एम्स बना अमेरिकन हार्ट एसोसिएशन का इंटरनेशनल ट्रेनिंग सेंटर।पढिएJanswar.Com में

एम्स  बना अमेरिकन हार्ट एसोसिएशन का इंटरनेशनल ट्रेनिंग सेंटर

-कराए जाएंगे बीएलएस एवं एसीएलएस कोर्स नियमित, एम्स निदेशक ने कहा कि बेसिक लाइफ सपोर्ट क्रिया न सिर्फ चिकित्सकों व हेल्थ केयर प्रोवाइडर्स को ही करना चाहिए बल्कि स्कूली बच्चों व शिक्षकों को भी आनी चाहिये

ऋषिकेश ( ओम रतूड़ी ) । भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान एम्स ऋषिकेश एम्स ऋषिकेश अमेरिकन हार्ट एसोसिएशन का इंटरनेशनल ट्रेनिंग सेंटर बन गया है,जिसके तहत संस्थान में प्रशिक्षणार्थियों को बीएलएस एवं एसीएलएस कोर्स नियमिततौर पर कराए जाएंगे। संस्थान में सेंटर बनने के बाद यहां तीन दिवसीय बीएलएस,एसीएलएस कोर्स विधिवत शुरू हो गया। इस अवसर पर अपने संदेश में एम्स निदेशक पद्मश्री प्रोफेसर रवि कांत ने कहा कि बेसिक लाइफ सपोर्ट क्रिया न सिर्फ चिकित्सकों व हेल्थ केयर प्रोवाइडर्स को ही करना चाहिए बल्कि स्कूली बच्चों व शिक्षकों को भी आनी चाहिए। एम्स निदेशक प्रो. रवि कांत ने इस बात पर जोर दिया कि यह महत्वपूर्ण कोर्स स्वास्थ्य सेवाओं से जुड़े लोगों के अलावा अस्पताल से इतर वाहन चालकों, सिक्योरिटी गार्ड्स को भी करना चाहिए।                                        अमेरिकन हार्ट एसोसिएशन सर्टिफाइड बेसिक लाइफ सपोर्ट (बीएलएस) व एसीएलएस (एडवांस कॉर्डियक लाइफ सपोर्ट) कोर्स के तहत प्रतिभागियों को कार्डियक अरेस्ट से ग्रस्त व्यक्ति का जीवन बचाने के लिए स्किल प्रशिक्षण दिया जाएगा। प्रशिक्षण कार्यशाला में फैकल्टी, कनिष्ठ चिकित्सक व नर्सिंग स्टाफ मेंबर प्रतिभाग कर रहे हैं।         एम्स के मेडिकल एजुकेशन विभाग की ओर से आयोजित बीएलएस व एटीएलएस ट्रेनिंग प्रोग्राम में विभागाध्यक्ष प्रो. शालिनी राव,डा. प्रदीप अग्रवाल, डा. राजेश काथरोटिया ने प्रतिभागियों को जीवन को बचाने के लिए इस कोर्स का महत्व बताया। उन्होंने बताया कि अस्पताल के आईसीयू, इमरजेंसी व ट्रामा आदि वार्ड में भर्ती गंभीर मरीजों की देखरेख के लिए यह विशेष तरह का प्रशिक्षण है। तीन दिवसीय प्रशिक्षण में 30 प्रतिभागी हिस्सा ले रहे हैं। उन्होंने बताया कि भविष्य में न सिर्फ एम्स संस्थान बल्कि आसपास सेवाएं देने वाले चिकित्सक और अन्य लोग भी सेंटर से उक्त ट्रेनिंग को ले सकते हैं। इस अवसर पर डीन एकेडमिक प्रोफेसर मनोज गुप्ता, मेडिकल सुपरिटेंडेंट डा. ब्रह्मप्रकाश, डा. सुनिल आहुजा आदि मौजूद थे।

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