-अरुणाभ रतूडी़
,उपराषट्रपति,प्रधानमंत्री व केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता ने महान गायिका लता मंगलेशकर के निधन पर शोक व्यक्त किया।
श्री नायडू ने कहा, “भारत ने अपनी आवाज खो दी “
उपराष्ट्रपति श्री एम. वेंकैया नायडू ने प्रख्यात गायिका लता मंगेशकर के निधन पर गहरा दुःख व्यक्त किया है। श्री नायडू ने ‘भारतीय सिनेमा की स्वर कोकिला’ के देहावसान पर शोक प्रकट करते हुए कहा कि “लता जी के निधन से भारत ने अपनी आवाज को खो दिया है।”
उपराष्ट्रपति श्री वेंकेया नायडू ने एक टवीट में कहा-
भारतीय सिनेमा की सुर साम्राज्ञी लता मंगेशकर जी का निधन देश की और संगीत जगत की अपूरणीय क्षति है। लता जी के निधन से आज भारत ने अपना वह स्वर खो दिया है जिसने हर अवसर पर राष्ट्र की भावना को भावपूर्ण अभिव्यक्ति दी। उनके गीतों में देश की आशा और अभिलाषा झलकती
उपराष्ट्रपति का पूर्ण शोक संदेश निम्नलिखित है-
“भारतीय सिनेमा की सुर साम्राज्ञी लता मंगेशकर जी का निधन देश की और संगीत जगत की अपूरणीय क्षति है। लता जी के निधन से आज भारत ने अपना वह स्वर खो दिया है जिसने हर अवसर पर राष्ट्र की भावना को भावुक अभिव्यक्ति दी। उनके गीतों में देश की आशा और अभिलाषा झलकती थी।
1940 के दशक में पार्श्व गायन की शुरुआत करने वाली लता जी को पहचान दिलाने वाली पहली प्रमुख फिल्म “महल” थी जिसका यादगार गीत “आयेगा आनेवाला” आज भी श्रोताओं द्वारा गाया और याद किया जाता है। इसके बाद लता जी का मधुर स्वर दशकों तक देश में फिल्म संगीत की पहचान रहा जिसने असंख्य संगीतप्रेमियों को अपने गीतों में बांधे रखा।
लता जी को उनकी संगीत विद्या के लिए देश ने भारत रत्न तथा दादा साहेब फाल्के पुरस्कार जैसे प्रतिष्ठित सम्मानों से विभूषित किया था। उन्हें देश विदेश में उनके असंख्य प्रशंसकों का स्नेह आजीवन प्राप्त रहा।
देश के वीर सैनिकों के सम्मान में उनके द्वारा गाए गये “ऐ मेरे वतन के लोगों” जैसे मर्मस्पर्शी राष्ट्रप्रेम के गीत ने देश को भारतीय सेनाओं के त्याग और शौर्य से परिचित कराया, जो आज भी हमें भावुक कर देता है।
राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के प्रिय भजन “वैष्णव जन…” को स्वर दे कर उन्होंने भजन में निहित भक्ति भावना को अद्भुत अभिव्यक्ति दी।
वेदना की इस घड़ी में लता जी के परिजनों और देश-विदेश में उनके असंख्य प्रशंसकों के प्रति संवेदना व्यक्त करता हूं, उनके शोक में सम्मिलित हूं।
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प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने महान गायिका लता मंगेशकर के निधन पर गहरा दुख व्यक्त किया है। प्रधानमंत्री ने उनके परिवार से बात करते हुए अपनी संवेदना व्यक्त की। प्रधानमंत्री ने कहा कि आने वाली पीढ़ियां उन्हें भारतीय संस्कृति के एक दिग्गज के रूप में हमेशा याद रखेगी, उनकी सुरीली आवाज में लोगों को मंत्रमुग्ध करने की अद्वितीय क्षमता थी।
ट्वीट्स की एक श्रृंखला में, प्रधानमंत्री ने कहा;
“मैं इस दुख को शब्दों में व्यक्त नहीं कर सकता। सरल और देखभाल करने वाली लता दीदी अब हमारे बीच नहीं हैं। उनके जाने से देश में एक रिक्त स्थान बन गया है जिसे कभी नहीं भरा नहीं जा सकता। आने वाली पीढ़ियां उन्हें भारतीय संस्कृति के एक दिग्गज के रूप में याद रखेंगी, उनकी सुरीली आवाज में लोगों को मंत्रमुग्ध कर देने की एक अद्वितीय क्षमता थी।”
“लता दीदी के गीतों में भावनाओं की विविधता थी। उन्होंने दशकों तक भारतीय फिल्म जगत के बदलावों को करीब से देखा। फिल्मों से परे, वह हमेशा भारत के विकास को लेकर सजग थीं। वह हमेशा एक मजबूत और विकसित भारत को देखना चाहती थीं।”
“मैं इसे अपना सम्मान मानता हूं कि मुझे लता दीदी से हमेशा अपार स्नेह मिला है। उनके साथ मेरी बातचीत अविस्मरणीय रहेगी। मैं लता दीदी के निधन पर अपने देशवासियों के साथ अत्यंत दुखी हूं। उनके परिवार से बात की और संवेदना व्यक्त की। ओम शांति।”
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केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री श्री अमित शाह ने प्रसिद्ध पार्श्वगायिका भारत रत्न सुश्री लता मंगेशकर के निधन पर शोक व्यक्त किया
सुर व संगीत की पूरक लता दीदी ने अपनी सुर साधना व मंत्रमुग्ध कर देने वाली वाणी से न सिर्फ भारत बल्कि पूरे विश्व में हर पीढ़ी के जीवन को भारतीय संगीत की मिठास से सराबोर किया
संगीत जगत में उनके योगदान को शब्दों में पिरोना संभव नहीं है, उनका निधन मेरे लिए व्यक्तिगत क्षति है
मैं खुद को सौभाग्यशाली समझता हूँ कि समय-समय पर मुझे लता दीदी का स्नेह और आशीर्वाद प्राप्त होता रहा
अपने अतुलनीय देशप्रेम, मधुर वाणी और सौम्यता से वो सदैव हमारे बीच रहेंगी, उनके परिजनों व असंख्य प्रशंसकों के प्रति अपनी संवेदनाएं व्यक्त करता हूँ
केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री श्री अमित शाह ने प्रसिद्ध पार्श्वगायिका भारत रत्न सुश्री लता मंगेशकर के निधन पर शोक व्यक्त किया।
ट्वीट्स के माध्यम से श्री अमित शाह ने कहा कि “सुर व संगीत की पूरक लता दीदी ने अपनी सुर साधना व मंत्रमुग्ध कर देने वाली वाणी से न सिर्फ भारत बल्कि पूरे विश्व में हर पीढ़ी के जीवन को भारतीय संगीत की मिठास से सराबोर किया। संगीत जगत में उनके योगदान को शब्दों में पिरोना संभव नहीं है। उनका निधन मेरे लिए व्यक्तिगत क्षति है।“
केन्द्रीय गृह मंत्री ने कहा कि “मैं खुद को सौभाग्यशाली समझता हूँ कि समय-समय पर मुझे लता दीदी का स्नेह और आशीर्वाद प्राप्त होता रहा। अपने अतुलनीय देशप्रेम, मधुर वाणी और सौम्यता से वो सदैव हमारे बीच रहेंगी। उनके परिजनों व असंख्य प्रशंसकों के प्रति अपनी संवेदनाएं व्यक्त करता हूँ। ॐ शांति शांति”
सुर व संगीत की पूरक लता दीदी ने अपनी सुर साधना व मंत्रमुग्ध कर देने वाली वाणी से न सिर्फ भारत बल्कि पूरे विश्व में हर पीढ़ी के जीवन को भारतीय संगीत की मिठास से सराबोर किया।
संगीत जगत में उनके योगदान को शब्दों में पिरोना संभव नहीं है।
उनका निधन मेरे लिए व्यक्तिगत क्षति है।
मैं खुद को सौभाग्यशाली समझता हूँ कि समय-समय पर मुझे लता दीदी का स्नेह और आशीर्वाद प्राप्त होता रहा। अपने अतुलनीय देशप्रेम, मधुर वाणी और सौम्यता से वो सदैव हमारे बीच रहेंगी। उनके परिजनों व असंख्य प्रशंसकों के प्रति अपनी संवेदनाएं व्यक्त करता हूँ।
ॐ शांति !शांति!!