अगर दामाद और बहू ने नहीं रखा बुजुर्ग सास-ससुर का ध्यान तो होगी 6 महीने कैद की सजा। पढिए Janswar.com में

साभार-समाचार 18 हिन्दी

अब दामाद और बहू को भी रखना होगा बुजुर्ग सास-ससुर का ख्याल, नहीं तो होगी 6 महीने कैद!

बुजुर्गों (Senior Citizen) का ख्याल रखने के लिए सरकार कुछ अहम फैसले लेने की तैयारी कर रही है. सरकार ने मेंटिनेंस एंड वेलफेयर ऑफ पैरंट्स एंड सीनियर सिटीजन एक्ट 2007 (Maintenance and Welfare Senior Citizens Act) के तहत बुजुर्गों का ख्याल रखने वालों की परिभाषा को और विस्तार दिया है.
नई दिल्ली. बुजुर्गों (Senior Citizen) का ख्याल रखने के लिए सरकार कुछ अहम फैसले लेने की तैयारी कर रही है. सरकार ने मेंटिनेंस ऐंड वेलफेयर ऑफ पैरंट्स एंड सीनियर सिटीजन एक्ट 2007 (Maintenance and Welfare Senior Citizens Act) के तहत बुजुर्गों का ख्याल रखने वालों की परिभाषा को और विस्तार दिया है. दरअसल, केंद्रीय कैबिनेट की तरफ से न सिर्फ खुद के बच्चों, बल्कि दामाद और बहू को भी देखभाल के लिए जिम्मेदारी सुनिश्चित करने का प्रस्ताव है.
इस अधिनियम में संशोधन को बुधवार को कैबिनेट की तरफ से भी अनुमति मिल गई है. नए नियम में माता-पिता और सास-ससुर को भी शामिल किया गया है, चाहे वे सिनियर सिटिजन हों या नहीं. उम्मीद की जा रही है कि अगले हफ्ते इस बिल को सदन में पेश किया जा सकता है. ‘टाइम्स ऑफ इंडिया’ में छपी खबर के मुतबिक इस अधिनियम में 10 हजार रुपये मेंटिनेंस देने की सीमा को भी खत्म किया जा सकता है.
देखभाल नहीं करने वाले बच्चों को 6 महीने कैद की सजा हो सकती है
बुजुर्गों की देखभाल करने वालों की शिकायत करने पर उन्हें 6 महीने कैद की सजा हो सकती है, जो अभी तीन महीने है. देखभाल की परिभाषा में भी बदलाव कर इसमें घर और सुरक्षा भी शामिल किया गया है. देखभाल के लिए तय की गई राशि का आधार बुजुर्गों, अभिभावकों, बच्चों और रिश्तेदारों के रहन-सहन के आधार पर किया जाएगा. प्रस्ताव पास होने की जानकारी देते हुए केंद्रीय सूचना व प्रसारण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने कहा कि बिल लाने का मकसद बुजुर्गों का सम्मान सुनिश्चित करना है.
प्रस्तावित बदलावों में देखभाल करने वालों में गोद लिए गए बच्चे, सौतेले बेटे और बेटियों को भी शामिल किया गया है. संशोधन में “सीनियर सिटीजन केयर होम्स” के पंजीकरण का प्रावधान है और केंद्र सरकार स्थापना, संचालन और रखरखाव के लिए न्यूनतम मानक निर्धारित करेगी. विधेयक के मसौदे में ‘होम केयर सर्विसेज’ प्रदान करने वाली एजेंसियों को रजिस्टर करने का प्रस्ताव है. बुजुर्गों तक पहुंच बनाने के लिए प्रत्येक पुलिस ऑफिसर को एक नोडल ऑफिसर नियुक्त करना होगा. इस विधेयक से बुजुर्गों के शारीरिक और मानसिक कष्ट में कमी आएगी. इसके अलावा इस नए बिल से देखभाल करने वाले भी बुजुर्गों के प्रति ज्यादा संवेदनशील और जिम्मेदार बनेंगे.

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *