देहरादून में आयोजित किया गया उत्तराखण्ड राज्य की पंचायती राज संस्थाओं हेतु सम्पर्क और परिचय कार्यक्रम
लोकतांत्रिक गणराज्य भारतीय संविधान का मूल आधारः लोकसभा अध्यक्ष
लोकतंत्र की मजबूती में पंचायतों का रहा है विशेष योगदान : मुख्यमंत्री
संसदीय लोकतंत्र प्रशिक्षण संस्थान (प्राइड) लोक सभा सचिवालय और पंचायती राज विभाग द्वारा शुक्रवार को देहरादून स्थित एक होटल में उत्तराखण्ड की पंचायतीराज संस्थाओं हेतु संपर्क और परिचय कार्यक्रम के तहत ‘‘पंचायतीराज व्यवस्था विकेन्द्रीकृत शासन व्यवस्था का सशक्तीकरण’’ विषय पर आयोजित सम्मेलन का शुभारम्भ करते हुए लोक सभा अध्यक्ष श्री ओम बिड़ला ने कहा कि भारत का लोकतंत्र मजबूत भी है और सशक्त भी है। इसको और सशक्त बनाने के लिए लगातार प्रयास हो रहे हैं। भारत के संविधान की मूल भावना लोकतांत्रिक गणराज्य की थी। जनता को मध्य में रखकर हमारी शासन व्यवस्था रहे। आजादी के बाद से भारत में अभी तक 17 लोकसभा एवं 300 से अधिक विधानसभा के चुनाव हुए हैं। लोकतंत्र के प्रति लोगों का विश्वास बढ़ा तथा लगातार लोगों का मतदान के प्रति रूझान बढ़ा है।
लोक सभा अध्यक्ष ने कहा कि लोकतंत्र पंचायत से संसद तक मजबूत हो इसके लिए पंचायतीराज व्यवस्था के अन्तर्गत भी संवैधानिक प्राविधान किये गये। ताकि गांवों में चुनी हुई सरकार को संवैधानिक अधिकार मिलें। 73वें संविधान संशोधन में माध्यम से ग्राम पंचायतों, पंचायत समितियों, जिला पंचायतों को और अधिक सशक्त बनाया गया। लोक सभा अध्यक्ष ने कहा कि उत्तराखण्ड सीमांत क्षेत्र है, राज्य के अनेक जिले अन्तरराष्ट्रीय सीमाओं से लगे हैं। उत्तराखण्ड से सबसे अधिक जवान सीमाओं पर डटकर देश की रक्षा कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि ग्राम, क्षेत्र एवं जिला पंचायतों का सशक्तिकरण बहुत जरूरी है। सर्वांगीण विकास के लिए ग्रामीण एवं शहरी क्षेत्रों का समान विकास हो, इसके लिए लगातार प्रयास हो रहे हैं। प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने सबका साथ सबका विकास एवं आत्मनिर्भर भारत का जो संकल्प लिया है इस दिशा में देश तेजी से आगे बढ़ रहा है।
लोक सभा अध्यक्ष श्री ओम बिड़ला ने कहा कि देवभूमि उत्तराखण्ड की धरती पुण्य एवं तप की भूमि है। सदियों से तपस्वियों, ऋषियों एवं मनीषियों ने उत्तराखण्ड में तप किया। यह हमारी आस्था की धरती है, श्री बद्रीनाथ, श्री केदारनाथ सहित चारधाम यहां स्थित हैं। उन्होंने कहा कि देवभूमि उत्तराखण्ड आने पर उन्हें मानसिक व शारीरिक रूप से नई ऊर्जा और स्फूर्ति का अनुभव होता है। इससे पूर्व उन्हें पीठासीन अधिकारियों के सम्मेलन में प्रतिभाग करने के लिये उत्तराखण्ड आने का अवसर प्राप्त हुआ था। उन्होंने कहा कि देश में पंचायतीराज व्यवस्था एवं विकेन्द्रीकृत शासन के माध्यम से ग्राम पंचायतों से लेकर संसद तक किस तरह लोकतंत्र को और अधिक से अधिक मजबूत बनाया जा सकता है, इस पर विशेष ध्यान दिये जाने की जरूरत है। लोकतांत्रिक संस्थाओं के माध्यम से हम देश की जनता की आशाओं, आकांक्षाओं और अपेक्षाओं को पूरा कर सकते हैं। भारत का लोकतंत्र सदियों पुराना है। लोकतंत्र की शुरूआत गांवों से होती हैं। पंचायतों के माध्यम से जो निर्णय होते थे, उसे गांव के सब लोग मानते थे। भारत ने विश्व के अनेक देशों को लोकतंत्र के माध्यम से दिशा देने का काम किया है। हमारी लोकतंत्र की अवधारणा मजबूत भी है और सशक्त भी है।
मुख्यमंत्री श्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने कार्यक्रम में वर्चुअल प्रतिभाग करते हुए कहा कि राज्य में ‘‘पंचायतीराज व्यवस्था विकेन्द्रीकृत शासन व्यवस्था का सशक्तीकरण’’ विषय पर सम्मेलन होना हमारे लिये गर्व की बात है। भारत आज दुनिया के मजबूत लोकतंत्र के रूप में खड़ा है। इस मजबूती के लिए पंचायतों की भी महत्वपूर्ण भूमिका है। गांवों के विकास के बगैर शहरों का विकास नहीं हो सकता है। विकास के लिए गांव और शहर एक दूसरे से पारस्परिक रूप से जुड़े हैं। ग्रामीण अर्थव्यवस्था की मजबूती के लिए विकास का मॉडल भ्रष्टाचार मुक्त होना जरूरी है। ग्रामीण विकास के लिए स्थानीय उत्पादों, कच्चे माल एवं प्राकृतिक संसाधनों को सदुपयोग होना जरूरी है। उत्तराखण्ड में लगभग 16 हजार गांव हैं। उनकी आजीविका में सुधार के लिए लगातार प्रयास किये जा रहे हैं। राज्य में रूरल ग्रोथ सेंटर बनाये जा रहे हैं। अलग-अलग उत्पादों पर आधारित 107 ग्रोथ सेंटर शुरू किये गये हैं। पिरूल की पत्तियों से बिजली बनाने का कार्य राज्य में शुरू हुआ है। पिरूल की पत्तियों से ब्रेकेट्स बनाने का कार्य हो रहा है। पिरूल से ब्रेकेट्स बनाने के कार्य से इससे 40 हजार लोगों को रोजगार मिल सकता है। इन्वेस्टर समिट के दौरान में पर्वतीय क्षेत्रों 40 हजार करोड़ के इन्वेस्टमेंट के लिए एमओयू हस्ताक्षरित किये गये। मुख्यमंत्री सोलर स्वरोजगार योजना के तहत 25-25 किलोवाट तक की 10 हजार योजनाएं स्वीकृत की हैं। राज्य सरकार की ये योजनाएं पंचायतों को सशक्त करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगी।
मुख्यमंत्री श्री त्रिवेन्द्र ने कहा कि उत्तराखण्ड सीमांत प्रदेश है। हम सीमाओं के सुरक्षा प्रहरी भी हैं। इसके लिए गांवों से पलायन का रूकना बहुत जरूरी है। राज्य में मुख्यमंत्री सीमांत क्षेत्र विकास निधि योजना शुरू की गई है। हमारे सीमांत क्षेत्रों में कैसे लोग रहें, पर्यटक जायें। सीमान्त क्षेत्रों में लगातार आवाजाही रहे। इस पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है। मुख्यमंत्री ने कहा कि जन प्रतिनिधियों को भी सीमांत क्षेत्रों में कुछ दिन का भ्रमण जरूर करना चाहिए, ताकि ऐसे क्षेत्रों में रह रहे लोगों का मनोबल बढ़ा रहे। सीमांत क्षेत्रों में एनसीसी कैंप लगाये जायेंगे। राज्य सरकार ने पिछले पौने चार साल में साढ़े पांच सौ से अधिक गांवों को सड़कों से जोड़ने का का कार्य किया। हर घर में बिजली पहुंचाई है। राज्य के हर परिवार को 05 लाख रूपये तक का स्वास्थ्य कवरेज देने वाला उत्तराखण्ड देश का पहला राज्य है। ग्रामीण क्षेत्रों के सभी 14 लाख परिवारों को 2022 तक मात्र एक रूपये में पानी का कनेक्शन देने का लक्ष्य रखा गया है। साढ़ पांच लाख पानी के कनेक्शन दिये जा चुके हैं। शहरी गरीबों को भी मात्र 100 रूपये में पानी का कनेक्शन दिया जा रहा है। राज्य में पंचायतों में 50 प्रतिशत से अधिक जनप्रतिनिधि महिलाएं हैं। मुख्यमंत्री श्री त्रिवेन्द्र ने कहा कि राज्य की माताओं और बहनों के सिर से घास की गठरी हटे, इसके लिए प्रयास किये जा रहे हैं, अधिकारियों को 05 साल के अन्दर इसका समाधान निकालने के लिए निर्देश दिये हैं, ताकि किसी महिला को जंगली जानवरों एवं दुर्घटनाओं का शिकार न होना पड़े।
विधानसभा अध्यक्ष श्री प्रेमचन्द अग्रवाल ने कहा कि ‘‘पंचायतीराज व्यवस्था विकेन्द्रीकृत लोकतंत्र का सशक्तिकरण’’ सम्मेलन का शुभारम्भ देवभूमि उत्तराखण्ड से हो रहा है। पंचायतीराज व्यवस्था देश में प्राचीन समय से चली आ रही है। महात्मा गांधी जी के दर्शन भी पंचायतों से जुड़े हुए हैं। त्रिस्तरीय पंचायतों के माध्यम से ग्रामीण क्षेत्र सशक्तीकरण की ओर बढ़ रहे हैं। पंचायतीराज व्यवस्था को ब्रिटिशकाल में महत्वहीन कर दिया गया था। लेकिन बाद में अनेक संशोधनों से इस व्यवस्था को मजबूती दी गई। 2004 में अलग से केन्द्रीय मंत्रालय बनाया गया।
पंचायतीराज मंत्री श्री अरविन्द पाण्डेय ने कहा कि यह प्रशिक्षण कार्यक्रम गांवों के विकास की दिशा में महत्वपूर्ण भूमिका निभायेगा। कोविड-19 के दौरान छोटी सरकार के जन प्रतिनिधियों ने जनता की सेवा करने का सराहनीय कार्य किया।
इस अवसर पर सांसद श्री अजय टम्टा, महासचिव लोकसभा श्री उत्पल कुमार सिंह, टिहरी जिला पंचायत अध्यक्ष श्रीमती सोना सजवाण, सचिव पंचायतीराज श्री एच.सी सेमवाल एवं अन्य जन प्रतिनिधि उपस्थित थे।
प्रत्येक विकासखण्ड में दो-दो अटल उत्कृष्ट विद्यालय का शासनादेश जारी यमकेश्वर मे राइंकॉ भृगुखाल व मोहनचट्टी किये गये चिह्नित
मुख्यमंत्री ने क्वालिटी एजुकेशन के लिए अटल उत्कृष्ट विद्यालय के दिये थे निर्देश
प्रदेश में शिक्षा, शिक्षण एवं शैक्षणिक कार्यों के उच्च मापदंड स्थापित करने हेतु अटल उत्कृष्ट योजना के अंतर्गत सीबीएसई बोर्ड से सम्बद्ध 190 विद्यालयों (प्रत्येक विकासखंड में दो) को खोलने का शासनादेश हो गए हैं।
देश के भूतपूर्व प्रधानमंत्री श्रद्धेय अटल बिहारी वाजपेयी जी को समर्पित यह 190 ’अटल उत्कृष्ट विद्यालय’ आगामी शैक्षणिक सत्र से प्रारंभ किये जायेंगे।
मुख्यमंत्री श्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने कहा कि भविष्य में उक्त योजना, प्रदेश में शिक्षा, शैक्षणिक कार्यों एवं शिक्षा व्यवस्थाओं को नए उच्च आयाम प्रदान करेगी। साथ ही कोरोना महामारी से उत्पन्न परिथितियों के दृष्टिगत पलायन को रोकने, नवीन रोजगारों के सृजन हेतु सहायक सिद्ध होगी। राज्य सरकार, प्रदेश में शिक्षा के उन्नयन हेतु कृतसंकल्पित है।
एम्स ऋषिकेश एवं सीमा डेंटल कॉलेज के संयुक्तरूप से 10 जनवरी को ऋषिकेश के विभिन्न क्षेत्रों में लगाएंगे चिकित्साशिविर।
निशुल्क वृहद स्वास्थ्य शिविरों का आयोजन किया जाएगा।
नेशनल मेडिकोज ऑर्गेनाइजेशन एम्स ऋषिकेश एवं सीमा डेंटल कॉलेज के संयुक्त तत्वावधान में 10 जनवरी रविवार को उत्तराखंड के विभिन्न क्षेत्रों में गरीब पृष्ठभूमि के जरुरतमंद लोगों की सहायतार्थ निशुल्क वृहद स्वास्थ्य शिविरों का आयोजन किया जाएगा। जिसमें एम्स ऋषिकेश व सीमा डेन्टल काॅलेज के चिकित्सक मरीजों का स्वास्थ्य परीक्षण करेंगे। मेडिकल एवं डेंटल शिविर का आयोजन पूर्वाह्न 10 बजे से अपराह्न 2 बजे तक किया जाएगा।
अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान ऋषिकेश व सीमा डेंटल कॉलेज की ओर से रविवार को राज्य के विभिन्न हिस्सों में एक साथ आयोजित होने वाले स्वास्थ्य शिविरों में ऐसे लोग जो अपरिहार्य कारणों से अपने परीक्षण एवं उपचार के लिए अस्पताल आने में असमर्थ हैं, वह अपने ही क्षेत्र में संचालित होने वाले स्वास्थ्य शिविर में विशेषज्ञ चिकित्सकों से अपना परीक्षण एवं परामर्श ले सकते हैं।
एम्स ऋषिकेश व सीमा डेंटल कॉलेज की ओर से समाज के जिम्मेदार व्यक्तियों, सामाजिक कार्यकर्ताओं व जनप्रतिनिधियों से अपील की गई है कि वह अपने आसपास के निर्धन व असहाय लोगों को अपने समीपवर्ती क्षेत्र में संचालित स्वास्थ्य शिविर तक पहुंचाने में सहयोग का प्रयास करें जिन्हें किसी भी प्रकार की बीमारी में चिकित्सकीय परामर्श व उपचार की नितांत आवश्यकता है।
नेशनल मेडिकोज ऑर्गेनाइजेशन से जुड़े डा. विनोद कुमार जी ने बताया कि दोनों मेडिकल संस्थानों के संयुक्त प्रयास से ऋषिकेश, देहरादून व राज्य के अन्य विभिन्न क्षेत्रों में आयोजित होने वाले वृहद स्वास्थ्य शिविर में स्त्री रोग, हड्डी रोग, हृदय रोग, जनरल मेडिसिन, ईएनटी, जनरल सर्जरी आदि विभागों के विशेषज्ञ चिकित्सक मरीजों का स्वास्थ्य परीक्षण करेंगे व उन्हें आवश्यक परामर्श देंगे। शिविर में मरीजों को विभिन्न प्रकार की जांचें व दवाएं भी निशुल्क उपलब्ध कराई जाएंगी। उन्होंने बताया कि यह स्वास्थ्य शिविर ऋषिकेश क्षेत्र के हरिपुरकलां, रायवाला, गौहरीमाफी, छिद्दरवाला, खदरी श्यामपुर, इंदिरानगर, शिवाजीनगर, वाल्मीकि नगर, रानीपोखरी, प्राथमिक विद्यालय मायाकुंड ऋषिकेश, पंचायत भवन गुमानीवाला, चन्द्रेश्वरनगर और नरेन्द्र नगर ब्लाॅक के गूलर आदि स्थानों पर आयोजित होंगे। उन्होंने अपील की कि लोगों को चाहिए कि शिविर में आकर स्वास्थ्य लाभ उठाएं।