004 तक बढ़ा दिया गया था। राष्ट्रीय सफाई कर्मचारी आयोग (एनसीएसके) अधिनियम 29.2.2004 से प्रभावी नहीं रहा। उसके बाद एनसीएसके के कार्यकाल को समय-समय पर प्रस्तावों के माध्यम से एक गैर-सांविधिक संस्था के रूप में बढ़ाया गया है। वर्तमान आयोग का कार्यकाल 31.03.2022 तक है।

एनसीएसके सफाई कर्मचारियों के कल्याण के लिए विशिष्ट कार्यक्रमों के संबंध में सरकार को अपनी सिफारिशें देता है, सफाई कर्मचारियों के लिए मौजूदा कल्याण कार्यक्रमों का अध्ययन और मूल्यांकन करता है और विशेष शिकायतों के मामलों की जांच आदि भी करता है। साथ ही, मैनुअल स्कैवेंजर्स के रूप में रोजगार के निषेध तथा पुनर्वास अधिनियम, 2013 के प्रावधानों के अनुसार, एनसीएसके को अधिनियम के कार्यान्वयन की निगरानी करने, केंद्र एवं राज्य सरकारों को इसके प्रभावी कार्यान्वयन के लिए सलाह देने और अधिनियम के प्रावधानों के उल्लंघन / गैर-कार्यान्वयन के संबंध में शिकायतों की जांच करने का काम सौंपा गया है। सरकार ने सफाई कर्मचारियों के उत्थान के लिए कई कदम उठाए हैं, लेकिन सामाजिक-आर्थिक तथा शैक्षिक दृष्टि से उनके वंचित रहने की स्थिति को अभी भी दूर नहीं किया जा सका है। हालांकि हाथ से मैला उठाने की प्रथा को लगभग समाप्त कर दिया गया है, फिर भी छिटपुट उदाहरण सामने आते हैं। सीवर/सेप्टिक टैंकों की जोखिम भरी सफाई सरकार के लिए सर्वोच्च प्राथमिकता का क्षेत्र बना हुआ है। इसलिए, सरकार महसूस करती है कि सफाई कर्मचारियों के कल्याण के लिए सरकार के विभिन्न क्रियाकलापों और पहलों की निगरानी करने और देश में सीवर/सेप्टिक टैंकों की पूर्ण रूप से मशीन द्वारा सफाई और हाथ से मैला उठाने वालों के पुनर्वास के लक्ष्य को प्राप्त करने की आवश्यकता बनी हुई है।

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राजपथ पर गणतंत्र दिवस 2022 की परेड में वंदे भारतम नृत्य उत्सव प्रतियोगिता के विजेता दर्शकों के मन को मोहने के लिए तैयार हैं

भव्य प्रदर्शन के लिए पूर्व अभ्यास अब अपनी पूरी गति में

26 जनवरी को नई दिल्ली स्थित राजपथ पर होने वाले गणतंत्र दिवस 2022 के परेड में वंदे भारतम नृत्य उत्सव के भव्य समापन (ग्रैंड फिनाले) के विजेता अपनी कला से दर्शकों के मन को मोहने के लिए तैयार हैं। नई दिल्ली स्थित राजपथ और इंदिरा गांधी इंडोर स्टेडियम में भव्य प्रदर्शन के लिए पूरे उत्साह से इसका पूर्व अभ्यास किया जा रहा है।
चार प्रसिद्ध कोरियोग्राफर (नृत्य निर्देशक) इन विजेताओं को प्रशिक्षित कर रहे हैं। इनमें श्रीमती मैत्रैयी पहाड़ी, श्रीमती तेजस्विनी साठे और श्री संतोष नायर के साथ कथक नृत्यांगना श्रीमती रानी खानम हैं। ये सभी अलग-अलग राज्यों से आई 36 टीमों को प्रशिक्षण दे रहे हैं।

संस्कृति मंत्रालय ने एक चार स्तरीय वंदे भारतम- नृत्य उत्सव प्रतियोगिता के जरिए 480 कलाकारों का चयन किया है। आजादी का अमृत महोत्सव के तहत वंदे भारतम- नृत्य उत्सव के ग्रैंड फिनाले का आयोजन 19 दिसंबर, 2021 को नई दिल्ली में किया गया था।

वंदे भारतम प्रतियोगिता की शुरुआत 17 नवंबर को जिला स्तर पर की गई थी और इसमें 323 समूहों में 3,870 से अधिक प्रतिभागियों ने हिस्सा लिया। जिला स्तर पर स्क्रीनिंग में पास होने वाले प्रतिभागियों ने 30 नवंबर, 2021 से राज्य स्तरीय प्रतियोगिता में भाग लिया। इसके बाद राज्य स्तरीय प्रतियोगिता के लिए 4 दिसंबर, 2021 तक यानी 5 दिनों की अवधि में 20 से अधिक वर्चुअल कार्यक्रम आयोजित किए गए।

वहीं, क्षेत्रीय स्तर की प्रतियोगिता के लिए 200 से अधिक टीमों के 2,400 से अधिक प्रतिभागियों का चयन किया गया था। क्षेत्रीय फाइनल मुकाबले का आयोजन 9 से 12 दिसंबर तक कोलकाता, मुंबई, बेंगलुरु और दिल्ली में किया गया। इनमें 104 समूहों ने एक सम्मानित निर्णायक मंडल के सामने अपने नृत्य कौशल का प्रदर्शन किया और प्रशंसकों की तारीफें बटोरीं। इस प्रतियोगिता में हिस्सा लेने वाले समूहों ने शास्त्रीय, लोक, जनजातीय और फ्यूजन (सम्मिलित) जैसी विभिन्न नृत्य श्रेणियों में अपने नृत्य कौशल का विशेष रूप से प्रदर्शन किया। अब गणतंत्र दिवस के अवसर पर व्यक्तिगत नृत्य रूपों की पहचान कायम रखते हुए एक भारत श्रेष्ठ भारत की सच्ची भावना के साथ सभी समूह एकजुट होकर अपने नृत्य का प्रदर्शन करेंगे।

सभी 4 जोनों के इन 104 समूहों में से 949 नर्तकियों की 73 टीमों ने ग्रैंड फिनाले में अपनी जगह बनाई थी। इसका आयोजन दिल्ली स्थित जवाहरलाल नेहरू स्टेडियम सभागार में 19 दिसंबर को हुआ था। ग्रैंड फिनाले में शीर्ष 480 नर्तकियों को विजेता घोषित किया गया था। अब वे 26 जनवरी, 2022 को नई दिल्ली के राजपथ पर होने वाली गणतंत्र दिवस परेड में अपनी प्रस्तुति देंगे।

 

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यह पहला अवसर है, जब जनभागीदारी बढ़ाने के उद्देश्य से एक अखिल भारतीय नृत्य प्रतियोगिता के जरिए राजपथ पर होने वाले गणतंत्र दिवस प्रदर्शन के लिए टीमों का चयन किया गया है।

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भारत और डेनमार्क हरित हाइड्रोजन सहित हरित ईंधनों पर एक साथ काम करने को लेकर सहमत हुए।

14 जनवरी, 2022 को संयुक्त विज्ञान और प्रौद्योगिकी समिति की बैठक के दौरान भारत और डेनमार्क हरित हाइड्रोजन सहित हरित ईंधनों पर संयुक्त अनुसंधान व विकास का काम शुरू करने पर सहमत हुए।

इस संयुक्त समिति ने वर्चुअल बैठक में भविष्य के हरित समाधानों- हरित अनुसंधान, प्रौद्योगिकी और नवाचार में निवेश की रणनीति पर विशेष ध्यान देने के साथ दोनों देशों के विज्ञान, प्रौद्योगिकी और नवाचार के क्षेत्र में राष्ट्रीय रणनीतिक प्राथमिकताओं और विकास पर चर्चा की।

दोनों देशों के प्रधानमंत्रियों ने हरित सामरिक भागीदारी – कार्य योजना 2020-2025 को अंगीकार करते हुए जिस तरह की सहमति व्यक्त की थी, उसके अनुरूप ही समिति ने जलवायु व हरित परिवर्तन, ऊर्जा, जल, अपशिष्ट, भोजन सहित मिशन संचालित अनुसंधान, नवाचार और तकनीकी विकास पर द्विपक्षीय सहभागिता के विकास पर जोर दिया। दोनों देश साझेदारी के विकास के लिए 3-4 वेबीनार आयोजित करने पर सहमत हुए और हरित हाइड्रोजन सहित हरित ईंधनों से संबंधित प्रस्तावों की बोली को बढ़ावा देने पर बल दिया। इसके अलावा संयुक्त समिति ने ऊर्जा अनुसंधान, जल, साइबर-फिजिकल प्रणाली और जैव संसाधन व माध्यमिक कृषि के क्षेत्रों में कार्यान्वित की जा रही पिछली दो संयुक्त बोली की चल रही परियोजनाओं की प्रगति की समीक्षा भी की।

इस बैठक की सह-अध्यक्षता भारत सरकार के विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग (डीएसटी) में अंतरराष्ट्रीय सहयोग मामलों के सलाहकार व प्रमुख श्री एस. के. वार्ष्णेय और डेनमार्क सरकार की डेनिश एजेंसी फॉर हायर एजुकेशन एंड साइंस की उप निदेशक डॉ. स्‍टीन जोर्जेंसन ने की। इसके अलावा डेनमार्क में भारत की राजदूत श्रीमती पूजा कपूर और नई दिल्ली में डेनमार्क के राजदूत श्री फ्रेडी स्वान ने भी इस संयुक्त समिति को संबोधित किया। वहीं, भारत की ओर से विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग, जैव प्रौद्योगिकी विभाग, पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय व वैज्ञानिक और औद्योगिक अनुसंधान परिषद के प्रतिनिधियों ने बैठक की चर्चाओं में हिस्सा लिया।

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विधानसभा सामान्य निर्वाचन 2022 के सफल संपादन को लेकर जिला निर्वाचन अधिकारी/मजिस्ट्रेट डा0 विजय कुमार जोगदण्डे के दिशा-निर्देशन पर सहायक नोडल अधिकारी कार्मिक डा0 आनन्द भारद्वाज ने बताया कि निर्वाचन सम्बन्धी प्रशिक्षण 14 से 17 जनवरी, 2022 तक 1391 पीठासीन अधिकारियों (पुरूष), 1400 मतदान अधिकारी  प्रथम(पुरूष), 1700 पीठासीन अधिकारी(महिला) तथा 17 मतदान अधिकारी प्रथम(महिला) ने सैद्धांतिक एवं ईवीएम मशीन का प्रशिक्षण प्राप्त किया। प्रशिक्षण में अनुपस्थित रहने वाले कार्मिकों से स्पष्टीकरण प्राप्त किये गये। जिनमें 03 कार्मिकों के सहायक अध्यापक राइका बहेड़ाखाल शैलेन्द्र कुमार, सहायक अध्यापक राउमावि बिन्द्रातोक द्वारीखाल तथा टीजीटी केंद्रीय विद्यालय पौड़ी अमित कुमार का  स्पष्टीकरण वैध न होने के कारण लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम 1951 की धारा 134 के अंतर्गत इनके विरूद्ध संबंधित थाने में प्राथमिकी दर्ज करने के निर्देश दिये।
सहायक नोडल अधिकारी कार्मिक डा0 आनन्द भारद्वाज ने बताया कि प्रशिक्षण में कुल 30 पीठासीन अधिकारी(पुरूष)/21 प्रथम मतदान अधिकारी(पुरूष) व 01 पीठासीन अधिकारी(महिला)/01 प्रथम मतदान अधिकारी महिला अनुपस्थित रहे। समस्त अनुपस्थित कार्मिकों में से 09 पीठासीन अधिकारी/05 मतदान अधिकारी प्रथम(पुरूष) ने अन्य दिवसों में प्रशिक्षण प्राप्त कर लिया है, शेष अनुपस्थित 39 कार्मिकों में से 36 कार्मिकों के स्पष्टीकरण वैध है। जिनमें डबल ड्यूटी, मेडिकल बोर्ड द्वारा ड्यूटी से राहत, कोरोना संक्रमित, अस्पताल में दाखिल  एवं अन्य जनपद में स्थानांतरित/तैनाती है। जबकि 03 कर्मियों के स्पष्टीकरण वैध न होने के कारण उनके विरूद्व संबंधित थाने में प्राथमिकी दर्ज करने के निर्देश दिये गये है।
सहायक नोडल अधिकारी कार्मिक डा0 आनन्द भारद्वाज ने समस्त पीठासीन एवं मतदान अधिकारियों को निर्देशित किया कि द्वितीय चरण के प्रशिक्षण में अपनी शत प्रतिशत उपस्थिति देना सुनिश्चित करें। अन्यथा संबंधित कार्मिक के विरुद्ध प्रशासनिक कार्यवाही की जाएगी।

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