कृषिमंत्री सुबोध उनियाल ने उ.सी.ए.त.डे.काॅ.लि.बोर्ड के सम्बन्ध में बैठक की।##पर्यटन सचिव श्री दिलीप जावलकर ने पौड़ी में 13 डिस्ट्रिक्ट 13 डेस्टिनेशन योजनाओं का स्थलीय निरीक्षण किया। ##. जिला जज पौड़ी श्री सिकन्द कुमार त्यागी के अध्यक्षता में ई लोक अदालत सम्पन्न।##कैदी की मृत्यु की मजिस्ट्रेटी जांच एसडीएम बारहस्यूं करेंगे।पढिए Janswar.Com में।

प्रदेश के कृषि, कृषि विपणन, कृषि प्रसंस्करण, कृषि शिक्षा, उद्यान एवं फलोद्योग एवं रेशम विकास मंत्री सुबोध उनियाल ने विधान सभा स्थित सभा कक्ष में उत्तराखण्ड सीड्स एण्ड तराई डेवलपमेंट काॅरपोरेशन लिमिटेड बोर्ड के सम्बन्ध में बैठक की। बोर्ड बैठक में निदेशक मण्डल से सम्बन्धित एजेंडा पर चर्चा करते हुए पिछले कार्यों की सराहना की गयी। कहा गया कि उत्तराखण्ड सीड्स एण्ड तराई डेवलपमेंट काॅरपोरेशन लिमिटेड में क्वालिटी के साथ क्वालिटी उत्पादन पर जोर दिया जायेगा। गुणवत्ता के बीज की अपूर्ति पर प्रतिबद्धता दिखाई गयी। लगातार तीन वर्ष तक टीडीसी को आपूर्ति करने वाले विश्वसनीय कृषकों को लायलिटी बोनस दिया जायेगा तथा अच्छा कार्य करने वाले कर्मचारियों को प्रोत्साहन भत्ता दिया जायेगा। टीडीसी में एक स्वस्थ कार्य संस्कृति विकसित करने पर बल दिया गया। पर्वतीय खेती के अनुकूल बीज उत्पादन के लिए जोर दिया गया। टीडीसी की छवि सुधारने के लिए विशेष प्रयास करने को कहा गया, ताकि यह बाजारी प्रतिस्पर्धा में ठहर सके।
टीडीसी पिछले वर्षों में 50 करोड़ नुकसान पर चल रही थी, वर्ष 2018-19 मंे यह नुकसान घटकर मात्र 13 लाख पर आ चुका था तथा अब 2019-20 में फायदे में पहुच गयी है।
इस अवसर पर सचिव कृषि हरबंस सिंह चुघ, प्रबन्ध निदेशक उत्तराखण्ड सीड्स एण्ड तराई डेवलपमेंट काॅरपोरेशन डाॅ० नीरज खैरवाल, अपर सचिव वित्त भूपेश तिवारी एवं निदेशक कृषि गौरीशंकर सहित अन्य विभागीय अधिकारी मौजूद थे।########################################

पर्यटन सचिव श्री दिलीप जावलकर ने शुक्रवार को जनपद पौड़ी में पर्यटन विभाग द्वारा 13 डिस्ट्रिक्ट 13 डेस्टिनेशन योजना के अन्तर्गत चयनीत योजनाओं का स्थलीय निरीक्षण किया। उन्होने गुमखाल के समीप कीर्तिखाल में कीर्तिखाल से भैरंवगढ़ी रोपवे योजना के साथ ही सतपुली में 13 डिस्ट्रिक्ट 13 डेस्टिनेशन के अन्तर्गत विभिन्न पर्यटन योजनाओं का स्थलीय निरीक्षण कर संबंधित अधिकारियां से कार्य प्रगति की जानकारी ली।

उन्होंने योजनाओं के क्रियान्वयन में तेजी लाये जाने के भी निर्देश दिये।
सचिव पर्यटन ने सतपुली में पर्यटन विभाग की 40 शैय्या वाले आवास गृह एवं विवाह समारोह मल्टी परक हाल के निर्माण कार्यों का भी निरीक्षण कर भवन के डिजाईन एवं सुविधा के बारे में मौके पर जानकारी ली। इसके बाद उन्होने सतपुली में चयनीत पार्किग स्थल एवं सतपुली में नयार नदी के उस पार निर्माणधीन एग्लिंग हट्स कम होमस्टे व नयार नदी में बनने वाले अन्य पर्यटन विकास परक कार्यों की संबंधित अधिकारियों से जानकारी प्राप्त की। इसके उपरान्त सचिव श्री जावलकर दिवा की डाडा रोपवे योजना के स्थलीय निरीक्षण किया।
सचिव श्री जावलकर ने कहा कि इस क्षेत्र में एडवेंचर टूरिज्म की अपार सम्भावनाएं है। नयार नदी में फिशिंग व एंगलिंग का अच्छा स्कोप है। विगत दिनों में पैराग्लाइडिंग व पैरासिलिंग के जो प्रयास किये गये थे, उसके भी अच्छे परिणाम आये है। कहा कि यहां पर राफ्टिंग, क्याकिंग, पैराग्लाइडिंग, पैरासिलिंग, एंगलिंग आदि की अपार सम्भावनाएं हैं, इसलिए इसे एक अच्छे डेस्टिनेशन के रूप में विकसित किया जा सकता है।
उन्होंने कहा कि आज जीएमवीएन का टीआरएच 40 बैड कैपसिटी का उद्घाटन भी किया जा रहा है, जो थर्टीन डिस्ट्रिक्ट थर्टीन डेस्टिनेशन का पार्ट है। पैरासिलिंग के जो ट्रायल हुए थे, उसकी रिपोर्ट प्राप्त कर उसके लॉचिंग पार्ट डेवलप किया जा रहे है। कुछ रोपवे भी प्रस्तावित है, जिनका अध्ययन कर उन पर भी कार्य किया जाना प्रस्तावित है।
उन्होंने कहा कि दीवा का डांडा से हिमालय का बहुत अच्छा दर्शन होता है और यहां पर रोपवे का प्रस्ताव दिया गया था, जिस पर कार्य चल रहा है कि किस तरह से बनाया जाय। कहा कि क्षेत्र का निरीक्षण किया जायेगा और तत्पश्चात टेण्डर प्रक्रिया की कार्यवाही की जायेगी।
इस अवसर पर जिला पर्यटन विकास अधिकारी/ साहसिक खेल अधिकारी पौड़ी श्री खुशाल सिह नेगी, उपजिलाधिकारी अपर्णा ढौंडियाल, सहित संबंधित अधिकारी मौजूद थे।

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मा. उत्तराखण्ड राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण नैनीताल के दिशा-निर्देशों के क्रम में दिनांक 12 सितम्बर, 2020 को प्रस्तावित ई-लोक अदालत के सन्दर्भ में गुरूवार को जिला पौड़ी गढ़वाल में जिला एवं सत्र न्यायालय पौड़ी सहित जनपद के समस्त न्यायालयों में (मुख्यालय पौड़ी, कोटद्वार, श्रीनगर तथा लैंसडोन) में वीडियों काॅन्फ्रेंस के माध्यम से द्धितीय प्री बैठक हुई। बैठक मा. न्यायाधीश जिला जज पौड़ी श्री सिकन्द कुमार त्यागी के अध्यक्षता में आयोजित की गई, जिसमें न्यायालयों/ई-लोक अदालत बैंच द्वारा पक्षकारों/ अधिवक्ताओं के साथ वीडियों काॅन्फे्रंस के माध्यम से ई-लोक अदालत में सन्दर्भित वादों के निस्तारण के संबंध में कार्यवाही की गयी, जिसमें पक्षकारों/अधिवक्तागण द्वारा ई-लोक अदालत में आने मामले निस्तारित किये जाने हेतु रूचि दर्शित की गयी है।
सिविल जज (सी.डि.)/सचिव जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, पौड़ी गढ़वाल इन्दु शर्मा ने जानकारी दी कि दिनांक 12 सितम्बर, 2020 को आयोजित ई-लोक अदालत में धन वसूली वाद, मोटर दुर्घटना वाद, 138 एन.आई. एक्ट, पारिवारिक विवाद से संबंधित वाद, शमनीय प्रकृति के अपराधिक वाद के साथ-साथ प्री-लिटिगेशन मामले भी निपटाये जायेंगे। उन्होने कहा कि कोई भी व्यक्ति जिनका इस प्रकार का वाद न्यायालय में लम्बित है, अथवा प्री-लिटिगेशन का मामला संबंधित न्यायालय मंे ड्राप बाॅक्स के माध्यम से अथवा जिला विधिक सेवा प्राधिकरण पौड़ी गढ़वाल की ई-मेल कसेंचंनतप/हउंपसण्बवउ पर अथवा जिला न्यायालय पौड़ी गढ़वाल की ई-मेल कर.चंन.नं/दपबण्पद पर सुलह समझौता प्रार्थना पत्र प्रस्तुत कर नियत कराया जा सकता है।ई-लोक अदालत के संबंध में तृतीय प्री-मीटिंग दिनांक 27 अगस्त, 2020 को प्रस्तावित है।

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जिला कारागार पौड़ी में विचाराधीन बन्दी सन्तन सिंह पुत्र केशर सिंह निवासी लोहतल पट्टी बदलपुर तल्ला-1 जिला पौड़ी गढ़वाल अ.सं.-01/2005 एस.टी.नं.-48/2005 धारा-302/34 भा.द.सं. थाना/पट्टी बदलपुर तल्ला-1 के अन्तर्गत मा. न्यायालय जिला एवं सत्र न्यायाधीश, पौड़ी गढ़वाल द्वारा आजीवन कारावास से दण्डित किये जाने पर दिनांक 23 जून, 2018 से से सजा भुगत रहा था। जिसे दिनांक 12 जनवरी, 2020 को प्रातः समय लगभग 09ः30 बजे सीने में दर्द सांस लेने में परेशानी एवं बेचैनी होेने पर कारागार बन्दी रक्षकों की सुरक्षा में उपचार हेतु जिला चिकित्सालय पौड़ी भेजा गया तथा वहां से रेफर किये जाने पर उच्च संस्थान अखिल भारतीय आर्युविज्ञान संस्थान ऋषिकेश भेजा गया,जहाँ उपचार के दौरान दिनांक 13 जनवरी, 2020 को उनकी मृत्यु हो गई। इस सन्दर्भ में जिला मजिस्ट्रेट गढ़वाल ने मजिस्ट्रीयल जांच हेतु उप जिला मजिस्ट्रेट बाहरस्यूं पौड़ी गढ़वाल को नामित किया गया है।
उप जिला मजिस्ट्रेट बाहरस्यूं पौड़ी गढ़वाल श्याम सिंह राणा ने प्रेसविज्ञप्ति के माध्यम से सर्व साधारण को सूचित किया है कि जो कोई भी व्यक्ति उक्त दुर्घटना के संबंध में जो कुछ भी जानकारी रखता हो, वहविज्ञप्ति के प्रकाशन के एक सप्ताह अन्दर किसी भी कार्य दिवस पर अधोहस्ताक्षरी के न्यायालय/कार्यालय में उपस्थित होकर अपना लिखित/मौखिकसाक्ष्य प्रस्तुत कर सकता है।

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