असम में बार-बार आने वाली बाढ़ की स्थिति से निपटने के लिए बाढ़ प्रबंधन मॉडल पर काम करने का आग्रह किया। www.janswar.com

अरुणाभ रतूड़ी 

केंद्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री डॉ. मनसुख मांडविया ने आज वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से असम में मॉनसून से पहले बाढ़ के कारण उत्पन्न स्वास्थ्य संबंधी मुद्दों पर चर्चा करने के लिए केंद्रीय और राज्य स्वास्थ्य एजेंसियों के साथ एक बैठक की अध्यक्षता की। बैठक में असम में प्रभावी बाढ़ प्रबंधन के लिए केंद्रीय एजेंसियों और राज्य सरकार की एजेंसियों द्वारा की गई व्यवस्था का आकलन किया गया।

डॉ. मांडविया ने बाढ़ और किसी भी अन्य आपात स्थिति के प्रभावी प्रबंधन के लिए केंद्र और राज्य के स्वास्थ्य संस्थानों के बीच ठोस समन्वय की आवश्यकता पर प्रकाश डाला। उन्होंने बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में महत्वपूर्ण देखभाल उपकरण, ऑक्सीजन, अस्पताल में बिस्तरों की तैयारी के साथ-साथ स्वच्छ पेयजल की उपलब्धता की आवश्यकता पर बल दिया। उन्होंने वेक्टर जनित और जल जनित रोगों के बारे में समुदायों के बीच निवारक स्वास्थ्य देखभाल और अधिक जागरूकता पर भी बल दिया।

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ. मांडविया ने अधिकारियों से असम में बार-बार आने वाली बाढ़ की स्थिति से निपटने के लिए बाढ़ प्रबंधन मॉडल पर काम करने का आग्रह किया। उन्होंने अधिकारियों को किसी भी स्वास्थ्य आपात स्थिति के कुशल प्रबंधन को सुनिश्चित करने के लिए बिस्तरों, ऑक्सीजन और अन्य स्वास्थ्य सुविधाओं की उपलब्धता जैसी सभी महत्वपूर्ण सूचनाओं को सूचीबद्ध करते हुए एक ऑनलाइन डेटाबेस तैयार करने का निर्देश दिया।

डॉ. मांडविया ने अधिकारियों से यह यह सुनिश्चित करने के लिए कहा कि स्वास्थ्य और कल्याण केंद्रों में आवश्यक दवाएं, उचित चिकित्सा उपकरण और अन्य सुविधाएं हों। उन्होंने एबी-एचडब्ल्यूसी में सभी स्वास्थ्य कर्मियों को प्रशिक्षण देने का निर्देश दिया ताकि वे ऐसी आपात स्थितियों के दौरान आवश्यक स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान करने के लिए अच्छी तरह से सुसज्जित हों। उन्होंने कहा, “आशा, एएनएम, सीएचओ आदि को किसी भी आपात स्थिति के लिए अपनी भूमिकाओं और दायित्वों को समझना चाहिए। अग्रिम प्रशिक्षण यह सुनिश्चित करेगा कि वे आपातकालीन बाढ़ प्रबंधन के दौरान स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान करने में प्रभावी हो सकें।”

असम के प्रमुख सचिव (स्वास्थ्य) श्री अविनाश जोशी ने बताया कि सभी आवश्यक दवाएं पर्याप्त स्टॉक में हैं। समीक्षा बैठक में शामिल होने वाले बारपेटा, कामरूप, कछार, लखीमपुर, दीमा हसाओ और डिब्रूगढ़ के छह जिलों के उपायुक्तों ने आश्वासन दिया कि वे बाढ़ से उत्पन्न किसी भी स्थिति के प्रभावी प्रबंधन को सुनिश्चित करने के लिए नियमित रूप से तैयारियों की समीक्षा कर रहे हैं।

स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय के स्वास्थ्य सेवा महानिदेशक डॉ. अतुल गोयल ने कहा कि उनके क्षेत्रीय कार्यालय राज्य सरकार की सहायता के लिए तैयार हैं। उन्होंने कहा कि आवश्यकता पड़ने पर राज्य की सहायता के लिए गुवाहाटी के अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एआईआईएमएस) और राष्ट्रीय रोग नियंत्रण केंद्र (एनसीडीसी) के विशेषज्ञों की टीम तैनात की जाएगी।

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री ने राज्य में बाढ़ प्रबंधन के लिए केंद्र के हर संभव सहयोग का आश्वासन दिया।

स्वास्थ्य मंत्रालय में संयुक्त सचिव श्री अशोक बाबू और मंत्रालय तथा संबद्ध संगठनों जैसे अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एआईआईएमएस), गुवाहाटी, उत्तर पूर्वी इंदिरा गांधी क्षेत्रीय स्वास्थ्य और चिकित्सा विज्ञान संस्थान (एनईआईजीआरआईएचएमएस), शिलांग के वरिष्ठ अधिकारी, भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद – क्षेत्रीय चिकित्सा अनुसंधान केंद्र (आईसीएमआर-आरएमआरसीएनई), डिब्रूगढ़ और पैरामेडिकल और नर्सिंग विज्ञान के क्षेत्रीय संस्थान (आरआईपीएएनएस), आइजोल भी बैठक में मौजूद थे।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *