कृषि,उद्यान एवं रेशम विकास मंत्री श्री सुबोध उनियाल ने कृषि विभाग की विभिन्न शाखाओं की समीक्षा की।पढिए Janswar.Com में।

प्रस्तुति-नागेन्द्र प्रसाद रतूड़ी

प्रदेश के कृषि, कृषि विपणन, कृषि प्रसंस्करण, कृषि शिक्षा, उद्यान एवं फलोद्योग एवं रेशम विकास मंत्री सुबोध उनियाल ने विधान सभा सभाकक्ष में कृषि विभाग के विभिन्न शाखाओं के अधिकारियों के साथ समीक्षा बैठक की।
बैठक में कृषि, उद्यान, रेशम, मत्स्य इत्यादि से जुड़े अधिकारियों के साथ नर्सरी एक्ट, जैविक खेती, कृषि और उद्यान विभाग के एकीकरण, खाद्य प्रसंस्करण और आई.एम.ए विलेज योजना पर विस्तृत चर्चा की गयी।
इस दौरान नर्सरी एक्त के प्रारूप पर विस्तृत चर्चा के दौरान अधिकारियों ने इसमें किये गये प्रावधानों से सदन को अवगत कराया, जिस पर मंत्री और सचिव कृषि एवं उद्यान आर. मीनाक्षी सुन्दरम ने स्थानीय किसानों के हित में आवश्यक परिवर्तन करते हुए उनको अधिकाधिक लाभ सुनिश्चित करवाने और खेती को प्रतिस्पर्धी बनाने पर जोर देने के निर्देश दिये।
कृषि और उद्यान विभाग के एकीकरण पर चर्चा करते हुए पदों को बढ़ाने-घटाने, वर्गीकृत के निर्धारण, पदोन्नति के अवसर और सेवा नियमावली इत्यादि पर गहन मंथन किया गया। विभागों के एकीकरण पर चर्चा करते हुए बैठक में कृषि विभाग में अधिशासी अभियंता के पदों का भी प्रावधान रखने, चतुर्थ श्रेणी के सभी पद वर्तमान कार्मिकों के रिटायरमेंट तक प्रभावी रखने और उसके पश्चात, माली, नर्सरी हैल्पर इत्यादि पदों को आउटसोर्सिंग से रखने के प्रावधान पर सहमति व्यक्त की गयी।
कृषि मंत्री ने आई.एम.ए. विलेज योजना को धरातल पर अमली जामा पहनाने और निर्धारित उदेश्यों की पूर्ति हेतु सचिव कृषि को नियमावली बनाने और इस सम्बन्ध में विभागीय बैठक करते हुए कार्य करने के निर्देश दिये।
उन्होंने उद्यान विभाग से जुड़े अधिकारियों को सेब के काश्तकारों को आवश्यकतानुसार उचित गुणवत्ता की तथा पर्याप्त संख्या में सेब की पेटियाँ उत्तराखण्ड ब्राण्ड नाम से उपलब्ध कराने के निर्देश दिये।
जैविक एक्ट पर चर्चा के दौरान अधिकारियों द्वारा अवगत कराया गया कि ड्राफ्ट पर न्याय विभाग से परामर्श लिया जा रहा है और उसी अनुरूप विभागीय स्तर पर चर्चा के उपरान्त उसको अंतिम रूप दिया जायेगा। कृषि मंत्री ने विभागीय अधिकारियों को जैविक उत्पादों की ब्रांडिग करते हुए उसका अधिक से अधिक प्रचार-प्रसार करने के निर्देश दिये।
कृषि मंत्री ने इस अवसर पर अवगत कराया कि नर्सरी एक्ट में इस तरह के प्रावधन रखे गये हैं जिससे छोटी जोत का किसान भी नर्सरी लगा सकें साथ ही सरकारी नर्सरी को भी नर्सरी एक्ट के दायरे में लाया गया है।
उन्होंने किसानों और काश्तकारों के कल्याण हेतु चलायी जा रही विभिन्न योजनाओं को कलस्टर(समूह) आधारित फोकस करने के निर्देश दिये जिससे किसी की उत्पाद की ब्राण्ड(पहचान) बन सके और  लोग उससे प्रेरित होकर उसके उत्पादन से जुड़ सकें। उन्होंने किसान सम्मान निधि योजना को भी महिलाओं पर अधिक फोकस करते हुए लाभ देने के निर्देश दिये।
इस अवसर पर सचिव कृषि/उद्यान आर. मीनाक्षी सुन्दरम, अपर सचिव कृषि रामविलास यादव,  राजेन्द्र सिंह व उद्यान देवेन्द्र पालीवाल, निदेशक रेशम विभाग ए.के. यादव एवं अपर निदेशक कृषि के.सी. पाठक सहित अन्य विभागीय अधिकारी मौजूद थे।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *