एल.ई.डी. लाईट निर्माण में लगे सभी महिला स्वयं सहायता समूहों को दिया जाएगा 50-50 हजार का रिवोल्विंग फंडः मुख्यमंत्री#मुख्य सचिव की अध्यक्षता में राज्य गंगा पुनर्जीवन,सुरक्षा और प्रबन्धन समिति की बैठक आयोजित की गयी।# चिकित्सा विशेषज्ञों के अनुसार गठिया सौ से अधिक बीमारियों का समूह है।# देवप्रयाग,गंगोत्री और बद्रीनाथ में हाउसहोल्ड कनेक्टिविटी के कार्य शीघ्र पूर्ण किये करें-मुख्यसचिव #पौड़ी गढवाल में कुल कोविड 478 संक्रमित तथा आईसोलेशन में कुल 142 मरीज हैं।पढिए janswar.Com में।

समाचार प्रस्तुति-अरुणाभ रतूड़ी

एल.ई.डी. लाईट निर्माण में लगे सभी महिला स्वयं सहायता समूहों को दिया जाएगा 50-50 हजार का रिवोल्विंग फंडः मुख्यमंत्री

• मंदिरों के कपाट खुलने पर साज सज्जा हेतु स्वयं सहायता समूहों की ली जाएगी मदद

• वोकल फॉर लोकल की थीम पर एक विंडो उपलब्ध कराई जाए

• मुख्यमंत्री श्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने सोमवार को मुख्यमंत्री आवास में राष्ट्रीय ऊर्जा संरक्षण दिवस के अवसर पर मुख्यमंत्री सौर स्वरोजगार योजना के अन्तर्गत जनपद उत्तरकाशी के 11 उद्यमियों को ‘परियोजना आवंटन पत्र‘ वितरित किए। इस अवसर पर, मुख्यमंत्री ने एल.ई.डी. ग्राम लाईट योजना के अंतर्गत प्रशिक्षण प्राप्त स्वयं सहायता समूहों की महिलाओं को ‘‘एनर्जी वॉरियर्स‘‘ के रूप में सम्मानित किया। इसके साथ ही, मुख्यमंत्री ने ‘ऊर्जा दक्ष ग्राम‘ के प्रधानों को भी प्रशस्ति पत्र वितरित कर सम्मानित किया।
• कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए मुख्यमंत्री श्री त्रिवेन्द्र ने सभी स्वयं सहायता समूहों को ऊर्जा संरक्षण दिवस की बधाई देते हुए कहा कि हमारा अगला फोकस अपनी माँ-बहनों के सिर से घास-लकड़ी का बोझा उतारना है। उन्होंने कहा कि इस दिशा में कार्य किया जा रहा है। उन्होंने अधिकारियों को भी इस दिशा में विचार कर योजनाएं तैयार करने के निर्देश दिए। उन्होंने कार्यक्रम में जनपदों से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से उपस्थित ग्राम प्रधानों एवं स्वयं सहायता समूहों से इस सम्बन्ध में अपने सुझाव देने का अनुरोध किया।
• मुख्यमंत्री श्री त्रिवेन्द्र ने एल.ई.डी. निर्माण में लगे सभी स्वयं सहायता समूहों के लिए 50-50 हजार के रिवॉल्विंग फण्ड की घोषणा की। मुख्यमंत्री ने महिला स्वयं सहायता समूहों से बात भी की। उन्होंने कहा कि इनका ‘दरांती से सॉल्डरिंग रोड के बीच का सफर‘ अन्य लोगों के लिए प्रेरणादायक है। स्वरोजगार से जुड़कर महिलाओं का आत्मविश्वास और आत्मनिर्भरता बढ़ी है। उनके मन में विश्वास पैदा हुआ है कि वे उद्यम के क्षेत्र में भी बहुत कुछ कर सकती हैं।
• मुख्यमंत्री ने कहा कि ग्रोथ सेंटर स्वरोजगार के क्षेत्र में महत्त्वपूर्ण योगदान दे रहे हैं। रेडीमेड गारमेंट्स के क्षेत्र में भी ग्रोथ सेंटर्स की अपार सम्भावनाएं हैं। स्कूल ड्रेस, डॉक्टर्स-नर्स आदि के लिए ड्रेसिज तैयार करने पर भी फोकस किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि उत्तराखण्ड कैबिनेट ने अभी निर्णय लिया है कि जिलाधिकारी स्तर पर 05 लाख तक की खरीद में, स्वयं सहायता समूहों के उत्पादों को प्राथमिकता दी जानी चाहिए। उन्होंने कहा कि देवभूमि उत्तराखण्ड में अनेकों मंदिर हैं। मंदिरों के कपाट खुलने व बंद होने, व अन्य धार्मिक अनुष्ठानों में सजावटी कार्यों के लिए स्वयं सहायता समूहों के उत्पादों को प्राथमिकता दी जानी चाहिए। उन्होंने कहा कि राज्य में देश-विदेश से पर्यटक आते हैं, जो अपने साथ क्षेत्र की स्मृति चिन्ह ले जाना चाहते हैं।
• मुख्यमंत्री श्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने स्वयं सहायता समूहों से भी क्रिएटिव होकर राज्य से जुड़ी हुयी अलग-अलग थीम पर स्मृति चिन्ह बनाने की बात कही। उन्होंने कहा कि ग्रोथ सेंटर्स में फैंसी आईटम पर भी फोकस किया जाना चाहिए। इसके लिए स्पेशिफिक प्रशिक्षण भी कराया जा सकता है। इसके साथ ही, भ्रमण कार्यक्रमों का भी आयोजन किया जा सकता है, ताकि स्वयं सहायता समूह कुछ नई चीजें सीख सकें। मुख्यमंत्री ने जिलाधिकारियों से कहा कि स्थानीय दुकानदारों से बातचीत कर स्वयं सहायता समूहों के उत्पादों की बिक्री हेतु प्रोत्साहित किया जा सकता है। उन्होंने अधिकारियों से कहा कि अपने कार्यालयों, हैलीपैड, स्थानीय बाजारों में ‘वोकल फॉर लोकल‘ का प्रचार-प्रसार करते हुए, एक विंडो उपलब्ध करायी जानी चाहिए, ताकि इनके उत्पादों को बाजार मिल सके।
• मुख्यमंत्री श्री त्रिवेंद्र ने ऊर्जा संरक्षण विषय पर सभी जनपदों में छात्र-छात्राओं से संवाद भी किया। ऊर्जा संरक्षण दिवस के अवसर पर प्रदेश के चयनित विद्यालयों में चित्रकला प्रतियोगिता आयोजित की गई थी। चित्रकला प्रतियोगिता में विजेता छात्र-छात्राओं को मुख्यमंत्री द्वारा पुरस्कार देकर सम्मानित किया गया। इन विजेता छात्र-छात्राओं द्वारा तैयार पेंटिंग को वर्ष 2021 के कैलेंडर के रूप में प्रकाशित किया गया है, जिसका मुख्यमंत्री श्री त्रिवेंद्र सिंह रावत द्वारा विमोचन किया गया। इस अवसर पर, मुख्यमंत्री ने ‘‘ऊर्जा संरक्षण पुस्तिका‘‘ का विमोचन भी विमोचन किया।
• विधायक श्री गणेश जोशी ने कहा कि पहाड़ की आर्थिकी महिलाओं पर आधारित है। उन्होंने कहा कि सभी विधायकों को अपने-अपने क्षेत्र में महिला स्वयं सहायता समूहों को प्रोत्साहित करने हेतु आगे आना चाहिए।

• इस अवसर पर सचिव श्रीमती राधिका झा एवं निदेशक उरेडा कै. आलोक शेखर तिवारी एवं पेंटिंग प्रतियोगिता के विजेता छात्र-छात्राओं सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।

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    मुख्य सचिव  की अध्यक्षता में राज्य गंगा पुनर्जीवन,सुरक्षा और प्रबन्धन समिति की बैठक आयोजित की गई।

देहरादून:मुख्य सचिव श्री ओम प्रकाश की अध्यक्षता में उनके सचिवालय सभागार में राज्य गंगा पुनर्जीवन, सुरक्षा और
प्रबन्धन समिति की बैठक आयोजित की गई। बैठक में मुख्य सचिव द्वारा राज्य गंगा समिति से जुड़े विभिन्न विभागों, एजेन्सियों और जनपदीय अधिकारियों से गंगा सुरक्षा और पुनर्जीवन से सम्बन्धित विभिन्न परियोजना के कार्यों की प्रगति की जानकारी ली तथा इस सम्बन्ध में आवश्यक दिशा निर्देश दिये।
मुख्य सचिव ने नमामि गंगे अभियान के अन्तर्गत सीवरेज इन्फ्रास्ट्रक्चर, रिवर फ्रन्ट डेवलपमेंट, गंगा के कैचमेंट एरिया में वृक्षारोपण, ठोस एवं तरल अपशिष्ट प्रबन्धन, घाटों का सौन्दर्यीकरण सस्टेनेबल एग्रीकल्चर, जैव विविधता और जल संरक्षण सम्बन्धित सभी कार्यो के लक्ष्यों का स्पष्ट निर्धारण करने और निर्धारित की गयी समयसीमा के भीतर उचित गुणवत्ता को बरकरार रखते हुए सभी कार्यो को पूरा करने के सम्बन्धित अधिकारियों को निर्देश दिये। उन्होंने सम्बन्धित विभागों से विभिन्न कार्यों की प्रगति को बढ़ाने के लिए सम्बन्धित विभागों और एजेंसियों के साथ ही सम्बन्धित जनपद स्तर पर इस सम्बन्ध में आने वाली चुनौतियों का आपसी समन्वय और उचित पहल करते हुए समाधान निकालने के भी निर्देश दिये।
—————————————————————— चिकित्सा विशेषज्ञों के अनुसार गठिया  सौ से अधिक बीमारियों का समूह है।

ऋषिकेश:गठिया कोई एक बीमारी नहीं बल्कि यह 100 से अधिक बीमारियों का समूह है। आम भाषा में इसे जोड़ों का दर्द भी कहते हैं। जोड़ शरीर के ऐसे भाग में होते हैं, जहां हड्डियां हमारे घुटनों की तरह होती हैं। इससे अक्सर जोड़ों में आकार और संरेखण में बदलाव होता है। चिकित्सकीय भाषा में गठिया को ऑस्टियो आर्थराइटिस कहा जाता है। अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान एम्स ऋषिकेश में इस बीमारी के निदान के लिए सभी आधुनिकतम तकनीक से उपचार उपलब्ध हैं।
    इस संबन्ध में  एम्स निदेशक पद्मश्री प्रोफेसर रवि कांत ने कहा कि यदि हमारी जीवनशैली स्वस्थ होगी तो हमारा जीवन भी स्वस्थ होगा।गठिया जनित रोगों के लिए संस्थान के आॉर्थोेपैडिक विभाग में आधुनिक प्रणाली की उन्नत गैट लैब के अलावा अल्ट्रासाउंड थैरेपी, दर्द प्रबंधन क्लीनिक, पूरी तरह से सुसज्जित भौतिक चिकित्सा व भर्ती करने की सुविधाएं शामिल हैं।घुटने के प्रत्यारोपण समेत ऑर्थो की कई अन्य बीमारियों का इलाज आयुष्मान भारत योजना में शामिल है।
ऑर्थोपेडिक विभागाध्यक्ष अपर आचार्य डाॅ. पंकज कंडवाल  ने बताया कि गठिया रोग विशेषकर सर्दियों के मौसम में ज्यादा कष्टकारी होता है। सूर्य से मिलने वाली धूप कम मिलने से लोगों में विटामिन डी की कमी होने की संभावना बढ़ जाती है। विटामिन डी की कमी से ही हड्डियों में दर्द की शिकायत को बढ़ने लगती है। उन्होंने बताया कि नियमिततौर पर संतुलित आहार लेने से विटामिन डी की कमी को पूरा किया जा सकता है। इसके अलावा कैल्शियम युक्त खाद्य पदार्थों का सेवन भी इसमें लाभकारी होता
गठिया रोगियों के लिए आहार प्रबंधन-

● विटामिन, खनिज, एंटीअक्सिडेंट और अन्य पोषक तत्वों को प्राप्त करने के लिए पर्याप्त संतुलित आहार का सेवन करें।

● विभिन्न प्रकार के फल और सब्जियां, प्रोटीनयुक्त खाद्य पदार्थ, डेयरी, नट्स, दालें और अनाज को भोजन में शामिल करें। यह अच्छे स्वास्थ्य और वजन को संतुलित बनाए रखने में मदद करेगा।

● भरपूर मात्रा में पानी का सेवन करें।

● अपने वजन को बढ़ने न दें। शरीर का अतिरिक्त वजन जोड़ों पर तनाव बढ़ाता है। विशेषरूप से घुटनों और कूल्हों जैसे वजन वाले जोड़ों पर इसका ज्यादा असर होता है।

● यदि आपको चिकित्सकीय मदद की आवश्यकता महसूस होती है, तो अपने पारिवारिक चिकित्सक अथवा आहार विशेषज्ञ से सलाह लें।

व्यायाम-
जोड़ों के आसपास की मांसपेशियों की मजबूती व हड्डियों की ताकत बनाए रखने में व्यायाम खासतौर से मदद करता है। यह अधिक ऊर्जा देने के साथ ही वजन को नियंत्रित करने में मदद करता है।

एरोबिक व्यायाम-
एरोबिक व्यायाम संपूर्ण फिटनेस में मदद करने के साथ साथ हृदय स्वास्थ्य में सुधार करता है। यह वजन को नियंत्रित करने में मदद करता है और अधिक सहनशक्ति व ऊर्जा प्रदान करता है।

कम प्रभाव वाले एरोबिक व्यायाम-

इसमें पैदल चलना, साइकिल चलाना, तैरना और एक अंडाकार मशीन का उपयोग करना शामिल है। इसके अलावा जोड़ों के दर्द में योगाभ्यास भी लाभकारी परिणाम देता है।

ठंड के मौसम से जोड़ों का दर्द बढ़ने की शिकायत पर निम्न उपाय करें-

  • चिकित्सीय परामर्श से दर्द की दवा लें।
  • शरीर में गर्माहट रखें, गर्म कपड़े पहनें, अपने घर को गर्म रखें। गर्म भोजन का ही सेवन करें। गर्म तौलिए व गर्म शॉवर का उपयोग करें।
  • सूजन को रोकें-
    जोड़ों को सूजन से बचाने के लिए अच्छी तरह से फीटिंग वाले दस्तानों का उपयोग करें। घुटने के बैंड या ब्रेसिज का उपयोग सूजन को कम करने और घुटने की स्थिरता में सुधार लाने के लिए किया जा सकता है।
  • सक्रिय रहें-
    स्वयं को किसी न किसी कार्य में व्यस्त रखें। ऐसा करने से शरीर के जोड़ वाले अंग मजबूत रहेंगे। धीमी और आसान चाल के साथ व्यायाम करें। दर्द महसूस करने पर विराम लें। तेज दर्द होने पर रुक जाएं, जोड़ों में सूजन या लालिमा नजर आने पर इसे रोक दें।

देवप्रयाग,गंगोत्री और बद्रीनाथ में हाउसहोल्ड कनेक्टिविटी के कार्य शीघ्र पूर्ण किये करें-मुख्यसचिव

मुख्य सचिव ने देवप्रयाग, गंगोत्री और बद्रीनाथ में सेप्टेज मैनेजमेंट के तहत हाउसहोल्ड कनेक्टिविटी    के कार्यों को शहरी विकास विभाग और पेयजल निगम को पूरा करने के निर्देश दिये साथ ही कहा कि जहां पर सेप्टेज संक्शन वाहन की आवश्यकता है, उनको भी तदनुसार उपलबध कराया जाय। उन्होंने प्लड प्लेन जोनिंग में हुए किसी भी प्रकार के अतिक्रमण को हटाने के सम्बन्ध में जिलाधिकारी हरिद्वार और उत्तरकाशी को निर्देश देते हुए कहा कि अतिक्रमण हटाते हुए इन क्षेत्रों में तत्काल कार्य प्रारंभ करायें।
मुख्य सचिव ने नमामि गंगे अभियान के अन्तर्गत नदी के कैचमेंट एरिया और आसपास किये जाने वाले व्यापक वृक्षारोपण की समीक्षा करते हुए सम्बंधित अधिकारियों को निर्देशित किया कि वृक्षारोपण के इन कार्यों की वर्ष 2017-18, 2018-19 और 2019-20 के वर्षों की विस्तृत कार्ययोजना और प्रगति का विस्तृत विवरण प्रस्तुत करेंगे। उन्होंने गंगा से सटे कस्बों में ठोस एवं तरल वैस्ट मैनेजमेंट तथा अपशिष्ट के पुनउपयोग से सम्बन्धित कार्यों की तेजी से प्रगति बढ़ाने को कहा।
मुख्य सचिव ने सभी जिलाधिकारियों को नमामि गंगे अभियान के अन्तर्गत विभिन्न परियोजनाओं के कार्यों की प्रगति को तेजी से बढ़ाने के लिए नियमित अन्तराल पर इसकी समीक्षा करते रहने तथा जनपद स्तर पर इससे सम्बन्धित कोई समस्या सामने आने पर उसको समय से राज्य स्तरीय समिति के संज्ञान में लाने को कहा।
इसके अतिरिक्त मुख्य सचिव ने सिंचाई विभाग को जल संरक्षण के अन्तर्गत ग्राउन्डवार रिचार्ज के कार्यों को जल के संवदेनशील क्षेत्रों में बेहतर तरिके से अमलीजामा पहनाने, सस्टेनेबल कृषि मे व्यापक लक्ष्य रखते हुए कार्ययोजना बनाने और उनकों पूरा करने के प्रयास करने के निर्देश दिये। उन्होंने गंगा रेजुनेशन से सम्बन्धित बहुत से कार्यों को पूरा करने के लिये मनरेगा की 50 प्रतिशत  धनराशि से कार्य पूरा करने तथा जो कार्य पूर्ण हो जाते हैं, उनका समय पर उपयोगिता प्रमाण पत्र प्रस्तुत करने के निर्देश दिये।

इस दौरान बैठक में प्रमुख सचिव वन एवं पर्यावरण श्री आनन्द वर्धन, वित्त सचिव श्रीमती सौजन्या, परियोजना  निदेशक नमामि गंगे श्री उदयराज सहित सम्बन्धित अधिकारी सभागार में उपस्थित थे तथा विभिन्न जनपदों से सम्बन्धित जिलाधिकारी और विभागीय अधिकारी विडियो कान्फ्रेंसिंग के माध्यम से उपस्थित थे।

जनपद पौड़ी गढवाल में कुल कोविड 478संक्रमित तथा आईसेलेशन में कुल 142 मरीज हैं।

पौड़ी गढवाल:मुख्य चिकित्सा अधिकारी कार्यालय परिसर में स्थापित वार रूम से प्राप्त आज दिनांक  14.12.2020 को समय 01ः30 बजे की रिर्पोट के अनुसार जनपद में आरटीपीसीआर, रेपिड एन्टीजन व ट्रूनेट रूप से 01 लाख 09 हजार 251 सैम्पल जांच हेतु भेजे गये, जिनमंे से 01 लाख 01 हजार 412 नेगेटिव, 03 हजार 334 लम्बित, 1 हजार 960 अस्वीकृत तथा 4 हजार 505 कोरोना संक्रमित रोगी पाये गये। कोरोना संक्रमित 4 हजार 505 में से 3 हजार 984 स्वस्थ हो चुके है, जबकि 43 की मृत्यु हुई तथा 478 एक्टिव केस हैं। वर्तमान समय में 142 रोगी आइसोलेशन में भर्ती हंै, जिनमंे 30 बेस हाॅस्पिटल श्रीकोट तथा 112 बेस हाॅस्पिटल कोटद्वार में है। कोविड केयर सेंटर के अन्तर्गत 14 लोग हैं, जिनमंे 01 नर्सिंग काॅलेज डोबश्रीकोट, 04 सीसीसी कोड़िया कैम्प मंे, 09 गीता भवन स्वर्गाश्रम ट्रस्ट में है।
जनपद में 65 वेंटिलेटर्स है, जिनमंे 46 बेस हाॅस्पिटल श्रीकोट, 06 बेस हाॅस्पिटल कोटद्वार, 04 जिला अस्पताल तथा 09 हंस फांउडेशन में हैं। 368 आइसोलेशन की सुविधा में से 100 बेस हाॅस्पिटल कोटद्वार कोविड हाॅस्पिटल में, 200 बेस हाॅस्पिटल श्रीकोट कोविड हाॅस्पिटल तथा 68 हंस फांउडेशन में है। वहीं वर्तमान में 791 पीपीई किट, 11 हजार 651 एन95 मास्क, 09 हजार 877 3लेयर मास्क, 436 आॅक्सीजन सिलेण्डर, 42 एम्बुलंेस तथा 7 हजार 878 वीटीएम है। जबकि 51 आईसीयू बेड है, जिनमें 30 बेस हाॅस्पिटल श्रीकोट, 06 बेस हाॅस्पिटल कोटद्वार, 04 जिला अस्पताल पौड़ी, 11 हंस फांउडेशन में है।

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