द्वारा-अरुणाभ रतूड़ी
हिमालय स्थित ग्यारहवें ज्योर्तिलिंग श्री केदारनाथ धाम के कपाट खुले।
• मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने श्री केदारनाथ धाम के कपाट खुलने पर प्रसन्नता जताई। जनकल्याण तथा आरोग्यता की कामना की।
• श्री केदारनाथ धाम में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी के नाम से रूद्राभिषेक।

• पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज की पहल पर श्री केदारनाथ धाम सहित चारों धामों में प्रथम पूजा यशस्वी प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी के नाम से।
• कोरोना महामारी का असर सीमित संख्या में रहे पूजा-अर्चना से जुड़े प्रतिनिधि।
• रावल भीमाशंकर लिंग, देवस्थानम बोर्ड के अपर मुख्य कार्यकारी अधिकारी बी.डी. सिंह, जिलाधिकारी मनुज गोयल सहित तीर्थ पुरोहित, प्रशासन पुलिस के अधिकारी
मौजूद रहे।
• कल मंगलवार 18 मई को खुलेंगे श्री बदरीनाथ धाम के कपाट जबकि 14 मई को श्री यमुनोत्री धाम, 15 मई को खुले श्री गंगोत्री धाम के कपाट।
• तृतीय केदार श्री तुंगनाथ जी के कपाट आज दोपहर में खुलेंगे। चतुर्थ केदार श्री रूद्रनाथ जी के कपाट भी आज खुल रहे है।
• द्वितीय केदार श्री मदमहेश्वर जी के कपाट 24 मई को खुल रहे हैं।
• श्री गुरूद्वारा हेमकुंड साहिब एवं श्री लक्ष्मण मंदिर के कपाट खुलने की तिथि अभी तय नहीं।
• कोरोना का कहर चारधाम यात्रा स्थगित केवल सांकेतिक पूजा-अर्चना हेतु खुल रहे कपाट।
ग्यारहवें ज्योर्तिलिंग भगवान केदारनाथ धाम के कपाट विधि विधान पूर्वक मंत्रोचारण के साथ आज सोमवार मेष लग्न, पुनर्वसु नक्षत्र में प्रात: पांच बजे खुल गये हैं। कपाट खुलने की प्रक्रिया प्रात: तीन बजे से शुरू हो गयी थी। रावल भीमाशंकर एवं मुख्य पुजारी बागेश लिंग तथा देवस्थानम बोर्ड के अपर मुख्य कार्यकारी अधिकारी बी.डी. सिंह एवं जिलाधिकारी रूद्रप्रयाग मनुज गोयल ने पूरब द्वार से मंदिर मुख्य प्रांगण में प्रवेश किया तथा मुख्य द्वार पर पूजा अर्चना की मंत्रोचार के पश्चात ठीक पांच बजे भगवान केदारनाथ मंदिर के कपाट खोल दिये गये। मंदिर के कपाट खुलने के पश्चात मुख्य पुजारी बागेश लिंग ने स्यंभू शिवलिंग को समाधि से जागृत किया तथा निर्वाण दर्शनों के पश्चात श्रृंगार तथा रूद्राभिषेक पूजाएं की गयी। श्री केदारनाथ धाम में भी प्रथम रूद्राभिषेक पूजा प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी की ओर से की गयी तथा जनकल्याण की कामना की गयी। कोरोना महामारी को देखते हुए चारधाम यात्रा अस्थायी तौर पर स्थगित है धामों में केवल पूजापाठ संपन्न हो रही है यात्रियों को आने की अनुमति नहीं है। केदारनाथ के कपाट खुलते समय पूजापाठ से जुड़े चुंनिंदा लोग मौजूद रहे। धाम में मौसम सर्द है मंदिर के कुछ दूरी पर बर्फ मौजूद है। तथा रास्ते में कहीं- कहीं हिमखंड नजर आ रहे है।
मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने श्री केदारनाथ धाम के कपाट खुलने पर प्रसन्नता ब्यक्त की है तथा भी के आरोग्यता की कामना की है। कहा है कि कोरोना महामारी के कारण अस्थाई तौर पर यात्रा स्थगित है सभी लोग वर्चुअली दर्शन करें तथा अपने घरों में पूजा-अर्चना करें।
पर्यटनमंत्री सतपाल महाराज ने कहा है कि कोरोना महामारी समाप्त होगी तथा शीघ्र चारधाम यात्रा शुरू होगी। उल्लेखनीय है कि पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज की पहल पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी के नाम से जनकल्याण की भावना के साथ सभी धामों में प्रथम पूजा संपन्न करवायी जा रही है।
श्री केदारनाथ धाम के कपाट खुलने के अवसर पर ऋषिकेश के दानीदाता सौरभ कालड़ा ग्रुप द्वारा श्री केदारनाथ मंदिर को 11 क्विंटल फूलों से सजाया गया था। इस अवसर पर रावल भीमाशंकर लिंग, केदार लिंग, मुख्य पुजारी बागेश लिंग, देवस्थानम बोर्ड के अपर मुख्य कार्यकारी अधिकारी बी.डी. सिंह, जिलाधिकारी मनुज गोयल,पुलिस क्षेत्राधिकारी अनिल मनराल बीकेटीसी पूर्व सदस्य शिवसिंह रावत, एसडीएम रवीन्द्र वर्मा,तहसीलदार जयराम बधाड़ी, धर्माधिकारी आचार्य औंकार शुक्ला,मंदिर प्रशासनिकअधिकारी यदुवीर पुष्पवान, प्रबंधक अरविंद शुक्ला एवं प्रदीप सेमवाल, पारेश्वर त्रिवेदी,महावीर तिवारी,मृत्युंजय हीरेमठ, विपिन कुमार आदि मौजूद रहे।
पर्यटन सचिव दिलीप जावलकर ने बताया की श्री केदारनाथ धाम के कपाट खुलने के पश्चात केदारनाथ मास्टर प्लान कार्यों में अधिक गति आयेगी।
कपाट खुलने के दौरान कोरोना बचाव मानकों का पालन किया गया। मास्क, सेनिटाईजर, थर्मल स्क्रीनिंग अनिवार्य किया गया। उत्तराखंड चारधाम देवस्थानम प्रबंधन बोर्ड के मुख्य कार्यकारी अधिकारी रविनाथ रमन ने कपाट खुलने के लिए एसओपी द्वारा ब्यापक दिशा निर्देश जारी किये हैं। केदारनाथ में जिला प्रशासन, पुलिस, एसडीआरएफ तथा स्वास्थ्य विभाग, विद्युत, जल संस्थान की टीम अपना कार्य कर रही हैं।
देवस्थानम बोर्ड के मीडिया प्रभारी डा. हरीश गौड़ ने बताया श्री बदरीनाथ धाम के कपाट 18 मई प्रात:4 बजकर 15 मिनट पर खुल रहे है। आज श्री योगध्यान बदरी मंदिर पांडुकेश्वर से आदि गुरू शंकराचार्य जी की गद्दी के साथ श्री उद्धव जी, श्री कुबेर जी तथा तेलकलश (गाडू घड़ा) श्री बदरीनाथ धाम पहुंचेगा। तृतीय केदार तुंगनाथ जी के कपाट आज दोपहर में खुल रहे है जबकि चतुर्थ केदार रूद्रनाथ जी के कपाट भी आज खुल रहे हैं। द्वितीय केदार मदमहेश्वर जी के कपाट 24 मई को खुल रहे हैं। जबकि गुरूद्वारा श्री हेमकुंड साहिब एवं श्री लक्ष्मण मंदिर के कपाट खुलने की तिथि अभी निश्चित नहीं है।
मुख्यमंत्री श्री तीरथ सिंह रावत ने देहरादून कैंप कार्यालय से अल्मोड़ा जिले के रानीखेत स्थित संयुक्त सिविल मिलिट्री कोविड केयर अस्पताल का वर्चुअल उद्घाटन किया । इस दौरान महिला बाल विकास मंत्री श्रीमती रेखा आर्य, अल्मोड़ा सांसद श्री अजय टम्टा, विधानसभा उपाध्यक्ष श्री रघुनाथ सिंह चौहान, रानीखेत विधायक श्री करण माहरा,सचिव श्री अमित नेगी व जिला प्रशासन के अधिकारी मौजूद रहे।
रानीखेत में 50 बेड क्षमता वाले संयुक्त अस्पताल में 10 बेड ऑक्सीजन युक्त बनाए गए हैं। यह अस्पताल कुमाऊँ रेजीमेंट सेंटर एवं जिला प्रशासन अल्मोड़ा के संयुक्त प्रयास से शुरू किया गया है। अस्पताल के वर्चुअल उद्घाटन के दौरान मुख्यमंत्री श्री तीरथ सिंह रावत ने कहा कि सेना एवं जिला प्रशासन के संयुक्त प्रयास से शुरू किए गए इस अस्पताल का लाभ रानीखेत व आसपास के इलाकों के लोगों को मिल सकेगा। मुख्यमंत्री ने जिला प्रशासन अल्मोड़ा को निर्देश दिए कि इस अस्पताल में ऑक्सीजन बैड की संख्या बढ़ाने के लिए प्रयास किए जाएं। *मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी और रक्षा मंत्री श्री राजनाथ सिंह की प्रेरणा से लगातार कोरोना संक्रमण को रोकने के प्रयास किये जा रहे है। मुख्यमंत्री ने कहा कि डीआरडीओ के सहयोग से अगले कुछ दिन में हल्द्वानी और ऋषिकेश में बनाए जा रहे अस्थाई कोविड अस्पताल भी तैयार हो जाएंगे जिससे प्रदेशवासियों को उपचार में लाभ मिल सकेगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि आने वाले समय के लिए हमें अभी से तैयार होना होगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि कोरोना की तीसरी लहर की शुरुआत से पहले ही हमें सीएचसी, पीएचसी स्तर के अस्पतालों को मजबूत करना होगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि जनता को जागरूक करना बेहद जरूरी है। दवाई के साथ- साथ कड़ाई भी करनी होगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि ग्रामीण क्षेत्रों में टेस्टिंग को और बढ़ाया जाए और अधिक से अधिक लोगों को टेस्टिंग के लिए प्रेरित किया जाए। आशा, आंगनवाड़ी और ग्राम समिति के माध्यम से डोर टू डोर कोविड किट, होम आइसोलेशन में उपचार करवा रहे संक्रमितों तक समय से पहुंचा दी जाए।
महिला बाल विकास मंत्री श्रीमती रेखा आर्य ने मुख्यमंत्री का धन्यवाद करते हुए कहा कि मुख्यमंत्री के निर्देशों पर विधायक निधि का इस्तेमाल जनप्रतिनिधि अपने विवेक अनुसार कोविड के लिए कर रहे हैं जिसका फायदा प्रदेश के सभी विधानसभा क्षेत्र को मिल रहा है। इस दौरान सांसद श्री अजय टम्टा ने कहा कि मुख्यमंत्री का प्रयास सराहनीय है मुख्यमंत्री द्वारा बेस अस्पताल अल्मोड़ा और मेडिकल कॉलेज को जोड़कर कोविड अस्पताल बनाने से बड़ा लाभ आम जनता को हो रहा है। विधानसभा उपाध्यक्ष श्री रघुनाथ सिंह चौहान ने कहा कि सरकार का सार्थक प्रयास धरातल पर नजर आ रहा है। कार्यक्रम में रानीखेत विधायक श्री करण माहरा ने मुख्यमंत्री का धन्यवाद देते हुए कहा कि मुख्यमंत्री के सहयोग के बिना यह अस्पताल संभव नहीं था। इस दौरान जिला अधिकारी अल्मोडा श्री नितिन भदौरिया, कुमायूँ रेजिमेंट सेंटर के ब्रिगेडियर श्री आइएस सौमयाल एव जिला प्रशासन के अधिकारी मौजूद रहे।
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मुख्यमंत्री श्री तीरथ सिंह रावत ने सोमवार को ऋषिकेश पहुंच कर एम्स द्वारा शुरू की गई टेलीमेडिसिन सेवा “गरुड़” का उद्घाटन किया। इस टेलीमेडिसिन सेवा के जरिए प्रदेश के सभी 110 तहसीलों में देशभर के 898 ट्रेंड मेडिकल और पेरामेडिकल छात्रों द्वारा मेडिकल सम्बन्धी जानकारी और परामर्श दिया जाएगा। इस सेवा के जरिए प्रदेश की जनता को फोन के माध्यम से ही एक्सपर्ट डॉक्टरों के चिकित्सीय परामर्श मिल सकेगा।
एम्स ऋषिकेश में गरुड़ टेली मेडीसिन सेवा के उद्घाटन के मौक़े पर मुख्यमंत्री श्री तीरथ सिंह रावत ने कहा कि मेडिकल और पैरामेडिकल के नौजवानों द्वारा एम्स ऋषिकेश की पहल पर यह सराहनीय प्रयास है। मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार लगातार प्रयासरत है कि ज़्यादा से ज़्यादा डॉक़्टरों की तैनाती की जाए। मुख्यमंत्री ने कहा कि आज के समय में सीमांत क्षेत्रों तक कनेक्टिविटि के साथ हेल्थ सिस्टम मजबूत करना सबसे बड़ी चुनौती है। मुख्यमंत्री ने कहा कि पिछले कुछ दिनों से यह देखने में आया है कि शहरी इलाकों में कोविड की स्थिति स्थिर बनी हुई है जबकि ग्रामीण क्षेत्रों में ग्राफ बढ़ रहा है, जिसको लेकर सभी अधिकारियों को यह निर्देश दिए गए हैं कि हर ब्लॉक स्तर तक कंट्रोल रूम बनाए जाएं। मुख्यमंत्री ने कहा कि इससे पूर्व जिला स्तर तक कंट्रोल रूम बनाए जा रहे थे। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार टेस्टिंग के आंकड़ों को पारदर्शी तरीके से सामने रख रही है। टेस्टिंग नेशनल एवरेज से अधिक है, इससे साफ है कि उत्तराखंड में ज्यादा टेस्टिंग की जा रही है। मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार लगातार प्रयास कर रही है कि तीसरी लहर के आने से पहले ही जरूरी तैयारी पूरी कर ली जाए, जिसको लेकर पहाड़ के छोटे-छोटे सेंटर पर भी ऑक्सीजन प्लांट लगाने की तैयारी की जा रही है।
एम्स के निदेशक प्रोफेसर रविकांत से बताया कि एम्स ऋषिकेश द्वारा प्रोजेक्ट गरुड़ के लिए देशभर से मेडिकल और पैरामेडिकल के छात्रों के आवेदन माँगे गए थे, इस प्रोजेक्ट में कुल 1621 छात्रों ने पंजीकरण किया । जिसमें से 898 मेडिकल और पैरामेडिकल के छात्रों को इस प्रोजेक्ट हेतु चयनित किया गया। प्रो. रविकांत ने बताया कि इस प्रोजेक्ट में एमबीबीएस और बीडीएस के 621 डॉक्टर जबकि पैरामेडिकल कोर्सेज से संबंधित 277 छात्रों को शामिल किया गया है।
इस दौरान विधानसभा अध्यक्ष श्री प्रेम चंद्र अग्रवाल, विश्व हिंदू परिषद के संरक्षक श्री दिनेश जी, ऋषिकेश मेयर श्रीमती अनीता ममगाई एवं एम्स ऋषिकेश के वरिष्ठ चिकित्सक मौजूद रहे।
एम्स ऋषिकेश में गरुड़ टेली मेडीसिन सेवा के उद्घाटन के मौक़े पर मुख्यमंत्री श्री तीरथ सिंह रावत ने कहा कि मेडिकल और पैरामेडिकल के नौजवानों द्वारा एम्स ऋषिकेश की पहल पर यह सराहनीय प्रयास है। मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार लगातार प्रयासरत है कि ज़्यादा से ज़्यादा डॉक़्टरों की तैनाती की जाए। मुख्यमंत्री ने कहा कि आज के समय में सीमांत क्षेत्रों तक कनेक्टिविटि के साथ हेल्थ सिस्टम मजबूत करना सबसे बड़ी चुनौती है। मुख्यमंत्री ने कहा कि पिछले कुछ दिनों से यह देखने में आया है कि शहरी इलाकों में कोविड की स्थिति स्थिर बनी हुई है जबकि ग्रामीण क्षेत्रों में ग्राफ बढ़ रहा है, जिसको लेकर सभी अधिकारियों को यह निर्देश दिए गए हैं कि हर ब्लॉक स्तर तक कंट्रोल रूम बनाए जाएं। मुख्यमंत्री ने कहा कि इससे पूर्व जिला स्तर तक कंट्रोल रूम बनाए जा रहे थे। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार टेस्टिंग के आंकड़ों को पारदर्शी तरीके से सामने रख रही है। टेस्टिंग नेशनल एवरेज से अधिक है, इससे साफ है कि उत्तराखंड में ज्यादा टेस्टिंग की जा रही है। मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार लगातार प्रयास कर रही है कि तीसरी लहर के आने से पहले ही जरूरी तैयारी पूरी कर ली जाए, जिसको लेकर पहाड़ के छोटे-छोटे सेंटर पर भी ऑक्सीजन प्लांट लगाने की तैयारी की जा रही है।
एम्स के निदेशक प्रोफेसर रविकांत से बताया कि एम्स ऋषिकेश द्वारा प्रोजेक्ट गरुड़ के लिए देशभर से मेडिकल और पैरामेडिकल के छात्रों के आवेदन माँगे गए थे, इस प्रोजेक्ट में कुल 1621 छात्रों ने पंजीकरण किया । जिसमें से 898 मेडिकल और पैरामेडिकल के छात्रों को इस प्रोजेक्ट हेतु चयनित किया गया। प्रो. रविकांत ने बताया कि इस प्रोजेक्ट में एमबीबीएस और बीडीएस के 621 डॉक्टर जबकि पैरामेडिकल कोर्सेज से संबंधित 277 छात्रों को शामिल किया गया है।
इस दौरान विधानसभा अध्यक्ष श्री प्रेम चंद्र अग्रवाल, विश्व हिंदू परिषद के संरक्षक श्री दिनेश जी, ऋषिकेश मेयर श्रीमती अनीता ममगाई एवं एम्स ऋषिकेश के वरिष्ठ चिकित्सक मौजूद रहे।
जिलाधिकारी डाॅ. विजय कुमार जोगदण्डे ने आज जनपद में डेंगू नियंत्रण/रोकथाम हेतु वर्चुअल माध्यम से डंेगू रोधी अंतरविभागीय समन्वय बैठक ली। उन्होंने संबंधित अधिकारियों को निर्देशित किया कि अपने-अपने क्षेत्रान्तर्गत डेंगू के प्रभावकारी नियंत्रण/रोकथाम हेतु विशेष अभियान चलाकर अपने संसाधन का प्रयोग करते हुए आवश्यक कार्रवाई करना सुनिश्चित करें। जिलाधिकारी ने निर्देशित किया कि डेंगू के रोकथाम एवं जन-जागरूकता हेतु नगर निगम, नगर पालिका, नगर पंचायत, सभी ग्राम पंचायतों में बैनर/पोस्टर लगाना सुनिश्चित करें।
जिलाधिकारी डाॅ. जोगदण्डे ने संबंधित अधिकारियों को निर्देशित किया कि डेंगू के रोकथाम एवं जन-जागरूकता हेतु नगर निगम, नगर पालिका, नगर पंचायत, सभी ग्राम पंचायतों में बैनर/पोस्टर लगाना सुनिश्चित करें। कहा कि बैनर/पोस्टर हेतु प्रचार सामाग्री उपलब्ध करा दी जायेगी। कहा कि ग्राम पंचायतों हेतु जिला पंचायत राज अधिकारी के माध्यम से प्रचार सामाग्री उपलब्ध करायी जायेगी। कहा कि डेंगू मच्छर के लारवा एक दो साल जीवित रहता है, इसलिए पहली बरसात के एक-दो सप्ताह डेंगू मच्छर के फैलने का अधिक खतरा रहता है। उन्होंनेे निर्देशित किया कि बरसात से पहले ही पेयजल टैंक, कम्यूनिटी प्लेस, स्कूल, पानी जमावाड़ा स्थल, नाली आदि स्थानों पर साफ-सफाई एवं दवाई छिड़काव करना सुनिश्चित कर लें।
उन्होंने कहा कि नगर निगम में प्रतिवर्ष डेंगू नियंत्रण हेतु कार्यक्रम चलाये जाते हैं और गत वर्ष भी काफी प्रयास किया गया, जिसके कारण डेंगू मरीज की संख्या अति न्यून हुई है। उन्होंने संबंधित अधिकारियों को निर्देशित किया कि डेंगू के रोकथाम के लिए लोगों को जागरूक करने हेतु पोस्टर/बैनर लगाकर प्रचार-प्रसार करना सुनिश्चित करें। उन्होंने कहा कि डेंगू का मच्छर गर्म क्षेत्र में ज्यादा पनपता है और इस दृष्टि से कोटद्वार और श्रीनगर को अति संवदेशील क्षेत्र है। उन्होंने नगर निगम कोटद्वार एवं नगर पालिका परिषद् श्रीनगर के अधिकारियों निर्देशित करते हुए कहा कि पिछल एक-दो साल में जिस क्षेत्र में डेंगू के पाॅजिटिव केस मिले हैं, उन स्थानों की सूची प्राप्त कर लें तथा बरसात से पूर्व ही उचित कार्रवाई करना सुनिश्चित करें। कहा कि पानी के फैलाव/वृद्धि को रोकने के लिए नियमित रूप सफाई/दवाई छिड़काव करते रहें। साथ ही नालीयों की साफ-सफाई तथा घर के आस-पास पानी के टैंकों की नियमित रूप से सफाई और दवाई का छिड़काव करना सुनिश्चित करें और ध्यान रहेे कि कहीं पानी का जमावाड़ा न हो। उन्होंने नगर निगम और नगर पालिका के अधिकारियों को निर्देशित किया कि अपने-अपने क्षेत्र में डेंगू मच्छर के लारवा की संख्या में कमी करने के लिए नियमित रूप से दवाई छिड़काव करें।
उन्होंने जल संस्थान और जल निगम के अधिकारियों को निर्देशित किया कि पानी के टैंकों में नियमित रूप से छिड़काव करें और पानी की निकासी की कार्रवाई भी करें। कहा कि पानी के जमावाड़े, फिशरी टैंक, पानी लिकेज, नाली, पानी के टैंक के आस-पास डेंगू बचाव के उपाय करें। शिक्षा विभाग को निर्देशित किया गया कि जनपद में जितने भी विद्यालय हैं, स्कूल/काॅलेज खुलने से पहले विशेष अभियान चलाकर साफ-सफाई करवा ली जाय तथा नगर निगम/नगर पालिका/नगर पंचायत के माध्यम से दवाई छिड़काव कर लिया जाय।
उन्होंने निर्देशित किया कि नगर पालिका/नगर पंचायत/आशा एवं आंगनवाड़ी कार्यकत्रियों के माध्यम से लोगों को जागरूक करें कि डेंगू एक सामान्य बीमारी है और इससे घबराने की जरूरत नहीं है। कहा कि डेंगू का मच्छर दिन के समय काटता है, इसकी उड़ने की क्षमता 3-4 फिट ही होती है और इसकी पहचान सफेद और काले रंग की पट्टिया होती हैं। कहा कि डेंगू मच्छर से बचाव के लिए जरूरी है कि माॅसकिटो काॅयल का प्रयोग करें, फुल स्लीप के कपड़े पहने, हाथ-पैरों का कवर करें, बैड को 3 फिट ऊंचा रखें आदि बातों का ध्यान रखें।
मुख्य चिकित्सा अधिकारी डाॅ. मनोज शर्मा ने कहा कि डेंगू बीमारी के लक्षण तेज बुखार, उल्टी आना, शरीर पर लाल चकते पड़ना आदि है। कहा कि बुखार को कन्ट्रोल करने के लिए पेरासिटामाॅल का प्रयोग कर सकते है। उन्होंने कहा कि भूलकर भी बु्रफिन या डिसप्रिन दवा का सेवन न करें, इससे स्वास्थ्य और खराब होता है। उन्होंने कहा कि हर बुखार डेंगू का नही होता है, डेंगू के लक्षण होने पर समय से डाॅक्टर की सलाह लें और डाॅक्टर की सलाह पर ही दवा का सेवन करें।
बैठक में वर्चुअल माध्यम से मुख्य विकास अधिकारी आशीष भटगांई, नगर आयुक्त नगर निगम कोटद्वार पी.एल.शाह, मुख्य शिक्षा अधिकारी एम.एस.रावत, जिला पंचायत राज अधिकारी एम.एम.खान, जिला कार्यक्रम अधिकारी जितेन्द्र कुमार सहित स्वास्थ्य विभाग, जल संस्थान, पेयजल, नगरपालिका, नगर पंचायत आदि विभागों के अधिकारी उपस्थित थे।
जिलाधिकारी डाॅ. जोगदण्डे ने संबंधित अधिकारियों को निर्देशित किया कि डेंगू के रोकथाम एवं जन-जागरूकता हेतु नगर निगम, नगर पालिका, नगर पंचायत, सभी ग्राम पंचायतों में बैनर/पोस्टर लगाना सुनिश्चित करें। कहा कि बैनर/पोस्टर हेतु प्रचार सामाग्री उपलब्ध करा दी जायेगी। कहा कि ग्राम पंचायतों हेतु जिला पंचायत राज अधिकारी के माध्यम से प्रचार सामाग्री उपलब्ध करायी जायेगी। कहा कि डेंगू मच्छर के लारवा एक दो साल जीवित रहता है, इसलिए पहली बरसात के एक-दो सप्ताह डेंगू मच्छर के फैलने का अधिक खतरा रहता है। उन्होंनेे निर्देशित किया कि बरसात से पहले ही पेयजल टैंक, कम्यूनिटी प्लेस, स्कूल, पानी जमावाड़ा स्थल, नाली आदि स्थानों पर साफ-सफाई एवं दवाई छिड़काव करना सुनिश्चित कर लें।
उन्होंने कहा कि नगर निगम में प्रतिवर्ष डेंगू नियंत्रण हेतु कार्यक्रम चलाये जाते हैं और गत वर्ष भी काफी प्रयास किया गया, जिसके कारण डेंगू मरीज की संख्या अति न्यून हुई है। उन्होंने संबंधित अधिकारियों को निर्देशित किया कि डेंगू के रोकथाम के लिए लोगों को जागरूक करने हेतु पोस्टर/बैनर लगाकर प्रचार-प्रसार करना सुनिश्चित करें। उन्होंने कहा कि डेंगू का मच्छर गर्म क्षेत्र में ज्यादा पनपता है और इस दृष्टि से कोटद्वार और श्रीनगर को अति संवदेशील क्षेत्र है। उन्होंने नगर निगम कोटद्वार एवं नगर पालिका परिषद् श्रीनगर के अधिकारियों निर्देशित करते हुए कहा कि पिछल एक-दो साल में जिस क्षेत्र में डेंगू के पाॅजिटिव केस मिले हैं, उन स्थानों की सूची प्राप्त कर लें तथा बरसात से पूर्व ही उचित कार्रवाई करना सुनिश्चित करें। कहा कि पानी के फैलाव/वृद्धि को रोकने के लिए नियमित रूप सफाई/दवाई छिड़काव करते रहें। साथ ही नालीयों की साफ-सफाई तथा घर के आस-पास पानी के टैंकों की नियमित रूप से सफाई और दवाई का छिड़काव करना सुनिश्चित करें और ध्यान रहेे कि कहीं पानी का जमावाड़ा न हो। उन्होंने नगर निगम और नगर पालिका के अधिकारियों को निर्देशित किया कि अपने-अपने क्षेत्र में डेंगू मच्छर के लारवा की संख्या में कमी करने के लिए नियमित रूप से दवाई छिड़काव करें।
उन्होंने जल संस्थान और जल निगम के अधिकारियों को निर्देशित किया कि पानी के टैंकों में नियमित रूप से छिड़काव करें और पानी की निकासी की कार्रवाई भी करें। कहा कि पानी के जमावाड़े, फिशरी टैंक, पानी लिकेज, नाली, पानी के टैंक के आस-पास डेंगू बचाव के उपाय करें। शिक्षा विभाग को निर्देशित किया गया कि जनपद में जितने भी विद्यालय हैं, स्कूल/काॅलेज खुलने से पहले विशेष अभियान चलाकर साफ-सफाई करवा ली जाय तथा नगर निगम/नगर पालिका/नगर पंचायत के माध्यम से दवाई छिड़काव कर लिया जाय।
उन्होंने निर्देशित किया कि नगर पालिका/नगर पंचायत/आशा एवं आंगनवाड़ी कार्यकत्रियों के माध्यम से लोगों को जागरूक करें कि डेंगू एक सामान्य बीमारी है और इससे घबराने की जरूरत नहीं है। कहा कि डेंगू का मच्छर दिन के समय काटता है, इसकी उड़ने की क्षमता 3-4 फिट ही होती है और इसकी पहचान सफेद और काले रंग की पट्टिया होती हैं। कहा कि डेंगू मच्छर से बचाव के लिए जरूरी है कि माॅसकिटो काॅयल का प्रयोग करें, फुल स्लीप के कपड़े पहने, हाथ-पैरों का कवर करें, बैड को 3 फिट ऊंचा रखें आदि बातों का ध्यान रखें।
मुख्य चिकित्सा अधिकारी डाॅ. मनोज शर्मा ने कहा कि डेंगू बीमारी के लक्षण तेज बुखार, उल्टी आना, शरीर पर लाल चकते पड़ना आदि है। कहा कि बुखार को कन्ट्रोल करने के लिए पेरासिटामाॅल का प्रयोग कर सकते है। उन्होंने कहा कि भूलकर भी बु्रफिन या डिसप्रिन दवा का सेवन न करें, इससे स्वास्थ्य और खराब होता है। उन्होंने कहा कि हर बुखार डेंगू का नही होता है, डेंगू के लक्षण होने पर समय से डाॅक्टर की सलाह लें और डाॅक्टर की सलाह पर ही दवा का सेवन करें।
बैठक में वर्चुअल माध्यम से मुख्य विकास अधिकारी आशीष भटगांई, नगर आयुक्त नगर निगम कोटद्वार पी.एल.शाह, मुख्य शिक्षा अधिकारी एम.एस.रावत, जिला पंचायत राज अधिकारी एम.एम.खान, जिला कार्यक्रम अधिकारी जितेन्द्र कुमार सहित स्वास्थ्य विभाग, जल संस्थान, पेयजल, नगरपालिका, नगर पंचायत आदि विभागों के अधिकारी उपस्थित थे।