कारगिल युद्ध के नायक: परमवीर चक्र विजेता कैप्टन विक्रम बत्रा को पुण्यतिथि पर कोटि-कोटि नमन।
(अरुणाभ रतूड़ी जनश्वर ):- आज, हम उस असाधारण नायक को श्रद्धांजलि अर्पित कर रहे हैं जिसने कारगिल युद्ध में पाकिस्तान के विरुद्ध अदम्य साहस और पराक्रम का प्रदर्शन करते हुए अपने प्राणों की आहुति दे दी. परमवीर चक्र विजेता कैप्टन विक्रम बत्रा। उनकी पुण्यतिथि पर, पूरा राष्ट्र इस वीर सपूत को कोटि-कोटि नमन करता है।
कैप्टेन विक्रम बत्रा, जिन्हें उनके कोड नेम शेरशाह के नाम से भी जाना जाता है, भारतीय सेना के उन बहादुर अधिकारियों में से थे जिनकी रगों में देशभक्ति का खून दौड़ता था। 1999 के कारगिल युद्ध में, जब भारतीय सेना ने पाकिस्तानी घुसपैठियों को खदेड़ने का बीड़ा उठाया, तो कैप्टन बत्रा ने अपनी टुकड़ी का नेतृत्व करते हुए अभूतपूर्व शौर्य दिखाया।
20 जून 1999 को, उन्होंने और उनकी टीम ने प्वाइंट 5140 पर कब्जा किया, जो कि दुश्मन के लिए एक रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण चोटी थी। इस जीत के बाद ही उनका प्रसिद्ध विजयी संदेश आया। ये दिल मांगे मोर – जिसने पूरे देश में जोश भर दिया। यह नारा सिर्फ एक सैन्य संदेश नहीं, बल्कि हर भारतीय के लिए गर्व और प्रेरणा का प्रतीक बन गया।
प्वाइंट 5140 पर जीत के बाद, कैप्टन बत्रा ने अपनी अगली चुनौती,प्वाइंट 4875 पर कब्ज़ा करने के लिए तैयारी की। यह एक बेहद कठिन और खतरनाक इलाका था, लेकिन बत्रा का हौसला अटल था। 7 जुलाई 1999 को, इस ऑपरेशन के दौरान, जब वे अपने घायल साथी अधिकारी को बचाने के लिए आगे बढ़े, तो दुश्मन की गोली का शिकार हो गए। अंतिम साँस तक, उन्होंने अपने देश और अपने साथियों की रक्षा के लिए लड़ाई लड़ी।
उनकी बहादुरी, नेतृत्व क्षमता और सर्वोच्च बलिदान के लिए, कैप्टन विक्रम बत्रा को मरणोपरांत भारत के सर्वोच्च सैन्य सम्मान परमवीर चक्र से सम्मानित किया गया। यह सम्मान उनकी असाधारण वीरता और कर्तव्य के प्रति उनके अटल समर्पण का प्रतीक है।
कैप्टन विक्रम बत्रा का जीवन और उनका बलिदान हमें यह सिखाता है कि कुछ चीजें देश से बढ़कर नहीं होतीं। उनका “ये दिल मांगे मोर” का नारा आज भी युवाओं को प्रेरित करता है कि वे अपने लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए कभी हार न मानें और हमेशा अपने देश के लिए कुछ बड़ा करने का जज्बा रखें।
आज उनकी पुण्यतिथि पर, हम न केवल उन्हें श्रद्धांजलि देते हैं, बल्कि उनके बलिदान को याद करते हुए यह संकल्प भी लेते हैं कि हम उनके दिखाए मार्ग पर चलकर एक मजबूत और सुरक्षित भारत का निर्माण करेंगे। कैप्टन विक्रम बत्रा अमर रहें!
जय हिन्द!