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एम्स ऋषिकेश के जनसंपर्क विभाग की विज्ञप्ति के अनुसार एम्स ऋषिकेश में हुए कोविड19 परीक्षण में 8 लोगों की जांच रिपोर्ट पॉजिटिव पाई गई है। इनके बाबत राज्य सरकार की नोडल एजेंसी को रिपोर्ट कर दी गई है। एम्स के जनसंपर्क अधिकारी हरीश मोहन थपलियाल ने बताया कि इन सभी आठ लोगों की ट्रेवल हिस्ट्री रही है। इनमें छह उत्तराखंड के प्रवासी हैं जबकि दो एम्स के स्टूडेंट्स हैं। सभी लोग 21 मई को ऋषिकेश पहुंचे थे। इनमें घाट चमोली निवासी 7 वर्षीय किशोर, 33 वर्षीय व्यक्ति एवम् 28 साल का उसका एक अन्य साथी हाल में दिल्ली से लौटे थे, इन सभी को घाट, चमोली में कोरंटीन किया गया था, इनका बीती 21 मई को एम्स में कोविड जांच कराई गई थी जो पॉजिटिव आई है।
इसके अलावा एम्स नर्सिंग की 22 वर्षीया दो छात्राएं जो कि दिल्ली से टैक्सी द्वारा एकसाथ 22 मई को एम्स ऋषिकेश अाई थी, उनकी उसी दिन ओपीडी में कोविड जांच की गई, जिसमें वह दोनों पॉजिटिव पाई गई हैं।
इनमें से एक छात्रा चूरू, राजस्थान से अपने माता- पिता के साथ दिल्ली तक अाई थी, तथा दिल्ली से वह दोनों टैक्सी द्वारा साथ में ऋषिकेश अाई। राजस्थान तथा दिल्ली में संबंधित अधिकारियों को कांटेक्ट ट्रेसिंग की इत्तला दे दी गई है। टैक्सी चालक की रिपोर्ट भी भेज दी गई है।
इसके अलावा विस्थापित पशुलोक ऋषिकेश निवासी 24 वर्षीय व 23 वर्षीय दोनों युवक जो बीते 21 मई को मुंबई से लौटे हैं व यहां सीमा डेंटल कॉलेज में कोरंटीन पर थे, 21 मई को की गई इनकी कोविड रिपोर्ट भी पॉजिटिव पाई गई है।
एक अन्य ऋषिकेश निवासी 28 वर्षीय युवक जो 20 मई को गुडग़ांव से ऋषिकेश लौटा है। इसे हरिद्वार रोड स्थित ज्योति स्पेशल सेंटर में कोरंटीन किया गया था, 21 मई को ओपीडी जांच में इनकी रिपोर्ट पॉजिटिव आई है। इन सभी पॉजिटिव मामलों के बाबत राज्य सरकार को अवगत करा दिया गया।
स्पष्टीकरण-एम्स जनसंपर्क विभाग की विज्ञप्ति में एक व्यक्ति लक्ष्मणझूला का बताया गया परन्तु जब एम्स के सहायक जनसंपर्क अधिकारी श्री एच एन भट्ट से जानकारी चाही गयी कि लक्ष्मणझूला गंगा वार (टिहरी)का व्यक्ति है क्या गंगापार(पौड़ी)का तो वह स्पष्ट नहीं बता पाए।उन्होंने उस व्यक्ति को लक्ष्मणझूला स्थित निरंकारी आश्रम का बताया। जिसे हमने यथावत् दे दिया। इस पर एक सरकारी ऐजेंसी ने आपत्ति जतायी। एम्स जनसंपर्क विभाग की इस गलती पर हमें खेद है।