-अरुणाभ रतूड़ी
श्रीमती अन्नपूर्णा देवी ने देश भर के 49 शिक्षकों को राष्ट्रीय आईसीटी पुरस्कार प्रदान किए
केन्द्रीय शिक्षा राज्यमंत्री श्रीमती अन्नपूर्णा देवी ने देश भर के 49 शिक्षकों को राष्ट्रीय आईसीटी पुरस्कार प्रदान किए।
इस अवसर पर बोलते हुए श्रीमती अन्नपूर्णा देवी ने कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 शिक्षण और सीखने की प्रक्रियाओं में प्रौद्योगिकी के व्यापक उपयोग, भाषा संबंधी बाधाओं को दूर करने, शैक्षिक योजना एवं प्रबंधन के साथ-साथ दिव्यांग छात्रों के लिए पहुंच बढ़ाने पर जोर देती है।
उन्होंने बताया कि समग्र शिक्षा के तहत सूचना एवं संचार प्रौद्योगिकी [आईसीटी] संबंधी उपायों में स्कूलों और शिक्षक शिक्षण संस्थानों (टीईआई) को सूचना प्रौद्योगिकी (आईटी) का बुनियादी ढांचा प्रदान करने का एक घटक भी है ताकि स्कूल और शिक्षकों के शिक्षण में आईसीटी के नवीन उपयोग की सुविधा मिल सके, जिससे स्कूल और शिक्षकों के शिक्षण से जुड़े सभी क्षेत्रों में बेहतर गुणवत्ता सुनिश्चित हो सके।
श्रीमती अन्नपूर्णा देवी ने इस बात पर प्रकाश डाला कि डिजिटल विभाजन को पाटने की प्रमुख परियोजनाओं में दीक्षा, ई-पाठशाला, शिक्षकों एवं छात्रों के लिए आईसीटी पाठ्यक्रम, स्वयं पर स्कूल एमओओसी (युवा महत्वाकांक्षी दिमागों के लिए सक्रिय शिक्षण का अध्ययन संजाल), पीएमईविद्या (एक कक्षा, एक चैनल) और निष्ठा (स्कूल प्रमुखों और शिक्षकों की समग्र उन्नति के लिए राष्ट्रीय पहल) ऑनलाइन मोड के माध्यम से एकीकृत शिक्षक प्रशिक्षण कार्यक्रम शामिल हैं। उन्होंने कहा कि ये पहल किसी भी सामाजिक, राजनीतिक, आर्थिक या भौगोलिक बाधाओं से इतर जाकर प्रौद्योगिकी की पहुंच और संपर्क को बढ़ाने में मदद करती हैं।
उन्होंने राष्ट्र निर्माण में शिक्षकों की भूमिका की सराहना की और इस बात का उल्लेख किया कि भारतीय समाज में गुरुओं को अत्यधिक सम्मान दिया जाता है। उन्होंने शिक्षा के क्षेत्र में अथक प्रयासों एवं नवाचार और कोविड महामारी के दौरान भी अपने स्कूलों में प्रौद्योगिकी की पहुंच को बढ़ावा देने के लिए आज सम्मानित किए जाने वाले सभी शिक्षकों को बधाई दी।
उन्होंने कहा कि भारत सरकार द्वारा हाल ही में बजट में की गई घोषणाओं ने डिजिटल शिक्षा से जुड़ी सभी पहल को और अधिक गति प्रदान की है। 200 डीटीएच टीवी चैनलों की शुरुआत, विज्ञान एवं गणित में 750 वर्चुअल लैब, शिक्षकों को डिजिटल शिक्षकों के रूप में बदलना आदि वर्ष 2022-23 के लिए हमारी सरकार द्वारा बजट में की गई कुछ नई घोषणाएं हैं।
शिक्षा में आईसीटी के उपयोग के लिए स्कूली शिक्षकों को राष्ट्रीय पुरस्कार के रूप में दी जाने वाली मान्यता शिक्षकों को अप्रत्यक्ष रूप से अपनी कक्षाओं में सामग्री-शिक्षाशास्त्र और प्रौद्योगिकी के माध्यम से आईसीटी का व्यापक और उल्लेखनीय रूप से उपयोग करने के लिए प्रेरित करती है।
एनसीईआरटी एक समर्पित पोर्टल के माध्यम से ऑनलाइन आवेदन आमंत्रित करने, संभावित उम्मीदवारों द्वारा ऑनलाइन स्वयं नामांकन, राज्य/केन्द्र शासित प्रदेश/संगठन स्तर के अधिकारियों से नामांकन प्राप्त करने, जूरी के माध्यम से अंतिम चयन के लिए राष्ट्रीय स्तर की जूरी बैठक के आयोजन में एक गहन प्रक्रिया अपनाता है, जिसे पारदर्शी तरीके से पूरा किया जा रहा है।
अब इस पुरस्कार को शिक्षकों के शिक्षण में संलग्न (स्कूल परिसरों, सीआरसी, बीआरसी, बीआईईटी, डीआईईटी, सीटीई/आईएएसई, एससीईआरटी/एसआईई, एसआईईटी, एसआईएमएटी आदि) और राज्यों एवं केन्द्र – शासित प्रदेशों तक उनकी सर्वश्रेष्ठ पहल के लिए विस्तारित करने की परिकल्पना की गई है।
इन आईसीटी पुरस्कार विजेताओं को अन्य शिक्षकों को अपने निरंतर सलाह के माध्यम से शिक्षा के क्षेत्र में आईसीटी की पहुंच को व्यापक बनाने की प्रक्रिया में आईसीटी राजदूत के रूप में कार्य करने और एक कुशल श्रमशक्ति तैयार करने के उद्देश्य से छात्रों के बीच उद्यमशीलता संबंधी कौशल विकसित करने की जिम्मेदारी भी दी जा रही है।
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हिट-एंड-रन वाहन दुर्घटना के पीड़ितों के लिये मुआवजे की अधिसूचना जारी
सड़क यातायात और राजमार्ग मंत्रालय ने 25 फरवरी, 2022 को एक अधिसूचना जारी करके हिट-एंड-रन वाहन दुर्घटना के पीड़ितों के मुआवजे के लिये एक नई योजना को अधिसूचित किया है। इस योजना के तहत मुआवजे की धनराशि बढ़ाने, यानी गंभीर रूप से घायल होने पर मुआवजे की राशि को 12,500 रुपये से बढ़कर 50 हजार रुपये तथा मृत्यु होने की स्थिति में मुआवजा राशि 25 हजार रुपये से बढ़ाकर दो लाख रुपये करने का प्रावधान किया गया है। मुआवजे के आवेदन और पीड़ितों को भुगतान की प्रक्रिया की समय-सीमा तय कर दी गई है। यह योजना, सोलेशियम स्कीम, 1989 (सांत्वना योजना, 1989) की जगह ले लेगी और एक अप्रैल, 2022 से लागू हो जायेगी।
मंत्रालय ने मोटर वाहन दुर्घटना निधि की रचना, संचालन और स्रोत के लिये भी 25 फरवरी, 2022 को नियमों का प्रकाशन कर दिया है। इस निधि को हिट-एंड-रन के मामलों में हर्जाना देने, दुर्घटना पीड़ितों का उपचार करने और अन्य कामों के लिये इस्तेमाल किया जायेगा, जैसा केंद्र सरकार तय करेगी।
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भारत सरकार ने यूक्रेन में फंसे भारतीयों को निकालने का काम किया
स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय ने अंतरराष्ट्रीय यात्रा एडवाइजरी में संशोधन किया, यूक्रेन से निकाले जा रहे भारतीयों को कई छूटें दी गईं
भारतीय नागरिकों को अनिवार्य प्री-बोर्डिंग निगेटिव आरटी-पीसीआर परीक्षण और टीकाकरण प्रमाण पत्र से छूट दी गई, एयर-सुविधा पोर्टल पर प्रस्थान करने से पहले दस्तावेज अपलोड करने से छूट दी गई
अगर कोई यात्री आगमन से पहले आरटी- पीसीआर परीक्षण रिपोर्ट प्रस्तुत करने में सक्षम नहीं है या जिन्होंने अपना कोविड-19 टीकाकरण पूरा नहीं किया है, उन्हें भारत आने के बाद 14 दिनों तक अपने स्वास्थ्य की स्व-निगरानी जारी रखने की सलाह के साथ आगमन पर परीक्षण के लिए अपने नमूने जमा करने के लिए कहा गया है
28 फरवरी, 2022 तक यूक्रेन से 1156 भारतीय भारत वापस आ चुके हैं और किसी भी यात्री को आइसोलेशन में नहीं रखा गया है
विदेश मंत्रालय, नागरिक उड्डयन मंत्रालय व गृह मंत्रालय के साथ घनिष्ट सहभागिता में स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय यूक्रेन से भारतीयों को निकालने में हर संभव सहायता दे रहा है।
केंद्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय ने अनिवार्य अंतरराष्ट्रीय यात्रा दिशानिर्देशों में संशोधन किया है। वहीं, मानवीय आधार पर अंतरराष्ट्रीय यात्रियों के लिए एडवाइजरी में निम्नलिखित छूट की अनुमति दी गई है:
- मौजूदा ‘अंतरराष्ट्रीय आगमन के लिए दिशानिर्देश’ में निर्धारित अनिवार्य जरूरतों (प्री-बोर्डिंग नेगेटिव आरटी-पीसीआर टेस्ट रिपोर्ट या पूर्ण टीकाकरण प्रमाणपत्र) को पूरा नहीं करने वाले भारतीय नागरिकों को भारत के लिए प्रस्थान से पहले इन दस्तावेजों को एयर-सुविधा पोर्टल पर अपलोड करने से छूट दी गई है।
- इसके अलावा जिन लोगों ने अपना कोविड-19 टीकाकरण (प्रस्थान/टीकाकरण के देश के बावजूद) पूरा कर लिया है, उन्हें भारत में अगले 14 दिनों के लिए अपने स्वास्थ्य की स्व-निगरानी करने की सलाह के साथ हवाईअड्डे से बाहर जाने की अनुमति दी गई है।
- अगर कोई यात्री आगमन से पहले आरटी-पीसीआर परीक्षण रिपोर्ट प्रस्तुत करने में सक्षम नहीं है या जिन्होंने अपना कोविड-19 टीकाकरण पूरा नहीं किया है, उन्हें भारत आने के बाद 14 दिनों तक अपने स्वास्थ्य की स्व-निगरानी जारी रखने की सलाह दी गई है। साथ ही, आगमन पर परीक्षण के लिए उन्हें अपने नमूने को जमा करना होगा। अगर उनकी रिपोर्ट पॉजिटिव आती है तो निर्धारित प्रोटोकॉल के अनुरूप उनका उपचार किया जाएगा।
यूक्रेन में राजनीतिक उथल-पुथल के बीच बड़ी संख्या में प्रवासी भारतीय नागरिकों (विशेष रूप से छात्र) ने खुद को संकट में पाया है। यूक्रेन में जारी नोटिस टू एयरमैन या नोटिस टू एयर मिशन (एनओटीएएम) को देखते हुए उड़ानों के जरिए इन फंसे हुए भारतीयों की सीधी निकासी नहीं की जा सकी है। इनके अनुसार पोलैंड, रोमानिया, स्लोवाकिया और हंगरी में स्थित भारतीय मिशन ऑपरेशन गंगा फ्लाइट्स के तहत यूक्रेन से भारतीय नागरिकों को लाने और उन्हें अपने-अपने देशों से बाहर निकालने की व्यवस्था कर रहे हैं।
28 फरवरी, 2022 (12:00 बजे तक) तक यूक्रेन से भारतीयों को लेकर 5 उड़ानें (मुंबई में एक और दिल्ली में चार) कुल 1156 यात्रियों को लेकर भारत आ चुकी हैं। इनमें से किसी भी यात्री को अब तक आइसोलेशन में नहीं रखा गया है।
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