-नागेन्द्र प्रसाद रतूड़ी
गोवा अंतर्राष्ट्रीय फिल्म फेस्टिवल में उत्तराखंड स्टेट फोकस सेमिनार के आयोजक प्रसून जोशी ने कहा उत्तराखंड में फिल्म और कंटेंट उद्योग हेतु असीम संभावनाएं
53वे अन्तर्राष्ट्रीय फिल्म महोत्सव में मंगलवार को नॉलेज सीरीज का आयोजन किया गया। नॉलेज सीरीज में उत्तराखंड में फिल्म शूटिंग को लेकर चर्चा की गई। कार्यक्रम शुरू होने से पहले विशेष प्रमुख सचिव सूचना अभिनव कुमार ने उत्तराखंड की पारंपरिक पहाड़ी टोपी और अंग वस्त्र भेंट कर चर्चा में प्रतिभाग कर रहे विषय विशेषज्ञों का स्वागत किया। इस अवसर पर अध्यक्ष केंद्रीय फ़िल्म प्रमाणन बोर्ड प्रसून जोशी, प्रवेश साहनी, संस्थापक इंडिया टेक वन प्रोडक्शन, विशेष प्रमुख सचिव सूचना उत्तराखंड सरकार अभिनव कुमार सिंह मुख्य वक्ता के तौर पर उपस्थित रहे, जबकि सुश्री लोहिता सुजीत, सीनियर डॉयरेक्टर कॉपी राइट – डिजिटल इकॉनमी मोशन पिक्चर असोसिएशन द्वारा संचालन किया गया।
मुख्य वक्ता के तौर पर अध्यक्ष केंद्रीय फ़िल्म प्रमाणन बोर्ड प्रसून जोशी ने कहा कि उत्तराखंड में शूटिंग के लिये अनुकूल माहौल है। उन्होंने कहा कि इस क्षेत्र में युवाओं को दिशा देने के साथ ही सिनेमोग्राफी, स्क्रिप्ट लेखन के साथ ही अन्य फ़िल्म कलाओं में भी आगे बढ़ना है। उन्होंने कहा कि फ़िल्म निर्माताओं को यह देखने के साथ कि वे उत्तराखंड में क्या कर सकते हैं , यह भी देखें कि उत्तराखंड के कलाकार और अन्य लोग फ़िल्म उद्योग में क्या योगदान दे सकते हैं। श्री जोशी ने कहा कि उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी उत्तराखंड को फ़िल्म डेस्टिनेशन के रूप में विकसित करने के लिए कार्य कर रहे है। उन्होंने कहा कि उत्तराखंड का संगीत, कला एयर संस्कृति सबसे अलग है।
प्रवेश साहनी, संस्थापक इंडिया टेक वन प्रोडक्शन ने कहा कि सभी राज्यों को विदेशी फ़िल्म निर्माताओं को आकर्षित करने के लिए अधिक प्रयास करने होंगे। फ़िल्म निर्माण में इंफ्रास्ट्रक्चर पर विशेष ध्यान देने की जरूरत है।
विशेष प्रमुख सचिव सूचना अभिनव कुमार बताया कि मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी के निर्देश पर फ़िल्म नीति में काफी संशोधन किए जा रहे है। मुख्यमंत्री श्री धामी उत्तराखंड में फ़िल्म निर्माण को युवाओं के रोज़गार से जोड़ना चाहते हैं। फ़िल्म सिटी की स्थापना की दिशा में कार्य शुरु किया गया है। फ़िल्म सिटी चयन के लिए उपयुक्त भूमि की तलाश हेतु ज़िलाधिकारियों को पत्र लिखा गया है। फ़िल्म निर्माता और निर्देशकों को हर संभव सहायता दी जा रही है। राज्य में नई फ़िल्म लोकेशन , क्षेत्रीय फ़िल्मों को बढ़ावा देने और फ़िल्म और क्रिएटिव आर्ट संस्थान विकसित करने पर भी सरकार का विशेष फोकस है। उन्होंने कहा कि गढ़वाली कुमाऊनी सहित उत्तराखंड की क्षेत्रीय बोली भाषा में फ़िल्म निर्माण को प्रोत्साहन देना सर्वोच्च प्राथमिकता है। सेशन में उपस्थित दर्शकों में कई फ़िल्म निर्माताओं ने उत्तराखंड में फ़िल्म शूटिंग और नीति पर विशेष प्रमुख सचिव अभिनव कुमार से कई प्रश्न पूछे। कुछ प्रश्न नेशनल पार्क में वन विभाग की अनुमतियों को लेकर भी थे जिस पर विशेष प्रमुख सचिव ने नीति की व्यवस्था के बारे में बताया। कुछ प्रश्न फ़िल्म सिटी और स्थानीय फ़िल्म संस्थान को लेकर थे। विशेष प्रमुख सचिव ने सभी प्रश्नों का उत्तर देते हुए कहा कि सरकार सभी सकारात्मक सुझावों का स्वागत करती है। इस अवसर पर उप निदेशक / नोडल अधिकारी उत्तराखण्ड फिल्म विकास परिषद डॉ. नितिन उपाध्याय भी उपस्थित थे।
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बदलती परिस्थितियों के हिसाब से हमें परिवर्तन लाने होंगे : मुख्य सचिव
सकारात्मक दृष्टिकोण से काम करना होगा
सशक्त उत्तराखंड@25 चिंतन शिविर के उदघाटन सत्र को संबोधित करते हुए मुख्य सचिव डॉ एसएस संधू ने कहा कि आगामी तीन दिनों तक हम राज्य को लेकर महत्वपूर्ण मंथन करने जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि हमें मंथन केवल तीन दिन नहीं बल्कि समय-समय पर करते रहने चाहिए। उन्होंने कहा कि दुनिया अब तेजी से बदल रही है। बदलती परिस्थितियों के हिसाब से हमें परिवर्तन लाने होंगे। पहले पंच वर्षीय योजना बनती थी लेकिन समय के साथ हमें इस मॉडल से बाहर आना पड़ा है। यही वजह है कि पंच वर्षीय कार्यक्रम की जगह नीति आयोग की जरूरत पड़ी है। उन्होंने कहा कि हमें नियमित चिंतन शिविरों की बहुत आवश्यकता है।
मुख्य सचिव ने कहा कि कई बार देखने में आता है कि अफसर फैसले लेने से डरते हैं और यस के बजाए नो कहने में अधिक दिलचस्पी लेते हैं। उन्होंने कहा कि ऐसी सोच रखने वाले नौकरशाहों को स्वैच्छिक रिटायरमेंट ले लेना चाहिए। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी काम के प्रति बेहद सकारात्मक हैं। अगर कोई शासनादेश या नियम किसी विकास योजना या अच्छे कार्य में आड़े आ रहा है तो उसको बदलना चाहिए। उन्होंने कहा कि सरकारी आदेशों को आम भाषा एक व्यक्ति क़ानून को मिसयूज न कर पाए इस सोच के चलते 99 लोगों को फायदा न होने देने की सोच गलत है। उन्होंने कहा कि नौकरशाह एक मुद्दा रोज लें कर फिर उसको सुलझाएं। उन्होंने कहा कि कायर नौकरशाह ही ज्यादा आपत्ति लगाते हैं। किसी चीज पर फैसला न लेना जनता को परेशान करने के समान है।
मुख्य सचिव ने कहा कि पर्यटन, योगा, हाइड्रो पावर, हॉर्टिकल्चर वो तमाम क्षेत्र हैं जिनमें अभी बहुत कुछ करने की गुंजाइश है। उन्होंने कहा कि दिल्ली में प्रदूषण से लोग भाग रहे हैं। जिस तरह से सड़कों का जाल बिछ रहा है हम दिल्ली एनसीआर का हिस्सा होंगे। इस लिहाज से हमें अपने देहरादून व अन्य शहरों में सुविधाओं को विकसित करना होगा। उन्होंने कहा कि चिंतन हमें केवल तीन दिन नहीं बल्कि हर रोज करना है। उन्होंने कहा कि काम करने का एटीट्यूड बहुत महत्वपूर्ण है।
इस अवसर पर लाल बहादुर प्रशाशनिक अकादमी के निदेशक श्रीनिवास आर कतीकीथला ने अकादमी में चलाई जा रही गतिविधियों के बारे में जानकारी दी।
अपर मुख्य सचिव श्रीमती राधा रतूड़ी ने कहा कि आधी आबादी को ध्यान में रखकर हमें योजनाएं बनानी होंगी। उन्होंने महिलाओं के सशक्तिकरण पर बल दिया और समाज में होने वाली घटनाओं के अनूरूप नीतियों को बनाने पर बल दिया। नियोजन सचिव श्री आर मीनाक्षी सुंदरम ने राज्य की अर्थव्यवस्था पर अपना प्रेजेंटेशन दिया। इस अवसर पर सभी वरिष्ठ अधिकारी गण उपस्थित रहे।
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