उत्तराखण्ड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग की परीक्षाएं ऑनलाईन होंगी।#एम्स ऋषिकेश में नौ माह के शिशु के हार्ट की सफलतापूर्वक सर्जरी।#प्रशासनिक अधिकारियों के दायित्वों में फेरबदल।#जिला विधिक सेवा प्राधिकरण द्वारा वेबिनार का आयोजन किया गया।पढिए Janswar.Com में।

समाचार प्रस्तुति-अरुणाभ रतूड़ी

उत्तराखण्ड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग द्वारा ऑनलाइन परीक्षाएं आयोजित की जायेंगी।

मुख्यमंत्री ने किया ऑनलाइन परीक्षा के लिए प्रशिक्षण वीडियो का शुभारम्भ।
साढ़े तीन सालों में आयोग ने 5700 पदों पर चयन प्रक्रिया पूरी की।
5000 नये पदों पर पिछले चयन वर्ष में भर्ती विज्ञापन जारी किये गये।
2500 पदों पर जल्द जारी होंगे भर्ती विज्ञापन।

देहरादून: मुख्यमंत्री श्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने सचिवालय में उत्तराखण्ड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग द्वारा राज्य में ऑनलाइन परीक्षाएं (कम्प्यूटर बेस्ड टेस्ट) के लिए प्रशिक्षण हेतु वीडियो/मॉकटेस्ट का शुभारम्भ किया। मुख्यमंत्री श्री त्रिवेन्द्र ने कहा कि उत्तराखण्ड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग द्वारा ऑनलाईन जो परीक्षाएं आयोजित की जा रही हैं, अभ्यर्थी को इसके लिए व्यापक स्तर पर विभिन्न माध्यमों से प्रशिक्षण की व्यवस्था की जाय। यह सुनिश्चित किया जाय कि ऑनलाइन परीक्षा होने से पूर्व अभ्यर्थियों को ऑनलाइन परीक्षा से संबंधित सभी नियमों की जानकारी हो। मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिये कि ऑनलाइन परीक्षाओं से संबंधित सभी जानकारियों एवं मॉकटेस्ट के लिए अभ्यर्थियों/छात्रों को महाविद्यालयों, जिन माध्यमिक स्कूलों में वर्चुअल क्लास की व्यवस्था है, विकासखण्ड, तहसील एवं जनपद स्तर पर भी वर्चुअल एवं अन्य माध्यमों से प्रशिक्षण की व्यवस्था की जाय। अभ्यर्थियों/छात्रों के फीडबैक भी अवश्य लिये जाए।

उत्तराखण्ड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग के अध्यक्ष श्री एस. राजू ने जानकारी दी कि पिछले साढ़े तीन सालों में आयोग द्वारा आयोजित परीक्षाओं में में 5700 पदों पर चयन प्रक्रिया पूरी की गई। पिछले चयन वर्ष में लगभग 5000 नये पदों पर चयन हेतु भर्ती विज्ञापन जारी किये गये हैं व 2500 पदों पर विज्ञापन जारी किये जाने हैं। उन्होंने बताया कि ऑनलाइन परीक्षाएं (कम्प्यूटर बेस्ड टेस्ट) आयोग द्वारा प्रथम बार शुरू की जा रही हैं। 19 दिसम्बर 2020 से 03 ऑनलाइन परीक्षाएं प्रारम्भ हो रही हैं। ऑनलाइन परीक्षाओं के लिए प्रशिक्षण मॉड्यूल तैयार किया गया है। इस प्रशिक्षण मॉड्यूल में ऑनलाइन परीक्षाओं के लिए आयोग द्वारा जारी दिशा-निर्देश, परीक्षा पूर्व, परीक्षा के दौरान तथा परीक्षा के बाद अभ्यर्थियों को ध्यान में रखने की मुख्य बातों को दर्शाने वाला वीडियो एवं 30 प्रश्नों का मॉकटेस्ट जो वास्तविक परीक्षा देने के समान होगा। उन्होंने कहा कि परीक्षा में सुचिता एवं पारदर्शिता लाने की दृष्टि से ऑनलाइन परीक्षाएं एक उचित विकल्प है। कम्प्यूटर स्क्रीन पर एक बार में एक प्रश्न प्रदर्शित होगा, प्रत्येक अभ्यर्थी का अलग प्रश्न पत्र होगा एवं सम्पूर्ण परीक्षा व सभी अभ्यर्थी सीसीटीवी कैमरे से कवर्ड होंगे। अभ्यर्थियों को परीक्षा के उपरांत पूर्व की भांति उनका प्रश्न पत्र एवं उनका उत्तर उपलब्ध कराया जायेगा। अभ्यर्थियों को प्रश्नों पर चुनौती का अवसर भी दिया जायेगा।

इस अवसर पर शिक्षा मंत्री श्री अरविन्द पाण्डेय, अपर मुख्य सचिव श्रीमती राधा रतूड़ी, मुख्यमंत्री के आईटी सलाहकार श्री रविन्द्र दत्त, सदस्य उत्तराखण्ड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग डा. प्रकाश थपलियाल, सचिव श्री संतोष बडोनी, अनुसचिव श्री राजन नैथानी, श्री आशीष कौल आदि उपस्थित थे।

   

एम्स ऋषिकेश के चिकित्सकों ने नौ महीने के शिशु के सिकुड़े हुए हार्ट की सफलतापूर्वक सर्जरी को अंजाम दिया है।

ऋषिकेश:अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान ऋषिकेश में कॉर्डियो थोरेसिक सर्जरी विभाग के विशेषज्ञ चिकित्सकों ने उधमसिंहनगर निवासी एक 9 महीने के शिशु के सिकुड़े हुए हार्ट की सफलतापूर्वक सर्जरी को अंजाम दिया है। एम्स निदेशक पद्मश्री प्रोफेसर रवि कांत ने इस उपलब्धि के लिए चिकित्सकीय टीम की प्रशंसा की। उन्होंने बताया कि पीडियाट्रिक कॉर्डियक सर्जरी एक टीम वर्क है। जिसमें बच्चों के दिल के विशेषज्ञ, पीडियाट्रिक सीटीवीएस सर्जन व कॉर्डियक एनेस्थिटिस्ट के अलावा पीडियाट्रिक कॉर्डियोलॉजिस्ट, कॉर्डियक रेडियोलॉजिस्ट, नर्सिंग आदि की अहम भूमिका होती है।
निदेशक प्रो. रवि कांत ने बताया कि एम्स ऋषिकेश बच्चों के हृदय संबंधी बीमारियों के इलाज का विशेष ध्यान रखते हुए ​भविष्य में हृदय संबंधी सभी गंभीर बीमारियों के समुचित उपचार सुविधाएं उपलब्ध कराने को प्रयासरत है। जिससे कि मरीजों को हृदय से जुड़ी बीमारियों के इलाज के लिए उत्तराखंड से बाहर के चिकित्सालयों में परेशान नहीं होना पड़े। चिकित्सकों के अनुसार उधमसिंहनगर निवासी 9 महीने के शिशु को बचपन से ही दूध पीने में कठिनाई होती थी। जांच के बाद पता चला कि उसके हार्ट के वाल्ब में जन्म से सिकुड़न है एवं एक पीडीए नामक धमनी जिसे जन्म के बाद बंद होना चाहिए मगर वह नहीं हुई थी। इससे बच्चे के दिल पर अधिक दबाव बन रहा था एवं बच्चे का वजन नहीं बढ़ पा रहा था। इस बच्चे का वजन मात्र 5 किलोग्राम था, उसे दूध पीते वक्त माथे पर पसीना आता था और दूध रुक रुक कर पाता था, जो कि बच्चों में हार्ट फेलियर के लक्षण है। उन्होंने बताया ​कि बच्चे की पहली जांच हल्द्वानी में हुई थी जहां से उसे एम्स ऋषिकेश रेफर किया गया था। आवश्यक परीक्षण एवं जांच के उपरांत बच्चे की धमनी का संस्थान के पीडियाट्रिक सीटीवीएस विभाग के चिकित्सकों की टीम ने डा. अनीश गुप्ता के नेतृत्व में सफलतापूर्वक किया। चिकित्सक के अनुसार सर्जरी के बाद उसके वाल्ब की दिक्कत काफी हद तक कम हो गई है तथा शिशु की हालत में लगातार सुधार हो रहा है। उन्होंने यह भी बताया ​कि भविष्य में बच्चे के वाल्ब का आपरेशन किए जाने की संभावना है। ऑपरेशन के बाद शिशु को आईसीयू में डा. अजय मिश्रा की देखरेख में रखा गया व इसके बाद उसे डा. यश श्रीवास्तव की निगरानी में शिफ्ट किया गया। इंसेट एम्स का अनुरोध, बच्चों में निम्न लक्षण होने पर पीडियाट्रिक कॉर्डियोलॉजिस्ट से कराएं जांच – 1-होंठ एवं नाखून का नीला पड़ना, 2- सांस फूलना, 3-वजन न बढ़ना, 4-दूध पीने में कठिनाई या माथे पर पसीना आना, 5-जल्दी थकान होना, 6- धड़कन तेज चलना।


शासन ने किया प्रशासनिक अधिकारियों के दायित्वों में फेरबदल।

देहरादून:शासन ने कुछ प्रशासनिक अधिकारियों के दायित्वों में फेर बदल किया है उत्तराखण्ड शासन के कार्मिक एवं सतर्कता अनुभाग -1 से जारी शासनादेश संख्या-585/XXX-1-2020दिनाँक-09-12-2020 स्थानान्तरण/तैनाती के अनुसार श्री हरिश्चन्द्र सेमवाल आईएएस को उनके पूर्व के दायित्वों के साथ निदेशक समेकित बालविकास परियोजना(आईसीडीएस) का दायित्व सौंपा गया।डा.वी षणमुगम् आईएएस को निदेशक समेकित बाल विकास परियोजना(आईसीएस) का दायित्व से मुक्त कर उन्हें उनके अन्य पूर्व दायित्वों के साथ अपर सचिव,वित्त,सामान्य प्रशासन तथा निबन्धक,सहकारिता का दायित्व सौंपा गया है। श्री बाल मयंक मिश्र आईएएस से निबन्धक सहकारिता के दायित्व से मुक्त कर दिया गया।उनके शेष दायित्व यथावत् रहेंगे।डा.रामविलास यादव आईएएस को आयुक्त ग्राम्य विकास के दायित्व से मुक्त कर दिया है उनके शेष दायित्व यथावत रहेंगे। सुश्री वन्दना सिंह आईएएस को उनके पूर्व दायित्वों के साथ आयुक्त ग्राम्यविकास का दायित्व सौंपा गया है।सुश्री रिंकू नेगी पीसीएस को नगर आयुक्त रुद्रपुर तथा उप नगर आयुक्त रुद्रपुर का अतिरिक्त प्रभार सौंपा गया।


जिला विधिक सेवा प्राधिकरण मानवाधिकार दिवस के अवसर पर वेबिनार का आयोजन किया गया।

पौड़ी गढवाल:उत्तराखण्ड राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण नैनीताल के निर्देशानुसार जिला विधिक सेवा प्राधिकरण पौड़ी गढ़वाल द्वारा आज 10 दिसम्बर, 2020 को मानवाधिकार दिवस के अवसर पर वेबिनार का आयोजन किया गया।
वेबिनार में सिविल जज(सी.डी.)/सचिव, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण पौड़ी गढ़वाल इन्दु शर्मा ने मानवाधिकार के संबंध में जानकारी देते हुए कहा कि 10 दिसम्बर, 1948 को संयुक्त राष्ट्र महासभा ने विश्व मानवाधिकार घोषणा पत्र जारी कर प्रथम बार मानवों के अधिकार के बारे में बात रखी थी। वर्ष 1950 में संयुक्त राष्ट्र ने हर वर्ष 10 दिसम्बर को विश्व मानवाधिकार दिवस मानना तय किया। तब से हर वर्ष 10 दिसम्बर को विश्व मानवाधिकार दिवस मनाया जा रहा है। कहा कि मानवाधिकार का मतलब मनुष्यों को वह सभी अधिकार देना है जो व्यक्ति के जीवन, स्वतंत्रता, समानता एवं प्रतिष्ठा से जुड़े हुए है। यह सभी अधिकार भारतीय संविधान के भाग-3 में मूलभूत अधिकारों के नाम से मौजूद है और इन अधिकारों का उल्लघंन करने वालों को अदालत द्वारा सजा दिये जाने का भी प्रावधान है।
इस अवसर पर रिटेनर अधिवक्ता पंकज नेगी, अधिवक्ता पौड़ी प्रदीप भट्ट, पैनल अधिवक्ता पौड़ी रश्मि रावत आदि द्वारा भी मानवाधिकार से संबंधित जानकारी दी गई।

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