एयर मार्शल श्रीकुमार प्रभाकरण ने भारतीय वायु सेना की पश्चिमी वायु कमान का प्रभार संभाला
एयर मार्शल श्रीकुमार प्रभाकरण ने 01 मार्च 2022 को दिल्ली स्थित पश्चिम वायु कमान के वायु अफसर कमांडिंग-इन-चीफ का कार्यभार संभाला।
एयर मार्शल राष्ट्रीय रक्षा अकादमी पुणे से स्नातक हैं और उन्होने भारतीय वायुसेना मे लड़ाकू पायलट के रूप में 22 दिसंबर 1983 को कमीशन प्राप्त किया । वह डिफेंस सर्विसेज स्टाफ कॉलेज वेलिंगटन और नेशनल डिफेंस कॉलेज, नई दिल्ली के पूर्व छात्र हैं। एक अनुभवी मिग-21 पायलट और श्रेणी “A” योग्यता के उड़ान प्रशिक्षक, एयर मार्शल प्रभाकरण को लगभग 5000 घंटे की उड़ान का अनुभव है।
38 वर्षों से अधिक सेवाकाल में, एयर मार्शल प्रभाकरण ने महत्वपूर्ण कमान और स्टाफ नियुक्तियाँ की हैं, जिसमें दो फ्लाइंग बेस की कमांड एवम भारतीय वायु सेना की ‘सूर्यकिरण’ ऐरोबाटिक टीम शामिल हैं। वह स्टाफ कॉलेज, वेलिंगटन में प्रशिक्षक और कॉलेज ऑफ एयर वारफेयर (CAW) के कमांडेंट रह चुके हैं। वह काहिरा, मिस्र में भारतीय मिशन में रक्षा अटैची, सहायक वायु सेना अध्यक्ष (आसूचना), महानिदेशक (निरीक्षण और सुरक्षा) एवम गांधीनगर स्थित दक्षिण पश्चिम वायु कमान के वरिष्ठ वायु कार्मिक अफसर के रूप में भी नियुक्त रहे हैं।
पश्चिम वायु कमान मुख्यालय में वायु अफसर कमांडिंग-इन-चीफ का कार्यभार संभालने से पहले एयर मार्शल प्रभाकरण, वायु सेना अकादमी के कमांडेंट थे।
वह वायु सेना पदक और अति विशिष्ट सेवा पदक के प्राप्तकर्ता हैं।
एयर मार्शल प्रभाकरण ने एयर मार्शल अमित देव, जो की 39 वर्षों से अधिक सेवाकाल के पश्चात 28 फ़रवरी 2022 को सेवानिवृत हुए, से वायु अफसर कमांडिंग-इन-चीफ़ का पदभार ग्रहण किया ।
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राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग ने अपना 17वां स्थापना दिवस मनाया
केन्द्रीय महिला एंव बाल विकास मंत्री ने एनसीपीसीआर के लिए नये आदर्श वाक्य की शुरुआत की ‘भविष्यो रक्षति रक्षित:’
बाल कल्याण में एक मजबूत राष्ट्र का आधार निहित है: केन्द्रीय मंत्री, श्रीमती स्मृति जूबिन ईरानी
राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग (एनसीपीसीआर) ने नई दिल्ली के लाल किला स्थित 15 अगस्त मैदान में आज अपना 17वां स्थापना दिवस मनाया। केन्द्रीय महिला एवं बाल विकास मंत्री श्रीमती स्मृति जूबिन ईरानी इस कार्यक्रम में मुख्य अतिथि थीं। समारोह में एनसीपीसीआर के अध्यक्ष, श्री प्रियांक कानूनगो, डब्ल्यूसीडी, सचिव श्री इंदेवर पांडे और अन्य अधिकारी भी शामिल हुए।

इस अवसर पर, श्रीमती ईरानी ने एनसीपीसीआर के नए आदर्श वाक्य ‘भविष्यो रक्षति रक्षित:’ का शुभारंभ किया और कहा, “नया आदर्श वाक्य हमें अपने भविष्य यानी हमारे बच्चों की रक्षा करने के लिए प्रेरित करता है जिनका कल्याण एक मजबूत राष्ट्र के आधार में निहित है। ”

मंत्री ने विभिन्न राज्यों के बच्चों के साथ बातचीत की और स्वतंत्रता सेनानियों के बचपन के दौरान उनकी कहानियों पर आधारित सीमा सुरक्षा बलों (बीएसएफ) द्वारा आयोजित प्रदर्शनी का भी दौरा किया और उनके बलिदानों को याद किया। इसका आयोजन एनसीपीसीआर के सहयोग से किया गया।

केन्द्रीय महिला एवं बाल विकास मंत्री ने ‘सहारा’ नामक विशेष पहल के लिए एनसीपीसीआर और सीमा सुरक्षा बल के बीच सहयोग की भी सराहना की, जो सर्वोच्च बलिदान देने वाले बीएसएफ जवानों के बच्चों को मनो-सामाजिक परामर्श और सहायता प्रदान करने की एक पहल है। सहयोग की सराहना करते हुए, श्रीमती ईरानी ने एक ट्वीट में कहा कि 2 महीने में 300 कॉलों का जवाब दिया गया और 127 शिकायतों को वेबलिंक के माध्यम से दूर किया गया।