कथित बड़े (पन्ना बदल) अखबारों से ज्यादा ताकतवर है वेब पोर्टल ।
लेखक- जयदीप भट्ट,संपादक -दैनिक सक्षम उत्तराखण्ड
देहरादून। तकनीकी के आधुनिक युग मे समाचार और सूचनाओं का आदान प्रदान करने के लिए भी शोशल मीडिया का बखूबी इस्तेमाल हो रहा है। लेकिन सरकार व प्राइवेट संस्थाएं इस युग मे सोशल प्लेटफार्म की जगह कथित बड़े समाचार पत्रों को ही अपने प्रचार प्रसार का बड़ा साधन समझ रहे है। जबकि वर्तमान समय मे कथित बड़े समाचार पत्रों जो पन्ना बदल अखबार ज्यादा हैं, उनके समाचारों से पहले शोशल मीडिया पर यह घटनाएं समाचार पढ़ने को मिल जाए रहे है। हालात यह हैं कि कथित बड़े समाचार पत्रों को जनमानस सिर्फ सरकारी टेंडर या नियुक्ति का विज्ञापन पढ़ने हेतु ही इस्तेमाल कर रहे हैं।
जहां तक उत्तराखण्ड की बात है तो राज्य में 200 के आसपास वेबसाइट हैं जो सिर्फ न्यूज़ पोर्टल के रूप में ही काम कर रही है और आपसी प्रतिस्पर्धा के कारण समाचार व घटनाओं पर नजर गड़ाएं रहती है , मसलन राज्य के हर कोने से न्यूज़ पोर्टल संचालित होने के कारण कोने कोने की खबरे कथित बड़े समाचार पत्रों। की वेबसाइट से पहले ही इन पोर्टलों पर अपडेट हो रही हैं। जबकि कितने ही समाचार पत्र हैं ऐंसे हैं जो एक जिले का समाचार दूसरे जिले में पढ़ने को नही मिल रहा है। कहने का तात्पर्य यह है कि सोशल मीडिया पूरी तरह है से प्रिंट मीडिया को चुनौती देता हुआ दिख रहा है, जिसको हल्के में लिया जाना प्राइवेट या सरकारी किसी भी संस्था को फायदेमंद नही हो सकता।